प्रश्न- साइबर क्राइम क्या है? साइबर क्राइम के विभिन्न प्रकार लिखिए तथा बताइये कि कैसे प्रौद्योगिकी ऐसे अपराधों को कम करने में मदद कर रही है?
उत्तर- साइबर
क्राइम वह आपराधिक गतिविधि है, जिसमें कंप्यूटर, इंटरनेट या अन्य डिजिटल माध्यमों का प्रयोग करके डेटा चोरी, धोखाधड़ी, हैकिंग, फिशिंग, साइबर स्टॉकिंग, पहचान की चोरी, वायरस फैलाना आदि जैसे अपराध किए
जाते हैं।
साइबर अपराध का उद्देश्य व्यक्तिगत जानकारी, धन, या
संवेदनशील डेटा चुराना, सिस्टम को नुकसान पहुंचाना या अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना हो सकता है
जिसके प्रकार निम्नलिखित है
- हैकिंग: अनधिकृत रूप से सिस्टम में प्रवेश करना।
- फिशिंग: फर्जी ईमेल या मैसेज के जरिए व्यक्तिगत जानकारी चुराना।
- मैलवेयर हमले: वायरस या रैनसमवेयर के माध्यम से डेटा नष्ट करना या लॉक करना।
- ऑनलाइन धोखाधड़ी: फर्जी लेनदेन या स्कैम के जरिए पैसे ठगना।
- पहचान की चोरी: किसी की निजी जानकारी का दुरुपयोग करना।
- साइबर स्टॉकिंग: ऑनलाइन उत्पीड़न या धमकी देना।
इस प्रकार साइबर क्राइम व्यक्तिगत, संस्थागत और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है जिसे रोकने में
प्रौद्योगिकी निम्न प्रकार से मददगार है।
- AI आधारित थ्रेट डिटेक्शन सिस्टम से संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पहचान।
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन से खातों की सुरक्षा में वृद्धि।
- डेटा एनक्रिप्शन और फायरवॉल द्वारा डेटा सुरक्षा ।
- डिजिटल फॉरेंसिक और नेटवर्क ट्रैकिंग तकनीकें अपराधियों की पहचान।
- साइबर जागरूकता ऐप्स और पोर्टल्स लोगों को सतर्क करने में ।
इस प्रकार प्रौद्योगिकी न केवल साइबर अपराधों को रोकने में बल्कि अपराधियों
की पहचान और सजा दिलाने में भी अत्यंत प्रभावी भूमिका निभा रही है।
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