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Jul 18, 2022

बिहार के कृषि, खनन एवं अन्‍य उद्योग

 

बिहार के कृषि, खनन एवं अन्‍य उद्योग 

 

भारत के प्रमुख राज्यों के बीच बिहार का औद्योगिक आधार छोटा है देश के सकल निर्गत मूल्य में बिहार का महज 0.7% योगदान है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य के सकल राजकीय मूल्यवर्धन में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान स्थिर रहा है जो लगभग 20% के आसपास रहा है। भारत के स्तर पर इसका औसत लगभग 31% है जिससे स्पष्ट होता है कि राज्य में औद्योगिक क्षेत्र आर्थिक विकास का वाहक नहीं है। फिर भी पिछले कुछ वर्षों में बिहार सरकार द्वारा राज्य में अनुकूल औद्योगिक वातावरण बनाने हेतु नीतिगत उपायों को अपनाया गया तथा अनेक समर्पित संस्थानों की स्थापना की गयी। इसके अलावा उत्पादन इकाइयों को लगाने की दिशा में उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अनेक पहल आरंभ की गई है।


 

बिहार में कृषि आधारित उद्योग/खाद्य प्रसंस्करण

बिहार में आधारभूत संरचनाओं तथा प्रसंस्करण सुविधाओं की कमी के कारण 15-30% तक कृषि उत्पादों की बर्बादी होती है। बिहार सरकार द्वारा 2027 तक वर्तमान प्रसंस्करण सुविधाओं में 50% की वृद्धि करते हुए इस बर्बादी को 5% से कम किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके फलस्वरूप न केवल कृषकों की आय में वृद्धि होगी बल्कि 10-15 लाख तक प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

पिछले कुछ वर्षों में राज्य में कृषि आधारित कारखानों की वृद्धि होने से स्पष्ट होता है कि बिहार में होने वाले कृषि उत्पादन के  बड़े हिस्से का वास्तविक प्रसंस्करण अब बिहार राज्य में ही होता है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बिआडा) के अनुसार बिहार हाल के वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के मामलों में प्रमुख राज्य बन गया है।


चीनी उद्योग 

    1. बिहार में उगाई जाने वाली नकदी फसलों में गन्ना प्रमुख है। बिहार में अभी 10 चीनी मिल चालू है जो राज्य के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है जहां गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन होता है।
    2. चीनी उद्योग के महत्वपूर्ण उप उत्पाद के रूप में खोई, छोआ और फिल्टर मड है। खोई के किण्वन ओर आसवन से इथेनॉल का उत्पादन होता है जो जैव ईंधन के रूप में प्रयुक्त की जा सकती है ।
    3. इथेनॉल के उत्पादन में वृद्धि होने से जहां राज्य में जीवाश्म ईंधन की खपत कम होगी वही अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को कई प्रकार से मदद मिल सकती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण की समस्या दूर करने हेतु कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने में भी मदद मिल सकती है 
    4. बिहार के 11 में से 6 चीनी मिलों में आसवन संयंत्र स्थापित किए गए हैं जिनके द्वारा इथाइल अल्कोहल का उत्पादन किया जाता है।
    5. वर्ष 2019-20 के दौरान बिहार में 8 चीनी मिलों द्वारा संयुक्त रुप से 88.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया।
    6. गन्ने का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने हेतु राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसके तहत बीज खरीदने हेतु सहायिकी राशि, तकनीकी सहयोग, जानकारी, प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है।

 

दूध उत्पादन उद्योग 

    1. बिहार के ग्रामीण इलाकों में पारिवारिक आय काफी हद तक पशुधन संसाधनों से प्राप्त आय पर निर्भर होती है ।
    2. बिहार में बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक महासंघ लिमिटेड कॉम्फेड दुध उत्पादन से ग्रामीण परिवारों की आय को स्थिरता प्रदान करने में सहायता देता है ।
    3. वर्ष 2020-21 के दौरान कॉम्फेड द्वारा 2 दुग्धशाला संयंत्रों समस्तीपुर तथा बिहिया में स्थापित की गयी है। इसके अलावा गया और हाजीपुर में निर्माण की योजना है।
    4. बिहार में MSME उद्योगों को प्रोत्साहन, कृषि प्रसंस्करण इकाई को सस्ते ऋण जैसी सुंविधाएं दी जा रही है।

  

खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने से बिहार को लाभ

 

    1. बिहार में 11,000 से अधिक महिलाएं इस क्षेत्र में संलग्न है जो उनको आर्थिक आत्मनिर्भर बनाता है।
    2. बिहार में चीनी उद्योग की 11 इकाईयां कार्य कर रही है इसके अलावा लीची, केला, मखाना, सब्जियों के प्रसंस्करण केन्द्र भी कार्य कर रहे हैं जो व्यापक रोजगार देते हैं तथा राज्य की आय में योगदान देते हैं।
    3. बिहार में कृषि उत्पाद का लगभग 30% तक नष्ट हो जाता है इससे इन उत्पादों को जीवन मिलेगा तथा खाद्य सुरक्षा तथा कुपोषण जैसी समस्याओं में कमी आएगी।
    4. कृषि उत्पादों के उचित मूल्य मिलने से कृषकों की आय बढ़ेगी तथा जीवन स्तर में सुधार होगा।

