GK BUCKET is best for BPSC and other competitive Exam preparation.

Jul 19, 2024

भूकंप एवं ज्वालामुखी

 

भूकंप एवं ज्वालामुखी


 

वीडियो देखने के लिए उपर लिंक के माध्‍यम से जाए।

भूपृष्ठ पर होनेवाला वह आकस्मिक कंपन जो भूगर्भ में चट्टानों के लचीलेपन या समस्थिति के कारण होनेवाले समायोजन का प्रतिफल होता है, क्या कहलाता है- भूकंप


भूकंप का संबंध किन प्लेट सीमाओं से होता है- सभी प्लेट सीमाओं से


वह स्थान जहां से भूकंप ऊर्जा तरंगों की उत्पत्ति होती है क्या कहलाता है- भूकंप मूल (Focus) या भूकंप उद्गम केंद्र


वह बिंदु जहां पर भूकंप तरंगे सबसे पहले पहुंचती है, कहलाती है- भूकंप अधिकेंद्र, Epicentre


भूकंप अधिकेंद्र, भूकंप केंद्र से कितने डिग्री के कोण पर स्थित होता है-90 डिग्री, उद्गम केंद्र के ठीक ऊपर


भूकंप आने से पहले वायुमंडल में किस गैस की मात्रा में वृद्धि हो जाती है- रेडान (रेडॉन गैस की मात्रा में वृद्धि भूकंप आने का संकेत है।)


भूकंप में उत्पन्न कौन सी तरंग धरातल के साथ साथ चलती है- L तरंगें  


पृथ्वी पर वह क्षेत्र जहा पर भूकंपलेखी तरंगों का अभिलेखन नहीं हो पाता क्या कहलाता है- भूकंपीय तरंगों का छाया क्षेत्र


भूकंपलेखी यंत्र पर किस तरंग का अंकन सबसे बाद में होता है- L तरंगे


सभी प्राकृतिक भूकंप कहां आते हैं- स्थलमंडल (Lithosphere) में

पृथ्वी के धरातल से 200 किमी तक की गहराई वाला भाग स्थलमंडल कहलाता है।


भूकंप का अध्ययन क्या कहलाता है- सीस्मोलॉजी


भूकंपीय तरंगों का मापन किस यंत्र द्वारा होता है-सिस्मोग्राफ


भूकंपीय तीव्रता को किस स्केल पर मापा जाता है-रिक्टर स्केल

 

 

भूकंपीय तरंग के प्रकार तथा गुण

भूगर्भीय तरंगे

P  तरंग

प्राथमिक  तरंग Primary Waves

 

भूकंप के समय सबसे पहले उत्पन्न।

पृथ्वी सतह पर सबसे पहले अनुभव होता है।

अनुदैर्ध्य तरंग होती है  जो ठोस, तरल एवं गैस तीनों  माध्यम  में गमन कर सकती है।

सबसे तेज गति वाली तरंगें

तरंग की तीव्रता- S औरतरंगों से कम

इन तरंगों से पदार्थ पर दबाव पड़ता है, पदार्थ के घनत्व में भिन्नता आती है और शैलों में संकुचन, फैलाव होता है।

तरंग

द्वितीय तरंगे  Secondary Waves

 

अनुप्रस्थ प्रकृति वाली तरंग जो केवल ठोस माध्यम में गमन कर सकती है।

S तरंगे उर्ध्वाधर तल में तरंगों की दिशा के समकोण पर कंपन पैदा करती है इस कारण जिस पदार्थ से गुजरती है उसमें उभार एवं गर्त बनाती है।

धरातलीय तरंग

तरंग

भूगर्भिक तरंगों एवं धरातलीय शैलों के मध्य अन्योन्य क्रिया के फलस्वरूप इसकी उत्पत्ति होती है।

वैज्ञानिक एडवर्ड हफ लव के नाम पर L तरंग को लव वेव (Love Wave) भी कहते हैं।

यह सबसे विनाशकारी तरंग है जो पृथ्वी पर सबसे अंत में P और S तरंगों के पश्चात प्रकट होती है।

 

किस स्केल में भूकंप का मापन उनकी तीव्रता के बजाए उसके द्वारा हुए नुकसान अथवा आघात के आधार पर मापा जाता है- मरकेली


