बिहार - महिला सशक्तिकरण
SDG लक्ष्य में महिलाओं
सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता की बात कही गयी है। सशक्तिकरण का अर्थ हैं अवसरों तथा
संसाधनों की प्राप्ति, अपनी पसंद रखने तथा तय करने के अधिकार
के साथ अधिक न्यायपूर्ण और सामजिक, आर्थिक व्यवस्था के
निर्माण हेतु सामजिक परिवर्तन की दिशा को प्रभावित करने की क्षमता से हैं।
महिला
सशक्तिकरण के सूचक
- घरेलू निर्णय लेने में महिला की भागीदारी ।
- कोई बैंक खाता होना ।
- अपने पास घर या जमीन होना ।
भारत में
महिलाओं की स्थिति में सुधार हेतु आठवीं पंचवर्षीय योजना में पहली बार महिलाओं
सशक्तिकरण को स्पष्ट लक्ष्य के रूप में शमिल किया गया था। उसके बाद केंद्र सरकार
एवं राज्य सरकार के महिला सशक्तिकरण के दिशा में अनेक प्रयास किए गए जिससे बिहार
में महिलाओं की स्थिति में सुधार आया है ।
महिला सशक्तिकरण के सूचक |
राष्ट्रीय पारिवारिक एवं स्वास्थ्य
सर्वेक्षण-4 |
राष्ट्रीय पारिवारिक एवं स्वास्थ्य
सर्वेक्षण-5 |
विवाहित महिलाओं द्वारा घरेलू निर्णयों में
भागीदारी |
75.2% |
86.5% |
स्वयं का बैंक खाता संचालित करने
वाली महिलाएं |
26.4% |
76.7% |
अकेले/संयुक्त रूप से घर/जमीन
रखनेवाली महिलाएं |
58.8% |
55.3% |
उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है वर्ष 2015-16 तथा 2019-20 के मध्य बिहार में विवाहित महिलाओं
द्वारा घरेलू निर्णयों में भागीदारी तथा स्वयं का बैंक खाता संचालित करने वाली
महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि अकेले या संयुक्त रूप से घर जमीन
खरीदने वाले महिलाओं के हिस्से में 3.5% की कमी आई है ।
लैंगिक
भेदभाव से निपटने हेतु बिहार सरकार की
योजनाएं |
|
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना |
वर्ष 2018 में
आरंभ इस योजना में किसी लड़की के जीवन का उसके जन्म से लेकर स्नातक होने तक
आच्छादन होता है । |
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना |
BPL परिवार की18 वर्ष या उसके बाद विवाह करने वाली लड़कियों
को रु.5 हजार की वित्तीय सहायता । |
मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना |
घरेलू हिंसा और मानव व्यापार की शिकार महिलाओं और किशोरियों
को निशुल्क
सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक
सहयोग और कानूनी सहायता । |
लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना |
18 वर्ष से अधिक आयु के सभी विधवाओं के
लिए जिनकी वार्षिक परिवार की आय 60,000 रुपये से
कम है । |
महिला सशक्तिकरण के महत्व को समझते हुए बिहार में पिछले कुछ वर्षों में
अनेक सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। इनमें से एक है जेंडर बजट जिसका प्रकाशन बिहार
सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 से किया जा
रहा है। वर्ष 2015 में महिला
विकास निगम के एक कोषांग लैंगिक संसाधन केन्द्र को कल्याण विभाग का जैंडर बजट
बनाने हेतु नोडल अभिकरण नामित किया गया
।
वर्ष 2020-21 कुल राज्य बजट में महिलाओं पर व्यय का हिस्सा 16.0% था जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में महिलाओं के लिए कुल परिव्यय 3.7% था।
जेंडर बजट
|
¶
समाज
में लैंगिक समानता लाने हेतु उपलब्ध् कानूनी प्रावधानों के अतिरिक्त बजट में
महिलाओं तथा बच्चों के कल्याणार्थ विशेष राशि का आवंटन जेंडर बजटिंग कहलाता है । ¶
समाज
कल्याण, शिक्षा, ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य ऐसे
विभाग है जिनके माध्यम से महिला उन्मुखी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन होता है। ¶
जेंडर
बजट का मुख्य उद्देश्य योजनाओं के माध्यम से पुरुषों के समान महिलाओं को भी
विकास के अवसर तथा लाभ उपलब्ध कराना होता है ताकि महिलाएं भी समाज की मुख्याधारा
में शमिल हो सके । ¶
बिहार
समेत भारत के 16 राज्यों ने जेंडर बजट को अपनाया।
