बिहार का भूगोल- जल संसाधन एवं सिंचाई परियोजनाएं
इस पोस्ट में आज
हम बिहार का भूगोल- जल संसाधन एवं सिंचाई परियोजनाएं
संबंधी संबंधी महत्वपूर्ण प्रश्नों को देखेंगे जो आनेवाले बिहार के किसी भी
प्रतियोगी परीक्षा जैसे सचिवालय सहायक, सचिवालय भर्ती, बिहार दरोगा, बिहार टीचर, बीपीएससी सहायक भर्ती, बिहार सामान्य ज्ञान हेतु उपयोगी है ।
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बिहार के धरातलीय स्वरूप के निर्धारण में किस एक कारक
की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है-बिहार की नदियों की
बिहार की नदियों का अपवाह तंत्र मुख्य रूप से कैसा है- पादपाकार
प्रारूप की जो दोनों दिशाओं से आनेवाली नदियों से बनता है
हिमालय से निकलकर नदियां बिहार में किन दिशाओं में
प्रवाहित होती है- दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व की ओर
बिहार की कौन सी नदियां मुख्य रूप से मार्ग परिवर्तन
का गुण प्रदर्शित करती है- हिमालयी नदियां
हिमालयी नदियों का प्रवाह ढाल छोटानागपुर नदियों की
अपेक्षा कैसा होता है- कम ढलान
हिमालयी नदियां |
गंगा, घाघरा, गंडक, बूढी गंडक, कमला, बालान, बागमती, कोसी, महानंदा, माही, गंडकी(नारायणी), तिलयुगा, लखनदेई, अधवारा, झरही, दाही, जमुनियां, जीवद, कमला बलान, भूतही बलान |
पठारी नदियां |
सोन, कर्मनाशा, पुनपुन, फल्गु, संकरी, पचाने, काव, उत्तरी कोयल, अजय, किउल, घोंघा, मान, मोहाने, बुडवा, मोरहर इत्यादि |
किस क्षेत्र से आनेवाली नदियों में बालू का अंश ज्यादा होता है- छोटानागपुर
पठार की नदियां
गंगा नदी
बिहार के प्रवाह तंत्र का मुख्य आधार क्या है- गंगा नदी
बिहार में गंगा की लंबाई कितनी है- 445 किमी.
जलप्रवाह, स्थिति एवं दिशा के आधार पर बिहार की नदियां |
|
गंगा में उत्तर दिशा से मिलने वाली नदियां |
सरयू, गंडक, बागमती, कमला बलान, कोसी एवं महानंदा |
गंगा में दक्षिण से मिलने वाली नदियां |
सोन, पुनपुन, चानन, कर्मनाशा, उत्तरी कोयल, फल्गु, सकरी, पंचाने |
दक्षिणी बिहार में प्रवाहित होनेवाली नदियां |
दामोदर, स्वर्णरेखा, बराकर, दक्षिणी कोयल, शंख एवं अजय |
गंगा नदी का नाम गंगा कब पड़ता है- देवप्रयाग में जब अलकनंदा तथा भागीरथी के संगम होता
है
गंगा किस स्थान से मैदानी भाग में प्रवेश करती है- हरिद्वार से
भोजपुर तथा सारण जिलों की सीमा बनाते हुए बिहार में गंगा
नदी किस स्थान से प्रवेश करती है- चौसा, बक्सर
बिहार में गंगा का प्रवाह |
बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर तथा कटिहार जिले (12 जिले) से प्रवहित होती है। |
गंगा नदी पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले बिहार
तथा झारखंड के किन जिलों के मध्य सीमा बनाती है- बिहार के कटिहार
तथा झारखंड के साहेबगंज के बीच
बिहार में किस नदी के तटीय क्षेत्र में कैडमियम, क्रोमियम, सीसा जैसे हानिकारक तत्व
अधिक मात्रा में प्रदूषण कर रहे हैं- गंगा
सरयू नदी
घाघरा (अन्य नाम सरयू,घग्घर,रामप्रिया, देविका) बिहार तथा उत्तर प्रदेश
के बीच सीमा बनाते हुए किस जिले से बिहार में प्रवेश करती है- सिवान
किस नदी को पहाड़ी क्षेत्र में करनाली के नाम से जाना
जाता है- सरयू नदी
नदी जो हिन्दु तथा बौद्ध ग्रंथों में अत्यंत पवित्र मानी
जाती है- सरयू नदी
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में सरयू नदी किस नाम से
जानी जाता है- शारदा
गंडक नदी
सात सहायक धाराओं से बनने वाली गंडक नदी की मुख्य धारा
का क्या नाम है- काली गंडक या नारायणी गंडक
किन जिलों की सीमा बनाती हुई गंडक नदी पटना के निकट गंगा
में मिल जाती है- वैशाली तथा सारण
किस बैराज के बनने के बाद गंडक द्वारा बाढ़ की विभिषिका
