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Jul 29, 2023

रेडियोसक्रियता

रेडियोसक्रियता

 


वह प्रकिया जिसमें एक अस्थिर परमाणु अपने नाभिक से अदृश्य किरण अल्फा (α), बीटा (β) तथा गामा (γ) किरणों के रूप में ऊर्जा का त्याग करता है क्या कहलाती है- रेडियोसक्रियता Radioactivity

प्रकृति में पाए जाने  वाले तत्व जो स्वतः विखंडित होकर कुछ अदृश्य किरणों का उत्सर्जन करते हैं क्या कहलाते हैं- रेडियोसक्रिय तत्व

सर्वप्रथम रेडियोसक्रियता का पता किसने लगाया-  हेनरी बेकरेल 

कुछ स्रोतों के अनुसार हेनरी बेकुरल एवं क्यूरी दंपत्ति दोनों माना गया।

रेडियोसक्रियता की खोज के लिए किन वैज्ञानिकों को 1903 में संयुक्त रुप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया- हेनरी  बेकुरल, मैडम क्यूरी तथा पियरे क्यूरी

मैडम क्यूरी को दो बार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1911 में रसायन विज्ञान में रेडियम के शुद्धिकरण और पोलोनियम की खोज के लिए नोबल पुरस्कार मिला।

रेडियोसक्रियता का SI मात्रक क्या है- बेकेरल, प्रतीक- Bq

रेडियोसक्रियता का एक मात्रक क्यूरी (प्रतीक Ci) भी प्रचलन में है।

रेडियोसक्रियता की माप किससे की जाती है- गाइगर मूलर काउंटर से


अल्फा

बीटा

गामा

धनावेश

ऋण आवेश

उदासीन

वेग प्रकाश के वेग का 1/10 भाग

प्रकाश के वेग का 9/10 भाग

प्रकाश के वेग के लगभग बराबर

हाइड्रोजन के भार से 4 गुना

हाइड्रोजन के भार का 1/1840 (लगभग नगण्य)

अद्रव्य प्रकृति,

नगण्य भार

वेधन क्षमता सबसे कम

वेधन क्षमता अल्फा से 9 गुना

सबसे अधिक वेधन  क्षमता

 

पिंच ब्लैंड से रेडियम की खोज किसके द्वारा की गई-  क्यूरी दंपत्ति

सर्वाधिक रेडियोऐक्टिव तत्व माना जाता है- रेडियम

रेडियम किससे प्राप्त किया जाता है- यूरेनियम के खनिज पिंच ब्लेड से

रेडियोसक्रिय तत्व के परमाणु की प्रकृति कैसी होती है- अस्थाई


नाभिक से कण निकलने पर मूल परमाणु की तुलना में प्रभाव

एक अल्फा कण निकलने पर

परमाणु द्रव्यमान- 4 की कमी

परमाणु संख्या- 2 की कमी

एक बीटा कण निकलने पर

परमाणु द्रव्यमान कोई बदलाव नहीं

परमाणु संख्या- 1 की वृद्धि


अल्फा (α), बीटा (β) तथा गामा (γ) किरणों के निकलने से परमाणु संख्या तथा परमाणु द्रव्यमान पर पड़ने वाले प्रभाव को क्या कहा जाता है- सोडी फंजास का नियम

रेडियोसक्रिय तत्व के परमाणु के नाभिक  जब स्वाभाविक रूप से स्वतः विखंडित होकर अन्य तत्व के परमाणुओं में परिवर्तित होते हैं तो यह क्रिया क्या कहलाती है- प्राकृतिक रेडियोसक्रियता 

वह प्रक्रिया जिसमें कोई तत्व कृत्रिम विधि से किसी ज्ञात तत्व के रेडियोसक्रिय समस्थानिक में परिवर्तित किया जाता है तो यह प्रक्रिया क्या कहलाती है-  कृत्रिम रेडियोसक्रियता

पहला खोजा गया प्राकृतिक रेडियोसक्रिय तत्व कौन सा है- यूरेनियम

कृत्रिम रेडियोसक्रियता में किन कणों द्वारा प्रहार कराया जाता है- तीव्र वेग वाले  कणों द्वारा

रेडियोसक्रिय पदार्थों से निकलने वाले किरणों को किसने अल्फा, बीटा तथा गामा नाम दियारदरफोर्ड

 

