भारतीय इतिहास के मुख्य स्रोत
भारतीय इतिहास को जानने के मुख्य स्रोत कौन कौन है- साहित्यिक साक्ष्य (धार्मिक तथा लौकिक साहित्य)
- पुरात्तव संबंधी साक्ष्य (अभिलेख, मुद्राएं, स्मारक, भग्नावशेष, चित्रकला, मूर्तियां)
- विदेशी यात्रियों का विवरण
साहित्यिक साक्ष्य
- भाषा शास्त्र का प्रथम ग्रंथ किसे माना जाता है-निरुक्त
- बुद्ध के पूर्वजन्म की कथाएं किस ग्रंथ में मिलती है- जातक कथाएं
- विनय पिटक – बौद्ध भिक्षुओं के आचरण संबंधी नियमों का वर्णन
- सुत पिटक- बुद्ध के धार्मिक उपदेश संगृहित
- अभिधम्म पिटक- बौद्ध धर्म के दार्शनिक एवं आध्यात्मिक चिंतन
- जैन भिक्षुओं के आचार नियमों का उल्लेख कहां मिलता है-आचारांग सूत्र
लौकिक साहित्य
- संस्कृत भाषा में लिखे गए प्रमुख बौद्ध ग्रंथ है- महावस्तु, ललितविस्तार, दिव्यावदान
- संस्कृत में लिखी गयी बुद्धचरित की रचना किसके द्वारा की गयी- अश्वघोष
- भारत का प्रथम राजनीतिक ग्रंथ किसे माना जाता है- अर्थशास्त्र
- पुष्यमित्र शुंग द्वारा किए गए अश्वमेध यज्ञ की जानकारी किस पुस्तक से ज्ञात होता है-महाभाष्य
- विशाखदत्त द्वारा रचित नाटक जिसके द्वारा नंद एवं मौर्य वंश के बारे में जानकारी प्राप्त होती है- मुद्राराक्षस
- पाणिनी द्वारा रचित अष्टाध्यायी किस प्रकार का ग्रंथ है- संस्कृत व्याकरण ग्रंथ
- पाणिनी द्वारा रचित अष्टाध्यायी पर विस्तृत टीका की रचना किसके द्वारा की गयी- पतंजति (महाभाष्य)
- शुद्रक द्वारा रचित ग्रंथ जो गुप्त वंश की जानकारी देता है- मृच्छकटिकम
- नागानंद, रत्नावली तथा प्रियदर्शिका किसकी रचना है- हर्षवर्द्धन
- हर्षचरित के रचनाकार -वाणभट्ट
- ऐतिहासिक रचनाओं में सर्वाधिक महत्व वाला ग्रंथ राजतरंगिणी के रचनाकार- कल्हण
- राजतरंगिणी से किन राजाओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है- कश्मीर
- संस्कृत भाषा में रचित वह पुस्तक जिसमें ऐतिहासिक घटनाओं का क्रमबद्ध विवरण प्राप्त होता है- राजतरंगिणी
- कीर्ति कौमुदी- सोमेश्वर
- पृथ्वीराज विजय- जयनाक
- कुमारपाल चरित - हेमचन्द्र
- भारत पर होने वाले यवन आक्रमण का उल्लेख किस पुस्तक में मिलता है- गार्गी संहिता (ज्योतिष ग्रंथ)
- मेरूतुंगाचार्य द्वारा रचित महत्वपूर्ण जैन ग्रंथ- प्रबंध चिंतामणी
विदेशी यात्रियों का विवरण
- इतिहास के पिता हेरोडोटस ने अपनी पुस्तक हिस्टोरीका में भारत के साथ किस देश के संबंध का वर्णन किया है- फारस
- ‘भारत का भूगोल’ पुस्तक की रचना किसके द्वारा की गयी-टॉलमी
- इंडिका का रचनाकार मेगास्थनीज किसके दरबार में आया था- चंद्रगुप्त मौर्य
- प्रथम शताब्दी
के भारतीय बंदरगाहों तथा व्यापारिक जानकारी देनेवाली पुस्तक मानजी जाती है– ‘पेरीप्लस ऑफ द इरिथ्रयन सी’
- प्लिनी की ‘नेचुरलिस हिस्टोरिका’ भारत के साथ किस देश के संबंधों की जानकारी देता है- इटली
- सीरिया नरेश एंटीयोकस प्रथम का राजदूत डाइमेकस किसके दरबार में आया था- बिंदुसार
- अशोक के दरबार में आनेवाला मिस्र के शासक टॉलमी फिलेडल्फस का दूत कौन था- डायोनिसियस
- गुप्त शासक चन्द्रगुप्त द्वितीय के समय भारत आनेवाला चीनी यात्री फाहियान ने अपने विवरण में भारत के किस क्षेत्र की प्रजा को सुखी तथा समृद्ध बताया –मध्य प्रदेश