पृथ्वी के  65% तक भूकंप आते हैं-परिप्रशांत महासागरीय पेटी में

 

रिक्टर स्केल-मुख्य तथ्य

  1. भूकंपीय तरंगों को रिक्टर स्केल पर 0 से 10 अंको के आधार पर मापा जाता है तथा यह एक Open Ended Scale है यानी भविष्य में ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप को मापने हेतु स्केल का मान बढ़ाया जा सकता है।
  2. रिक्टर स्केल के खोजकर्ता चार्ल्स रिक्टर है जिनके नाम पर इस स्केल का नामरकण किया गया ।
  3. रिक्टर स्केल गणितीय मापक है जो Log के आधार पर कार्य करता है।
  4. रिक्टर स्केल पर प्रति एक अंक के साथ भूकंप की तीव्रता 10 गुना तथा ऊर्जा 32 गुणा बढ़ती जाती है।

 

सामान्यतःकिस प्रकार के भूकंप सबसे ज्यादा आते हैं-विवर्तनिकी क्रिया द्वारा उत्पन्न भूकंप


पदार्थ के घनत्व बढ़ने के साथ भूकंपीय तरंगों की गति पर क्या प्रभाव पड़ता है- बढ़ती जाती है

(चट्टानी भागों की अपेक्षा दलदली क्षेत्रों में अपेक्षाकृत भूकंप की तीव्रता कम रहती है।)


परिप्रशांत महासागरीय पेटी में ज्यादा भूकंप आने के क्या कारण है-

  1. सागर तथा स्थल भाग के मिलन बिन्दु
  2. ज्वालामुखी क्षेत्र
  3. विनाशी प्लेटों सीमाओं का अभिसरण तथा भ्रंशन
  4. नवीन मोड़दार पर्वत क्षेत्र

भारत का हिमालय भूकंप क्षेत्र किस आता है- मध्य महाद्वीपीय पेटी में


भूकंप मूल की गहराई पर भूकंप तीव्रता का क्या प्रभाव पड़ता है- भूकंप मूल की गहराई जितनी ज्यादा होगी भूकंप की तीव्रता उतनी कम होगी


सुनामी का शाब्दिक अर्थ क्या होता है- बंदरगाही लहरें


सुनामी क्या है- उच्च उर्जा वाली दीर्घ महासागरीय तरंगें जो महासागरीय तली में भ्रंशन व प्लेटों के टकराने से उत्पन्न होती है। यह छिछले जल की तरंगे मानी जाती है ।


जैसे-जैसे सुनामी गहरे महासागरीय क्षेत्र से तटों की ओर अग्रसर होता है उसके तरंग की ऊंचाई पर क्या प्रभाव पड़ता है- वृद्धि होती जाती है


 

भूकंप मूल की गहराई के आधार पर भूकंप के प्रकार

छिछले उद्गम केन्द्र के भूकंप

0-50 किमी गहराई वाले।

अपेक्षाकृत अधिक विनाशकारी

मध्यम उद्गम केन्द्र के भूकंप

50-250 किमी गहराई वाले

गहरे उद्गम केन्द्र के भूकंप

250-700 किमी गहराई वाले

 


ज्वालामुखी (Volcano)

ज्वालामुखी क्या है- वह छिद्र या दरार जिसका संबंध पृथ्वी के आंतरिक भाग से होता है तथा जिससे लावा, राख, गैस एवं जलवाष्प का उद्गार होता है


ज्वालामुखी का संबंध  किससे है- पृथ्वी के  अंतर्जात बल से उत्पन्न होने वाले आकस्मिक संचलन  से


मैग्मा की उत्पत्ति से लेकर उद्गार तक की संपूर्ण प्रक्रिया क्या कहलाती है- ज्वालामुखीयता (Volcanism)

 

 

 

ज्वालामुखी  के प्रकार

Types of Volcanos

विस्फोटकता अथवा उद्गार के आधार पर

दरारी उद्भेदन ज्वालामुखी

केंद्रीय विस्फोटक ज्वालामुखी

सक्रियता के आधार पर

सक्रिय ज्वालामुखी

सुषुप्त ज्वालामुखी

मृत ज्वालामुखी

लावा के उद्गार की घटती तीव्रता  के आधार पर

अम्लीयता एवं क्षारीयता

पीलियन तुल्य

वल्कैनो तुल्य

स्ट्राम्बोली तुल्य

हवाईयन तुल्य

 