कृपया ध्‍यान दें
 

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अर्द्धआयु

वह समय जिसमें किसी रेडियोसक्रिय तत्व में उपस्थित परमाणुओं की संख्या टूटकर अपने प्रारंभिक संख्या की आधी रह जाती है, क्या कहलाती है- उस तत्व की अर्द्धआयु

रेडियो सक्रिय पदार्थ में सबसे अधिक अर्धआयु किसका होता है- यूरेनियम

नोट- सबसे कम अर्धआयु पोलोनियम का होता है। 

किसी रेडियोसक्रिय तत्व की अर्द्धआयु किस तथ्य पर निर्भर नहीं करती है- द्रव्यमान पर

किसी रेडियोसक्रिय तत्व की अर्द्धआयु को किस प्रकार बदला जा सकता है- किसी भी प्रकार से बदला नहीं जा सकता

किसी प्राचीन पत्थर अवशेष, जीवाश्म की आयु का निर्धारण किया जाता है- रेडियो आइसोटोप डेटिंग द्वारा

 

यूरेनियम तिथि निर्धारण

निर्जीव वस्तुओं जैसे पृथ्वीचट्टान आदि की आयु निर्धारण

कार्बन डेंटिंग पद्धति

जीवाश्मों एवं मृत पेड़ पौधों का

पुराचुंबकी तिथि निर्धारण

मृदा में दबे बर्तनमूर्तिईट आदि की आयु निर्धारण

 

 

कार्बन डेंटिंग पद्धति का विकास किसने किया-विलियर्ड लिवी

फ्लोरीन तिथि निर्धारण का प्रयोग किया जाता है- जीवाश्मों में

जीवाश्मों एवं मृत पेड़ पौधों की आयु ज्ञात की सकती है- 6C14 तथा  6C12  का अनुपात ज्ञात करके

रेडियोसक्रिय विकिरण का पता लगाने में किसका प्रयोग किया जाता है- प्रस्फुरण गणक Scintillation Counter

दव्यमान क्षति क्या है- नाभिक का द्रव्यमान एवं इसके घटकों के द्रव्यमान का अंतर

 

नाभिकीय ऊर्जा

नाभिकीय भौतिकी का जनक किसे माना जाता है- रदरफोर्ड

नाभिकीय विखण्डन तथा नाभिकीय संलयन क्रिया में मुक्त ऊर्जा क्या कहलाती है- नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy)

सभी रेडियोसक्रिय पदार्थों का प्रयोग किया जा सकता है- परमाणु ईंधन के रूप में

ऐसे तत्व जिनका परमाणु क्रमांक 80 से ज्यादा होता है प्रायः प्रदर्शित करते हैं- रेडियोसक्रियता

नाभिक में परस्पर कणों को बांधे रखने हेतु एक अत्यंत प्रबल आकर्षण बल होता है जिसे कहा जाता है- नाभिकीय बल

नाभिकीय बल किस पर निर्भर नहीं करता- विद्युत आवेश पर


सभी प्रश्‍नों को आप वीडियो एवं नोट्स के माध्‍यम से भी पढ़ सकते है। इन सभी प्रश्‍नों का PDF एवं वीडियो आप नीचे दिए गए लिंक से प्राप्‍त कर सकते हैं । 


भारत का इतिहास वीडियो लिंक 


 संपूर्ण विश्‍व भूगोल का वीडियो लिंक 


प्राचीन भारत का इतिहास पीडीएफ लिंक


नाभिकीय विखंडन Nuclear Fission

बड़े तथा भारी नाभिकों के छोटे नाभिकों में विभक्त हो जाना क्या कहलाता है- नाभिकीय विखंडन

सबसे पहले किसने यूरेनियम परमाणु पर मन्द गति के न्यूट्रॉन की बौछार करके इसके नाभिक को दो लगभग बराबर द्रव्यमान वाले नाभिकों में विभक्त किया- जर्मन वैज्ञानिक ऑटोहॉन एवं स्ट्रॉसमैन ने

परमाणु बम का जनक किसे माना जाता है- ऑटोहॉन

भारतीय परमाणु बम का जनक किसे माना जाता है- राजा रमन्ना

नोट- भारत में परमाणु ऊर्जा का जनक- डा. होमी जहांगीर भाभा

विखंडन के कारण उत्पन्न ऊर्जा का मूल कारण क्या है- द्रव्यमान क्षति

विखंडन के दौरान द्रव्यमान क्षति आइन्सटीन के किस समीकरण के अनुसार परिवर्तित होती है- द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण (E=MC2) के अनुसार

