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Jul 19, 2022

बिहार में ऊर्जा (बिजली) संसाधन

 

बिहार में ऊर्जा (बिजली) संसाधन

बिहार की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है इसलिए बिहार में ऊर्जा क्षेत्र/बिजली संसाधन का विकास सुनिश्चित करना आवश्यक था । राज्य सरकार के विकास संबंधी 7 बुनियादी निश्चय को व्यक्त करने वाले सात निश्चय-1 2015-20  के तहत हर घर बिजली इसका तीसरा  घटक  थी और इस लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है।

 


 बिहार ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियां

    1. ऊर्जा के प्राकृतिक संसाधनों की कोयला, तेल की अनुपलब्धता।
    2. बिजली की पर्याप्त एवं विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना।
    3. बिजली की उत्पादन की अपेक्षा तीव्र गति से बढ़ती मांग ।
    4. स्वच्छ उर्जा जैसे जलविद्युत, पवन ऊर्जा की अपेक्षाकृत सीमित उपलब्धता ।
    5. पूर्ण विद्युतीकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बढ़ती मांग को पूरी करना ।
    6. राज्य में बढ़ता औद्योगिकरण एवं उपभोक्तावाद के कारण बढ़ती बिजली की मांग। 

बिहार में बिजली संबंधी परिदृश्य  

    1. बिहार में बिजली की अनुमानित चरम मांग में पिछले 6 वर्षों में 71% से अधिक की वृद्धि हुई और यह 2014-15 के 3500 मेगावाट से 2020-21 में 5995 मेगावाट हो गई है ।
    2. राज्य में ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत 2014-15 के 203 किलोवाट आवर से बढ़कर  2020 में 350 किलोवाट आवर हो गई है  जो 6 वर्षों में 72.4% की दर से आती है।
    3. वर्ष 2014-15 में बिहार में बिजली की लगभग 19% की पीक डेफिसिट थी जो 2019-20 में घटकर शून्य हो गयी।
    4. बिजली की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में 20  से 22 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 23  से 24 घंटे हो गई है।
    5. सात निश्चय -1 के तहत सभी 1.06 लाख ग्रामीण टोलों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य अक्टूबर 2018 में ही पूर्ण हो गया ।
    6. बिजली की कुल खपत में पिछले 4 वर्षों में 45% से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई और यह वर्ष 2016-17 के 2.16  हजार करोड़ यूनिट से बढ़कर 2020-21 में बढ़कर 3.14 हजार करोड़ यूनिट हो गई।
    7. बिजली की खपत में बिहार के जिलों में विविधता है  वर्ष 2020-21 में जहां पटना में 521.1 करोड़ यूनिट बिजली की खपत थी वहीं दूसरी ओर  शिवहर, अरवल, शेखपुरा जैसे जिले भी है जहां बिजली की खपत 25 करोड़ यूनिट से भी कम रही।
    8. वर्तमान में बिहार में बिजली के 169.45 लाख उपभोक्ता है जबकि वर्ष 2019-20 में इनकी संख्या 158.77 लाख थी ।

बिजली का उत्पादन

बिहार में विगत कुछ वर्षों में बिजली की उपलब्धता में निरंतर वृद्धि देखी गयी है। मार्च 2020 तक राज्य में कुल 6073 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता थी जो 5.8% बढ़कर मार्च 2021 में 6422 मेगावाट हो गयी।

मार्च 2020 से मार्च 2021 की अवधि में कोयला ताप विद्युत गृह में 3.3% जलविद्युत में 3.2% और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में 31.1% उत्पादन क्षमता बढ़ी है।

स्वामित्व के अनुसार मार्च 2021 में सर्वाधिक 85% हिस्सा केन्द्रीय क्षेत्र, 14% निजी एवं स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों का और 1% हिस्सा राजकीय क्षेत्र का था।

वर्तमान में राज्य सरकार की 2 विद्युत उत्पादन इकाइयां बरौनी ताप विद्युत केन्द्र एवं कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड है  । इसके अलावा तीन और उतपादन इकाइयों का कार्य प्रगति पर है  जिसमें नबीनगर संयत्रबक्सर विद्युत परियोजना  और बाढ़ ताप विद्युत परियोजना।

बिजली की जरूरत का अनुमान

बिहार सरकार ने सात निश्चय 1 के तहत हर घर बिजली का निश्चय किया था  तथा इस लक्ष्य को अक्टूबर 2018 में ही हासिल कर लिया था।

