यांत्रिकी-गति, बल, संतुलन, मशीन (भाग-1)
गति
कोई
पिंड समय परिवर्तन के साथ किसी अन्य पिंड के सापेक्ष अपना स्थान परिवर्तन करती है तो
पिंड की यह अवस्था कहलाती है- गति Motion
गति के प्रकार |
|
रैखिक
गति |
जब कोई
पिंड किसी सरल के अनुदिश गति करती है। |
वृतीय
गति |
जब कोई
पिंड किसी वृताकार पथ पर गतिमान होती है। |
दोलनी
गति |
किसी
पिंड द्वारा किसी अक्ष के पारित एक निश्चित बिंदु के आगे-पीछे या ऊपर-नीचे की गति। |
आवर्त
गति |
कोई
पिंड किसी निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी गति को दुहराती है। |
अनियमित
गति |
जब
कोई पिंड अपनी गति की दिशा अनियमत रूप से परिवर्तित करती रहती है। |
घूर्णन
गति |
जब
कोई पिंड किसी बिंदु के चारो ओर बिना स्थान परिवर्तन के गति करती हो। |
गति
कैसी अवधारणा है- सापेक्षिक
अवधारणा
नोट- किसी व्यक्ति के लिए जहां एक वस्तु गतिशील होती है तो दूसरे के लिए
वहीं वस्तु स्थिर प्रतीत हो सकती है।
गति
करती हुई पिंड द्वारा तय किए गए संपूर्ण मार्ग की लंबाई को क्या कहा जाता है- दूरी Distance
दूरी Distance- किसी गतिमान
पिंड द्वारा निश्चित समय में तय की गयी कुल लंबाई दूरी कहलाती है। यह सदैव धनात्मक
होती है
चाल Speed-किसी पिंड
द्वारा इकाई समय में तय की गयी कुल दूरी उस पिंड की चाल कहलाती है। यह सदैव धनात्मक
होती है । इसका SI मात्रक – मीटर/सेकेंड होता है।
वेग Velocity-किसी गतिमान
पिंड द्वारा एकांक समय में तय किया गया विस्थापन उसका वेग कहलाता है। यह धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य कुछ भी हो सकता है।
इसका SI मात्रक – मीटर/सेकेंड होता है।
विस्थापन Displacement- गतिमान पिंड
द्वारा तय की गयी प्रारंभिक एवं अंतिम बिन्दु के बीच की दूरी विस्थापन कहा जाता
है। यह धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य कुछ भी हो सकता है।
कोणीय वेग Angular Velocity-किसी वृत्ताकार मार्ग पर गतिशील कोई पिंड के वृत्त के
केन्द्र से मिलाने वाली रेखा एक सेकेंड में जितने कोण से घूम जाती है वह उस पिंड का
कोणीय वेग कहलाता है।
त्वरण Acceleration- समय
के साथ वेग परिवर्तन की दर त्वरण कही जाती है, यह धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य कुछ भी हो सकता है। इसका मात्रक- मीटर/सेकेंड2
होता है।
जब
कोई पिंड किसी वृत्ताकार मार्ग पर एक समान चाल से गति करती है तो उसकी गति त्वरित
गति क्यों होती है- वेग
की दिशा प्रत्येक बिन्दु पर बदल जाने के कारण
नोट- एक समान सरलरेखीय गति में कोई त्वरण नहीं होता जबकि एक समान वृत्तीय
गति में सदैव एक त्वरण कार्य करता है।
वृत्तीय
गति के अधीन कोई वस्तु अपनी प्रारंभिक स्थिति के सापेक्ष जिस कोण से घूम जाती है
वह क्या कहलाता है- कोणीय विस्थापन
कोणीय
विस्थापन का मात्रक क्या है- रेडियन Radian
वृत्तीय
मार्ग पर गति करते हुए कण के कोणीय विस्थापन की परिवर्तन की दर को क्या कहा जाता
है- उस