परमाणु के नाभिक के अन्दर किस प्रकार के बल कार्य करते हैं- स्थिर वैद्युत बल (प्रोटानों में परस्पर प्रतिकर्षण) एवं नाभिकीय बल (प्रोटानों तथा न्यूट्रानों में परस्पर आकर्षण)

नाभिकीय बल कब ज्यादा प्रभावी होता है – जब नाभिक के कण अत्यंत न्यून दूरी पर हो।

यूरेनियम 235 के नाभिक में नाभिकीय बलों का परिमाण कम होने का क्या कारण है- नाभिक के कणों के बीच की दूरी अधिक होना

यूरेनियम-235 के नाभिक में कौन सा बल ज्यादा प्रभावी होता है- स्थिर वैद्युत बल

यूरेनियम-235 की प्रवृत्ति अस्थाई क्यों पायी जाती है- स्थिर वैद्युत बल की अपेक्षा नाभिकीय बल कम होना

जब किसी अभिक्रिया के दौरान अभिकारक अथवा उत्पाद अगली अभिक्रिया आरंभ करें और अभिक्रियाओं का अनुक्रम प्रारंभ हो जाए तो इसे क्या कहा जाता है- शृंखला अभिक्रिया Chain Reaction

यूरेनियम 235 पर न्यूट्रॉन की बौछार करने पर नाभिक के टूटने पर कितने नये न्यूट्रान निकलते हैं- 3

यूरेनियम के भारी नाभिक पर न्यूट्रॉन की बौछार करने से कौन से दो हल्के नाभिक बनते हैं- बेरियम एवं क्रिप्टॉन

श्रृंखला अभिक्रिया कितने प्रकार ही होती है- दो प्रकार की नियंत्रित व अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया

परमाणु बम में कौन सी अभिक्रिया कार्य करती है- अनियंत्रित शृंखला अभिक्रिया Uncontrolled Chain Reaction


1945 में जापान पर गिराए गए परमाणु बम का नाम क्या था- हिरोशिमा पर 6 अगस्त को लिटिल बॉय (यूरेनियम आधारित) तथा नागासाकी पर 9 अगस्त को फैटमैन (प्लूटोनियम आधारित

सबसे पहले परमाणु रियक्टर की स्थापना किसके द्वारा की गयी- अमेरिकी वैज्ञानिक एनरिको फर्मी द्वारा

नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया Controlled Chain Reaction का उपयोग कहां किया जाता है- नाभिकीय रिएक्टर अथवा परमाणु भट्टी में

परमाणु भट्ठी में ईंधन के रूप में प्रायः किसका उपयोग किया जाता है- संवर्द्धित यूरेनियम (enriched Uranium) 

विखंडन की श्रृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित करने हेतु किसका प्रयोग किया जाता है जो मुक्त न्यूट्रॉनों को अवशोषित कर लेती हैं- कैडमियम तथा बोरॉन की छड़

नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया में न्यूट्रॉनों की गति को मंद करने हेतु मन्दक के रुप में किसका प्रयोग किया जाता है- भारी जल (D2O) एवं ग्रेफाइट आदि

रिएक्टरों में प्रशीतक (Coolent) के रूप में प्रयुक्त किया जाता है- जल, द्रव सोडियम व पोटेशियम 

भारतीय रिएक्टरों में मंदक के रूप में अधिकांशत: किसका प्रयोग होता है- भारी जल (D2O) का

 

नाभिकीय रिएक्टर के मुख्य भाग

ईधन Fuel

सामान्यतः यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 का प्रयोग किया जाता है।

शीतलक Coolant

विखण्डन के पश्चात् उत्पन्न अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा को नियंत्रित करने हेतु

मन्दक Moderator

नाभिकीय विखण्डन की क्रिया को मन्द करने हेतु।

नियंत्रक छड़ Controlling Rods

श्रृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए।

परिरक्षक Shield

हानिकारक विकिरणों से सुरक्षा हेतु कंक्रीट की मोटी दीवार

 

ऐसे रिएक्टर, जिनमें मन्दगामी न्यूट्रानों द्वारा यूरेनियम-235 का विखण्डन करके ऊर्जा प्राप्त की जाती है उन्हें क्या कहा जाता है- तापीय रिएक्टर