पर नियंत्रण पाया गया- वाल्मीकि नगर बैराज
शालीग्रामी तथा सदानीरा किस नदी के अन्य नाम हैं- गंडक
किसमें गंडक का उल्लेख सदानीरा नदी के रूप में हुआ- शतपथ ब्राह्मण
नदी |
अवस्थित शहर |
गंगा |
बक्सर, पटना, भागलपुर, मोकामा, मुंगेर |
सोन |
पटना, मनेर |
गंडक |
सोनपुर, हाजीपुर |
बूढ़ी गंडक |
मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, चंपारण |
पुनपुन |
औरंगाबाद, जहानाबाद |
फल्गु |
गया |
महानंदा |
किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार |
सरयू |
छपरा |
बूढ़ी गंडक
सोमेश्वर की पहाड़ियों से निकलकर बूढ़ी गंडक बिहार के
किस जिले में प्रवेश करती है- चंपारण
बूढ़ी गंडक को किस नदी की पुरानी जलधारा माना जाता है- गंडक
किस नदी का ऊपरी भाग सिकराना नाम से जाना जाता है- बूढ़ी गंडक
उत्तरी बिहार की सबसे तेज जलधारा वाली नदी है- बूढ़ी गंडक
चार छोटी पहाड़ी नदियों से बनी वेलोर किस नदी की
सहायक नदी है- बूढ़ी गंडक
कोसी नदी
7 धाराओं (इन्द्रावती, अरुणकोसी, ताम्रकोसी, तामुरकोसी, सनकोसी, दूधकोसी और लिक्षुकोसी) के मिलकर बनने के कारण
कोसी नदी को नेपाल में किस नाम से जाना जाता है- सप्त कौशिक
बिहार की कौन सी नदी मार्ग परिवर्तन हेतु विख्यात है- कोसी नदी
बिहार का शोक किस नदी को कहा जाता है- कोसी
किस कारण कोसी नदी प्रतिवर्ष बाढ़ लाती है- हिमालय से लाए गए
अवसादों के जमाव के कारण मार्ग परिवर्तित करती है और बाढ़ लाती है
बिहार की कौन सी नदी गंगा में संगम से पूर्व डेल्टा बनाती
है- कोसी
बिहार की नदियों पर बने
प्रमुख पुल |
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राजेन्द्र पुल |
मोकामा |
गंगा नदी |
महात्मा गांधी सेतु |
पटना |
गंगा नदी |
विक्रमशिला सेतु |
भागलपुर |
गंगा नदी |
जयप्रकाश सेतु |
पटना |
गंगा |
सोन पुल |
सोन |
डेहरी ऑन सोन |
अब्दुल बारी सेतु |
सोन |
कोइलवर |
अरवल –सहार सेतु |
सोन |
अरवल |
दाउदनगर-नासरीगंज |
सोन |
औरंगाबाद |
बगहा छितौनी पुल |
गंडक |
बगहा |
उत्तरी बिहार की सबसे पूर्वी नदी का दर्जा किसे प्राप्त है- महानंदा नदी
बिहार की पठारी भाग की नदियां
बिहार की कौन सी नदी अपने प्रवाह मार्ग द्वारा बिहार
और उत्तर प्रदेश की सीमा बनाती है- कर्मनाशा नदी
कर्मनाशा नदी किस स्थान पर गंगा में मिल जाती है- चौसा, बक्सर
बिहार की किस एक नदी को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपवित्र और अशुभ माना जाता
है- कर्मनाशा नदी
सोन नदी बिहार में किस स्थान से प्रवेश करती है- कोसडेरा, रोहतास
सोन नदी बिहार में किस स्थान पर गंगा से मिल जाती है- मनेर, पटना
उत्तरी कोयल नदी किसकी सहायक नदी है- सोन की
रिहन्द, उत्तरी कोयल,गोपद, कन्हर किसकी सहायक नदी
है- सोन
पुनपुन नदी बिहार में किस स्थान पर गंगा से मिलती है- फतुहा के पास
फल्गु नदी की मुख्य धारा को क्या कहा जाता है- निरंजना
निरंजना नदी किस स्थान पर मोहना नदी से मिलकर विशाल रूप
धारण कर लेती है- बोधगया के निकट
बिहार की किस नदी के किनारे लोग अपने पूर्वजों की आत्मा
शांति हेतु पिंडदान करते हैं- गया में फल्गु नदी के तट पर
बिहार की प्रमुख नदियों
के उद्गम एवं संगम स्थल |
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नदी |
उद्गम |
मुहाना/संगम |
गंगा |
गंगोत्री, उत्तराखंड |
बंगाल की खाड़ी |
गंडक |
मानगमोट और कुताँग |
गंगा, हाजीपुर |
बुढ़ी गंडक |
सोमेश्वर पहाड़ी |
गंगा, मुंगेर |
घाघरा |
नाम्पा, नेपाल |
गंगा, छपरा के निकट |
बागमती |
शिवपुरी पहाड़ी, नेपाल |
गंगा, खगड़िया |
दक्षिणी कोयल |
छोटानागपुर पठार, झारखंड |
गंगा |
कोसी |
गोसाईथान, नेपाल |
गंगा,कुरसेला खगड़िया |
महानंदा |
महाभारत श्रेणी, नेपाल |
गंगा, कटिहार |
कर्मनाशा |