ज्वालामुखीयता का संबंध किस प्रकार के संचालन से  है- अपसारी और अभिसारी प्लेट संचलन


भूकंप का संबंध किन प्लेट सीमाओं से होता है- सभी प्लेट सीमाओं से


ज्वालामुखी क्रिया में सबसे अधिक क्या निकलती है- जलवाष्प 


ज्वालामुखी किन कारणों से आता है- भूगर्भ में रेडियोएक्टिव तत्व के विघटन के फलस्वरुप उत्पन्न तापमान एवं संवहन धारा के कारण


उद्गार या विस्फोटकता के आधार पर ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते है- 2, दरारी उद्गार और केंद्रीय उद्गार


ताजा निष्काषित लावा का तापमान कितना होता है- 600 से 1200 डिग्री सेल्सियस


ज्वालामुखी के दरारी उद्भेदन द्वारा भू-गर्भ से निकले बेसाल्टिक मैग्मा के भू-पटल पर चादरीय स्वरूप में वृहद् क्षेत्र में फैलेने से किस प्रकार की स्थलाकृतियां बनती है- लावा का मैदान


ज्वालामुखी के दरारी उद्भेदन द्वारा क्षैतिज रूप में प्रकट हुए धरातल पर लावा परत की गहराई अधिक होती है तो किस स्थलाकृति का निर्माण होता है- लावा पठार


 

ज्वालामुखी उद्गार से निकलने वाले पदार्थ

गैस तथा जलवाष्प

ज्वालामुखी उद्भेदन के समय सर्वप्रथम गैसें जलवाष्प बाहर आते हैं। इसमें जलवाष्प की मात्रा सर्वाधिक (60-90%) होती है।

ज्वालामुखी बम

ज्वालामुखी उद्गार में निकले बड़े-बड़े टुकड़े।

लैपिली

मटर के दाने के बराबर ज्वालामुखी के टुकड़े

प्यूमिस

लावा झाग से बन टुकड़े जिनका घनत्व जल से भी कम होता है और इस कारण जल में तैरते है।

राख

अति महीन चट्टानी कण धूल या राख

पाइरोक्लास्ट

भू-पटल पर आये चट्टानों के बड़े टुकड़े जो सबसे पहले निकलते हैं और इसी कारण ज्वालामुखी पर्वत में सामान्यतः सबसे नीचे पाए जाते हैं।

लावा

ज्वालामुखी उद्गार के समय भूगर्भ में स्थित चिपचिपा तरल पदार्थ मैग्मा जब भू-पटल पर आता है तब लावा कहलाता है। धरातल पर ठण्डा होने के बाद इसे आग्नेय चट्टान के नाम से जाना जाता है।

 




 सभी प्रश्‍न GK BUCKET STUDY TUBE  एकदिवसीय नोट्स से लिए गए है। 

इन प्रश्‍नों को GK BUCKET STUDY TUBE  यूटयूब चैनल पर भी देख सकते हैं। 


सभी एकदिवसीय परीक्षाओं हेतु उपयोगी नोट्स जिसे आर्डर कर आप अपने घर पर मंगा सकते हैं। ज्‍यादा जानकारी के लिए 74704-95829 पर संपर्क करें। 


भारत स्थित दक्कन का लावा पठार, कोलंबिया का लावा पठार, अमेरिका किस प्रकार के ज्वालामुखी उद्भेदन से बनी स्थलाकृतियां है- दरारी


लावा पठार तथा लावा मैदान किस क्रिया द्वारा बनते हैं- दरारी उद्भेदन द्वारा


दरारी उद्भेदन की क्रिया किन प्लेटों के सहारे होती है- रचनात्मक


जब ज्वालामुखी उद्भेदन किसी एक केंद्रीय मुख से भारी धमाके के साथ होता है तो उसे क्या कहा जाता है- केन्द्रीय उद्भेदन अथवा केनद्रीय उद्गार