जेंडर बजट अनेक पंचायती राज संस्थाओं में भी लागू है। ¶ जेंडर बजट के माध्यम से महिला
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार केन्दित योजनाओं तथा नीतियों
हेतु अतिरिक्त राशि आवंटन किया जाता है । एक रिपोर्ट के अनुसार जेंडर बजटिंग
लागू करनेवाले राज्यों में बालिका शिक्षा में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए है |
जेंडर
बजट की आवश्यकता
|
¶
सामजिक, आर्थिक, राजनतिक क्षेत्र में व्याप्त लैंगिक
असमानता दूर करने हेतु। ¶
महिला
अपराध, सामजिक कुप्रथाओं जैसे दहेज, बाल
विवाह, बढ़ती असुरक्षा, भ्रूण हत्या, बलात्कार, आदि में विशेष सुरक्षा तथा संबल । ¶
निम्न
सुविधओं तथा संसाधनों के बावजूद स्वस्थ् पीढ़ी निर्माण का दायित्व के निर्वहन
हेतु । ¶
पुरुष-प्रधान समाज में महिला अधिकार, अवसरों
तथा संसाधनों तक आसान पहुंच हेतु । |
बिहार में
महिला सशक्तिकरण की योजनाओं तथा स्थिति का आकलन करने हेतु आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण
में वर्गीकृत किया जा सकता है।
आर्थिक सशक्तिकरण
जीविका के
माध्यम से गठित महिला स्वयं सहायता समूह
द्वारा महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण।
सात
निश्चय भाग-1 “आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार” |
|
सरकारी
सेवा में आरक्षण |
¶
राज्य
सरकार द्वारा सभी सरकारी सेवाओं में नियुक्ति में महिलाओं को 35% आरक्षण। ¶
बिहार
आरक्षी सेवाओं में महिलाओं को 35%
आरक्षण तथा राज्य में महिला पुलिस
थाने की स्थापना। |
स्थानीय
निकाय में आरक्षण |
¶
पंचायती
राज संस्थानों और नगरपालिका
निकाय में महिलाओं
को 50% आरक्षण। |
सात
निश्चय-2 के तहत “सशक्त महिला, सक्षम महिला” |
|
महिला
उद्यमिता हेतु विशेष योजना
|
महिलाओं
द्वारा स्थापित उद्यमों के लिए 50% परियोजना का वाहन राज्य द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा महिला उद्यमियों
को ₹5 लाख तक अनुदान और अधिकतम ₹5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण । |
उच्च
शिक्षा हेतु लड़कियों को प्रोत्साहन |
इस योजना
के तहत अविवाहित लड़कियों को इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी होने पर ₹ 25 हजार और स्नातक पूरी होने पर ₹
50 हजार दिए जाने की व्यवस्था है। |
क्षेत्रीय
प्रशासन में महिलाओं के आरक्षण के अनुसार भागीदारी |
क्षेत्रीय
प्रशासन, पुलिस, प्रखंड, अनुमंडल और जिला स्तर के कार्यालयों
में महिलाओं की भागीदारी आरक्षण योजना के अनुसार बढ़ाई जाएगी। |
वैकल्पिक बैंकिंग(बैंक हमारे गांव)
बैंक सखियों के माध्यम से
जीविका ने संचालित ग्राहक सेवा केंद्र खोलने में सहयोग के लिए प्रमुख बैंकों के
व्यवसायिक संवाददाताओं के साथ मिलकर काम शुरू किया। इस प्रकार दूरदराज के गांवों
में आम लोगों, महिलाओं
तक बैंकिंग सुविधाओं को पहुंचाया गया।
सूक्ष्म बीमा
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा
योजना के तहत बीमा नामांकन का लक्ष्य बिहार के सभी जिलों में हासिल किया गया है जो
महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
महिला विकास निगम
राज्य में महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हेतु सभी 38 जिलों में महिला विकास
निगम के जिला स्तरीय कार्यालय खोले गए।
कृषि मूल्य श्रृंखला
जीविका द्वारा प्रवर्तित
कृषि उत्पादक कंपनियों का लक्ष्य कृषि एवं ग्रामीण उत्पादों का बाजार संपर्क
बढ़ाकर कृषक समुदाय की मोलतोल क्षमता को बढ़ाना है। जीविका द्वारा 10 जिलों में 10 महिला उत्पादक कंपनियों को प्रवर्तित किया गया है जो लगभग 40 हजार किसानों को सेवा दे रही है।
गव्य उत्पादक कंपनी-जीविका और राष्ट्रीय गव्य विकास बोर्ड के तकनीकी सहयोग से सहरसा में सितम्बर 2017 में कौशिकी महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी लिमिटेड की शुरुआत की गयी । सितम्बर 2021 तक 668 गांवों में 31 हजार से ज्यादा सदस्य नामांकित थे।
आर्थिक
सशक्तिकरण के कुछ अन्य प्रयास ¶
फुलवारी