अगले चरण में  मिशन मोड पर नए पंपसेट और डीजल वाले पुराने पंपसेट सभी को बिजली के कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं 

वर्तमान में घरेलू क्षेत्र बिजली का सबसे बड़ा उपभोक्ता है लेकिन आनेवाले समय में नए उपभोक्ताकृषि उपभोक्ता तथा औद्योगिकरण के कारण बिजली की मांग में तेज उछाल आएगा और वर्ष 2023-24 तक सभी उपभोक्ताओं की बिजली जरुरत 3.26 हजार करोड़ यूनिट होने का अनुमान है।

गत दशक में बिजली की उपलब्धता में काफी सुधार के बावजूद मांग चरम आपूर्ति से ज्यादा रही। वर्ष 2019-20 में बिजली की अनुमानित मांग 5868 मेगावाट थी जो 2020-21 में 2.5% बढ़कर 6016 मेगावाट हो गई । इसी प्रकार वर्ष 2023-24 तक बिहार में बिजली की मांग अनुमानित मांग 7521 मेगावाट हो जाने का अनुमान है।

बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरी करने के लिए 2023-24 तक विभिन्न स्रोतों से 6607  मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने की योजना राज्य सरकार बना चुकी है जिसके तहत निम्न स्रोतों से इस मांग की पूर्ति की जाएगी ।

      1. राज्य के उत्पादन केंद्र ।
      2. केंद्रीय उत्पादन केंद्र।
      3. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत ।
      4. प्रतिस्पर्धा बोलियों के माध्यम से दीर्घकालिक एवं मध्यकालिक खरीद समझौते।

बिजली के अतिरिक्त क्षमता  नई या निर्माणाधीन परियोजनाओं से या आधुनिकीकरण वाली पुरानी परियोजनाओं से उपलब्ध होगी । वर्ष 2023-24 तक  बिहार में बिजली की कुल उपलब्ध क्षमता 13029 मेगावाट  हो जाने की आशा है जिसमें 69.3% पारंपरिक बिजली और शेष 30.7% गैर पारंपरिक बिजली होगी।

बिहार में अतिरिक्त उत्पादन क्षमता उपलब्ध होने से बिजली की उपलब्धता में होने वाली चरम कमी 2021-22 में दूर हो गई और 0.8 प्रतिशत अधिशेष बिजली उपलब्ध हुई।

आप बिहार में ऊर्जा क्षेत्र/बिजली संसाधन संबंधी पोस्‍ट को पढ़ रहे है जो बिहार लोक सेवा आयोग तथा अन्‍य परीक्षाओं हेतु अत्‍यंत उपयोगी है । आनेवाले दिनों में इसी प्रकार के पोस्‍ट आप पढ़ सकते हैं ।

बिहार में विद्युत क्षेत्र के केन्द्र सरकार के कार्यक्रम

ग्रामीण विद्युतीकरण - दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

इस योजना के तहत राज्य के 38 जिलों में ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है और सभी गांव टोलो का पूर्ण विद्युतीकरण हो चुका है।

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)

पुनर्गठित त्वरित विद्युत विकास एवं सुधार कार्यक्रम

पूरे राज्य में विद्युत आपूर्ति के साधन का दायरा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य में कई कार्यक्रमों का क्रियान्वयन शुरू किया जिसमें उपरोक्त तीनों कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं।

 

वर्तमान में चल रहे केन्द्र सरकार के  कार्यक्रम

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

समेकित विद्युत विकास योजना

समेकित विद्युत विकास योजना का क्रियान्वयन बिहार के 133 शहरों में किया जा रहा है  इसका उद्देश्य उपसंचरण और वितरण नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण, सरकारी भवनों पर सोलर पैनल लगाना, फीडरों/ वितरण ट्रांसफर्मरों/उपभोक्ताओं के यहा मीटर लगाना , शहरी क्षेत्रों में वितरण प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल है।

तत्काल आंकड़ा अधिग्रहण प्रणाली

इसका उद्देश्य विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु उपयुक्त प्रशासनिक कार्रवाई करने में विद्युत वितरण कंपनियों को सहयोग देना ।

आवासीय छत आधारित सौर परियोजना

विशेष योजना ( पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि)

पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि  के तहत वित्तपोषित  विशेष योजना विकास के द्वारा क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने हेतु बनायी गयी है।


बिहार में विद्युत क्षेत्र के बिहार  सरकार के कार्यक्रम

बिहार स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग

मीटर रिडिंग, बिल भुगतान, बिजली चोरी की समस्या के समाधान आदि हेतु स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं । सितम्बर 2021 तक प्रीपेड कार्यक्षमता से युक्त 2.76 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।

औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए स्थाई शुल्क की माफी

बिहार में कोविड-19 महामारी तथा लॉकडाउन  राज्य सरकार ने 2 जून 2020 में राज्य के औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए अप्रैल-मई 2020 का स्थित शुल्क पूरी तरह माफ कर देने की स्वीकृति दी

वितरण लाइनों का जीर्णोद्वार एवं आधुनिकीकरण

विद्युत अधिसंरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु  पुरानी बिजली लाइनों और जीर्णशीर्ण कंडक्टरों, खंबों, इंसुलेटर को बदलने की योजना ।

कहलगांव एवं कांटी शहरों में व्यवस्था का सुदृढीकरण के तहत वितरण ट्रांसफर्मर, पावर ट्रांसफरर्मर बदलना जैसे कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना

बिहार सरकार द्वारा कृषि कार्य हेतु कनेक्शन देने और स्थाई अधिसंरचना उपलब्ध कराने के लिए 2020 में मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंधी योजना स्वीकृत किया गया।

कृषि कार्यों हेतु बिजली देने का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत शुरू हुआ । इस योजना के तहत  अधिसंरचना निर्माण, बिजली के कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे  थे लेकिन बड़ी संख्या में कृषि कनेक्शन के आवेदन आने के कारण यह योजना अपर्याप्त हो गई।

अतः बिहार सरकार द्वारा इस दिशा में कृषि कार्य हेतु कनेक्शन देने और स्थाई अधिसंरचना उपलब्ध कराने के लिए 2020 में मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंधी योजना स्वीकृत किया गया।


बिहार में बिजली क्षेत्र में हाल में हुए विकास

 

बिहार स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग

बिहार में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिल  तैयार करने, भुगतान  प्राप्त करनेगलत बिलिंग, उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान नहीं करना, बिजली चोरी जैसी समस्याएं आम रही हैं  जिसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने की दिशा में कार्य किया जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।

 

SMS द्वारा जानकारी

बिहार सरकार द्वारा आरंभ की गयी पहले के तहत अब मिस्ड कॉल करने पर SMS द्वारा बिजली बिल की रकम, देय तिथि आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

 

सुविधा एप

बिजली संबंधी सेवाओं को सुगम बनाने हेतु सुविधा नामक एप को विकसित किया गया है जो ऑनलाइन बिल भुगतान, बिजली बिल डाउनलोड करना, शिकायतों, बिजली चोरी सूचना आदि शमिल है।

 

मीटर रिप्लेसिंग एप

मीटर बदलने के कार्य और बिलिंग प्रक्रियाओं में तेजी लाने हेतु मीटर रिप्लेसिंग एप को लाया गया है।  

 

जीपीएस आधारित सर्वेक्षण

विद्युत परिसंपतियों का की देखदेख हेतु GPS आधारित सर्वेक्षण तथा जियो टैगिंग। 

 

बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (ब्रेडा)

स्वच्छ ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं को बढ़ावा देने हेतु बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (ब्रेडा) नामक अभिकरण बनाया गया है। यह जल जीवन हरियाली एवं अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने संबंधी परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है।  

उपभोक्ता सुविधा सेवाएं

उपभोक्ताओं को नीतिगत मामलों पर अपडेट रखने, विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु सोशल मीडिया का उपयोग । टॉल फ्री नम्बर 1912 पर शिकायत दज निवारण की सुविधा ।

                     

                              बिहार में विद्युत क्षेत्र में हुए हालिया विकास

                    बिल संग्रहण की दिशा में सुधार हेतु बिहार स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग व्यवस्था  ।

                    मिस्ड कॉल करने पर SMS के द्वारा बिल संबंधी जानकारी

                    बिजली क्षेत्र में सुधार हेतु विशेष कार्य बल का गठन।

                    सुविधा मोबाईल एप उपभोक्ताओं तक सेवाओं को सुगमतापूर्वक पहुंचाने हेतु।

                    बिजली की गुणवत्ता तथा आपूर्ति में सुधार हेतु रियल टाइम डेटा एक्वीजीशन सिस्टम का विकास