केन्द्रीय उद्गार किन प्लेटों के किनारों के सहारे होता है- विनाशात्मक प्लेट


किस प्रकार के ज्वालामुखी का उद्गार विस्फोटक तथा भयंकर होने के कारण सबसे अधिक विनाशकारी माने जाते हैं-पीलियन तुल्य ज्वालामुखी


किस ज्वालामुखी में अम्लीय तथा क्षारीय दोनों प्रकार के लावा का उद्गार होता है- वल्कैनो तुल्य ज्वालामुखी


 

लावा के प्रकार

अम्ल प्रधान या एसिडिक लावा

पीला, गाढ़ा तथा चिपचिपा जिसमें सिलिका की मात्रा अधिक होती है जिससे गुम्बदाकार शंकु का निर्माण करता है।

क्षारीय प्रधान या बेसिक लावा

काला, पतला धरातल पर शीघ्र फैलने वाला लावा जिससे शील्ड शंकु का निर्माण होता है। इसमें सिलिका की मात्रा कम होती है।

 


किस ज्वालामुखी में गैसों के अत्यधिक निष्कासन के कारण प्रायः "फूलगोभी के आकार" में ज्वालामुखी मेघ दूर तक छा जाते हैं- वल्कैनो तुल्य ज्वालामुखी


किस ज्वालामुखी का उद्गार अपेक्षाकृत अत्यन्त शान्त होता है-हवाईयन तुल्य ज्वालामुखी


ज्वालामुखी विस्फोट में निकलने वाली गैसों से किस गैस की मात्रा सर्वधिक होती है- जलवाष्प


मैग्मा में अम्लीयता तथा गाढ़ापन का संबंध किससे होता है- मैग्मा में उपस्थित सिलिका की मात्रा से


गाढ़ा, अम्लीय मैग्मा किस प्रकार भूपटल पर आता है-केन्द्रीय विस्फोटक ज्वालामुखी प्रक्रिया द्वारा

 

ज्वालामुखी स्थलाकृतियां

अभ्यंतरिक ज्वालामुखी स्थलाकृतियां

बाह्य ज्वालामुखी स्थलाकृतियां

सिल

महासागरीय कटक

शीट

महाद्वीपीय पठार

डाइक

ज्वालामुखी शंकु की आकृतियां

क्रेटर

काल्डेरा

प्लग डोम, क्यूमुलो डोम,

थोलॉयड

फैकोलिथ

लैकोलिथ

लैपोलिथ

बैथोलिथ

 

तरल क्षारीय मैग्मा भूपटल पर आता है- दरारी उद्भेदन प्रक्रिया द्वारा


दरारी उद्भेदन प्रक्रिया द्वारा भूपटल पर प्रकट मैग्मा से किन संरचनाओं का निर्माण होता है- बेसाल्ट चट्टानों से युक्त महासागरीय कटक एवं पठार


ज्वालामुखी क्रिया द्वारा बनी स्थलाकृतियां कितने प्रकार की होती है- 2, अभ्यंतरिक तथा बाह्य ज्वालामुखी स्थलाकृतियां

 


अभ्यंतरिक ज्वालामुखी स्थलाकृतियां

मैग्मा सतह को तोड़े बिना सतह के नीचे क्षैतिज  रूप से एक पतली परत के रूप में जमता है तो क्या कहलाता है- शीट


मैग्मा सतह को तोड़े बिना सतह के नीचे क्षैतिज रूप से एक मोटी परत के रूप में जमता है तो क्या कहलाता है- सिल


अभ्यंतरिक ज्वालामुखी स्थलाकृतियां शीट एवं सिल में मुख्य अंतर क्या होता है- जमे हुए परत की मोटाई का


मैग्मा का क्षैतिज जमाव जब शृंग एवं गर्त के रुप में होता है तो क्या कहलाता है- फैकोलिथ


अभ्यंतरिक ज्वालामुखी स्थलाकृतियों में सबसे बड़ी स्थलाकृति कौन सी होती है- बैथोलिथ


बैथोलिथ मूलतः किन चट्टानों से बना होता है- ग्रेनाइट


अभ्यंतरिक ज्वालामुखी स्थलाकृतियों में किस स्थलाकृति को अत्यधिक गहराई में पाए जाने के कारण पातालीय पिंड की संज्ञा दी जाती है- बैथोलिथ


