बिहार सरकार के सात निश्चय
बिहार के सतत विकास के लिए वर्ष 2015 में विकसित बिहार के लिए बिहार सरकार के सात निश्चय योजना प्रारम्भ की गई थी । इस कार्यक्रम के तहत बिहार में सुशासन, विकास को गति देने, महिला सशक्तीकरण को प्रोत्साहन देने, युवा पीढ़ी को शिक्षा, कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने, प्रत्येक घर में बिजली पहुंचाने, हर परिवार को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने, शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्कता बढ़ाने तथा पक्की गली नाली एवं मलजल निकास व्यवस्था संबंधी योजनाओं को लागू किया गया।
बिहार करेंट अफेयर एवं बिहार बजट एवं आर्थिक समीक्षा संबंधी वन लाइनर प्रश्नों को आप नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से देख सकते हैं ।
सरकार द्वारा लिए गए सभी सात निश्चय की रूप-रेखा इस प्रकार तैयार की गयी कि
इसके अंतर्गत बनाई जा रही योजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों को समान रूप से तथा
बगैर किसी भेद-भाव के प्राप्त हो सके। अर्थात निश्चय से
संबंधित सभी योजनाएँ सार्वभौमिक हैं।
उल्लेखनीय है कि सात निश्चय भाग 1 द्वारा 5 वर्षों के लिए विकास के सात लक्ष्य निर्धारित किये गये थे जिसमें आरक्षित
रोजगार, महिलाओं का अधिकार एवं हर घर बिजली निश्चय के
लक्ष्य प्राप्त किये जा चुके है।
निश्चय 1 : आर्थिक हल युवाओं को बल
इस निश्चय का उद्देश्य राज्य के युवा पीढ़ी को शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार के
अवसर प्रदान करते हुए सक्षम बनाना है और इसके लिए इस निश्चय के अर्न्तगत निम्न
योजनाएं चलायी गयी।
- बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
- मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना
- कुशल युवा कार्यक्रम
- बिहार स्टार्ट अप नीति 2016
- सभी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में वाई-फाई द्वारा इंटरनेट को निःशुल्क सुविधा।
- बिहार स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत राज्य के इच्छुक 12वीं पास विद्यार्थी जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें शिक्षा ऋण बैंकों के माध्यम से चार लाख तक के ऋण उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गयी।मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के माध्यम से 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को सहायता के तौर पर 1000 रु० प्रति माह भत्ता दो वर्षों के लिए दिए जाने की व्यवस्था की गयी । हांलाकि इसका लाभ लेने हेतु युवाओं को भाषा, संवाद, कौशल बुनियादी कंप्यूटर एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से प्राप्त करना होगा।
- कुशल युवा कार्यक्रम के अन्तर्गत 15 से 25 वर्ष
के मैट्रिक और इंटर पास युवक-युवतियों को भाषा, संवाद
एवं व्यवहार कौशल, बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान का
प्रशिक्षण देने की व्यवस्था गई है।
- इस निश्चय के तहत बिहार स्टार्टअप नीति 2017 को 5 वर्षों के लिए बिहार में लागू किया गया जिसका उद्देश्य राज्य में खाद्य
प्रसंस्करण, पर्यटन, लघु
मशीन निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिकल एण्ड इलेक्ट्रोनिक हार्डवेयर, पलास्टिक
एवं रबर, चमड़ा, स्वास्थ्य
सेवायें, गैर पारंपरिक उर्जा, वस्त्र आदि औद्योगिक इकाइयों को स्थापित
करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करना है।
- बिहार सभी छात्र एवं संबंधित कर्मीयों इंटरनेट, सूचना प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल इंडिया का लाभ उठा सके इसके लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में निःशुल्क वाई-फाई की योजना लायी गयी।
आर्थिक
हल युवाओं को बल-योजना की प्रगति
- आर्थिक हल, युवाओं
को बल निश्चय योजना बिहार के युवाओं एवं छात्रों के लिए काफी लाभदायक रहा है। इसके
माध्यम से न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों की संख्या बढ़ी बल्कि उच्च
शिक्षा में नामांकन दर के प्रतिशत में भी सुधार आया । इसके अलावा रोजगार तलाश रहे