कण का कोणीय वेग
कोणीय
वेग का मात्रक क्या है- रेडियन/सेकेंड
न्यूटन
ने गति संबंधी नियमों (Laws of Motion) को अपनी किस पुस्तक में प्रतिपादित
किया था- प्रिंसिपिया Principia
गति
के किस नियम को जड्रत्व अथवा विराम का नियम भी कहा जाता है- प्रथम नियम
न्यूटन
के किस नियम से बल की परिषाभा मिलती है- प्रथम नियम से
नोट- इस नियम से वस्तु के विराम की अवस्था (Inertia) का बोध होता है इस कारण इसे विराम या जड़त्व का नियम भी कहा जाता है।
न्यूटन का गति संबंधी नियम |
|
प्रथम नियम जडत्व का
नियम |
यदि कोई
वस्तु गतिशील या विरामावस्था में है तो वह उसी स्थिति में रहेगी जब तक उस पर कोई
बाह्य बल आरोपित न किया जाए । |
उदाहरण- कांच में बंदुक से गोली मारने पर छेद होना एवं पत्थर
मारने पर चटक जाना, कार के अचानक चलने पर पीछे की ओर
झुक जाना, गतिशील व्यक्ति का ठोकर खाकर आगे गिरना,
डंडे से पीटने पर धूल का बाहर आना, समान
गति से गतिमान वाहन में गेंद उछाले जाने पर गेंद दोबारा उसी स्थान पर गिरना आदि। |
|
द्वितीय नियम संवेग का नियम |
वस्तु के
संवेग (Momentum) में परिवर्तन की दर उस
पर आरोपित बल के अनुक्र्मानुपाती (Directly proportional) होती है तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में ही होती है |
उदाहरण- जूडो खिलाड़ी द्वारा बर्फ की सिल्ली तोड़ना, क्रिकेट में खिलाड़ी द्वारा गेंद को रोकना, गड़ियों
में शॉक आब्जर्वर का प्रयोग आदि |
|
तीसरा नियम क्रिया –प्रतिक्रिया नियम |
प्रत्येक
क्रिया की उसके बराबर तथा उसके विरुद्ध
दिशा में प्रतिक्रिया होती है। |
उदाहरण- गोली चलने पर पीछे की ओर धक्का लगना, रॉकेट का प्रक्षेपण, उंचाई से गिरने पर चोट
लगना, नाव से उतरते समय पिछले पैर से नाव को पीछे धक्का
देना आदि |
न्यूटन के किस नियम को संवेग का नियम Law of Momentum भी कहा जाता है- द्वितीय नियम
किसी पिंड के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को क्या कहा जाता है- संवेग (Momentum), द्रव्यमान x वेग = संवेग
किस नियम के अनुसार यदि दो पिंडों के निकाय पर कोई बल कार्य न करें तो उसका संवेग नियत रहता है- संवेग संरक्षण का नियम (Principle of Conservation of
Momentum)
किसी पिंड के बल तथा समयान्तराल को क्या कहा जाता है- आवेग Impulse (बल x समयान्तराल = आवेग)
न्यूटन के किस नियम से बल का व्यंजक मिलता
है-
द्वितीय नियम
न्यूटन के किस नियम को क्रिया प्रतिक्रिया (Law of action and
reaction) का नियम भी कहा जाता है- गति का तीसरा नियम
न्यूटन के किस नियम से भार
की परिभाषा प्राप्त होती है- तृतीय
नियम
गति के किस नियम के अनुसार हम किसी वस्तु को जितने बल से खींचते हैं वह वस्तु भी हमें विपरित दिशा में उतने ही बल से अपनी ओर खींचती है- गति का तीसरा नियम
न्यूटन
के द्वितीय और तृतीय नियम के मिश्रित प्रभाव से किस नियम की प्राप्ति होती है- संवेग संरक्षण का नियम
रॉकेट
प्रणोदन में कौन सा सिद्धांत निहित है-