                    विद्युत परिसंपततियों का GPS आधारित सर्वेक्षण।

                    सुरक्षा संबंधी सर्वोत्तम व्यवहार हेतु ISO-27001 का क्रियान्वयन।


बिहार एवं बिजली क्षेत्र में आए सकारात्मक बदलाव

 

बिहार में हाल के वर्षों में हासिल विकास की गति को बनाए रखने हेतु तथा उसके कारण बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिहार सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए जिसके फलस्वरूप बिहार में विद्युत क्षेत्र में अनेक सकारात्मक बदलाव आए है जिसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है।

 

    1. बिहार विद्युत वितरण कंपनियां के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार आया और वर्ष 2019-20 में वित्तीय घाटा 2017-18 के 21.4% से घट कर 15.4% रह गया।
    2. हाल के वर्षों में राज्य सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनासमेकित विद्युत विकास योजना और सौभाग्य जैसे कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सभी परिवारों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु गंभीर प्रयास किए गए हैं।
    3. 7 निश्चय के हर घर बिजली योजना के तहत बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार बिजली पहुंचाने में सफल रही। बिहार सरकार ने अक्टूबर 2018 में राज्य के 1.40 करोड़ इच्छुक परिवारों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
    4. बिहार सरकार द्वारा अगले चरण के तहत नए कृषि पम्पसेटों, डीजल वाले पुराने पम्पसेटों, सभी को बिजली कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है।
    5. सभी उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाने के साथ बिल निर्माण और संग्रहण व्यवस्था में सुधार ।
    6. उत्पादन क्षमता में वृद्धि, विद्युत व्यवस्था में सुधार तथा ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को जोड़ने के अलावा बिहार की  विद्युत वितरण कंपनियां के प्रदर्शन में सुधार जैसे सकारात्मक बदलावों को देखा जा सकता है।

 

बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (ब्रेडा)

            स्वच्छ ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं को बढ़ावा देने हेतु बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (ब्रेडा) नामक अभिकरण बनाया गया है। यह जल जीवन हरियाली एवं अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, सौर सड़क प्रकाश व्यवस्था, ऑफ ग्रिड हाइब्रिड रुफटॉफ सौर ऊर्जा और तैरता सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने संबंधी परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है।  


नवीकरणीय ऊर्जा हेतु बिहार सरकार के प्रयास

बिहार में जलविद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (ब्रेडा) बनाया गया है जो राज्य में गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के परियोजनाओं के विकास हेतु उत्तरदायी है। बिहार सरकार द्वारा ब्रेडा को आवश्यक सब्सिडी और वित्तीय धनराशि उपलब्ध करायी जाती है।

    1. ब्रेडा द्वारा जल जीवन हरियाली योजना एवं अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं के तहत ग्रिड-संपर्कित रूफटाप सौर ऊर्जा संयत्र लगाने से संबंधित परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
    2. नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग तथा ऊर्जा की बचत पर बल देने हेतु जल, जीवन हरियाली मिशन संचालित किया जा रहा है।
    3. जन जागरुकता हेतु प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल, जीवन, हरियाली दिवस मनाने का संकल्प लिया गया है। इसमें जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति जागरुकता, सौर ऊर्जा के उपयोग, सौर ऊर्जा के प्रोत्साहन, महत्व आदि जैसे विषयों पर परिचर्चा होती है।
    4. जल जीवन हरियाली योजना के तहत संपूर्ण बिहार के स्वास्थ्य केन्द्रों, प्रखंड कार्यालयों, पंचायत भवनों, विद्यालयों में सौर ऊर्जा रूफटॉप सोलर विद्युत संयत्र लगाए जा रहे हैं।
    5. बिहार में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु वैकल्पिक ऊर्जा नीति 2017 लायी गयी तथा ऊर्जा क्षेत्र में निवेश हेतु प्रयास कर रही है।  
    6. नवीकरणीय ऊर्जा के तहत सौर, बायोमास और छोटी पनबिजली परियोजनाओं द्वारा बिहार सरकार ने 2022 तक लगभग 3400 मेगावॉट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।
    7. मुख्यमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय योजना के तहत सोलर वाटर पम्प सिस्टम लगाया जा रहा है।
    8. जल विद्युत परियोजनाओं में खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु ब्रेडा द्वारा परियोजना तैयार किया जा रहा है।