  

 खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु बिहार सरकार के प्रयास

बिहार में कृषि रोडमैप 2012-17 की अवधि में खाद्य प्रसंस्करण की समेकित विकास योजना एवं फुड पार्क योजना के तहत राज्य में फुड पार्क, राईस मिल, गेहॅू मिल, बाजरा प्रोसेसिंग, ग्रामीण कृषि व्यवसाय सेन्टर, ड्राई वेयर हाऊस, कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग, मखाना प्रोसेसिंग, हनी प्रोसेसिंग, खाद्य प्रसंस्करण इकाईया स्थापित की गयी।


    1. बिहार में खगड़िया, रोहतास में मेगा फुड पार्क स्थापित किए जा रहे हैं तथा निजी क्षेत्र के तहत क्लस्टर योजना और मिनी फुड पार्क विकसित किए जा रहे हैं ।
    2. कृषि रोडमैप 2017-22 द्वारा जल्द खराब होनेवाले जैसे- फलों, सबजियों, मछलियों के प्रसंस्करण में ज्यादा जोर।
    3. कृषि रोडमैप 2017-22 द्वारा प्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन पहुंचाने की योजना है जिससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सुधार होगा।
    4. बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016  द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्राथमिकता देते हुए विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया।
    5. बिहार में खाद्य प्रसंस्करण का विकास उत्पादन के अलावा भंडारण और पैकेजिंग की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जा रहा है खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास हेतु राज्य सरकार कॉम्फेड तथा प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर सामान्य सुविधा केन्द्र Common Facilit Center की स्थापना पर जोर दे रही है जहां प्रोसेसिंग, मूल्य वर्द्धन, पैकेजिंग, वेयरहाऊस, कोल्ड स्टोरेज की स्थापना किए जाने का प्रावधान है।
    6. समेकित खाद्य प्रसंस्करण विकास योजना के तहत 3 शीतगृह और 5 शुष्क भंडार गृह का निर्माण किया गया है
    7. परिवहन, संचार एवं ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में व्यापक प्रयास किए गए हैं जैसे- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री टोला संपर्क योजना, पंचायतों को आप्टिकल फाइबर से जोड़ना ।
    8. बिहार में 3000 से ज्यादा कृषि आधारित उद्योग कार्यरत है जिनमें डेयरी उद्योग को The Bihar State Milk Co-Operative Federation Ltd. (COMFED) द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है । इसके द्वारा दूध की खरीदी, सदस्यों को तकनीकी सहायता, शृंखला विपणन तथा प्रशिक्षण आदि कार्य में सहायता दी जाती है ।
    9. बिहार सरकार द्वारा रियायती दर पर भूमि, सहायिकी, कई प्रकार के शुल्क में छूट की व्यवस्था की है ।
    10. राज्य सरकार ने बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना आरंभ की है जो राज्य के सब्जी उत्पादकों और उपभोक्ताओं के लिए त्रिस्त्रीय सहकारी व्यवस्था के तहत क्रियान्वित होगी।

      • प्रखंड स्तर पर  प्राथमिक सब्जी सहयोग समिति
      • जिला स्तर पर सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन संघ
      • राज्य स्तर पर सब्जी  प्रसंस्करण एवं विपणन महासंघ


बिहार के कृषितर उद्योग

हैंडलूम तथा पावरलूम       

    1. बिहार के वस्त्र उत्पादन में हैडलूम उद्योग रोजगार के साथ-साथ राज्य के सांस्कृतिक विरासत की रक्षा भी करते हैं ।
    2. राज्य में वस्त्र उत्पादकों की सहायता हेतु बिहार सरकार विद्युत सब्सिडी, प्रशिक्षण, नवीनीकरण आदि हेतु वित्तीय सहायता भी उपलबध कराती है।
    3. राज्य सरकार द्वारा खादी को बढ़ावा देने हेतु गया, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में खादी शोरूम खोलने की योजना है।
    4. खादी बुनकरों तथा सूत कातनेवालों को सम्मानित करने हेतु सम्मान निधि योजना की शुरुआत की जाएगी।
    5. हैंडलूम तथा हस्तशिल्प हेतु पटना, फ्रेजर रोड में हैंडलूम हाट का निर्माण।

  

खनन एवं उत्खनन

झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार में गौण खनिज रह गए है फिर भी इन खनिजों जैसे बालू, ईट निर्माण ने राज्य सरकार की आय में अच्छा-खासा योगदान दिया है इसके अलावा रोजगार में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

