प्रश्न- भारतीय राजनीति एवं समाज में बढ़ती महिला सहभागिता तथा महिला आरक्षण अधिनियम, 2023 (नारीशक्ति वन्दन अधिनियम, 2023) पर प्रकाश डालते हुए, इसके क्रियान्वयन से भारतीय समाज में होने वाले सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिवर्तनों का विश्लेषण कीजिए। 38
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उत्तर- भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी एक सतत
प्रक्रिया रही है। पंचायतों में 33% आरक्षण के बाद जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व के
सकारात्मक परिणाम सामने आए और शिक्षा,
स्वास्थ्य
और
महिला
सुरक्षा
पर
प्राथमिकता
बढ़ी। हांलाकि संसद (लगभग 14%) और राज्य विधानसभाओं (औसतन 9%) में प्रतिनिधित्व अभी भी वैश्विक औसत (26.5%) से काफी कम है। इसी पृष्ठभूमि में महिला आरक्षण अधिनियम, 2023 (नारीशक्ति
वंदन अधिनियम) एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में पारित हुआ जिसमें निम्न
प्रावधान किया गया: -
- लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
- यह आरक्षण अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा।
- प्रावधान अगली जनगणना व परिसीमन के बाद लागू होंगे और 15 वर्षों तक प्रभावी रहेंगे।
भारत में महिला मतदाता संख्या पुरुषों के लगभग बराबर
है, परंतु राजनीतिक प्रतिनिधित्व अभी भी सीमित है। यदि इस
कानून को लागू किया जाता है तो यह
भारतीय समाज में व्यापक परिवर्तन ला सकता है जिसे निम्न प्रकार समझ सकते हैं।
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सामाजिक परिवर्तन
- महिलाओं की नीति-निर्माण में सीधी भागीदारी बढ़ेगी, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर अधिक फोकस होगा।
- लैंगिक समानता को प्रोत्साहन मिलेगा और बाल विवाह, दहेज, घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश लगेगा ।
- पंचायत स्तर के अनुभव बताते हैं कि महिला प्रतिनिधि सामाजिक सुधार में सक्रिय रही हैं।
आर्थिक परिवर्तन
- महिला नेतृत्व से महिला शिक्षा, उद्यमिता और कौशल विकास को प्राथमिकता मिलेगी।
- स्वयं सहायता समूह (SHGs) व वित्तीय समावेशन योजनाओं को बल मिलेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी।
- अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों से स्पष्ट है कि महिला नेतृत्व वाली सरकारें मानव पूंजी निवेश पर अधिक ध्यान देती हैं।
राजनीतिक परिवर्तन
- संसद व विधानसभाओं में लैंगिक संतुलन आएगा, जिससे निर्णय-प्रक्रिया में विविधता बढ़ेगी।
- राजनीतिक दलों को महिला प्रशिक्षण, उम्मीदवार चयन और नेतृत्व विकास पर फोकस करना होगा।
- महिलाओं की राजनीतिक दृश्यता बढ़ने से अगली पीढ़ी में राजनीतिक भागीदारी की प्रेरणा बढ़ेगी।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि महिला आरक्षण
अधिनियम,
2023 भारतीय
लोकतंत्र
में
समावेशी
और
संरचनात्मक
सुधार
की
दिशा
में
ऐतिहासिक
कदम
है।
इससे
सामाजिक
समानता,
आर्थिक
भागीदारी
और
राजनीतिक
विविधता
में
वृद्धि
होगी।
हालांकि,
प्रभावी
क्रियान्वयन,
और
राजनीतिक
इच्छाशक्ति
ही
इसके
दीर्घकालिक
परिणाम
तय
करेंगे।
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