या नया व्यवसाय स्थापित करने वाले युवाओं के लिए भी यह लाभकारी रहा ।
- बिहार बजट घोषणा 2022-23 के अनुसार अब तक 1,17,923 बिहार स्टूडेंट
क्रेडिट कार्ड निर्गत हुए है तथा वर्ष 2022-23 में
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत 700 करोड़
रुपये का प्रावधान किया गया है।
- मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के अंतर्गत कुल 5,16,730 आवेदकों को
लाभान्वित किया गया तथा वर्ष 2022-23 में इस योजना
अंतर्गत 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- कुशल युवा कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक कुल 11,89,979 आवेदकों को
प्रशिक्षण दिया गया है वर्तमान में 1,496 प्रशिक्षण
केन्द्र संचालित हैं तथा सभी 534 प्रखंड आच्छादित
है।
सात निश्चय भाग 1 के पूर्ण हो चुके लक्ष्य
सात निश्चय के निश्चय 2 (आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार) तथा निश्चय 3 (हर घर बिजली लगातार) के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।
निश्चय 2 : आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार
- इस
निश्चय के द्वारा बिहार के सभी सेवा संवर्गों में महिलाओं को 35% क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू
की गई है।
- इससे राज्य में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिला और कई महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है। बिहार सरकार द्वारा इस लक्ष्य लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।
निश्चय 3 : हर घर बिजली लगातार
- 2016 में आरंभ इस निश्चय के तहत आनेवाले दो वर्षों में बिहार में बचे हुए सभी गाँव और बसावटों का विद्युतीकरण पूर्ण कराया जाना था। । इस उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना को लाया गया तथा बिहार सरकार द्वारा इस लक्ष्य लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।
- इस
योजना के तहत 1387 विद्युत
संपर्कविहीन गाँवों की पहचान की गई थी। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत दिसम्बर 2018 तक विद्युत संपर्कविहीन सभी घरों को विद्युत संपर्कता प्रदान करने का
लक्ष्य रखा गया था जिसे समय से पहले अक्टूबर 2018 में
ही प्राप्त कर लिया गया।
- राज्य सरकार अपने संसाधनों और प्रयास के द्वारा न केवल सभी घरों तक बिजली का कनेक्शन सुनिश्चित किया बल्कि बिजली की उपलब्धता से हर घर में निरंतर बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था भी की गयी।
आप बिहार सरकार के सात निश्चय भाग-1 के बारे में योजना की जानकारी, प्रगति, प्रभाव एवं पूर्ण हो चुके लक्ष्यों के बारे में पढ़ रहे है। इसी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे अन्य पोस्ट को देख सकते हैं ।
निश्चय 4 : हर घर नल का जल
इस योजना का उद्देश्य बिहार के सभी परिवारों में पाईप के माध्यम से
स्वच्छ पेयजल उपलबध कराना तथा चापाकल तथा अन्य पेयजल साधनों पर निर्भरता समाप्त
करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार द्वारानिम्न योजना को चलाया
गया।
- मुख्ययमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना
- मुख्ययमंत्री ग्रामीण
पेयजल (गुणवत्ता
प्रभावित क्षेत्र)निश्चय योजना
- मुख्ययमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना
निश्चय 4 : हर घर नल का जल- योजना की प्रगति
- बिहार बजट 2022-23 के अनुसार पंचायती राजविभाग द्वारा कुल लक्षित घरों में से 88.12 लाख को तथा नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 14.03 लाख घरों को आच्छादित कर लिया गया है।
वर्ष 2022-23 में इस निश्चय अंतर्गत 1001.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना की चर्चा G20 के रियाद सम्मेलन में भी हुई ।
बिहार की तर्ज पर ही केन्द्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन को लाया गया जिसको 2024 तक पूरा करने का
लक्ष्य तक रखा गया है।
निश्चय
5 : घर तक, पक्की गली
नालियाँ
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्यन उपरांत शेष बचे राज्य
के सभी संपर्कविहीन बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ने का कार्य तथा सभी गाँवों एवं