बिहार राज्य जलविद्युत निगम लिमिटेड

बिहार में अभी 13 जलविद्युत परियोजनाएं चालू है जिनकी कुल स्थापित क्षमता 54.3 मेगावाट है। इसके अलावा 11 और परियोजनाओं पर काम प्रगति पर है। बिहार राज्य जलविद्युत निगम राज्य में निम्न परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशने में भी लगा हुआ है।

 

    1. डगमारा जलविद्युत परियोजना 130 मेगावाट
    2. इन्द्रपुरी जलविद्युत परियोजना 190 मेगावाट
    3. गंडकबूढ़ी गंडक और महानंदा नदी बेसिन परियोजना

 

बिहार एवं बिजली क्षेत्र

बिहार में हाल के वर्षों में हासिल विकास  की गति को बनाए रखने हेतु तथा उसके कारण बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिहार सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए जिसके फलस्वरूप बिहार में विद्युत क्षेत्र में अनेक सकारात्मक बदलाव आए है।

  1. बिहार में बिजली की अनुमानित चरम मांग में पिछले 6 वर्षों में 71% से अधिक की वृद्धि हुई और यह 2014-15 के 3500 मेगावाट से 2020-21 में 5995 मेगावाट हो गई है ।
  2. राज्य में ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत 2014-15 के 203 किलोवाट आवर से बढ़कर  2020 में 350 किलोवाट आवर हो गई है  जो 6 वर्षों में 72.4% की दर से आती है।
  3. बिजली की खपत में बिहार के जिलों में विविधता है  वर्ष 2020-21 में जहां पटना में 521.1 करोड़ यूनिट बिजली की खपत थी वहीं दूसरी ओर  शिवहर, अरवल, शेखपुरा जैसे जिले भी है जहां बिजली की खपत 25 करोड़ यूनिट से भी कम रही।
  4. वर्तमान में बिहार में बिजली के 169.45 लाख उपभोक्ता है जबकि वर्ष 2019-20 में इनकी संख्या 158.77 लाख थी ।

बिहार सरकार के प्रयास

हाल के वर्षों में राज्य सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनासमेकित विद्युत विकास योजना  और सौभाग्य जैसे कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सभी परिवारों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु गंभीर प्रयास किए गए हैं।

  1. मीटर रिडिंग, बिल भुगतान, बिजली चोरी की समस्या के समाधान आदि हेतु स्मार्ट प्रीपेड मीटर की व्यवस्था ।
  2. सात निश्चय-1 के तहत हर घर बिजलीतीसरा  घटक  थी । बिहार सरकार ने अक्टूबर 2018 में राज्य के 1.40 करोड़ इच्छुक परिवारों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
  3. बिहार सरकार द्वारा अगले चरण के तहत नए कृषि पम्पसेटों,डीजल वाले पुराने पम्पसेटों, सभी को बिजली कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है।
  4. कृषि कार्य हेतु कनेक्शन देने और स्थाई अधिसंरचना उपलब्ध कराने हेतु 2020 में मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना स्वीकृत किया गया।
  5. विद्युत अधिसंरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु  पुरानी बिजली लाइनों और जीर्णशीर्ण कंडक्टरों, खंबों, इंसुलेटर को बदलने की योजना ।
  6. कहलगांव एवं कांटी शहरों में व्यवस्था का सुदृढीकरण के तहत वितरण ट्रांसफर्मर, पावर ट्रांसफरर्मर बदलना जैसे कार्य
  7. वर्तमान में घरेलू क्षेत्र बिजली का सबसे बड़ा उपभोक्ता है लेकिन आनेवाले समय में नए उपभोक्ता, कृषि उपभोक्ता तथा औद्योगिकरण के कारण बिजली की मांग में तेज उछाल आएगा और वर्ष 2023-24 तक सभी उपभोक्ताओं की बिजली जरुरत 3.26 हजार करोड़ यूनिट होने का अनुमान है।

नोट- ज्यादा जानकारी हेतु बिहार आर्थिक समीक्षा 2021-22 नोट्स का अवलोकन करें

 

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