मोड़दार पर्वतों के अभिनतियों व अपनतियों में अभ्यांतरिक लावा जमाव वाली स्थलाकृति है- फैकोलिथ


 

अभ्यंतरिक ज्वालामुखी स्थलाकृतियां

सिल

क्षैतिज रूप में जमी मोटी परत

शीट

क्षैतिज रूप में जमी पतली परत

डाइक

उर्ध्वाधर रूप में स्तंभ के समान जमी संरचना

फैकोलिथ

शृंग एवं गर्त के रूप में क्षैतिज रूप से जमी परत

लैकोलिथ

गुम्बदरूपी आकार में जमा मैग्मा

लैपोलिथ

उल्टे गुम्बद के रूप में जमा मैग्मा

बैथोलिथ

 

अत्यधिक गहराई में अनियमित रूप से जमी गुबंदाकार संरचना

 


बाह्य ज्वालामुखी स्थलाकृतियां


लावा के निरंतर जमाव से जब ज्वालामुखी शंकु काफी बड़ा हो पर्वत का रूप धारण कर लेता है तो क्या कहलाता है- ज्वालामुखी पर्वत


ज्वालामुखी नलिका में जमी लावा पट्टी कहलाती है- ज्वालामुखी ग्रीवा


ज्वालामुखी छिद्र में जमा लावा की पट्टी कहलाती है-ज्वालामुखी प्लग


ज्वालामुखी प्लग तथा ज्वालामुखी ग्रीवा के मिश्रित/समेकित रूप को क्या कहा जाता है-डायट्रेम


ज्वालामुखी शंकु के शीर्ष पर विस्फोटक प्रक्रिया के द्वारा बने गर्त या बेसिन स्थलाकृति को क्या कहा जाता है- ज्वालामुखी क्रेटर


अत्यधिक धँसाव या विस्फोट के कारण जब क्रेटर अधिक बड़ा और विस्तृत हो जाता है तो क्या कहलाता है-काल्डेरा (Caldera)


किसी काल्डेरा के अंदर अम्लीय मैग्मा शंकु के रूप में जम जाता है तो इस स्थलाकृति को क्या कहा जाता है- थोलॉयड


ज्वालामुखी क्रेटर में जल का भराव हो जाने पर कौन सी स्थलाकृति बनती है- क्रेटर झील (लोनार झील,महाराष्ट्र, टोबा झील- इंडोनशिया)


जब मैग्मा डाइक के रूप में सतह को तोड़ते हुए सतह के ऊपर स्तंभ के रूप में दिखाई देता है तो कहलाता है-प्लग डोम या ज्वालामुखी ग्रीवा


संयुक्त राज्य अमेरिका में डेविल टावर किस ज्वालामुखी आकृति का उदाहरण है- प्लग डोम


ज्वालामुखी उद्गार से निकला अम्लीय मैग्मा जब सतह के ऊपर गुंबद के आकार में जम जाता है तो क्या कहलाता है- कुमुलो डोम


ज्वालामुखी विस्फोट से निकले लावा के जमाव से किस स्थलाकृति का निर्माण होता है- ज्वालामुखी शंकु (Volcanic Cone)


ज्वालामुखी शंकु का निर्माण किस प्रकार होता है- केंद्रीय उद्गार के समय निकास नली के चारों ओर लावा के शंक्वाकार रूप में जमने से


किस प्रकार के ज्वालामुखी शंकु की ऊँचाई प्रायः कम होती है- सिंडर शंकु


किस प्रकार के ज्वालामुखी शंकु के निर्माण में ज्वालामुखी राख व विखंडित पदार्थों का मुख्य योगदान होता है-सिंडर शंकु (Cinder Cone) या राख शंकु


किस ज्वालामुखी शंकु में लावा और राख के क्रमिक जमाव से परतदार शंकु भी कहलाता है- मिश्रित ज्वालामुखी शंकु (Composit Cone)


जब ज्वालामुखी शंकु के ढाल पर एक अन्य ज्वालामुखी शंकु निर्मित हो जाता है तो वह क्या कहलाता है- परिपोषित शंकु (Parasitic Cone)


