GK BUCKET is best for BPSC and other competitive Exam preparation. gkbucket, bpsc prelims and mains, bpsc essay, bpsc nibandh, 71th BPSC, bpsc mains answer writing, bpsc model answer, bpsc exam ki tyari kaise kare

Jul 19, 2022

बिहार में श्रम रोजगार तथा प्रवास

 

श्रम रोजगार तथा प्रवास

 



बिहार की अर्थव्यवस्था की विशेषता

    1. कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था 
    2. कम उत्पादक और कम विविधिकृत कृषि क्षेत्र की निरंतरता ।
    3. ऐतिहासिक रूप से प्रतिकूलता ग्रस्त अर्थव्यवस्था।
    4. कम  लाभप्रद छोटे सेवा क्षेत्र की निरंतरता।
    5. रोजगार सृजन के मामले में पिछड़ापन।
    6. बहुल जनसंख्या का रोजगार हेतु अंतरराज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पलायन 

 

बिहार में महिला श्रम सहभागिता- प्रमुख तथ्य

    1. भारत के राज्यों में सबसे कम महिला श्रम शक्ति सहभागिता बिहार में है जो ग्रामीण क्षेत्रों में 4.0% तथा शहरी क्षेत्रों में 6.5% है जो वर्ष 2018-19  संपूर्ण भारत के औसत (26.4- ग्रामीण)  तथा (20.4- शहरी) से काफी कम है।
    2. बिहार में महिला श्रम शक्ति सहभागिता दर कम होने का प्रमुख कारण महिलाओं के कार्य की परिभाषागत जटिलता रही है जिसने श्रम शक्ति में महिलाओं के कम गिनती की समस्या को बढ़ाया है।
    3. पुरुष और महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात दृष्टि से देखा जाए तो देश के प्रमुख राज्यों के बीच बिहार में सबसे कम महिला श्रम है इसके अलावा बिहार में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात अत्यंत कम है।
    4. बिहार में पुरुषों और महिलाओं दोनों को अधिकांश रोजगार प्राथमिक क्षेत्र में मिल रहा है। कृषि वानिकी, मत्स्यन क्षेत्र में 47.9% पुरुष तथा 66.8% महिला श्रमिक नियोजित थी ।
    5. सूचना एवं संचार, वित्तीय एवं बीमा कार्य, पेशेवर, वैज्ञानिक और तकनीकी कार्य आदि अति लाभप्रदाता कार्यों में पुरुष श्रमिकों की भागीदारी बहुत कम थी वहीं महिला श्रमिकों के लिए कृषि, वानिकी मत्स्यन के बाद 16.7% के साथ शिक्षा क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार प्रदाता था । शिक्षा के अलावा किसी भी अति लाभप्रद सेवा प्रदाता क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी अत्यंत कम थी।


राज्य सरकार द्वारा श्रमिक कल्याण हेतु किए गए उपाए

बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना

वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने बंधुआ मजदूर पुनर्वास की केन्द्र प्रायोजित योजना को शोधित करके लागू किया। इसके तहत मुक्त किए गए बंधुआ मजदूरों को पुनर्वास हेतु वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा भूखंडों का आवंटन, किफायती आवासीय इकाइयों का प्रावधान, पशु संसाधन की खरीद, रोजगार सृजन, बच्चों की शिक्षा, लक्षित जन वितरण प्रणाली के द्वारा आवश्यक वस्तु आपूर्ति जैसी व्यवस्थाएं भी शामिल है।


बाल मजदूर

राज्य में मुक्त कराए गए बाल मजदूर के पुनर्वास हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष के द्वारा वित्तीय सहायता उपलबध करायी जाती है। वर्ष 2019-20 में 664 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया तथा 174 बाल मजदूरों का पुनर्वास कराया गया।


बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना 2011

इस योजना का क्रियान्वयन जिला दंडाधिकारी द्वारा किया जाता है। इसमें राज्य सरकार कारीगरों एवं अन्य असंगठित क्षेत्र में लगे मजदूरों को वित्तीय सहायता तथा दुर्घटनाओं में वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराती है।


निर्माण मजदूर

बिहार भवन एवं अन्य सन्निमार्ग कामगार (रोजगार एवं सेवा शर्त विनियमन) नियमावली 2005 को वर्ष 2016 में संशोधित किया गया।इसके तहत राज्य सरकार द्वारा बिहार भवन एवं सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन किया गया।