- किसके यात्रा विवरणों के माध्यम से हमें हर्षकालीन धर्म तथा राजनीति की जानकारी मिलती है- हे्नसांग
- 9वीं शताब्दी में भारत आनेवाला अरबी लेखक जिसने पाल तथा प्रतिहार शासकों के बारे में लिखा- सुलेमान
- सिलसिला उत्तवारीख किसकी रचना है- सुलेमान
- महमूद गजनवी के साथ भारत आने वाले यात्री अलबरुनी ने किस पुस्तक की रचना की- किताब-उल-हिंद (तहकीक-ए-हिंद)
- महयल जहान के लेखक- अलमसूदी
- अरबी भाषा में रचित रेहला यात्रा-वृतांत किसकी रचना है- इब्नबतूता
पुरातत्व संबंधी साक्ष्य
- सिक्कों का अध्ययन क्या कहलाता है- न्यूमिसमेटिक्स
- प्राचीनतम सिक्कों को क्या कहा जाता है- आहत सिक्के (पंचमार्क)
- जिन सिक्कों या मुद्राओं पर कोई लेख नहीं होता केवल आकृतियां होती थी उनको क्या कहा जाता था- आहत/पंचमार्क सिक्के
- सिक्कों पर लेख तथा तिथियां लिखने का कार्य सबसे पहले किसने किया- यवन शासकों ने
- सबसे ज्यादा सिक्के किन शासकों द्वारा जारी किए गए- मौर्य शासक
- सर्वाधिक मात्रा में सोने के सिक्के जारी करने वाले शासक- गुप्त वंश
- सर्वाधिक सोने के शुद्ध सिक्के जारी करने वाला वंश- कुषाण
- शीशे के सिक्के किसके द्वारा जारी किए गए- सातवाहन
- दक्षिण भारत स्थित वह स्थान जो भारत एवं रोम के बीच घनिष्ठ संबंध का प्रमाण देता है – अरिकामेडू
- किस शासक के सिक्कों में उसे वीणा बजाते हुए दिखाया गया है- समुद्रगुप्त
- चीन का प्रथम इतिहास लेखक किसे माना जाता है- शुमाचीन
- संस्कृत भाषा का प्रथम अभिलेख – रुद्रदामन का जूनागढ अभिलेख
- किस अभिलेख से हर्ष एवं पुलकेशिन द्वितीय के बीच युद्ध की जानकारी प्राप्त होती है – ऐहोल अभिलेख
- चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम का उल्लेख करनेवाला प्रथम अभिलेख- रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख
- अभिलेखों का अध्ययन क्या कहलाता है-इपीग्राफी
- सती प्रथा का प्रथम प्रमाण कहां से प्राप्त होता है- भानुगुप्त के एरण अभिलेख से
- किस अभिलेख से भारत पर होनेवाले हूण आक्रमण की जानकारी प्राप्त होती है- भीतरी अभिलेख
- बोगाज़कोई अभिलेख क्यों महत्वपूर्ण है- यहां से प्राप्त अभिलेखों में वैदिक देवताओं-देवियों का वर्णन है
- प्राचीन भारत में दुर्भिक्ष (अकाल) की जानकारी देनेवाला अभिलेख- सौहगौरा अभिलेख
- प्राचीन काल में मूर्तियों का निर्माण सबसे प्रारंभ होता है- कुषाण काल से
- मध्य भारत में भागवत धर्म के विकसित होने का प्रमाण किस यवन राजदूत के स्तंभ लेख से प्राप्त होता है- हेलियोडोरस के विदिशा गरुड़ स्तंभ लेख से
- भागवत धर्म की जानकारी देने वाला अभिलेख कौन सा है –विदिशा का गरुड स्तंभ अभिलेख
अभिलेख |
संबंधित शासक |
हाथीगुम्फा अभिलेख |
खारवेल (कलिंग) |
जूनागढ़ अभिलेख |
रूद्रदामन |
जूनागढ अभिलेख |
स्कंदगुप्त |
भितरी अभिलेख |
स्कंदगुप्त |
नासिक अभिलेख |
गौतमी बलश्री |
प्रयाग प्रशस्ति- |
समुद्रगुप्त |
ऐहोल अभिलेख |
पुलकेशिन II |
मंदसौर अभिलेख |
यशोवर्मन |
ग्वालियर अभिलेख |
भोज
(प्रतिहार) |
देवपाड़ा अभिलेख |
विजयसेन |
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