शरीफ, पटना में महिलाओं द्वारा भारती ब्रांड नाम से सेनेटरी नैपकिन
की उत्पादन इकाई का सफलतापूर्वक संचालन। ¶
मनेर, पटना में महादलित महिलाओं द्वारा व्यवसायिक उद्यम के रूप में मसाला इकाई की शुरुआत। ¶
मुख्यमंत्री
नारी शक्ति योजना के तहत महिला विकास निगम द्वारा सेवा कौशल प्रशिक्षण योजना
जैसे कार्यक्रम की शुरुआत। ¶
बिहार
शरीफ, नालंदा में हथकरघा सामान्य सुगमीकरण केंद्र
की शुरुआत। ¶
स्वयं
सहायता समूहों को सहयोग देने के लिए कृषि उत्पादक समूह का गठन। ¶ पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, नालंदा के निबंधित महिला उत्पादक कंपनियों द्वारा विपणन हेतु
कृषि उत्पाद तैयार किया जाना। |
सामाजिक सशक्तिकरण
2017-18 से 2019-20 के दौरान बिहार में महिला उत्पीड़न से
संबंधित दर्ज मामलों में सबसे अधिक घरेलू हिंसा और उसके बाद दहेज उत्पीड़न के थे।
महिलाओं के सामजिक सशक्तिकरण हेतु बिहार सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे
हैं।
खाद्य
एवं स्वास्थ्य सुरक्षा हस्तक्षेप
बिहार
में जीविका द्वारा समुदाय क्रय प्रक्रिया के जरिए खाद्यान्न और खाद्य सामग्रियों
की जरूरत पूरी करने के लिए स्वयं सहायता समूह सदस्यों को खाद्य सुरक्षा कोष उपलब्ध
कराने की पहल की है।
जीविका
ने स्वास्थ्य जोखिम कोष का क्रियान्वयन 51 हजार से ज्यादा गावों में किया है जिससे समाज के
सबसे गरीब तबके को स्वास्थ्य संबंधी झटकों में कमी लाने में मदद की है।
व्यवहार
परिवर्तन संवाद
इसका
मकसद स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता
के बारे में प्रचलित घरेलू प्रचलनों पर प्रभाव डालना था । इसके तहत जागरुकता एवं
प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया। शौचालय निर्माण और स्वयं सहायता समूह से जुड़े
परिवारों की सेवा हेतु ग्रामीण स्वच्छता बाजार का निर्माण किया गया।
अल्पावास
गृह
सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा महिला विकास निगम के माध्यम से सभी जिलों में अनाथालय चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा महिलाओं की क्षमता बढ़ाने हेतु अनेक प्रकार के प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास की व्यवस्था की जाती है।
महिला के कल्याण हेतु बने कुछ अधिनियम
|
लैंगिक
मुख्यधारा से जोड़ने हेतु
बिहार
राज्य शिक्षा परिषद द्वारा ऑनलाइन कला विषयों की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को
पाठ्यचर्चा आधारित शिक्षा देने की व्यवस्था पर केन्द्रित योजना है।
मुख्यमंत्री
कन्या विवाह योजना
बाल
विवाह को हतोत्साहित करने और लड़कियों की उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु गरीब
परिवारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के तहत लड़की के
परिवार को उसके विवाह के समय ₹
5 हजार की सहायता दी जाती है।
मुख्यमंत्री
कन्या उत्थान योजना
कन्या भ्रूण हत्या रोकने और लड़कियों के जन्म को बढ़ावा देकर लैंगिक असमानता दूर करने हेतु योजना को लाया गया। इस योजना में जन्म के समय ₹ 2हजार और 1वर्ष पूरा होने पर आधार में नामांकन होने पर ₹1 हजार दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री
नारी शक्ति योजना
इस
योजना के तहत घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए भी कई विशेष योजनाएं
जैसे- महिला हेल्प लाइन, संरक्षण
गृह, पलनाघर, स्वयं सहायता समूह का
निर्माण, अंतर्जातीय विवाह, पोषण एवं
क्षमता निर्माण इत्यादि संचालित किया जाता है।
सर्वकार्य
केन्द्र सह हेल्पलाइन
सखी
केन्द्र के नाम से सर्वकार्य केन्द्र यानी वन स्टॉप सेंटर का क्रियान्वयन वर्ष 2015 से पूरे राज्य में किया जा रहा
है जिसके द्वारा हिंसा प्रभावित महिलाएं
पुलिस, कानूनी, चिकित्सा,
मनौवैज्ञनिक सहयोग और अस्थायी आश्रय आदि मदद प्राप्त कर सकती है
।
सभी 38 जिलों में महिला हेल्पलाइन वन स्टॉप सेंटर स्थापित है जिसका वित्त पोषण निर्भया कोष के माध्यम से होता है । वर्ष 2020-21 में सबसे ज्यादा दर्ज मामले घरेलू हिंसा के थे और उसके बाद दहेज उत्पीड़न के ।
