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Sep 21, 2022

बिहार का भूगोल- बिहार की मिट्टी

 

बिहार का भूगोल- बिहार की मिट्टी


इस पोस्‍ट में आज हम  बिहार का भूगोल- बिहार की मिट्टी संबंधी संबंधी महत्‍वपूर्ण प्रश्‍नों को देखेंगे जो आनेवाले बिहार के किसी भी प्रतियोगी परीक्षा जैसे सचिवालय सहायक, सचिवालय भर्ती, बिहार दरोगा, बिहार टीचर, बीपीएससी सहायक भर्ती, बिहार सामान्‍य ज्ञान हेतु उपयोगी है ।

इसके अलावा नीचे दिए गए लिंक से आप अन्‍य पोस्‍ट को तथा अन्‍य महत्‍वपूर्ण प्रश्‍नों को यूटयूब चैनल पर वीडियो के माध्‍यम से भी इसे देख सकते हैं ।

बिहार सामान्‍य ज्ञानसंबंधी अन्‍य महत्‍वपूर्ण पोस्‍ट

संपूर्ण बिहार सामान्‍यज्ञान यूटयूब चैनल का लिंक 

बिहार सरकार के कृषि अनुसंधान विभाग द्वारा बिहार की मृदाओं को कितने भागों में बांटा गया है- 3 भाग

बिहार की मृदा

गंगा के उत्तरी मैदान की मृदा

तराई मृदा

नवीन जलोढ़ मृदा या खादर

बलसुदंरी मृदा

गंगा के दक्षिणी मैदान की मृदा

टाल  मृदा

करैल-कैवाल या पुरानी जलोढ़

बलथर मृदा

दक्षिणी पठार की मृदा

लाल बलुई मृदा

लाल तथा पीली मृदा

बिहार में कितनी भूमि बंजर अथवा अकृष्य योग्य है- लगभग 4.61%

बिहार में सबसे ज्यादा बंजर अथवा अकृष्य भूमि क्षेत्रफल किस जिले में है- बांका में लगभग 14.1%  (सबसे कम शेखपुरा में 1.6%)

 

गंगा के उत्तरी मैदान की मृदा

गंगा के उत्तरी मैदान की मृदा में प्रधानता पायी जाती है- जलोढ़ मृदा की

गंगा के उत्तरी मैदान की मृदा को कितने भाग में बांटा जा सकता है- 3

गंगा के उत्तरी मैदान की मृदा

तराई मृदा

नवीन जलोढ़ मृदा या खादर

बलसुदंरी मृदा

तराई मृदा का निर्माण किस प्रकार हुआ है- हिमालय से नदियों द्वारा लाए गए अवसाद से

तराई मृदा का विस्तार बिहार में कहां पाया जाता है- किशनगंज से लेकर चंपारण तक पतली पट्टी के रूप में

तराई के बाद किस मृदा का विस्तार पाया जाता है- नवीन जलोढ़ या खादर मृदा

बलसुंदरी किस प्रकार की मृदा है- पुरानी जलोढ़ मृदा

बलसुंदरी मृदा क्षेत्र किसके उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है- केला एवं लीची

 

गंगा के दक्षिणी  मैदान की मृदा

गंगा के दक्षिणी मैदान की मृदा को कितने भाग में बांटा जा सकता है- 3

गंगा के दक्षिणी  मैदान की मृदा

टाल  मृदा

करैल-कैवाल या पुरानी जलोढ़

बलथर मृदा

गंगा के दक्षिणी भाग मे 8-10 किमी की पट्टी में फैली मोटे कणों वाली मृदा क्या कहलाती है- टाल या ताल मृदा

टाल या ताल मृदा का निर्माण किस प्रकार हुआ है- वर्षा के बाद आयी बाढ़ द्वारा जमा किए गए बारीक एवं मोटे कणों के जमाव से

बिहार की वह मृदा जिसमें जल सोखने की काफी क्षमता होती है तथा उर्वर होती है- करैल कैवाल मृदा

करैल कैवाल मृदा को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है- बांगर मृदा

बिहार में बलथर मृदा कहां पायी जाती है- कैमूर पठार से लेकर राजमहल पहाड़ियों तक 8-15 किमी की पट्टी के रूप में

दक्षिण पठार की मृदा

दक्षिणी बिहार के संकीर्ण पठारी भागों में किस प्रकार की मृदाएं पायी जाती है- लाल बलुई मृदा तथा लाल एवं पीली मृदा

दक्षिण पठार की मृदा

लाल बलुई मृदा

लाल तथा पीली मृदा

कैमूर, रोहतास के पठारी भागों में प्रधानता है-लाल बलुई मृदा की

लाल-पीली मृदा का रंग किसकी उपस्थिति के कारण लाल होता है- लौह तत्व के कारण

लाल-पीली मृदा का निर्माण किस प्रकार हुआ है- आग्नेय एवं रूपांतरित चट्टानों के विघटन से

इसके अलावा आप हमारे नोट्स के माध्‍यम से भी प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रारंभिक एवं मुख्‍य परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं । ज्‍यादा जानकारी हेतु 74704-95829 पर व्‍हाटसएप करें।

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