GK BUCKET is best for BPSC and other competitive Exam preparation. gkbucket, bpsc prelims and mains, bpsc essay, bpsc nibandh, 71th BPSC, bpsc mains answer writing, bpsc model answer, bpsc exam ki tyari kaise kare

Jul 22, 2022

बिहार में सड़क परिवहन-अधिसंरचनाएं एवं योजनाएं

 

बिहार में सड़क परिवहन- अधिसंरचनाएं एवं योजनाएं


दोस्तों,
इस पोस्ट के माध्यम से आज हम  बिहार में सड़क परिवहन संबंधी अधिसंरचनाएं, योजनाएं एवं पहल के बारे में बात करेंगे जो BPSC मुख्य परीक्षा हेतु अत्यंत उपयोगी है।

इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ने के बाद आप बिहार की सड़क परिवहन संबंधी अधिसंरचनाएं एवं योजनाएं के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और BPSC/Auditor/CDPOमुख्य परीक्षा या बिहार की अन्य परीक्षाओं में अच्छा उत्तर लिख सकते हैं।


BPSC/सचिवालय सहायक/बिहार शिक्षक हेतु उपयोगी वीडियो लिंक


बिहार में सड़क परिवहन 


अधिसंरचना किसी भी क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए स्नेहक का कार्य करता है बिहार में विगत कुछ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा सड़क और कुल क्षेत्र में काफी निवेश किया है जिससे राज्य में अधिसूचना का विस्तार हुआ । सुदृढ़ अधिसंरचना एवं संचार व्यवस्था के कारण ही महामारी काल में लोगों को आवश्यक वस्तुओं तथा सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति होती रही।


    1. सड़क नेटवर्क  ने चिकित्सा, उपकरण, दवा, आवश्यक वस्तुओं  तथा सेवाओं की पहुंच को सुगम बनाया 
    2. डाक दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी ने  ने लोगों को महामारी के प्रतिज जागरुक बनाने, ऐहतियाति उपायों के बारे में जानकारी दी।
    3. सूचना प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल तकनीक ने लोगों के शिक्षा, संवाद, संपर्कता, आर्थिक सहायता इत्यादि संबंधी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
    4. विद्युत और शहरी अवसंरचना से लोगों के लिए व्यवसाय के अनेक अवसर उत्पन्न हुए।


स्पष्ट है पर्याप्त अधिसंरचना से चतुर्दिक विकास को बढ़ावा मिलता है। ग्रामीण तथा शहरी अवस्था का एकीकरण हो जाता है तथा उत्पादन लागत में कमी तथा सुविधाओं का विस्तार होता है।

 


परिवहन क्षेत्र और आर्थिक विकास

परिवहन क्षेत्र  बिहार के सकल घरेलू उत्पाद में कुल मिलाकर 7.3% का योगदान करता है । विगत कुछ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा सड़क और पुल निर्माण में काफी निवेश किया है जिससे राज्य में अधिसंरचना का विस्तार हुआ बिहार सरकार द्वारा 7 निश्चय भाग-कार्यक्रम द्वारा घर तक पक्की गली नाली योजना चलाई गई जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सविधाओं का विस्तार हुआ। वर्तमान में चल रहे 7 निश्चय भाग-2  कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार द्वारा सुलभ संपर्कता योजना चलायी जा रही है।

 

 

बिहार में सड़क अधिसंरचना संबंधी योजनाएं एवं पहल


सुलभ संपर्कता के तहत पहल

बिहार सरकार ने अपने सुशासन के कार्यक्रम (2020-25)  के तहत सात निश्चय-2 की शुरुआत की जिनमें एक सुलभ संपर्कता भी है इन सड़क परियोजनाओं के निर्माण के बाद सड़क नेटवर्क बेहतर होगा और आरामदेह तथा सुरक्षित यातायात सुगम होगा। एक सुलभ संपर्कता के 2 घटक हैं। 


    1. ग्रामीण पथ संपर्क -यह प्रखंड, पुलिस थानाअनुमंडल आदि महत्वपूर्ण स्थानों के साथ संपर्क उपलब्ध कराएगा और बाजार, अस्पताल, राष्ट्रीय उच्च पथ, राज्य उच्च पथ आदि को साथ ही जोड़ेगा।
    2. शहरी पथ संपर्क -शहरी क्षेत्रों में बाईपास और फ्लाईओवर का निर्माण जो घने व शहरी क्षेत्रों में परिवहन को सुगम बनाते हैं। इसके तहत पथ निर्माण विभाग ने भारी परिवहन वाले मार्गों की पहचान की है और सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने तथा उन्हें बाईपास में बदलने का निश्चय किया है ।

