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Jul 22, 2023

बिहार में मानव विकास-जनसंख्‍या

 बिहार में मानव विकास-जनसंख्‍या 


बिहार आर्थिक समीक्षा पर आधारित  


किसी भी क्षेत्र के आर्थिक विकास में उस क्षेत्र के मानव संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति एवं स्वच्छता, समाज कल्याण, समाजिक सुरक्षा इत्यादि  जैसे सूचकों का सुधार जीवन की गुणवत्ता और अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता पर प्रभाव डालता है । अतः मानव संसाधन का विकास किसी भी सरकार की प्राथमिकता होती है।

 

बिहार सरकार के कुल व्यय में सामाजिक सेवाओं पर व्यय का हिस्सा 2015-16 के 34.4% से बढ़कर 2020-21 में 44.0% हो गया । 

 

बिहार की जनसंख्या संबंधी मुख्य तथ्य

बिहार का जनसंख्या के परिदृश्य भारत से अलग है जो निम्न बातों से पता चलता है-

  1. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की जनसंख्या 10.40  करोड़ थी जो भारत की कुल जनसंख्या 121.06  करोड़ की आबादी का  8.6% थी। इस प्रकार जनसंख्या में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरा बड़ा राज्य है।
  2. 2001-2011 के मध्य राज्य की जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर 25.1 प्रतिशत दर्ज हुई जो संपूर्ण भारत के लिए 17.7%थी।
  3. भारत की 8.6% आबादी के साथ भारत के क्षेत्रफल का केवल 2.9% प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को बताता है।
  4. बिहार में जनसंख्या घनत्व 1106  व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है जबकि भारत का जन घनत्व 382  व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है । यह भूमि पर जनसंख्या के अधिक दबाव को दर्शाता है जो राज्य के विकास के लिए बड़ी चुनौती है।
  5. बिहार में अभी अन्य राज्यों की तरह  जनसांख्यिकी संक्रमण नहीं हुआ है तथा बिहार की जनसंख्या की उच्च वृद्धि में कई सामाजिक, आर्थिक बाधाएं जुड़ी हुई है जिसे पार पाना हैं।
  6. बिहार में शहरीकरण संपूर्ण भारत के 31.2 % की तुलना में केवल  11.3% है जो दर्शाता है कि लगभग 89% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और इस कारण से बिहार में ग्रामीण विकास आवश्यक है। बिहार में शहरीकरण की दशकीय वृद्धि दर  केवल 0.8% है जबकि संपूर्ण भारत में यह दर 3.4% है।
  7. बिहार में  लिंगानुपात 918  है जबकि भारत में  यह 943 है लेकिन सौभाग्यवश बाल लिंगानुपात में बिहार में 935 है जबकि राष्ट्रीय  औसत 919 है।



प्रजनन दर अनुमान

भारत की कुल प्रजनन दर 2016-20 के बीच 2.1 और 2031-35 में 1.7 होने की आशा है और इसी अवधि में बिहार की प्रजनन दर 3.2 से कम होकर 2.4% रह जाने का अनुमान है।

 

आयु संरचना

 

बिहार और भारत में आयु संरचना के अनुसार अनुमानित जनसंख्या (2011 और 2036)

आयु समूह

अनुमान वर्ष

बिहार

भारत

0 से 14 वर्ष

2011

40.2%

30.9%

2036

27.7%

20.1%

15 से 59 वर्ष

2011

53.5%

60.7%

 

2036

61.4%

64.9%

60 वर्ष और उससे अधिक

2011

6.3%

8.4%

2036

10.9%

14.9%



बिहार और भारत में आयु संरचना के अनुसार अनुमानित जनसंख्या संबंधी  निष्कर्ष को निम्‍न प्रकार से समझा जा सकता है ।

 

जनसंख्या की मुख्य श्रेणियां एवं अनुमान

बच्चा

0 से 14 वर्ष

हांलाकि आनेवाले समय में जनसंख्या की इस श्रेणी का हिस्सा भारत एवं बिहार दोनों में कमी आएगी लेकिन 2036 में बिहार की कुल आबादी में बच्चों का हिस्सा 27.7% होगा जो भारत के 20.1% हिस्से से 7.6% ज्यादा है।

कार्यशील उम्र समूह  15 से 59 वर्ष

 

बिहार और भारत की जनसंख्या के अनुमान का तुलनात्मक विश्लेषण यह बताता है कि 2036 तक कार्यशील आबादी का हिस्सा बिहार और भारत दोनों में बढ़ेगा।

ऐसा अनुमान है कि बिहार में इसका हिस्सा 2011 के 53.5% से बढ़कर 2036 में जहां 61.4% हो जाएगा वहीं भारत में 2011 के 60.7% से बढ़कर 2036 में 64.9% हो जाएगा।

इस प्रकार कामकाजी उम्र वाली आबादी बढ़ने से आर्थिक वृद्धि को तेज करने में मदद मिल सकती है लेकिन इस संभावित जनसांख्यिकी लाभांश का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए मानव पूंजी में निवेश के साथ उत्पादक रोजगार के अवसरों की जरूरत होती है ।

बुजुर्ग

60 वर्ष और  अधिक

भारत के मामले में बुजुर्ग आबादी का हिस्सा 2011 के 8.4% से बढ़कर 2036 में 15.0%  हो जाएगा जबकि बिहार में इस आबादी का हिस्सा धीमी गति से बढ़ेगा और 2011 के 6.3% से बढ़कर 2036 में 10.9% हो जाएगी।

 




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कार्यक्रम की रूपरेखा

  1. BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित  Telegram based online Test
  2. प्रथम चरण  - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
  3. द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्‍य परीक्षा के पूर्व  ।
  4. सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्‍न का अभ्‍यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्‍य मुख्‍य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्‍नों का अभ्‍यास करना है ।
  5. सामान्‍य अध्‍ययन के पारम्‍परिक प्रश्‍नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्‍टूबर 2023 तक के सभी महत्‍वपूर्ण घटनाओंआर्थिक समीक्षाबजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्‍तर लेखन का अभ्‍यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्‍न नहीं होगें ।
  6. उत्‍तर लेखन टेलीग्राम के माध्‍यम से हिन्‍दी माध्‍यम में होगा ।
  7. निबंध लेखन के तहत अभ्‍यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।


कार्यक्रम की विशेषता

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  2. हमारी टीम के अनुसार प्रत्‍येक प्रश्‍न का मॉडल उत्‍तरमूल्‍यांकनआवश्‍यक सलाहआदि ।
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  5. उपरोक्‍त नियम में समय एवं आवश्‍यकता के अनुसार आवश्‍यक बदलाव किए जा सकते है।

कार्यक्रम के लाभ

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