परिपोषित शंकु का निर्माण कब होता है- जब मिश्रित ज्वालामुखी शंकु की मुख्य नलिका में अत्यधिक दबाव होता है तो कई उपनलिकाओं में बंट जाती है और परिपोषित शंकु का निर्माण होता है।


ज्वालामुखी लावा में सिलिका की मात्रा अधिक होने से चिपचिपा तथा लसदार हो जाता है, इस प्रकार बनता है- अम्लीय लावा शंकु (अधिक ऊंचाई तथा कम क्षेत्रीय विस्तार वाले)


ज्वालामुखी लावा में सिलिका की मात्रा कम होने से हल्का व पतला हो जाता है तथा दूर तक फैलकर ठण्डा होता है, इस प्रकार बनता है-क्षारीय लावा शंकु (कम ऊँचाई व अधिक क्षेत्रीय विस्तार वाले)


क्षारीय लावा शंकु को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है- शील्ड शंकु


ऐसे ज्वालामुखी जिनके मुख से सतत रूप से धूल, धुँआ, वाष्प, गैसें, राख, चट्टान खण्ड व लावा आदि पदार्थ बाहर निकलते रहते हैं क्या कहलाते हैं- सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcano)


पृथ्वी पर वर्तमान में सक्रिय ज्वालामुखियों की संख्या है- 500 से अधिक


ऐसे ज्वालामुखी जिनमें निकट अतीत में कोई उद्गार नहीं हुआ हैं किन्तु कभी भी उद्गार हो सकता है क्या कहलाते हैं- सुषुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano)


ऐसे ज्वालामुखी जिनमें ऐतिहासिक काल से कोई उद्गार नहीं हुआ है और निकट भविष्य में भी कोई उद्गार होने की सम्भावना नहीं है क्या कहलाते हैं-शान्त जवालामुखी


किस महाद्वीप में एक भी ज्वालामुखी नहीं हैं- आस्ट्रेलिया


किसेभूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भकहा जाता है-स्ट्राम्बोली


विश्व का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी  है- कोटोपैक्सी, इक्वाडोर


विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है-मौनालोवा, हवाई द्वीप


भारत का सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है- बैरन द्वीप पर


धुंआरे तथा गीजर का संबंध किन क्रियाओं से है- ज्वालामुखी क्रिया


ओल्ड फेथफुल गीजर कहां स्थित है- येलोस्टोन नेशनल पार्क, अमेरिका


ज्वालामुखी क्रिया की अंतिम अवस्था का प्रतीक किसे माना जाता है- धुआँरे (Fumaroles)


गंधक युक्त धुंआरों को कहा जाता है- गंधकीय धुंआरे या सोल्फतारा


दस हजारों धुंआरों की घाटी (A Valley of Ten Thousand smokes) कहां है- कटमई नेशनल पार्क, अलास्का, संयुक्त राज्य अमेरिका


 

ज्वालामुखी का विश्व वितरण

ज्वालामुखी क्षेत्रों के विश्व वितरण संबंधी वर्तमान में सबसे मान्य सिद्धांत कौन सा है- प्लेट टेक्टोनिक सिद्धांत


कटमई ज्वालामुखी कहां है- अलास्का (सयुक्त राज्य अमेरिका)


माउंट ताल तथ माउंट पिनाटुबो ज्वालामुखी किस देश में है- फिलीपिंस


प्लेट टेक्टोनिक सिद्धांत के अनुसार सर्वाधिक ज्वालामुखी किन प्लेटों के सहारे मिलते हैं- विनाशात्मक प्लेट के सहारे 80%, रचनात्मक प्लेटों के किनारे 15% तथा शेष 5% प्लेटों के आंतरिक भागों में ।

 

 

ज्वालामुखी के प्रकार एवं वितरण

सक्रिय ज्वालामुखी

Active Volcano

ज्वालामुखी        

स्थिति

स्ट्राम्बोली

लेपरी द्वीप, भूमध्यसागर

कोटोपैक्सी

इक्वाडोर

माउंट एटना

सिसली द्वीप, इटली

मौनालोआ, किलायू   

हवाई द्वीप समूह

मेयोन

फिलीपींस

माउन्ट एरेबुस      

रॉस, अंटार्कटिका

दुकानो,मेरापी        

इण्डोनेशिया

कैमरून पर्वत

पश्चिम अफ्रीका

बैरेन द्वीप

अंडमान निकोबार

सुषुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano)