बिहार में खनन के क्षेत्र में सरकार के प्रयास

    1. नदी बालू के निकासी के बेहतर नियमन और पर्यावरण सुरक्षा हेतु राज्य सरकार ने बालू नीति 2013 के स्थान पर बालू खनन नीति 2019 लाया गया ।
    2. बिहार में खान एवं भूतत्व विभाग का पुनर्गठन के साथ रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया आरंभ ।
    3. बिहार राज्य खनिज निगम लिमिटेड ने अति लघु, लघु और मध्यम उद्यमों तथा छोटे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर कोयला वितरित करना शुरू किया है।
    4. खनन क्षेत्र के कायाकल्प हेतु राज्य सरकार द्वारा जिला खनिज कोष का गठन।

  

बिहार में उद्योगों के प्रोत्साहन हेतु नीतियां/योजनाएं/नियम

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016

इसके तहत बिहार में बड़ी संख्या में निवेश आए जिनसे 262 इकाइयों की स्थापना हुई और 7100 लोगों को रोजगार मिला। बिहार में निवेश के तीन सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र खाद्य प्रसंस्करण, प्लास्टिक और रबर है जिनमें राज्य में कुल निवेश का 58% हिस्सा प्राप्त हुआ।

 

बिहार स्टार्टअप नीति 2017

युवा उद्यमियों को खुद का उद्यम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु लायी गयी नीति ।

 

बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार बिआडा

बिहार में अधिसंरचनात्मक एवं संस्थागत सहायता उपलब्ध कराकर निवेश आकर्षित करने में बिआडा का महत्वपूर्ण योगदान है । बिहार में बड़े औद्योगिक घरानों को आकर्षित करने हेतु राज्य सरकार ने मुम्बई में निवेश आयुक्त कार्यालय स्थापित किया है और जनवरी 2020 तक 914 करोड़ रु. का निवेश आकर्षित किया गया है।

 

उद्योग मित्र

राज्य में औद्योगिकरण की प्रक्रिया में सुगमता हेतु उद्योग मित्र परामर्शदाता की भूमिका निभाता है।

 

श्रम संबंधी सुधार

कारखाना अधिनियम और अन्य श्रम कानूनों के तहत निबंधन और लाइसेंसों के लिए आनलाइन आवेदन।

श्रम कानूनों के लिए एकल संयुक्त निरीक्षण और एकल वार्षिक रिर्टन की सुविधा।

इकाइयों के सत्यापन हेतु ऑनलाइन सुविधा।

 

उद्योग संवाद पोर्टल

सरकार के सभी प्रासंगिकविभागों द्वारा प्रकाशित सभी व्यवसायों औरनिवेशों से संबंधित अधिनियम/नीतियों/नियमों/परिपत्रों/सूचनाओं के बारे में जानकारी देने हेतु।

 

अन्य सुधार

व्यावसायिक इकाइयों के आसानी से प्रवेश एवं कार्य करने की वर्तमान पक्रिया के सरलीकरण, टैक्स सुधार एवं निवेश अनुकूल वातावरण ।

 

66वीं BPSC मुख्य परीक्षा के सफल नोट्स के बाद एक बार फिर Bihar Auditor 67th BPSC तथा CDPO मुख्य परीक्षा हेतु केन्द्रीय बजट 2022, केन्द्रीय आर्थिक समीक्षा तथा बिहार बजट 2022 एवं बिहार आर्थिक समीक्षा के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्ट इत्यादि के अद्यतन आकड़ों के साथ उपलब्ध

मुख्य परीक्षा संबंधी नोट्स की विशेषताएं

  1. To the Point  और Updated Notes
  2. सरल, स्पष्ट  एवं बेहतर प्रस्तुतीकरण
  3. प्रासंगिक एवं परीक्षा हेतु उपयोगी सामग्री का समावेश
  4. सरकारी डाटा, सर्वे, सूचकांकों, रिपोर्ट का आवश्यकतानुसार समावेश
  5. आवश्यकतानुसार टेलीग्राम चैनल के माध्यम से इस प्रकार के PDF द्वारा अपडेट एवं महत्वपूर्ण मुद्दों को आपको उपलब्ध कराया जाएगा
  6. रेडिमेट नोट्स होने के कारण समय की बचत एवं रिवीजन हेत उपयोगी
  7. अन्य की अपेक्षा अत्यंत कम मूल्य पर सामग्री उपलब्ध होना।
  8. मुख्‍य परीक्षा को समर्पित टेलीग्राम ग्रुप की निशुल्‍क सदस्‍यता

वैसे अभ्यथी जो 67th BPSC Mains तथा CDPO की प्रारंभिक परीक्षा हेतु One Liner Notes तथा मुख्य परीक्षा हेतु नोट्स लेना चाहते हैं वह आर्डर कर सकते हैं। ज्यादा जानकारी अथवा सेम्पल बुक देखने हेतु Whatsapp करें 74704-95829 या हमारे नीचे दिए गए लिंक पर जाकर स्‍वयं अवलोकन करें। 

बिहार लोक सेवा आयोग मुख्‍य परीक्षा संबंधी लेख 



 


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