बिहार की राजनीतिक संस्कृति में सुधार
प्रश्न-बिहार ने पिछले
दशकों में अपनी राजनीतिक संस्कृति में सुधार देखा है। उदाहरण दीजिए ।
बिहार की राजनीति में पिछले दशकों में
देखा जाए तो कई बदलाव आए है जिसने यहां की राजनीतिक संस्कृति को प्रभावित किया है
जिसे निम्न प्रकार समझा जा सकता है ।
जाति आधारित राजनीति में कमी
- बिहार की राजनीति में जाति एक मुख्य पक्ष
रहा है लेकिन पिछले दशकों में देखा जाए तो जाति आधारित राजनीति के बजाए राजनीतिक पार्टियों ने
विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, पर्यावरण,
ऊर्जा अवसंरचना सुविधाएं
आदि जैसे मुद्दों पर अधिक ध्यान देना शुरू किया है ।
- अब राजनीतिक पार्टियाँ विकास के
मुद्दों पर केन्द्रित योजनाएं और नीतियों को लागू करके बिहार के विकास को गति दे
रही हैं। सुशासन के साथ विकास, सात निश्चय के तहत संचालित योजनाएं, कृषि रोडमैप,
जल जीवन हरियाली, शराबबंदी आदि ऐसी योजनाएं है
जिसके माध्यम से बिहार की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव आया है।
महिलाओं का सशक्तिकरण
- बिहार की राजनीति में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है और उनकी सशक्तिकरण के लिए शिक्षा, महिला सुरक्षा, महिला आरक्षण, छात्रवृत्ति, आदि पर विशेष जोर दिया गया है । पंचायतों में 50% आरक्षण के अलावा, कॉलेजों में, सरकारी सेवाओं में नामांकन, जीविका इसी दिशा में प्रयास है । शराबबंदी को भी महिलाओं को इच्छाओं को ध्यान में रखकर लागू किया गया।
- यही कारण है कि बिहार की महिलाओं की राजनीति
के प्रति समझ और रूचि बढ़ रही है । वर्ष 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जहां महिला
मतदान प्रतिशत 54.5 % वह 2020 में बढ़कर 59.7%
हो गया।
निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव
- बिहार में एक समय चुनावों के दौरान छदम
वोट, हिंसा, बुथ कैप्चरिंग, मतदाताओं को डराने-धमकाना आम बात थी
लेकिन पिछले कुछ दशकों में बिहार में चुनाव में इन घटनाओं में कमी आयी है और वोटर
रजिस्ट्रेशन, वोटिंग मशीनों का उपयोग, और
निर्वाचन की सुविधा में सुधार से चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष सम्पन्न हो रहे हैं।
सुशासन
- बिहार सरकार ने वर्ष 2005 में कानून का राज स्थापित करने
और न्याय के साथ विकास के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। और समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर सुशासन, पारदर्शिता
एवं समावेशी विकास के सिद्धांतो पर शासन की नीव रखी।
- जनता दरबार, लोक शिकायत निवारण अधिनियम, भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलेरेंस, अपराध पर नियंत्रण
आदि को सुशासन का आधार बनाया और इसी के आधार पर मतदाताओं को लुभाने, अपने पक्ष में वोट की मांग की जा रही है।
- 2020-21 के लिए जारी गुड गवर्नेंस
इंडेक्स में बिहार प्रमुख 18 राज्यों में 15वें स्थान पर था फिर भी बिहार ने कृषि, सरकारी अवसंरचना, पानी,
ग्रामीण सड़क, बिजली जैसे क्षेत्र में बेहतर
प्रदर्शन किया ।
जनसंपर्क एवं जनसंवाद की
संस्कृति
- जनता के बीच जाकर विकास कार्यों की
प्रगति और योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेने हेतु जनता दरबार, समाधान यात्रा, निश्चय
यात्रा, संपर्क यात्रा, अधिकार यात्रा
आदि इसी दिशा में प्रयास है।
महागठबंधन की संस्कृति
- 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की विजय हुई जो राजनीतिक परिवर्तन का महत्वपूर्ण प्रतीक बनी और बिहार में नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत हुई।
राजनीति में विचारधारा की भूमिका गौण
- बिहार की राजनीति ने स्पष्ट किया है कि राजनीति में कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता पिछले कुछ वर्षों के चुनाव और बनते-टूटते गठबंधन की सरकार को देखा जाए तो यह स्पष्ट होता है कि बिहार की राजनीति में विचारधारा की भूमिका गौण हो गयी है ।
इस
प्रकार पिछले दशकों में बिहार में राजनीतिक संस्कृति में अनेक सुधार देखने को मिले
है तथा बिहार की जनता जागृत हुई है और धीरे
धीरे अब वह जाति, धर्म के जाल के निकल कर
विकास के नाम पर वोट कर रही है जिसके फलस्वरूप बिहार की राजनीतिक संस्कृति में अनेक
सकारात्मक बदलाव देखने को आए ।
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- 68वीं बीपीएससी में इसे 7 नम्बर के प्रश्न में पूछा गया जिस कारण इस प्रश्न का उत्तर 150 शब्दों से ज्यादा लिखना उचित नहीं है फिर भी आपकी बेहतर समझ तथा भाविष्य में किसी अन्य प्रश्न का उत्तर तैयार करने के लिए शब्द सीमा को थोड़ा पार किया जा रहा है। आप उत्तर लिखते समय थोड़ बहुत सुधार के साथ इसे शब्द सीमा में लिखने का प्रयास करें।
- यह मॉडल उत्तर GK BUCKET टीम द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है जिसमें सुधार आपेक्षित है और आप अपनी समझ तथा आवश्यकता के अनुसार उत्तर में सुधार , अन्य महत्पूर्ण तथ्यों को जोड़ कर कर बेहतर उत्तर लिख सकते हैं । हमारा प्रयास केवल आपको मार्गदर्शन करना है।
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