निर्माण मजूदरों के कल्याण योजनाओं के माध्यम से हेतु दुर्घटनाओं में वित्तीय सुरक्षा, मातृत्व लाभ, घर मरम्मत अनुदान, विवाह हेतु वित्तीय सहायता, औजार खरीद योजना, पारिवारिक पेंशन, चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाएं दी जाती है।


राज्य और अन्य संस्थाओं द्वारा नियुक्ति

बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार तकनीकी सेवा आयोग, बेल्ट्रान, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रूसेटी) आदि अभिकरण राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और अन्य राजकीय उपक्रमों की मांग पर मानव संसाधनों की नियुक्ति प्रक्रिया आयोजित करते हैं।

 

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रूसेटी)

केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा उद्मिता विकास हेतु ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षन देने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रूसेटी) की स्थापना की गयी । इसके माध्यम से युवाओं को अपनी  जीविका हेतु स्वरोजगार एवं उद्यमिता में लगने और उत्साहित करने हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है।

 

बिहार राज्य समुद्रपार नियोजन ब्यूरो

आकांक्षी अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों को लॉजिस्टक और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने हेतु बिहार सरकार द्वारा 2010 में बिहार राज्य समुद्रपार नियोजन ब्यूरो का गठन किया गया।। यह ब्यूरो प्रवास संबंधित कानूनों की जानकारी, आवश्यक सहायता  प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ आकांक्षी की पासपोर्ट आवेदन, वीजा प्रक्रिया में मदद करता है।

 

बिहार राज्य प्रवासी श्रमिक दुर्घटना अनुदान योजना 2008

वर्ष 2016 में इस योजना में संशोधन किया गया तथा योजना का आच्छादन बढ़ाने हेतु इसमें मृत्यु के सभी मामलों के साथ-साथ स्थायी पूर्ण विकलांग्ता और स्थायी आंशिक विकलांग्ता को शामिल किया गया।

 

कौशल विकास

बिहार कौशल विकास मिशन का गठन बिहार में युवाओं के कौशल स्तर में वृद्धि के लिए व्यवस्था क्षमता और सामर्थ्य का विस्तार करना है। बिहार सरकार के 16 विभाग प्रत्यक्ष रूप से इस मिशन से जुड़े हुए है ।

कौशल वृद्धि कार्यक्रम के मॉडल में क्षमता निर्माण, मानकीकृत प्रक्रियांए मूल्यांकन एवं प्रमाणन, प्रशिक्षण गुणवत्ता सुनिशचित करना, प्रशिक्षणोत्तर नियोजन, प्रवास सहयोग सर्वोत्तम व्यवहारों पर आधारित नवाचारी कौशल विकास रणनीतियों पर बल दिया गया है।

2019-20 इस वर्ष बिहार सरकार द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों अधिसंरचना विकास पर बजटीय आवंटन में वर्ष 2018-19 की अपेक्षा 115% ज्यादा आवंटन किया है।

 

कोविड 19 एवं रोजगार एवं जीविका संकट से निपटने हेतु राज्य सरकार के प्रयास

कोविड 19 महामारी फैलने के कारण देश में उद्योगों, उत्पादन इकाईयों, कार्यशालाओं, निर्माण स्थलों के बंद होने से श्रमिक रोजगार एवं जीविका संकट आ गया । लॉकडाउन की अवधि के दौरान देश के विभिन्न भागों से लगभग 20 लाख प्रवासी बिहार लौटे। इनमें सर्वधिक 3.7 लाख प्रवासी गुजरात से लौटे इसके बाद महाराष्ट्र तथा पंजाब से। इस प्रकार महामारी के दौरान श्रमिक रोजगार एवं जीविका संकट से निपटने हेतु राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए गए 