शहरों में पक्की गली-नालियों की व्यवस्था इस योजना के तहत किया जा रहा है । इसके
तहत बिहार सरकार द्वारा निम्न योजनाएं प्रारंभ की गयी है
- ग्रामीण टोला निश्चय योजना
- मुख्यमंत्री ग्रामीण गली नाली पक्कीकरण निश्चय योजना
- मुख्यमंत्री शहरी गली नाली पक्कीकरण योजना
घर
तक, पक्की गली
नालियाँ- योजना की प्रगति
- बिहार बजट 2022-23 के अनुसार ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत 4,601 बसावटों को संपर्कता प्रदान की गई है।
- इसके अलावा पंचायती राज विभाग द्वारा कुल लक्षित घरों में से 177.08 लाख घर तथा शहरी क्षेत्रों में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 8.22 लाख घर पक्की नाली से आच्छादित किए गए है।
निश्चय
6 : शौचालय निर्माण, घर का सम्मान
इस निश्चय द्वारा खुले शौच से मुक्ति तथा स्वस्थ एवं स्वच्छ बिहार के
लिए हर घर शौचालय की व्यवस्था की जा रही है। इसका कार्यान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों
में ग्रामीण विकास विभाग और शहरी क्षेत्रों में नगर विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस लक्ष्य हेतु
राज्य सरकार द्वारा दो योजनाएं आरंभ की गयी ।
- लोहिया स्वच्छ बिहार
अभियान
- शौचालय निर्माण (शहरी क्षेत्र) योजना
शौचालय
निर्माण, घर का सम्मान-योजना की प्रगति
- बिहार बजट 2022-23 के अनुसार इस निश्चय के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सभी 8,386 पंचायत ODF घोषित करने के साथ साथ सभी 534 प्रखण्ड एवं 101 अनुमंडल तथा सभी 38 जिला को ODF घोषित किया गया ।
- शहरी क्षेत्रों में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा अब तक कुल 3.84 लाख वैयक्तिक
शौचालय एवं 20,476 सामुदायिक शौचालय का निर्माण
कराया गया है। सभी 3,367 शहरी वार्ड एवं 142 नगर निकाय ODF घोषित किए गए हैं।
निश्चय 7 : अवसर बढ़े, आगे पढ़ें
इस योजना का उद्देश्य राज्य राज्य
में तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के अवसरों को बढ़ाना एवं युवाओं को राज्य में ही
बेहतर अवसर प्रदान करना है । जिसके लिए जिला एवं अनुमंडल में उच्च व्यावसायिक एवं
तकनीकी शिक्षा संस्थान जैसे GNM स्कूल, पैरा मेडिकल संस्थान, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण
संस्थान, अभियंत्रण महविद्यालय जैसे आदि की स्थापना की जाएगी।
अवसर बढ़े, आगे पढ़ें- योजना की प्रगति
बिहार में तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा व्यवस्था की कमी होने के
कारण बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को राज्य से बाहर जाना पड़ता है, जहाँ शिक्षा, होस्टल, रहने खाने आदि में काफी धन खर्च होता
है। अतः इन समस्याओं को देखते हुए 'अवसर बढ़े आगे
पढ़ें' निश्चय कार्यक्रम बिहार के छात्रों के लिए
लाभकारी है।
- इस निश्चय के तहत बिहार बजट 2022-23 के अनुसार राज्य में 41 अनुमंडलों में ANM संस्थान,
12 जिलों में GNM संस्थान तथा 20 जिलों में पारा मेडिकल संस्थान खुल चुके हैं। इसके अलावा 4 जिलों में फार्मेसी कॉलेज, 4 चिकित्सा
महाविद्यालयों में बी०एस०सी० नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की गयी है और 3 नये मेडिकल कॉलेज के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
- राज्य के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने हेतु राज्य में 15 पॉलिटेक्निक संस्थान,
22 अभियंत्रण महाविद्यालय, 17 महिला
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और 41 अनुमंडल स्तरीय
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जा चुके हैं।
बिहार सरकार के सात निश्चय भाग-1 के बाद बिहार सरकार के 7 निश्चय भाग 2 योजना चल रही है । आनेवाले कुछ दिनों में उस योजना की जानकारी, प्रगति, प्रभाव आदि के बारे में पोस्ट आएगा । इसलिए इसी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहे और समय समय पर हमारे पोस्ट को देख सकते हैं ।
सात निश्चय योजना का बिहार के जनजीवन पर प्रभाव
सात निश्चय भाग 1 द्वारा बिहार में अनेक विकासपरक एवं
कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया गया जिसके सकारात्मक परिणाम आए और इसी से
प्रोत्साहित होकर दिसम्बर 2020 में बिहार सरकार
द्वारा सुशासन के कार्यक्रम 2020-25 के अन्तर्गत
आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 को स्वीकृति दी गयी।
सात निश्चय योजना के 2 लक्ष्य आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार एवं हर घर बिजली निश्चय के लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया
है और अन्य लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बिहार अग्रसर है।
ग्रामीण जनजीवन पर प्रभाव
- सात निश्चय कार्यक्रमों के फलस्वरूप
ग्रामीण जीवन में काफी बदलाव आया है । हर घर बिजली लगातार निश्चय योजना की सफलता
ने पूरे ग्रामीण जीवन को बदल दिया । इसके तहत बिहार के ग्रामीण, दूर दराज, पिछड़े
क्षेत्रों में बिजली पहुंचायी गयी।
- अब बिजली की उपलब्धता के कारण गांवों
में अब रात्रि में भी अनेक आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक गतिवधियां आदि जारी रहती
है।बिजली की उपलब्धता ने ग्रामीण क्षेत्रों में छोट-छोटे उद्यम, व्यवसाय, कृषि कार्य तथा अन्य आर्थिक उपागमों
का भी को गति दी है ।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की
उपलब्धता और संपर्क सुगमता के कारण निजी स्कूल, कोचिंग, तकनीकी एवं गैर तकनीकी संस्थान काफी
मात्रा में खुल रहे हैं जिससे शिक्षा एवं कौशल का विकास हो रहा है।
- बिजली
से ग्रामीण क्षेत्रों/अर्द्धशहरी क्षेत्रों में टीवी, मोबाइल, कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि की संख्या बढ़ने से ई
शासन, सरकारी एवं उपयोगी योजनाओं की जानकारी, मनोरंजन कार्यक्रम तक पहुंच काफी सुगम हो गया है।
महिलाओं पर प्रभाव
- ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के जीवन
शैली, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति पर व्यापक असर पड़ा है। हर घर नल का जल एवं शौचालय निर्माण, घर का सम्मान निश्चय के बाद गाँव को
महिलाओं को पानी, शौच हेतु अंधेरे का इंतजार नहीं करना
पड़ता तथा इसका प्रभाव सकारात्मक रूप से उनके मान सम्मान, स्वास्थ्य पर पड़ा है। इसके अलावा घर तक
पक्की गली नलियाँ बन जाने से स्वच्छ वातावरण का विकास हुआ है।
- आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार द्वारा बिहार के सभी
सेवा संवर्गों में महिलाओं को 35% क्षैतिज आरक्षण
की व्यवस्था लाने से महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिला ।
- जीविका दीदियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की गई उद्यम और व्यवसाय से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है तथा उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
युवाओं को लाभ
- आर्थिक हल युवाओं को बल द्वारा राज्य
के युवा पीढ़ी को तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा, कौशल उन्नयन किया जा रहा है जो उनके
रोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- युवाओं
को उच्च और तकनीकी शिक्षा के लिए आसानी से लोन उपलब्ध कराने से आर्थिक रूप से
कमजोर छात्रों को भी इसका लाभ मिल रहा हैऔर वे कौशल विकास के फलस्वरूप रोजगार के
लिए उन्मुख हो रहे हैं।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि सात निश्चय बिहार में विशेषकर ग्रामीण
क्षेत्र में महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक विकास में
सकारात्मक बदलाव का वाहक बन रहा है । हालांकि राज्य में व्याप्त सुस्त नौकरशाही, भ्रष्टाचार, कार्यान्वयन में समस्याओं, जनजागरुकता के अभाव के कारण इसकी प्रगति धीमी है लेकिन आनेवाले समय में यह
विकसित एवं आत्मनिर्भर बिहार के लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका
निभायेगा ।
निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि सात निश्चय योजना द्वारा
राज्य के नागरिकों के जीवन में काफी सकारात्मक बदलाव आए है और इसी बदलाव से उत्साहित होकर अगली कड़ी के रूप में बिहार सरकार द्वारा
वर्ष 2020 से 2025 की अवधि के लिए सात निश्चय- 2 लाया
गया ।
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