ऐसे रिएक्टर जिनमें उत्पादित प्लूटोनियम- 239 तथा यूरेनियम-233 की मात्रा व्यय होने वाले पदार्थों जैसे यूरेनियम-238 तथा थोरियम-232 से अधिक होती है उसे क्या कहा जाता हैब्रीडर रिएक्टर 

तीव्र प्रजनक रियक्टर Fast Breeder Rector में शृंखला अभिक्रिया को बनाए रखने हेतु किसका उपयोग किया जाता है- तीव्र न्यूट्रॉनों का

किस रियक्टर में मंदकों की आवश्यकता नहीं होती- तीव्र प्रजनक रियक्टर में

किसके नेतृत्व में भारत में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की शुरुआत हुई- होमी जहांगीर भाभा

भारत का प्रथम नाभिकीय रियक्टर कौन सा था- अप्सरा

भारत में कितने परमाणु रियक्टर कार्यरत है- 22 (वर्ष 2017 के अनुसार भारत का 22वां परमाणु रियक्टर कुडनकुलम, तमिलनाडु है)

भारत में तीन चरणों वाला परमाणु कार्यक्रम क्यों अपनाया गया- यूरेनियम के भंडार सीमित होने तथा थोरियम के पर्याप्त भंडार होने के कारण

गैर विखंडनीय थोरियम किससे प्राप्त होता है- मोनोजाइट बालू से

 

भारत में परमाणु ऊर्जा

प्रथम चरण

  1. दाबित भारीजल रियक्टर का प्रयोग।
  2. प्राकृतिक यूरेनियम (0.7% विखंडनीय U-235 तथा शेष U-238) को ईंधन के रूप में तथा भारी जल का मंदक के रूप में प्रयोग।
  3. इस चरण में उत्पाद के रूप में उर्जा तथा प्लूटोनियम-239 प्राप्त होता है।

द्वितीय चरण

  1. फास्ट ब्रीडर रियक्टर का प्रयोग
  2. प्रथम चरण से प्राप्त Pu-239 का मुख्य ईंधन के रूप में प्रयोग।
  3. Th- 232 के प्रयोग द्वारा U-233 का निर्माण जो तृतीय चरण हेतु ईंधन बनेगा।
  4. इस चरण में जितना ईंधन लगेगा उससे ज्यादा ईंधन का निर्माण तृतीय चरण के लिए होगा।

तृतीय चरण

  1. थोरियम-यूरेनियम 233 चक्र पर आधारित ।
  2. इसमें U-233 को थोरियम के विकिरण से हासिल किया जाना है जबकि प्लूटोनियम को यूरेनियम 238 के विखंडन से प्राप्त किया जाता है।


भारत का परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम किस चरण में है- द्वितीय चरण

पृथ्वी की आयु निर्धारण में किसका प्रयोग होता है- यूरेनियम-238 

भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण राजस्थान के पोखरण में मई 1974 में किस गुप्त नाम से किया था- “स्माइलिंग बुद्धा”  

 

रेडियो समस्थानिक एवं उपयोग

फास्फोरस 32

ल्यूकेमिया/ रक्त कैंसर उपचार

कोबाल्ट 60

कैंसर उपचार

इरीडियम 192

कैंसर उपचार

आयोडीन 131

थाइरॉइड ग्रंथि संबंधी रोग

आर्सेनिक 74

ब्रेन टयूमर का पता लगाने में

सोडियम 24

रक्त का थक्का पता लगाने में

कॉपर 62

ग्लूकोज उपापचय का पता लगाने में

ल्यूटीशियम

रेडियोथेरपी हेतु

होलमियम 166

सेमारियम-153

गठिया रोग के इलाज में

रुबिडियम 82

मायोकार्डियल रक्त बहाव

यूरेनियम 238

चटट्नों की आयु निर्धारण


भारत ने दूसरा परमाणु परीक्षण (पोखरण-II) 1998 में किस गुप्त नाम से किया- ऑपरेशन शक्ति

शोध रियक्टर का मुख्य उद्देश्य क्या होता है- नाभिकीय विज्ञान के सभी आयामों पर शोध हेतु सुविधा प्रदान करना

शोध रियक्टर में उत्पादित किस उत्पाद का उपयोग कृषि, चिकित्सा, उद्योग आदि में होता है- समस्थानिकों का

 


नाभिकीय संलयन Nuclear Fusion

जब दो हल्के नाभिकअत्यधिक उच्च ताप पर परस्पर संयोग करके भारी नाभिक बनाते हैं तो यह प्रक्रिया कहलाती हैनाभिकीय संलयन

नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया को ताप नाभिकीय अभिक्रिया भी क्यों कहा जाता हैअति उच्च ताप पर प्रक्रिया होने के कारण

नोटहाइड्रोजन बम में नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया करने से पहले परमाणु विस्फोट कराया जाता है तकि उच्च ताप और दाब प्राप्त हो सके और फिर नभिकीय संलयन क्रिया आरंभ हो

फादर ऑफ हाइड्रोजन बम किसे कहा जाता है- एडवर्ड टेलर 


नाभिकीय विखंडन 

नाभिकीय  संलयन

भारी नाभिक दो हल्के नाभिक में विभक्त हो जाता है।

दो हल्के नाभिक संयुक्त होकर एक भारी नाभिक बनाते हैं।

अभिक्रिया साधारण ताप पर सम्पन्न

उच्च ताप  की आवश्यकता

श्रृंखला अभिक्रियाएं होती हैं।

श्रृंखला अभिक्रियाएं नहीं होती हैं।

नाभिकीय रिएक्टर में नियन्त्रित कर  ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कायों में किया जा सकता है।

इसे नियन्त्रित नहीं किया जा सकता है।

इसी सिद्धान्त पर परमाणु बम कार्य करता है।

इस सिद्धान्त हाइड्रोजन बम का निर्माण होता है।

 

हाइड्रोजन बम का निर्माण किस सिद्धांत के आधार पर होता है- नाभिकीय संलयन

थर्मोन्यूक्लियर बम (thermonuclear bomb) अथवा एच बमकिसे कहा जाता है- हाइड्रोजन बम को

सूर्य की ऊर्जा का स्रोत क्या है- नाभिकीय संलयन

सूर्य की ईंधन का मुख्य रूप से स्रोत क्या है- हाइड्रोजन






69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-

कार्यक्रम की रूपरेखा

  1. BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित  Telegram based online Test
  2. प्रथम चरण  - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
  3. द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्‍य परीक्षा के पूर्व  ।
  4. सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्‍न का अभ्‍यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्‍य मुख्‍य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्‍नों का अभ्‍यास करना है ।
  5. सामान्‍य अध्‍ययन के पारम्‍परिक प्रश्‍नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्‍टूबर 2023 तक के सभी महत्‍वपूर्ण घटनाओंआर्थिक समीक्षाबजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्‍तर लेखन का अभ्‍यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्‍न नहीं होगें ।
  6. उत्‍तर लेखन टेलीग्राम के माध्‍यम से हिन्‍दी माध्‍यम में होगा ।
  7. निबंध लेखन के तहत अभ्‍यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।


कार्यक्रम की विशेषता

  1. GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
  2. हमारी टीम के अनुसार प्रत्‍येक प्रश्‍न का मॉडल उत्‍तरमूल्‍यांकनआवश्‍यक सलाहआदि ।
  3. संसाधनकोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्‍याओं को दूर करने में सहायक ।
  4. बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्‍य आपको सर्वोत्‍तम प्रदान करना है ।
  5. उपरोक्‍त नियम में समय एवं आवश्‍यकता के अनुसार आवश्‍यक बदलाव किए जा सकते है।

कार्यक्रम के लाभ

  1. मुख्‍य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
  2. बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्‍नों का अभ्‍यास कराया जाएगा ।
  3. पीटी रिजल्‍ट के बाद अत्‍यंत कम समय में दोहराव से आत्‍मविश्‍वास आएगा।
  4. प्रश्‍नों की प्रकृति समझनेउसे हल करनेसमय प्रबंधन का अभ्‍यास होगा ।
  5. न्‍यूनतम शुल्‍क में बेहतर गुणवत्‍ता के साथ तैयारी का अवसर ।
  6. सितम्‍बर में GK BUCKET टीम द्वारा तैयार BPSC Mains Special Notes अपडेटेड नोट्स आ जाएगा तो इस कार्यक्रम में शामिल सदस्‍य उस समय विशेष छूट (लगभग 40% तक) के साथ नोटस को प्राप्‍त कर सकते हैं।
  7. ज्‍यादा जानकारी के लिए कॉल करें 74704-95829
  8. BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 

68th BPSC मुख्‍य परीक्षा के मॉडल उत्‍तर देखने के लिए नीचे क्लिक करें। 



 




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