 

 भारत नेपाल सीमा पथ परियोजना

केंद्र सरकार द्वारा सीमा पथ प्रबंधन-के तहत 1377 किमी.लंबी सड़क निर्माण के लिए भारत नेपाल सीमा पर परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है जिससे बिहार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों को लाभ होगा।

 

वामपंथ अतिवाद प्रभावित क्षेत्र पथ विकास योजना

इस योजना के तहत आवश्यकता योजना-1 के द्वारा 5 वामपंथी अतिवाद प्रभावित जिले अरवल, औरंगाबाद, गया, जमुई और जहानाबाद जिले लाभान्वित हुए हैं। आवश्यकता योजना एक के सफल क्रियान्वयन के बाद केंद्र सरकार ने वामपंथी अतिवाद प्रभावित 7 जिलों  में पथ आवश्यकता योजना 2 को स्वीकृति प्रदान की है।

 

ग्रामीण अधिक संरचना विकास कोष

इस कोष द्वारा सड़क एवं पुल की अनेक परियोजनाएं पूरी की गई है। नाबार्ड ने ग्रामीण अधिसंरचना विकास कोष के द्वारा ट्रेंच 1 से 25 तक की अवधि में राज्य में 2020 तक 95 किमी. पुलों और 9294 किमी. सड़कों के निर्माण को स्वीकृति दी है।

 

 

बिहार में सड़क अधिसंरचना में सुधार एवं विस्तार

 

राष्ट्रीय उच्च पथ नेटवर्क

बिहार में कुल मिलाकर 58 राष्ट्रीय उच्च पथ है जिनकी कुल लंबाई सितम्बर 2020 में 5475 किमी है इसमें राष्ट्रीय उच्च पथ 31 का सर्वाधिक 404 किमी का हिस्सा है जबकि राष्ट्रीय उच्च पथ 727क का सबसे कम 4.5 किमी हिस्सा है। सड़क नेटवर्क की गुणवत्ता में दो तरह से सुधार किया जा सकता है 


    1. बेहतर सामग्री और उच्च प्रौद्योगिकी का उपयोग।
    2. पथ का चौड़ीकरण करके।


बिहार सरकार द्वारा दोनों उपायों के माध्यम से सड़क नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार  हेतु प्रयास किया जा रहा है। बिहार में राष्ट्रीय उच्च पथों द्वारा संपर्क में सुधार के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा हाल के वर्षों में अनेक परियोजनाओं की शुरुआत  की गई है    



प्रधानमंत्री पैकेज

इसके तहत कुल 75 परियोजनाएं शुरू की गई थी जिसमें 12 पूरी हो गई है और 39  पर कार्य प्रगति पर है । सड़क नेटवर्क के अलावा बिहार में गंगा, सोन, गंडक जैसी नदियों पर महापुलों का निर्माण भी शामिल है।



भारतमाला परियोजना

इस कार्यक्रम के तहत पिछड़े और जनजातीय क्षेत्रों, आर्थिक गतिविधि वाले क्षेत्रों और धार्मिक पर्यटक रुचि के स्थानों, सीमावर्ती क्षेत्रों समुद्र तटीय और पड़ोसी देशों के साथ  व्यापारिक मार्ग की संपर्क संबंधी जरूरतों में सुधार पर ध्यान दिया गया है। बिहार में विभिन्न सड़क नेटवर्क में 9 परियोजनाओं के तहत कुल मिलाकर 751  किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है।



अन्य कार्य

    1. मोकामा में गंगा नदी पर हाइब्रिड एम्यूटी मोड वाले पुल का कार्य प्रगति पर है।
    2. गंगा पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर 4 लेन पुल, मधेपुरा में कोशी नदी पर फलौत के नजदीक समानांतर पुल और पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर पुल निर्माण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है।

 


राज्य उच्चपथ नेटवर्क में सुधार हेतु प्रयास

बिहार सरकार का एक प्रमुख उद्देश्य राज्य में पर्याप्त और गुणवत्तापूर्व अधिसंरचना उपलब्ध कराने पर रहा है और इस क्रम में राज्य उच्च पथ के विकास पर बिहार सरकार द्वारा अनेक कार्य किए जा रहे हैं। सितंबर 2020 में बिहार में राज्य  उच्च पथ नेटवर्क की कुल लंबाई 3713 किमी थी जिसमें राज्य उच्च पथ की कुल लंबाई के अनुसार पटना, गया तथा दरभंगा तीन शीर्ष जिले है।

 