विसूवियस       

इटली

 

फ्यूजीयामा      

जापान

 

क्राकाटाओ  

इण्डोनेशिया

 

नारकोंडम द्वीप    

अंडमान निकोबार

शान्त ज्वालामुखी

देमबंद   

ईरान

 

कोहसुल्तान

ब्लूचिस्तान, पकिस्तान

 

चिम्बराजो         

इक्वेडोर

 

एकांकागुआ  

एण्डीज पर्वत श्रेणी

 

किलीमंजारो    

तंजानिया

 

पोपा            

म्यामांर

 

ज्वालामुखी क्षेत्रों के विश्व वितरण की प्रमुख मेखलाएं

  1. परिप्रशांत महासागरीय मेखला
  2. मध्य महाद्वीपीय पेटी
  3. मध्य अटलांटिक मेखला
  4. अंतरा प्लेटीय ज्वालामुखी


किस मेखला (Belt) में विनाशात्मक प्लेटों के किनारों के सहारे ज्वालामुखी पाए जाते हैं- परिप्रशांत महासागरीय मेखला


प्रशांत महासागर का अग्नि वलय(Fire Ring of the Pacific Ocean) किसे कहा जाता है- परिप्रशांत महासागरीय मेखला


पृथ्वी के अधिकांश ज्वालामुखी तथा भूकंप किस क्षेत्र में आते हैं- परिप्रशांत महासागरीय मेखला


पृथ्वी के लगभग दो तिहाई ज्वालामुखी किस महासागर में पाया जाता है- प्रशांत महासागर


भूमध्यसागरीय क्षेत्र के ज्वालामुखी किस मेखला के तहत आते हैं- मध्य महाद्वीपीय पेटी


हिमालय क्षेत्र मध्य महाद्वीपीय पेटी में आती है फिर भी यहां ज्वालामुखी क्रियाएं क्यों नहीं पायी जाती- इस क्षेत्र में प्लेटों का क्षेपण उस अनुपात में नहीं होता जितना ज्वालामुखी क्रिया हेतु चाहिए ।


किस पेटी में यूरेशियन, अफ्रीकन एवं इंडियन प्लेटों का अभिसरण होता है- मध्य महाद्वीपीय पेटी


रचनात्मक प्लेट किनारों के तहत मिलने वाला मध्य महासागरीय कटक किस पेटी में आता है- मध्य अटलांटिक मेखला


किस संकल्पना द्वारा भूकंप तथा ज्वालामुखी के संबंधों की व्याख्या की जा सकती है- प्लेट टेक्टोनिक संकल्पना


क्या भूकंप प्रभावित सभी क्षेत्रों में ज्वालामुखी क्रिया अनिवार्यतः होती है- नहीं (जब प्लेटों का क्षेपण अत्यधिक गहराई तक नहीं होता है तो प्लेट पिघलकर मैग्मा नहीं बना पाती और ज्वालामुखी क्रिया नहीं होती)


ज्वालामुखी प्रभवित सभी क्षेत्र क्या भूकंप प्रभवित होते हैं- हां


किस ज्वालामुखी मेखला की गतिविधि की व्याखया प्लेट टेक्टोनिक सिद्धांत द्वारा नहीं हो पायी है- अंतरा प्लेटीय ज्वालामुखी


अंतरा प्लेटीय ज्वालामुखी क्रियाओं को किस संकल्पना द्वारा समझा जा सकता है- माइक्रो प्लेट संचलन एवं हॉट स्पॉट संकल्पना




 सभी प्रश्‍न GK BUCKET STUDY TUBE  एकदिवसीय नोट्स से लिए गए है। 

इन प्रश्‍नों को GK BUCKET STUDY TUBE  यूटयूब चैनल पर भी देख सकते हैं। 


सभी एकदिवसीय परीक्षाओं हेतु उपयोगी नोट्स जिसे आर्डर कर आप अपने घर पर मंगा सकते हैं। ज्‍यादा जानकारी के लिए 74704-95829 पर संपर्क करें। 


 


No comments:

Post a Comment