विंध्याचल पहाड़ी |
गंगा, चौसा |
सोन |
अमरकंटक, मध्य प्रदेश |
गंगा, पटना |
पुनपुन |
चोरहा पहाड़ी, पलामू |
गंगा, फतुहा |
फल्गु |
छोटानागपुर पठार |
गंगा |
अजय नदी |
बटपाड़ पहाड़ी, जमुई |
गंगा, पश्चिम बंगाल |
उत्तरी कोयल |
रांची पठार, झारखंड |
सोन |
कमला |
महाभारत श्रेणी, नेपाल |
कोसी |
किऊल |
खरगडीहा, गिरीडीह |
बिहार की सिंचाई परियोजनाएं एवं बिहार की प्रमुख नहरें
बिहार के किस भाग में धरातलीय जल का अपेक्षाकृत ज्यादा
भंडार है- उत्तर बिहार में
बिहार का कितना भाग सिंचित है- 57%
2018-19 के अनुसार कुल सिंचिंत क्षेत्र में योगदान |
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नलकूप सिंचाई |
63.5% |
नहर सिंचाई |
30.2% |
अन्य |
6.3% |
2018-19 के अनुसार बिहार में सर्वाधिक सकल सिंचित भूमि वाला क्षेत्र किस जिला है- रोहतास (सबसे कम- शिवहर)
नहर सिंचाई में मामले में अग्रणी जिला कौन सा है- रोहतास
2018-19 के अनुसार नलकूपों द्वारा सर्वाधिक सिंचिंत जिला- समस्तीपुर
बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान का
आरंभ कब किया गया- 2 अक्टूबर 2019 को
जल जीवन हरियाली अभियान की योजनाओं का क्रियान्वयन किससे
किया जा रहा है- ग्रामीण अधिसंरचना विकास कोष एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई
योजना के बजट शीर्ष के तहत
प्रत्येक कृष्य खेत को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का
लक्ष्य किस योजना में रखा गया है- सात निश्चय-2- हर खेत को पानी के तहत
बिहार की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना कौन सी है- डगमारा जलविद्युत
परियोजना, सुपौल में 130.1 मेगावाट
सोन बहुद्देशीय परियोजना, 1874 |
|
प्रमुख नहरें |
पूर्वी सोन नहर- बारून, औरंगाबाद सिंचित क्षेत्र- औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया |
पश्चिमी सोन नहर - डेहरी ऑन सोन सिंचित क्षेत्र- आरा, बक्सर, रोहतास |
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गंडक परियोजना (त्रिवेणी) 1904 |
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मुख्य बांध |
वाल्मिकीनगर डैम |
मुख्य नहरें |
पश्चिमी नहर या सारण नहर |
पूर्वी नहर या तिरहुत नहर |
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कोशी बहुद्देशीय परियोजना, 1954 |
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मुख्य बांध |
हनुमार नगर बांध |
मुख्य नहरें |
पूर्वी कोसी नहर पूर्वी कोसी नहर की शाखाएं मुरलीगंज नहर जानकी नगर नहर पूर्णिया नहर अररिया नहर |
पश्चिमी कोसी नहर |
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अन्य तथ्य |
राजपुर नहर- कोसी नहर की उपशाखा जिससे खगड़िया
तथा सहरसा जिले में सिंचाई होती है। |
अन्य नहर |
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त्रिवेणी नहर |
गंडक नदी पर चंपारण जिले में 1904 में निर्मित |
ढाका नहर |
चंपारण में ललबकिया तथा तिऊर नदियों पर निर्मित |
कमला नहर |
कमला नदी पर दरभंगा में निर्मित |
सकरी नहर |
1950 में निर्मित मुंगेर, पटना, गया की सिंचाई |
सिरखंडा पनबिजली परियोजना, रोहतास के निर्माण में
कौन सा देश सहयोगी है- फ्रांस
बिहार की पहली सिंचाई परियोजना कौन सी है- सोन बैराज परियोजना
डेहरी के पास सोन नदी पर बनाया गया बांध किस अन्य नाम
से जाना जाता है- सोन एनीकट
बागमती परियोजना के तहत किस जिले में बांध बनाया गया- सीतामढ़ी
कोसी परियोजना किन देशों की संयुक्त परियोजना है- भारत एवं नेपाल
किस परियोजना के तहत कटैया नामक स्थान पर जल विद्युतगृह
की स्थापना की गयी है- कोसी परियोजना
गंडक परियोजना किन देशों की संयुक्त परियोजना है- भारत एवं नेपाल