क्रिया प्रतिक्रिया एवं संवेग संरक्षण का सिद्धांत
प्रक्षेप्य गति Projectile Motion
जब
किसी पिंड को ऊर्ध्वाधर दिशा से भिन्न किसी अन्य दिशा में फेंका जाये तो वह पिंड
गुरुत्वीय त्वरण के अधीन गति करता हुआ एक वक्रपथ curved path निर्माण करता है जिसे कहा जाता है- प्रक्षेप्य वक्र एवं इस प्रकार की गति को प्रक्षेप्य गति कहा जाता है
प्रक्षेप्य
पथ कैसा होता है- परवलयाकार
Parabola
किसी पिंड का अधिकतम परास प्राप्त करने हेतु पिंड को कितने डिग्री से प्रक्षेपित किया जाना चाहिए- 45 डिग्री
जब किसी हवाई जहाज से बम गिराया जाता है तो किस पथ पर गति करता हुआ वह पृथ्वी पर पहुंचता है- परवलयाकार पथ
लम्बी
कूद के खिलाड़ी को अधिकतम दूर तय करने हेतु कितने डिग्री के कोण बनाते हुए उछलना
चाहिए- 45 डिग्री
अभिकेन्द्रीय एवं अपकेन्द्रीय बल
किसी वृत्ताकार पथ पर गतिशील
किसी पिंड पर केन्द्र की ओर कौन सा बल कार्य करता है- अभिकेन्द्रीय बल Centripetel Force
किसी वृत्ताकार पथ पर कोई
पिंड एकसमान चाल से गति करे तो उसकी दिशा लगातार परिवर्तित होती रहती है यानी उसका
वेग निरंतर बदलता रहता है। इस प्रकार इसे कहा जाता है- अभिकेन्द्रीय त्वरण
किसी पिंड को वृत्ताकार पथ
पर गतिशील बनाए रखने हेतु कौन सा बल आवश्यक होता है- अभिकेन्द्रीय
बल
वृत्ताकार पथ पर गतिशील पिंड
के बल की दिशा निरंतर क्यों बदलती रहती है- केन्द्र
की ओर बल लगने के कारण
किस
बल के अभाव में कोई पिंड वृत्ताकार मार्ग पर नहीं चल सकती है-अभिकेन्द्रीय बल
चौराहे पर मोड़ आने पर साइकल
सवार केन्द्र की ओर क्यों झुक जाता है- अभिकेन्द्रीय
बल के कारण
किसी वृत्ताकार पथ पर गतिशील
किसी पिंड पर बाहर की ओर कार्य करनेवाला छदम बल क्या कहलाता है- अपकेन्द्रीय बल Centrifugal Force
अभिकेन्द्रीय बल के प्रतिक्रिया
स्वरूप किसी पिंड पर कौन सा छदम बल कार्य करता है- अपकेन्द्रीय
बल
दही से मक्खन निकाला जाना, वाशिंग
मशीन की कार्यप्रणाली, मौत के कुएं में मोटरसाइकिल चलाना
आदि किस बल के कारण होता है- अपकेन्द्रीय बल
बल आघूर्ण एवं जड़त्व आधूर्ण
किसी पिंड को कोई बाह्य
बल किसी अक्ष के पारित घुमाने का प्रयास करता है तो इस बल की इस प्रकृति को क्या
कहा जाता है-
बल आधूर्ण
बल आधूर्ण Torque का मात्रक क्या होता है- न्यूटन मीटर
यदि किसी बल को अक्ष से
ज्यादा दूरी पर लगाया जाए तो बल आघूर्ण की मात्रा क्या होगी- ज्यादा होगी
किसी वस्तु पर दो बराबर
लेकिन विपरित दिशाओं में कार्य करनेवाले समानांतर बल को क्या कहा जाता है- बलयुग्म
Couple
ढक्कन को खोलना, पानी
का नल खोलना, ताले को चाभी से खोलना, कार की स्टेयरिंग को घुमाने में आरोपित बल इत्यादि किसका उदाहरण है-
बलयुग्म का
किसी पिंड का वह गुण जिसके
कारण वह अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है क्या कहलाता है- जड़त्व
किसी पिंड का वह गुण जिसके
कारण वह किसी अक्ष के पारित घूर्णन का विरोध करता है क्या कहलाता है- जड़त्व आघूर्ण Moment of Inertia