बिहार राज्य उच्च पथ परियोजना

बिहार में राज्य  उच्च पथ  नेटवर्क को मजबूत करने हेतु  बिहार  राज्य  उच्च पथ  परियोजना का संचालन किया जा रहा है जिसमें एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तीय सहयोग दिया गया है।

 


पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि

इस नीति के तहत 2 परियोजनाएं शुरू की गई है।  एक परियोजना सोनपुर को पटना से जोड़ने वाली रेल-सह-सड़क पुल की  तथा दूसरी परियोजना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से   दीघा तक  एलिवेटेड सड़क  मार्ग की है।



सार्वजनिक निजी भागीदारी

सार्वजनिक निजी भागीदारी, PPP के तहत गंगा नदी पर ग्रीन फील्ड पुल के निर्माण की योजना भी है।

 


जिला पथ नेटवर्क

जिला पथ कम विकसित क्षेत्रों को जिला मुख्यालय, नजदीकी राज्य उच्च पथ, राष्ट्रीय उच्च पथ, रेल मार्गो, और शहरों को जोड़ते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन हेतु जिला पथ की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। 

बिहार सरकार के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में जिला पथ की लंबाई ही नहीं बल्कि उनकी चौड़ाई में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2015-20 के मध्य बिहार में कुल 4252 किमी. मुख्य जिला पथ जुड़े। जिला पथ में सर्वाधिक विस्तार पाने वाले शीर्ष जिले पटना, दरभंगा तथा जमुई है।

 


ग्रामीण सड़क नेटवर्क

ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विकास की दिशा में प्रत्येक टोले को सड़क से जोड़ने के लिए राज्य में अनेक परियोजनाएं संचलित की जा रही है। इसके अलावा सुलभ संपर्कता को सात निश्चय-2 के एक घटक के रूप में शामिल किया गया है जिसके तहत किसी गांव को नजदीकी गांव, महत्वपूर्ण प्रशासनिक मुख्यालय, बाजार, अस्पताल, विद्यालय, राष्ट्रीय उच्च पथ  तथा राज्य उच्च उच्च पद जैसे सुविधा केंद्र से जोड़ा जाएगा।


ग्रामीण सड़क नेटवर्क का महत्व

    1. ग्रामीणों के जीवन दशा में सुधार लाने में महत्वपूर्ण।
    2. सामाजिक आर्थिक विकास हेतु।
    3. आसपास के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे  कृषि बाजार, अस्पताल, प्रशासनिक कार्यालय से संपर्क स्थापित करने हेतु।
    4. ग्रामीणों के जीविका में वृद्धि तथा विविधीकरण लाने हेतु।
    5. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष  रोजगारबाजार विपणन, लघु कुटीर उद्योगों के विकास आदि 
    6. आर्थिक अवसर  की उपलब्धता से  ग्रामीण-शहरी पलायन को रोकने में सहायक।

 

वर्ष 2005-2006 में आर्थिक सेवाओं पर होने वाले कुल व्यय में ग्रामीण पथों में निवेश पर व्यय का मात्र 11.8% था जो 2021 में बढ़कर 46.7% हो गया। सितम्बर 2020 तक विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में 1074 पुलों के साथ कुल 96883 किमी सड़कों का निर्माण किया गया है।

    1. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
    2. समेकित कार्य योजना
    3. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
    4. ग्रामीण टोला सपर्क निश्चय योजना

  


बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड

सड़क निर्माण में  निजी क्षेत्र के विस्तार को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड की स्थापना की गई जो वर्ष 2009 से दक्षतापूर्वक राज्य में सड़क निर्माण के कार्य को संपादित कर रहा है। वर्ष 2020-21 के लिए निगम द्वारा राज्य में अनेक योजनाओं को किया जाना है जिनमें प्रमुख है-

 

    1. आर ब्लॉक-दीघा सड़क (चरण 2)
    2. एम्स और पटना मेडिकल कॉलेज एलिवेटेड रोड द्वारा जुड़ाव।
    3. मीठापुर-महोली पथ।
    4. अशोक राजपथ का यातायात सुगम बनाने हेतु गुरु गोविंद घाट से पटना घाट तक सड़क निर्माण।

 

 

पुल क्षेत्र

बिहार में गंगा और अन्य नदियों पर पिछले कुछ वर्षों में अनेक पुल बनाए गए हैं। गंगा पर बने पुल नेटवर्क से दक्षिण-उत्तर बिहार के बीच संपर्क में तेजी आई है। साथ ही कोशी, गंडक, बागमती पर भी अनेक पुल बनाए गए हैं। 


सोन नदी पर कोईलवर, नासरीगंजसहारा और पांडूकाघाट में पुल बन चुके हैं या बन रहे हैं। मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत 2010 से 2020 की अवधि में राज्य में 1460 पुल-पुलियों का निर्माण हुआ है 