गंडक परियोजना हेतु भारत एवं नेपाल के मध्य सहमति बनी- 1959 में
बकसोती बैराज नहर योजना द्वारा किन नदियों को जोड़ा जाना
है- सकरी नदी एवं नाटा नदी
गंगा में मिलने से पहले कौन सी नदी डेल्टा बनाती है- कोसी नदी
सिंचाई परियोजनाएं एवं सम्बंधित जिलें |
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बरनाल जलाशय योजना |
भागलपुर ,जमुई |
बटेश्वरनाथ पम्प नहर योजना |
भागलपुर |
उत्तर कोयल जलाशय योजना |
गया , औरंगाबाद |
पुनपुन बैराज योजना |
औरंगाबाद,गया,पटना,जहानाबाद |
तिलैया डायवर्सन योजना |
गया, नवादा |
अपर किउल जलाशय योजना |
मुंगेर, लखीसराय |
बटाने जलाशय योजना |
औरंगाबाद |
जमानिया पम्प नहर योजना |
कैमूर |
दुर्गावती जलाशय योजना |
रोहतास , कैमूर |
बागमती परियोजना |
सीतामढ़ी |
बरनार परियोजना |
जमुई |
बिहार की अधिकांश नहरें
कैसी है- नित्यवाही नहरें
बिहार में आधुनिक नहर प्रणाली का प्रारंभ किस परियोजना
के साथ आरंभ होता है- सोन परियोजना के साथ
बिहार की पहली आधुनिक नदी घाटी परियोजना किसे माना जाता
है- सोन नदी घाटी परियोजना
बिहार में किस स्थान पर सोन नदी पर बांध बनाया गया है- डिहरी के पास बांध
बनाकर
कोची-मेची संपर्क नहर द्वारा
कोसी नदी का जल किस बेसिन में स्थानांतरण किया जाएगा- महानंदा नदी के
बिहार में सब्सिडी आधारित बिहार शताब्दी नलकूप योजना का विकास किसकी सहायता
से किया जा रहा है- नाबार्ड
बिहार के प्रमुख जलप्रपात एवं कुंड
झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा स्थित है- सुखलदरी जलप्रपात
बिहार के प्रमुख जलकुंड |
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सप्तधारा या सतघरवा |
राजगीर |
ब्रह्मकुंड, तापमान- 870
C |
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सूर्यकुंड |
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नानक कुंड |
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मखदुम कुंड |
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गोमुख कुंड |
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ऋषि कुंड |
मुंगेर |
भरारी कुंड |
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लक्ष्मीश्वर कुंड |
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रामेश्वर कुंड |
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लक्ष्मण कुंड, तापमान- 620 C |
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सीता कुंड |
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जन्म कुंड |
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पंचतर कुंड |
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सतगुहन कुंड |
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श्रृंगार ऋषि कुंड |
किस पर्यटक स्थल को कर्पूरी ठाकुर पर्यटन स्थल के नाम से भी जाना जाता है- सुखलदरी जलप्रपात
कौन सा जलप्रपात स्थल सिख समुदाय के लिए एक तीर्थ स्थल
के रूप में जाना जाता है- मांझरकुंड जलप्रपात
सामान्यतः गर्म झरनों का संबंध किससे होता है- मृत ज्वालामुखियों
या भूगर्भ में स्थित रेडियोसक्रिय पदार्थों से
किस कुड को रामतीर्थ कुंड नाम से भी जाना जाता है- सीता कुंड
किस जलप्रपात को खादरकोह भी कहा जाता है- दुर्गावती जलप्रपात
जलप्रपात |
स्थान |
अन्य तथ्य |
ककोलत जलप्रपात |
नवादा |
47 मीटर ऊंचा |
दुर्गावती जलप्रपात |
रोहतास |
91 मीटर ऊंचा |
कर्मनासा जलप्रपात |
बक्सर |
कर्मनाशा नदी |
धुआकुंड जलप्रपात |
सासाराम |
काव नदी पर |
मांझरकुंड जलप्रपात |
सासाराम |
काव नदी पर |
सुखलदरी जलप्रपात |
गढ़वा, झारखंड |
कनहर नदी पर |
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