बौद्ध धर्म
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गौतम बुद्ध का
जन्म कब हुआ था- 563 ईसा पूर्व, लुंबिनी
में
किस अभिलेख
द्वारा इस बात का पता चलता है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था- रुमिनदेई
स्तंभ अभिलेख
बुद्ध के जीवन
की घटना जिसे महाभिनिष्क्रमण कहा जाता है-गृह त्याग
माता |
महामाया |
पिता |
शुद्धोधन |
पालन
पोषण |
गौतमी
प्रजापति |
बचपन
का नाम |
सिद्धार्थ |
पत्नी |
यशोधरा |
पुत्र |
राहुल |
सारथी |
चन्ना |
घोड़ा |
कंथक |
मृत्यु |
486 ई.पूर्व |
|
|
बुद्ध के गुरु अलार-कलाम किस दर्शन के
आचार्य थे- सांख्य दर्शन
गौतम बुद्ध
द्वारा अपने धर्म में दीक्षित किया जाने वाला अंतिम व्यक्ति कौन था- शुभच्छ
बुद्ध ने अपना पहला उपदेश “धर्मचक्रप्रवर्तन” कहां दिया था- सारनाथ
महात्मा बुद्ध
ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में किस भाषा में दिया- पाली
महात्मा बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश कहां दिए- श्रावस्ती
महात्मा बुद्ध के अनुयायी
कितने भागों में बंटे थे-4,(भिक्षु, भिक्षुणी,
उपासक, उपासिका)
वैशाख
पूर्णिमा को बुध पुर्णिमा के रूप में क्यों मनाया जाता है- बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति एवं महापरिनिर्वाण तीनों वैशाख
पूर्णिमा के दिन हुआ था
उरूवेला में सिद्धार्थ
को कौन-कौन से साधक मिले -कौण्डिन्य, वप्पा, भादिया, महानामा और अस्सागी नाम के 5 साधक
बौद्ध संघ में
लाया गया पाठ क्या कहलाता था- अनुसावन
घटनाएं |
स्थल |
घटनाएं |
स्थल |
जन्म |
लुंबिनी |
ज्ञान
प्राप्ति |
बोधगया |
प्रथम
प्रवचन |
सारनाथ |
निर्वाण
प्राप्ति |
कुशीनगर |
भारतीय कला में बुद्ध के जीवन की वह घटना जिसका चित्रण मृग सहित चक्र द्वारा हुआ है- प्रथम उपदेश
महात्मा बुद्ध
को महापरिनिर्वाण कहां प्राप्त हुआ- मल्ल की
राजधानी कुशीनगर
सम्मानपूर्वक बुद्ध का
अंत्येष्टि संस्कार किसने किया- मल्लों ने
एक अनुश्रुति के अनुसार
मृत्यु के बाद बुद्ध के शरीर के अवशेषों को कितने भागों में बांटकर उन पर स्तूपों
का निर्माण कराया गया –8 भाग में बांटकर 8 स्तूप
घटनाएं |
प्रतीक |
घटनाएं |
प्रतीक |
गर्भ |
हाथी |
ज्ञान
प्राप्ति |
बोधि
वृक्ष (पीपल) |
जन्म |
कमल |
प्रथम
प्रवचन |
चक्र, (धर्मचक्र
प्रवर्तन) |
समृद्धि |
शेर |
निर्वाण |
पदचिह्न |
गृह त्याग |
घोड़ा, महभिनिष्क्रमण |
मृत्यु |
स्तूप, (महापरनिर्वाण) |
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बुद्ध की मृत्यु के पश्चात प्रथम बौद्ध संगति की
अध्यक्षता किसके द्वारा की गई- महाकश्यप
बोधिसत्व का अवतार
मनुष्य रूप में भी हो सकता है और पशुओं के रूप में भी यह किससे पता चलता हैं- जातक कथाओं
यूनानी शासक मिलिन्द तथा
बौद्ध भिक्षु नागसेन के मध्य हुए दार्शनिक वाद-विवाद का वर्णन किस पुस्तक में किया
गया है मिलिन्दपन्हो
श्रीलंका में रचित रचना जिससे
तत्कालीन भारत की सामाजिक,
धार्मिक राजनीतिक दशाओं का वर्णन किया गया है- दीपवंश तथा महावंश
संस्कृत भाषा में लिखे गए
महाकाव्य ग्रंथ बुद्धचरित के रचनाकार कौन है- अश्वघोष
संस्कृत नाटक ग्रंथ
सरिपुत्र प्रकरण के रचनाकार- अवश्वघोष
महायान सम्प्रदाय का
प्रमुख ग्रंथ जो बुद्ध के जीवन का वर्णन करता है- ललित विस्तार
त्रिपटक किस भाषा में लिखे
गए है- पालि
सबसे महत्वपूर्ण तथा वृहद पिटक कौन सा है- सुत पिटक
बौद्ध धर्म का शब्दकोष किसे माना जाता है- सुत
पिटक
वह ग्रंथ जिससे बौद्ध धर्म के उपदेशों तथा सिद्धांतों का संकलन मिलता है- सुत पिटक
सुत पिटक कितने भागों में विभक्त है- 5 (दीर्घ निकाय, मज्झिम निकाय, संयुक्त
निकाय, अंगुत्तरनिकाय, खुद्दक निकाय)
वह बौद्ध ग्रंथ जिसमें संघ जीवन के नियम प्राप्त होते
हैं- विनय पिटक
विनय पिटक को कितने भागों में विभाजित किया गया है- 3 (सुतविभंग, परिवार
तथा खंदक )
वह बौद्ध साहित्य
जिसमें महात्मा बुद्ध के दार्शनिक सिद्धांत का उल्लेख
है- अभिधम्म पिटक