महिला स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु प्रमुख योजनाएं |
|
राजीव गांधी किशोरी
सबीकरण योजना (सबला) |
किशोरियों की आवश्यकताओं को पूरी करने हेतु सबला 2010 में आरंभ किया
गया था जिसका विशेष फोकस पढ़ाई छोडने वाली लड़कियां थी। इस योजना के तहत किशोरियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों मे सूखा राशन या गर्म पके राशन के तौर पर पूरक पोषण आहार प्रतिदिन उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा पढ़ाई छोड़ देनेवाली किशोरियों को जीवन कौशल शिक्षा के
साथ अन्य सेवाएं भी प्रदान की जाती है। |
प्रधानमंत्री मातृत्व
वंदना योजना |
बिहार में हर तीसरी महिला कुपोषित है और हर दूसरी महिला एनीमिया से
ग्रस्त है। कुपोषण और रक्ताल्पता के मुद्दे के समाधान पर केन्द्र सरकार द्वारा
इस योजना को लाया गया। 2017 से बिहार के सभी जिलों
में यह योजना लागू है जिसके तहत कुछ शर्तों के अधीन निबंधित गर्भवती महिला को 3 किश्तों में 5000 रू की वित्तीय सहायता
दी जाती है। |
हर घर नल का जल |
स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु बिहार सरकार द्वारा इस योजना को लाया गया। उल्लेखनीय है कि बिहार के 38 में से 29 जिले आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन से प्रदूषित
है। |
लोहिया स्वच्छ बिहार
अभियान |
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के कियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा इस
योजना को लाया गया जिसका उद्देश्य स्वच्छता आच्छादन को बढ़ाना तथा खुले में शौच
से मुक्ति है। |
सांस्कृतिक सशक्तिकरण
दीदी
की रसोई
यह
जीविका द्वारा संचालित और स्वयं सहायता समूह सदस्यों द्वारा
प्रबंधित कैंटीन है जो बक्सर, शेखपुरा, पूर्णिया और वैशाली के सदर अस्पतालों में कार्यरत हैं। इस कैंटीन की सफलता
से संतुष्ट होकर बिहार सरकार ने सारे सरकारी अस्पतालों के कैंटीन को जीविका
दीदियों को सौंपने का निर्णय लिया है।
इसका
उद्देश्य रोगियों, कर्मचारियों
अधिकारियों और अस्पताल आने वाले आगंतुकों अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराना
था। इस हस्तक्षेप का लक्ष्य लाभप्रद इकाइयां चलाने हेतु स्वयं सहायता समूहों का
कौशल विकास करना और समूह सदस्यों को रोजगार उपलब्ध कराना भी है। सितम्बर 2021 तक दीदी की रसोई की कुल 42 इकाईयां स्थापित हो चुकी
थी जिसमें लगभग 400 स्वय सहायता समूह के सदस्य लगे हुए हैं।
कला
एवं शिल्प
सांस्कृतिक
सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मधुबनी चित्रकला के कलास्वरूप और प्रस्तर कला का
उपयोग करके पेपर लैंप, फाइल, फोल्डर, लैपटॉप बैग, साड़ी
आदि सजावटी उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है जिन्हें जीविका द्वारा प्रचारित
किया जा रहा है तथा उत्पादों को ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यमों से बेचा जा रहा
है।
मीना
मंच
यह
20 लड़कियों
का समूह है जिसमें 15 उच्च प्राथमिक विद्यालयों की और 5
लड़कियां पांचवी कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्कूल छोड़ चुकी
लड़कियों में से होती है। इस मंच के माध्यम से विद्यार्थियों को नियमित उपस्थिति,
पढ़ाई जारी रखने, शिक्षा पूरी करने इत्यादि
के लिए प्रेरणा दी जाती है।
सपनो
को चली छूने” परियोजना
महिला
विकास निगम द्वारा संचालित “सपनो को चली छूने” परियोजना के तहत कॉलेज जानेवाले
विद्यर्थियों में नारी सशक्तिकरण और लैंगिक समानता संबंधी मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट
कराया गया।
वृद्ध एवं निशक्तजनों
की सामाजिक सुरक्षा
सामाजिक
सुरक्षा समाज द्वारा उसके सदस्यों को बीमारी विकलांगता या वृद्धावस्था जनित
सामाजिक और आर्थिक विपदाओं से बचाने के लिए अनेक सार्वजनिक उपायों के जरिए दिया
जाने वाला संरक्षण है।