किसी पिंड की घूर्णन गति
में किसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है- जड़त्व
आघूर्ण की
सरल मशीन
वह यंत्र जिसकी सहायता से
थोड़ा सा बल लगाकर ज्यादा कार्य को सम्पन्न किया जा सकता है उसे क्या कहा जाता है- मशीन
किसी मशीन द्वारा किए गए
कार्य एवं मशीन को दी गयी ऊर्जा के अनुपात को क्या कहा जाता है- मशीन की दक्षता
किसी मशीन का यांत्रिक लाभ
क्या होता है-
मशीन द्वारा उठाया गया भार एवं लगायी गयी शक्ति का अनुपात
सरल मशीन जैसे स्क्रू
जैक,
घिरनी, उत्तोलक किस सिद्धांत के आधार पर
कार्य करती है- बल आघूर्ण
एक स्वतंत्र छड़ जो एक बिन्दु
के चारों ओर घूम सकता है क्या कहलाता है- उत्तोलक
Lever
लीवर के प्रकार |
|||
श्रेणी |
बिन्दू
की स्थिति
|
उदाहरण |
यांत्रिक
लाभ |
प्रथम WFE |
आलम्ब
की स्थिति भार और आयास के बीच |
संडसी, झूला, हैंड
पम्प, कैची, साइकिल ब्रेक |
1 से ज्यादा, कम या बराबर |
द्वितीय
FWE |
भार
की स्थिति आलंब और आयास के बीच |
नींबू
निचोड़ने की मशीन, सरौता, एक पहिया की ठेलागाड़ी |
1 से ज्यादा |
तृतीय WEF |
आयास
की स्थिति भार और आलंब के बीच में |
चिमटा, स्टेपलर, मानव का हाथ, कृषि हल |
1 से कम |
वह बिन्दु जिसके चारों ओर
उत्तोलक की छड़ स्वतंत्रतापूर्वक घुम सकती है क्या कहलाता है- आलंब Fulcrum
उत्तोलक द्वारा उठाया गया
भार या किया गया कार्य क्या कहलाता है-भार
Weight
उत्तोलक को उपयोग में लाने
के लिए उस पर लगाया गया बल क्या कहलाता है- आयास
Effort
उत्तोलक Lever कितने
प्रकार के होते हैं- 3
गुरुत्वाकर्षण
वह आकर्षण बल जो दो वस्तुओं के मध्य कार्य करता है क्या
कहलाता है- गुरुत्वाकर्षण Gravitation
सबसे
पहले किसने बताया था कि ब्रह्मांड में स्थिति प्रत्येक पिंड दूसरे पिंड को अपनी ओर
आकर्षित करता है-
न्यूटन
नोट- न्यूटन से पहले गुप्तकालीन खगोलशास्त्री ब्रह्मगुप्त ने बताया कि
पृथ्वी सभी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है हांलाकि न्यूटन ने गणितीय रूप में
गुरुत्वाकर्षण के नियम को सिद्ध किया
किसी
वस्तु का भार किस पर निर्भर करता है- गुरुत्वाकर्षण पर
वह
आकर्षण बल जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है क्या कहलाता है- गुरुत्व Gravity
किसी पिंड का भार किसके
अधीन परिवर्तनीय होता है-
गुरुत्वीय त्वरण के अधीन
पृथ्वी तल पर विभिन्न स्थानों पर g के
मान में परिवर्तन का मुख्य कारण क्या है- पृथ्वी
की आकृति तथा पृथ्वी का अपने अक्ष के पारित घूमना
अंतरिक्ष में किसी पिंड
का भार शून्य क्यों हो जाता है- गुरुत्वीय त्वरण (g) नहीं पाए जाने के कारण
गुरुत्वीय त्वरण (g) के मान में बदलाव |
|
पृथ्वी
के केन्द्र में g का मान |
शून्य
|
ध्रुवों
पर |
अधिकतम |
विषुवत
रेखा पर |
न्यूनतम |
विषुवत
रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर |
बढ़ता
जाता है |
पृथ्वी
की सतह से ऊपर या नीचे जाने पर |
गुरुत्वीय