अभिधम्म पिटक कितने भागों में विभाजित किया गया है- 7
अभिधम्म पिटक का वह भाग जिसकी रचना मोगलिपुत्त तिस्स द्वारा की गयी- कथावत्थु
बौद्ध धर्म की वह शाखा जो
बौद्ध धर्म के प्राचीन स्वरूप को मान्यता देता है- हीनयान
बौद्ध धर्म के महायान शाखा
की स्थापना किसके द्वारा हुई- नागार्जुन
शून्यता के सिद्धांत को देने वाले प्रथम बौद्ध
दार्शनिक- नागार्जुन
बौद्ध धर्म की महायान शाखा औपचारिक रूप से कब प्रकट
हुई- कनिष्क के शासनकाल में
बौद्ध धर्म की वह शाखा जो
बुद्ध को अलौकिक शक्तियों वाला पुरुष मानते थे- वज्रयान (तंत्र-मंत्र में
विश्वास)
धार्मिक जुलूस सबसे पहले किस धर्म में निकाला गया था -बौद्ध धर्म
बुद्ध के अनुयायी दो
भागों मे विभाजित थे
भिक्षुक- बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जिन लोगों ने सन्यास लिया
उपासक- गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए बौद्ध धर्म अपनाने वाले
बौद्ध् संघ में शमिल होने
की न्यूनत्तम आयु-15 साल
बौद्धसंघ में प्रविष्ट
होने को क्या कहा जाता है –उपसंपदा
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न
हैं- बुद्ध, धम्म एवं संघ
बुद्ध ने सांसारिक दुखों
के संबंध में कितने आर्य सत्यों का उपदेश दिया -4 (दुख, दुख समुदाय,
दुख निरोध,दुख निरोधगामिनी प्रतिपदा)
सांसारिक दुखों से
मुक्ति के लिए बुद्ध ने किस मार्ग की बात कही- अष्टांगिक
मार्ग
बौद्ध धर्म और जैन धर्म
में समानता है- अनीश्वरवाद के संबंध में
बौद्ध धर्म का परम लक्ष्य
क्या है-निर्वाण (अर्थ-दीपक का बुझ जाना अथार्त जीवन-मरण चक्र से मुक्ति)
बुद्ध ने निर्वाण प्राप्ति
को सरल बनाने के लिए कितने शील पर बल दिया- 10 शील
बुद्ध के
उपदेश का संबंध है- आचरण की
शुद्धता व पवित्रता से
‘एशिया के ज्योतिपुंज’ के तौर पर किसे
जाना जाता है- गौतम बुद्ध को
बुद्ध को देवता का स्थान किसके शासनकाल में प्राप्त
हुआ- कनिष्क
भारत में सबसे पहले किस मानव प्रतिमा को पूजा गया- महात्मा बुध
बुद्ध की खड़ी प्रतिमा किस काल में बनाई गई- कुषाण काल
बुद्ध की प्रथम मूर्ति संभवतः
किस शैली के अंतर्गत बनी थी- मथुरा कला
सर्वाधिक बुद्ध की
मूर्तियों का निर्माण किस शैली के अंतर्गत किया गया था- गंधार शैली
बोधगया में
बोधि वृक्ष को किसके द्वारा नष्ट कर दिया गया था- शशांक
प्रमुख बौद्ध
स्थल बोधगया किस नदी के तट पर स्थित है- निरंजना
बुद्ध के जीवन
काल में ही संघ का प्रमुख कौन बनना चाहता था- देवदत्त
बुद्ध द्वारा संघ
में भिक्षुणी/स्त्रियों के प्रवेश की अनुमति कहां दी गई- वैशाली
अशोकाराम विहार कहां स्थित था- पाटलिपुत्र
विश्व का सबसे ऊंचा विश्व शांति स्तूप कहां स्थित है-
राजगीर, बिहार
सर्वप्रथम स्तूप शब्द कहां मिलता है- ऋग्वेद
सांची स्तूप का संबंध बुद्ध जीवन की किस घटना से है- किसी घटना से नहीं
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना किस काल में हुआ- गुप्त काल, कुमारगुप्त द्वारा
नव-नालंदा महाविहार किस लिए
प्रसिद्ध है- पाली अनुसंधान संस्थान हेतु
चैत्य एवं विहार में क्या अंतर है- चैत्य पूजा स्थल होता है जबकि विहार बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थान
प्रथम शताब्दी
ईस्वी में किस भारतीय बौद्ध भिक्षु को चीन भेजा गया- नागार्जुन
बौद्ध मत में निवार्ण की
अवधारणा की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या क्या है- तृष्णा रूपी अग्नि का शमन
संगीति |
वर्ष |
स्थान |
अध्यक्ष |
शासक |
प्रथम |
483 ई.पूर्व |
राजगृह, सप्तपर्णि गुफा |
महाकस्सप |
अजातशत्रु, हर्यक वंश |
द्वितीय |
383 ई.पूर्व |
वैशाली, बिहार |
सबाकमीर/ सर्वकामिनी |
कालाशोक, शिशुनाग वंश |
तृतीय |
250 ई.पूर्व |
पाटलिपुत्र, बिहार |
मोगलिपुत्त तिस्स |
अशोक, मौर्य वंश |
चतुर्थ |
प्रथम शताब्दी ई. |
कुडलवन, कश्मीर |
अध्यक्ष-वसुमित्र उपाध्यक्ष-अश्वघोष |
कनिष्क कुषाण वंश |
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