बिहार में नवीकरणीय ऊर्जा
"नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास आर्थिक विकास को गतिमान रखने के साथ साथ पर्यावरण संतुलन की संभावनाओं को भी पोषित करता है।" चर्चा करें
बिहार की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से प्राथमिक क्षेत्र
आधारित रही है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों से द्वितीयक एवं
तृतीयक क्षेत्र का तेजी से विकास एवं विस्तार हुआ है और इसी अनुपात में बिजली की
मांग में भी वृदिध दर्ज हुई जिसको देखते हुए सात निश्चय भाग- 1 के तहत हर घर
बिजली को तीसरे घटक के रूप में शामिल किया गया और 2018 में
लक्ष्य प्राप्त किया गया।
उल्लेखनीय है कि बिहार में बिजली की अनुमानित चरम मांग
में पिछले 6
वर्षों
में 71%
से
अधिक की वृद्धि हुई और यह 2014-15 के 3500
मेगावाट
से 2020-21
में
5995
मेगावाट
हो गई है ।
वर्ष 2016-17 के बिजली की मांग जहां 2.16
हजार
करोड़ यूनिट थी वह 2020-21 में 45% से
भी ज्यादा बढ़कर 3.14 हजार करोड़ यूनिट हो गई तथा वर्ष 2023-24
तक
बढ़कर यह 3.26 हजार
करोड़ यूनिट होने का अनुमान है।
नि:संदेह अर्थव्यवस्था को गतिमान रखने हेतु बिजली की
सतत आपूर्ति आवश्यक है लेकिन बिजली हेतु जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता ने कई
पर्यावरणीय चुनौतियां भी उत्पन्न की है। अत: इस दिशा में नवीकरणीय ऊर्जा एक
बेहतर विकल्प है जिसके लिए बिहार सरकार द्वारा बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण
के गठन के साथ साथ अनेक प्रयास किए गए हैं ।
नवीकरणीय
ऊर्जा की दिशा में बिहार सरकार के प्रयास
- बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण राज्य में गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के परियोजनाओं के विकास हेतु उत्तरदायी है तथा बिहार सरकार द्वारा इसे आवश्यक सब्सिडी और वित्तीय धनराशि उपलब्ध करायी जाती है।
- यह जल जीवन हरियाली एवं अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, सौर सड़क प्रकाश व्यवस्था, ऑफ ग्रिड हाइब्रिड रुफटॉफ सौर ऊर्जा और तैरता सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने संबंधी परियोजनाओं का क्रियान्वयन करने के साथ साथ सौर ऊर्जा के प्रति जागरुकता फैलाने का कार्य भी कर रहा है।
- नवीकरणीय ऊर्जा के तहत सौर, बायोमास और छोटी पनबिजली परियोजनाओं द्वारा बिहार सरकार ने 2022 तक लगभग 3400 मेगावॉट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।
- जल जीवन हरियाली योजना के तहत जहां बिहार के स्वास्थ्य केन्द्रों, प्रखंड कार्यालयों, पंचायत भवनों, विद्यालयों में सौर ऊर्जा रूफटॉप सोलर विद्युत संयत्र लगाए जा रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय योजना के तहत सोलर वाटर पम्प सिस्टम लगाया जा रहा है।
- बिहार में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु वैकल्पिक
ऊर्जा नीति 2017 लायी गयी तथा ऊर्जा क्षेत्र में निवेश हेतु प्रयास कर रही
है।
- जल विद्युत परियोजनाओं में खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु ब्रेडा द्वारा परियोजना तैयार किया जा रहा है।
- बिहार में 54.3 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ वर्तमान में 13 जलविद्युत परियोजनाएं चालू है तथा 11 और परियोजनाओं पर काम प्रगति पर है। इसके अलावा बिहार राज्य जलविद्युत निगम राज्य अन्य संभावनाओं को भी तलाशने में भी लगा हुआ है।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि ऊर्जा की निर्बाध आपूर्ति
आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण शर्त है लेकिन भुमंडलीय तापन, पर्यावरण
संतुलन तथा भारत के शुद्ध शून्य उत्सर्जन के संदर्भ में यह आवश्यक है है कि नवीकरणीय
ऊर्जा की संभावनाओं को विस्तार दिया जाए ताकि आर्थिक विकास के साथ साथ पर्यावरण
संतुलन की संभावनाओं को भी पोषित किया जा सके ।
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