त्वरण (g) के मान में कमी आती
है |
पृथ्वी
की धूर्णन गति बढ़ने पर |
कम
हो जाता है |
पृथ्वी
की धूर्णन गति कम होने पर |
बढ़
जाता है |
चन्द्रमा
पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान |
पृथ्वी
का 1/6 |
किसी वस्तु को पृथ्वी से
चन्द्रमा पर ले जाए तो उसके द्रव्यमान में क्या बदलाव आएगा- द्रव्यमान में कोई बदलाव नहीं आएगा लेकिन उसके भार में बदलाव
आएगा
नोट- किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे यह पृथ्वी की ओर आकर्षित होता है
पृथ्वी की अपेक्षा
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान कितना है- 1/6
किसी वस्तु का भार किस
पर निर्भर करता है- वस्तु के द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय त्वरण पर
वह
बिन्दु जहां वस्तु का संपूर्ण भार कार्य करता है क्या कहलाता है- गुरुत्व केन्द्र
जब
कोई पिंड ऊपर से नीचे की ओर आती है तो वस्तु के वेग में प्रति सेकंड होने वाली
वृद्धि को क्या कहलाती है- गुरुत्वीय
त्वरण
गुरुत्वीय
त्वरण यानी g का
मान कितना होता है- 9.8M/S2
गुरुत्वीय
त्वरण का मान किस पर निर्भर नहीं करता है- द्रव्यमान
पर
भिन्न भिन्न
द्रव्यमान वाली वस्तुए निर्वात में एक साथ गिराने पर सतह पर किस
प्रकार पहुंचेगी-
एक साथ पहुंचेगी क्योंकि गुरुत्वीय
त्वरण का मान द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता
पृथ्वी
के अलग अलग स्थानों पर गुरुत्वीय त्वरण (g)
का मान क्या होता है-
अलग अलग
ग्रहों
के गति संबधी नियम किसके द्वारा दिया गया- केपलर द्वारा
ग्रहों
के गति संबधी केपलर का दूसरा नियम किस पर आधारित है- कोणीय संवेग संरक्षण नियम पर आधारित
समान द्रव्यमान वाली लकड़ी
और लोहे की गेंद को वायुमंडल में समान ऊंचाई से नीचे गिराने पर पृथ्वी की सतह पर लोहे
की गेंद पहले पहुंचेगी।
असमान द्रव्यमान वाली लकड़ी
और लोहे की गेंद को गुरुत्वीय त्वरण की उपस्थिति में निर्वात में समान ऊंचाई से नीचे
गिराने पर पृथ्वी की सतह पर दोनों एक साथ पहुंचेगी।
किसी पिंड का गुरुत्वीय क्षेत्र
क्या होता है-
वह क्षेत्र जहां तक वह किसी दूसरे पिंड को आकर्षित करता है
बॉल पेन किस सिद्धांत पर
कार्य करता है-
गुरुत्वीय बल सिद्धांत पर
पृथ्वी
पर यदि कोई वस्तु ऊपर की ओर फेंकी जाती है तो उस पर कौन सा त्वरण कार्य करता है- ऋणात्मक त्वरण
पृथ्वी
पर यदि कोई वस्तु नीचे की ओर आती है तो उस पर कौन सा त्वरण कार्य करता है- धनात्मक त्वरण
पृथ्वी
पर त्वरण को प्रभावित करनेवाला एक महत्वपूर्ण कारक है- वायु
समय
के साथ यदि किसी वस्तु का वेग घटता है तो यह कहलाता है- ऋणात्मक त्वरण या मंदन
एक
समान वेग से गतिशील पिंड का त्वरण होता है- शून्य
वह
बिन्दु जो किसी पिंड में विस्तृत द्रव्यमान की माध्य स्थिति प्रदर्शित करता है
क्या कहलाता है- दव्यमान
केन्द्र
द्रव्यमान
एवं भार में कौन सदा नियत रहता है- द्रव्यमान
किसी पिंड का लिफ्ट में भार |
|
जब कोई लिफ्ट