पुल निर्माण कार्य को गति देने हेतु बिहार में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम भी कार्यरत है जो पुल एवं सड़क निर्माण कार्य के साथ साथ रखरखाव तथा चुंगी वसूली का कार्य भी करता है।

 


पथ सुरक्षा सड़क सुरक्षा

फरवरी 2020 में स्वीडन में आयोजित तृतीय वैश्विक मंत्री सम्मेलन में भारत समेत सभी सदस्य राष्ट्रों में सड़क दुर्घटना संबंधित मौतों में 2030 तक न्यूनतम 50% कमी करने का लक्ष्य हासिल करने के प्रति अपने प्रतिबद्धता की पुष्टि की है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुर्घटनाएं मौत का आठवां सबसे बड़ा कारण है ।


भारत में वर्ष 2019 में सड़क दुर्घटना से 1.5  लाख से भी अधिक लोगों की मृत्यु हुई । सड़क दुर्घटना के मामले में बिहार का देश में 15वां स्थान है और वर्ष 2019 में  सड़क दुर्घटना की 10 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए। अतः बिहार सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और पथ परिवहन को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए अनेक नीतिगत हस्तक्षेप किए गए ।

 

    1. पथ सुरक्षा नीति 2015  सूत्रपात किया गया 
    2. बिहार पथ सुरक्षा कार्य योजना तथा नियमावली बनाई गई।
    3. सुरक्षा गतिविधियों की समीक्षाक्रियान्वयनअनुश्रवण तथा प्रभावी समन्वय हेतु बिहार राज्य पथ सुरक्षा परिषद और जिला पथ सुरक्षा समितियों का गठन किया गया।
    4. पथ सुरक्षा परिषद ने सड़क दुर्घटनाओं और उन में होने वाली मौतों को रोकने के लिए विभिन्न उपायों की शुरुआत की गयी जिसमें 4E यानी Education शिक्षा, Enforcement प्रवर्तन, Engineering अभियंत्रण तथा Emergency Care आपात देख रेख पर फोकस किया गया।

 

बिहार परिवहन विभाग द्वारा परिवहन क्षेत्र में अनेक नवचार एवं पहल

आवास एवं नगर विकास मंत्रालय ने कोविड-19 के दौरान परिवहन में  नवचार के लिए बिहार सरकार के परिवहन विभाग को प्रशंसनीय पहल का पुरस्कार दिया है। बिहार परिवहन विभाग द्वारा परिवहन क्षेत्र में अनेक नवचार एवं पहल आरंभ किए गए हैं जो निम्न है-

    1. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना द्वारा राज्य के कमजोर तबके के लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए तो दूसरी ओर सुदूर क्षेत्रों के लोगों से पथ संपर्क स्थापित हुआ।
    2. प्रदूषण और वाहनों की भीड़ भाड़ में कमी हेतु साझा परिवहन की परिकल्पना।
    3. टैक्सी और मोटरसाइकिल के लिए जनवरी 2019 से बिहार टैक्सी समूहक नीति 2019 को प्रभावी बनाया गया।
    4. बिहार में अवैध वाहनों के चलने पर रोक के लिए वाहनों में उच्च सुरक्षा निबंध प्लेट लगाना अनिवार्य।
    5. बिहार परिवहन मोबाइल एप द्वारा वाहन के स्वामित्व, ड्राइविंग लाइसेंस, निबंधन प्रमाण पत्र इत्यादि की जानकारी प्राप्त की सुविधा। 
    6. राज्य के सभी जिलों में परिवहन और यातायात के लिए हैंडहेल्ड डिवाइस के द्वारा ई चालान का क्रियान्वयन।
    7. मोटर वाहन कर शुल्क भुगतान के ऑनलाइन सुविधा, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन निबंधन, ऑनलाइन परमिट, प्रदूषण केंद्र के लिए ऑनलाइन लाइसेंस सेवाएं, फिटनेस सेंटर जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-शासन की शुरूआत।
    8. बैटरी चलित -रिक्शा के लिए पथ कर में 50% छूट देकर राज्य सरकार द्वारा CNG और विद्युत चालित वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बिहार में सड़क परिवहन-अधिसंरचनाएं एवं योजनाएं संबंधी लेख यदि आपको पसंद आया और बिहार लोक सेवा आयोग मुख्‍य परीक्षा हेतु अन्‍य महत्‍वपूर्ण लेख देखना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक के माध्‍यम से जाए।

बिहार मुख्‍य परीक्षा स्‍पेशल लेख 

No comments:

Post a Comment