भारत की बढ़ती एवं चीन की घटती आबादी
भारत एवं चीन की जनसंख्या
1 जुलाई को भारत
के दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने के साथ इसमें बदलाव की उम्मीद है, तब
जनसंख्या 1 अरब 42 करोड़ 86 लाख के आंकड़े को छू लेगी। कुछ अनुमान के अनुसार चीन की जनसंख्या अभी भी भारत की तुलना में अधिक है लेकिन ज्यादातर अनुमानों में यह सामने आ रहा है कि भारत की जनसंख्या या तो चीन से आगे निकल गई है या निकलने वाली है।
वास्तव में 1990
के दशक की शुरुआत तक दोनों देशों की आबादी के बीच काफी अंतर था। 1990 के दशक के
मध्य से चीन की आबादी बढ़ने की दर धीमी हो गई है और 2023 के बाद से इसके सिकुड़ने
की उम्मीद है। भारत के साथ ऐसा नहीं हुआ है और धीरे धीरे भारतीय आबादी चीन से आगे
निकलने की ओर अग्रसर है ।
युवा भारत एवं बूढा
होता चीन
- वर्तमान भारत में युवाओं की आबादी ज्यादा होने के कारण युवाओं का देश कहा जा रहा है। वर्तमान में भारतीयों की औसत उम्र 28.2 है यानी यहां कुल आबादी में कामकाजी आबादी का हिस्सा अभी भी बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर चीन को देखा जाए तो उसकी आबादी की औसत उम्र साल 2023 में 39 वर्ष है। यानी चीन में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के साथ अब कामकाजी लोगों की संख्या घटती चली जाएगी।
आबादी बढ़ने से लाभ
- आबादी बढ़ने से ज्यादा युवा कार्यबल में प्रवेश करते हैं तथा युवाओं को रोजगार एवं आय प्राप्त होता है। प्राप्त आय को जब खर्च करते हैं तो उपभोक्ता वस्तुओं की मांग बढ़ती है जिससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ती जाती है। इस बढ़ी हुई मांग का पूरा करने हेतु उद्यमी नए उद्यम शुरू करते हैं जिससे अधिक रोजगार सृजित होते हैं और अधिक मांग को बढ़ावा मिलता है। इस प्रकार मांग एवं पूर्ति के चक्र में गति बनी रहती है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था में वर्तमान में बढ़त का एक कारण यह भी है और संभावना है कि भारत की यह आबादी जनित बढ़त आगामी चार दशक तक जारी रहेगी । भारत में कामकाजी उम्र की आबादी अभी बढ़ रही है। अभी भारतीयों की औसत उम्र 28.2 है और यहां आबादी 2065 के बाद ही कम होने की उम्मीद है।
आबादी में कमी से
नुकसान
- आबादी में कमी
आने पर वृद्वजनों या गैर-कामकाजी लोगों की संख्या बढ़ती है जिससे कमाने वालों पर
दबाव बढ़ता है। उल्लेखनीय है कि चीन की जनसंसंख्या नीति 'एक
संतान नीति' का असर आनेवाले दिनों में दिखेगा तब चीन में
भविष्य में एक युवा को कम से कम छह लोगों का भार उठाना पड़ेगा।
- चीन अभी मध्यम आय वाला देश है और वहां बूढ़ों की आबादी बढ़ने से वह आगे भी मध्यम आय वाला देश बना रहेगा। आबादी घटने से मांग घटेगी जिसका असर अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। इस प्रकार अपने विकास की गति को बनाए रखने हेतु दूसरे देशों पर चीन की निर्भरता बढ़ती चली जाएगी।
- 2023 के बाद से चीन की आबादी कम होने की संभावना है। 2023 में एक चीनी की औसत उम्र 39 है और चीन तेजी से बूढ़ा हो रहा है।
एक संतान नीति चीन
1980 से 2015
तक लागू अपनी एक-संतान नीति के माध्यम से अपनी जनसंख्या वृद्धि
नियंत्रित करने में सक्षम हुआ है । वर्तमान में चीन में ज्यादातर जोड़ों की केवल
एक संतान है और वह बच्चा जब बड़ा होगा, तब उस पर दो
माता-पिता और चार दादा-दादी की जिम्मेदारी होगी और यह चीन में दिखने लगा है। |
महिला शिक्षा एवं
जनसंख्या पर प्रभाव
- आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया में शिक्षित माताएं कम बच्चे पैदा करती हैं और उनके बच्चे अधिक जीवित भी रहते हैं। शिक्षित माताएं बच्चों की शिक्षा में ज्यादा ऊर्जा और समय लगाती हैं।
- चीन
में महिला शिक्षा अतीत और वर्तमान के अनुसार, 1950 में सिर्फ 10
प्रतिशत चीनी महिलाएं साक्षर थीं। 1980 तक यह बढ़कर 51.4% हो
गया और उसी वर्ष वहां एक संतान नीति आई थी । इसी क्रम में भारत की तुलना करें तो जहां
स्वतंत्रता के समय महिला साक्षरता दर 9% थी जो 1981 में 24.8% हो
गयी । वर्ष 1979 में चीन में प्रति महिला 2.75 बच्चे पैदा हो रहे थे, जबकि भारत में 4.81 बच्चे।
जनसांख्यिकीय लाभांश के
लिए प्रयास
- भारत के पास विशाल जनसंख्या है तथा जनसांख्यिकीय लाभांश को प्राप्त करने के लिए सही दिशा में प्रयास किया जाता है तो यह भारत के लिए वरदान साबित हो सकती है ।
- ऐसा करने के लिए, सबसे
पहले भारत को शिक्षा, कौशल, रोजगार,
गुणवत्ता सुधारने के साथ साथ युवाओं को कुशल बनाने लिए व्यापक स्तर
पर काम करना होगा ताकि वो अच्छी नौकरी, बेहतर उद्यम के काबिल
बन सके । इसके अलावा अवसंरचना, पर्याप्त रोजगार, उद्यमिता विकास के प्रयास तेज करने होंगे ।
जनसंख्या में कमी हेतु
प्रयास
साल 2023 में
भारतीय प्रजनन दर 2 पर है,
जो 2.1 की प्रतिस्थापन दर से कम है। आंकड़ों के अनुसार भारत की
आबादी अगले कुछ दशकों तक बढ़ेगी और जब
प्रजनन क्षमता वाली महिलाओं की संख्या घटने लगेगी तब आबादी का घटना शुरू
होगा। जनसंख्या में कमी हेतु अन्य प्रयासों के साथ महिलाओं के बीच शिक्षा के प्रयास और तेज करने की जरूरत है।
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