a त्वरित गति से ऊपर की ओर जाती
है। |
लिफ्ट में
पिंड का भार बढ़ा हुआ होता है |
जब कोई लिफ्ट a त्वरित गति से नीचे की ओर आती है। |
लिफ्ट में
पिंड का भार कम प्रतीत होता है |
जब कोई लिफ्ट
समान गति से ऊपर या नीचे गति करती है। |
पिंड के भार
में कोई परिवर्तन नहीं होता |
यदि लिफ्ट
त्वरित गति से नीचे आती है और लिफ्ट की डोरी टूट जाती है तो- |
लिफ्ट में
पिंड का भार शुन्य होगा |
यदि लिफ्ट की
डोरी टूटने पर लिफ्ट का त्वरण गुरुत्व त्वरण के मान से ज्यादा हो जाए। |
लिफ्ट में
रखा पिंड लिफ्ट की छत पर जा लगेगा |
पृथ्वी
जिस बल से किसी पिंड को अपनी ओर आकर्षित करती है उसे क्या कहा जाता है- उस पिंड का भार
किसी
पिंड को अपने भार का आभास किस कारण से होता है- पृथ्वी द्वारा उस पिंड के ऊपर लगाए गए प्रतिक्रिया बल के
फलस्वरूप
वे आकाशीय पिंड जो
ग्रहों के चारों ओर परिक्रमण करते हैं क्या कहलाते हैं- उपग्रह Satellite
उपग्रह की चाल किस पर निर्भर
करती है-
पृथ्वी तल से ऊंचाई पर
नोट-जो उपग्रह
पृथ्वी तल से जितना ज्यादा दूर होगा उसकी कक्षीय चाल उतनी ही कम होगी
उपग्रह की चाल किस पर निर्भर
नहीं करता है-
उपग्रह के द्रव्यमान पर
यदि किसी कृत्रिम उपग्रह
की पृथ्वी तल से ऊंचाई इतनी रखी जाए कि उसका परिक्रमण काल पृथ्वी की अक्षीय गति के
आवर्तकाल यानी 24
घंटे के बराबर हो जाए तो ऐसा उपग्रह कहलाता है- भू-तुल्यकालिक उपग्रह Geosynchronous
Satellite
भू-तुल्यकालिक
उपग्रह को जब पृथ्वी की विषुवत रेखा के तल में स्थापित किया जाता है तो यह पृथ्वी
के किसी बिन्दु से स्थिर प्रतीत होता है
इसे कहा जाता है- भू-स्थिर उपग्रह Geostationary Satellite
नोट- भू-स्थिर उपग्रह को जहां पृथ्वी की विषुवत
रेखा तल में स्थापित किया जाता है वही भू-तुल्यकालिक
उपग्रह किसी भी अन्य तल में स्थापित किया जाता है
भू-स्थिर
उपग्रह अपनी कक्षा में परिक्रमा करता है-
पश्चिम से पूर्व
भू-स्थिर
उपग्रह की पृथ्वी तल से ऊंचाई होती है-
लगभग 36000 किमी
पृथ्वी के अति निकट चक्कर
लगानेवाले उपग्रह का परिक्रमण काल कितना होता है- 84 मिनट
पृथ्वी के अति निकट चक्कर
लगानेवाले उपग्रह की कक्षीय चाल कितनी होती है- 8 किमी/से
उपग्रह का परिक्रमण काल
किस पर निर्भर नहीं करता है- उसके द्रव्यमान पर
किसी पिंड को इस वेग से ऊपर
फेंका जाए कि वह पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र को पार कर अंतरिक्ष में चला जाए ओर पृथ्वी
पर वापस नहीं आए तो उस वेग को कहा जाता है- पलायन
वेग Escape Velocity
पृथ्वी के पलायन वेग का मान
कितना है-
11.2 किमी/से
चन्द्रमा का पलायन वेग का
मान कितना है-
2.4 किमी/से
पृथ्वी के निकट चक्कर लगाने
वाले किसी उपग्रह की कक्षीय चाल दुगनी कर दी जाए तो क्या होगा- उपग्रह अपनी कक्षा छोड़ पलायित हो जाएगा
चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं
होने का कारण है-
पलायन वेग कम होना
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