संविधान
के अनुच्छेद 21 में
वर्णित जीवन का अधिकार एक मौलिक अधिकार है जिसका तात्पर्य मानव गरिमा के साथ जीवित
रहने के अधिकार से है जिसमें भोजन वस्त्र आवास जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की
सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा भी शामिल होती है।
वर्ष
2011 की
जनगणना के अनुसार बिहार में 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 77.07
लाख वृद्ध हैं जो कुल आबादी के 7.4% है । इसके
अलावा राज्य में 23.31 लाख लोग निशक्त है जो कुल आबादी के 2.2%
है । इन दोनों समूहों की सामाजिक सुरक्षा हेतु बिहार सरकार तथा
केंद्र सरकार द्वारा अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निशक्तता पेंशन योजना
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना
- लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
- कबीर अंत्येष्टि अनुदान
योजना
- मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना
- मुख्यमंत्री परिवार लाभ योजना
- मुख्यमंत्री निशक्त विवाह
अनुदान योजना
- मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना
- मुख्यमंत्री एड्स पीड़ित कल्याण योजना
- बिहार समेकित सामाजिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण परियोजना
उल्लेखनीय
है कि वर्ष 2020-21 में
वृद्ध, विधवा और निशक्त लोगों के लिए संचालित योजनाओं का कुल
व्यय 2019-20 की तुलना में 23.3% बढ़
गया ।
69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-
कार्यक्रम की रूपरेखा
- BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित Telegram based online Test
- प्रथम चरण - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
- द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्य परीक्षा के पूर्व ।
- सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्न का अभ्यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्य मुख्य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्नों का अभ्यास करना है ।
- सामान्य अध्ययन के पारम्परिक प्रश्नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्टूबर 2023 तक के सभी महत्वपूर्ण घटनाओं, आर्थिक समीक्षा, बजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्तर लेखन का अभ्यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्न नहीं होगें ।
- उत्तर लेखन टेलीग्राम के माध्यम से हिन्दी माध्यम में होगा ।
- निबंध लेखन के तहत अभ्यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।
कार्यक्रम की विशेषता
- GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
- हमारी टीम के अनुसार प्रत्येक प्रश्न का मॉडल उत्तर, मूल्यांकन, आवश्यक सलाह, आदि ।
- संसाधन, कोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक ।
- बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्य आपको सर्वोत्तम प्रदान करना है ।
- उपरोक्त नियम में समय एवं आवश्यकता के अनुसार आवश्यक बदलाव किए जा सकते है।
कार्यक्रम के लाभ
- मुख्य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
- बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्नों का अभ्यास कराया जाएगा ।
- पीटी रिजल्ट के बाद अत्यंत कम समय में दोहराव से आत्मविश्वास आएगा।
- प्रश्नों की प्रकृति समझने, उसे हल करने, समय प्रबंधन का अभ्यास होगा ।
- न्यूनतम शुल्क में बेहतर गुणवत्ता के साथ तैयारी का अवसर ।
- सितम्बर में GK BUCKET टीम द्वारा तैयार BPSC Mains Special Notes अपडेटेड नोट्स आ जाएगा तो इस कार्यक्रम में शामिल सदस्य उस समय विशेष छूट (लगभग 40% तक) के साथ नोटस को प्राप्त कर सकते हैं।
- ज्यादा जानकारी के लिए कॉल करें 74704-95829
- BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्हाटसएप/कॉल करें 74704-95829
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