    1. अन्य राज्यों से लौटने वाले 20 लाख से भी ज्यादा श्रमिकों के निबंधन, जांच, परिवहन, घर वापसी ओर कैरेंटाइन की व्यवसथा की गयी। इसके अलावा आवश्यकतानुसार भोजन के पैकेट, पेयजल, सेनेटाइजर, मास्क आदि उपलब्ध कराए गए।
    2. सरकार द्वारा कोविड जोन (लाल, नारंगी और हरे) से आनेवाले यत्रियों की अलग-अलग सूची बनाकर उनको आवश्यक कैरेंटाइन केन्द्रों में भेजा गया तथा दवा, चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलबध करायी गयी।
    3. अन्य राज्यों से लौटने वाले श्रमिकों में से प्रत्येक को राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत कोरोना सहायता एप के माध्यम से 1000 रू. की वित्तीय सहायता भी दी गयी। इस सहायता को पाने हेतु 29 लाख से भी धिक लोगों ने अपना निबंधन कराया।
    4. श्रम संसाधन विभाग के भवन एवं अन्य सन्निमार्ण श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा निबंधित निर्माण मजदूरों हेतु कोविड 19 विशेष अनुदान योजना आरंभ की गयी।
    5. सितम्बर 2020 में राज्य सरकार ने प्रत्येक निर्माण मजदूर के लिए रु. 2000 के अनुदान की घोषणा की गयी। इस प्रकार सितम्बर 2020 के अंत तक 11,07,696  निबंधित निर्माण मजदूरों के बीच अनुदान राशि का वितरण किया गया।
    6. निर्माण मजदूरों हेतु वार्षिक चिकित्सा सहायता योजना को कोविड-19 महामारी के दौरान उपलब्ध करा दिया गया  और इस योजना के तहत प्रति मजदूर ₹ 3000 उनके बैंक खाते में  भेजे गए।
    7. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत मजदूरों को तय अनुदान के लिए भुगतान नहीं करना पड़ेगा और 5 वर्षों के लिए अंशदान का  वहन बोर्ड द्वारा किया जाएगा।

अधिसंरचना क्षेत्र की पहल

    1. मुख्यमंत्री कौशल श्रमिक उद्यमी संकुल योजना के तहत श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने रडिमेड वस्त्र हेतु नवादा तथा शहर प्रसंस्करण हेतु गया में संकुलों की स्थापना हेतु 20. लाख रु. स्वीकृत किए गए।
    2. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी ओर शिवहर में सेनिटरी नेपकिन, लहठी और रेडीमेड वस्त्र के उत्पादपन संकुल हेतु वित्तीय सहायता के रूप में 40 लाख रू. स्वीकृत किए।
    3. कोविड काल में अप्रैल से सितम्बर 2020 के मध्य लगभग 1000 किमी सड़क नेटवर्क संबंधी कार्य में हजारों प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिला।


श्रम कानूनों में ढील

    1. बिहार औद्योगिक नियोजन (स्थाई आदेशसंशोधन नियमावली 2020 के मैनुअल में संशोधन ।
    2. संविदा श्रमिकों की सीमा 20 से बढ़ाकर 50 करने के लिए बिहार संविदा श्रमिक (विनियमन एवं उन्मूलन) नियमावली 2020 में संशोधन।
    3. बिहार औद्योगिक विवाद (संशोधन अधिनियम) 2020 में संशोधन  करते हुए 100 श्रमिक के स्थान पर 300 श्रमिकों के लिए  यह लागू किया गया।
    4. बिहार कारखान संशोधन अधिनियम 2020  में संशोधन के तहत विद्युत चालित कारखानों में कर्मचारियों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 और गैर विद्युत चालित कारखानों में 20 से बढ़ाकर 40  करने के लिए अधिनियम के प्रावधान को बदला गया 

अन्य उपाय

    1. बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना 2008 को संशोधित करके उसमें महामारी को भी जोड़ा गया 
    2. मृतक मजदूरों के आश्रितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कोविड-19 से मृत्यु को बिहार शताब्दी असंगठित मजदूर एवं कारीगर सामाजिक सुरक्षा योजना 2011 के तहत आच्छादित किया जाएगा
    3. कोविड-19 के कारण सामाजिक आर्थिक अनिश्चितता के दौर में  बच्चों को अवैध बाल व्यापार और बाल श्रम से बचाने हेतु  सरकार द्वारा सघन अभियान चलाया गया
    4. कोविड-19 के दौरान हुए लॉकडाउन में अन्य राज्य में फंसे श्रमिकों के लिए टोल फ्री नंबर शुरू किया गया जिसके जरिए  लगभग 14000 श्रमिकों को मदद और मार्गदर्शन मिला
    5. प्रवासी मजदूरों को उनके कौशल, ज्ञान के अनुसार रोजगार के बारे में मार्गदर्शन हेतु जिला स्तर पर परामर्श केंद्र ।
    6. प्रवासी श्रमिकों के लिए सरकारी निर्माण कार्यमनरेगा, कृषि एवं समवर्ती क्षेत्र आदि में रोजगार के अवसर सृजित किए गए
    7. औद्योगिक नवचार योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल और दक्षता के आधार पर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराए जाने की सरकार की योजना है
    8. कोविड-19 महामारी के दौरान अन्य राज्यों से लौटने वाले मजदूरों के खाते में मुख्यमंत्री राहत कोष से रु.1000 प्रति मजदूर अंतरित किए गए।


No comments:

Post a Comment