मुगल प्रशासन, अर्थव्यवस्था, कला संस्कृति
मुगलकालीन प्रशासन
मुगल प्रशासनिक
व्यवस्था किस सिद्धांत पर आधारित थी- सैन्य शक्ति पर आधारित एक केंद्रीकृत व्यवस्था
मुगलकालीन प्रशासन व्यवस्था में
मंत्रीपरिषद को क्या कहा जाता था- विजारत
मुगल कालीन राजत्व
सिद्धांत की स्पष्ट व्याख्या कहां पर प्राप्त होती है- अबुल फजल की आईन-ए-अकबरी
बाबर के शासनकाल में कौन सा पद
महत्वपूर्ण था- वजीर
मुगलकालीन केंद्रीय प्रशासन के
प्रमुख पद |
|
वजीर |
राजस्व विभाग का प्रमुख तथा प्रधानमंत्री (सम्राट की अनुपस्थिति मेँ वह शासन के सामान्य कार्योँ को देखनेवाला) |
मीर बख्शी |
सैन्य प्रशासन की देखभाल |
खान-ए-सामा |
राजमहल तथा कारखानों का अधिकारी |
सद्र-उस-सद्र
|
धार्मिक मामलोँ का अधिकारी |
मुगल प्रशासन सबसे शक्तिशाली वजीर कौन
रहा-
बैरम खां
वकील/वजीर
के कार्यों को किस मुगल शासक ने दीवान, मीर बख्शी, सद्र-उस-सद्र एवं मीर समन में
विभाजित कर दिया- अकबर
मुगल प्रशासनिक व्यवस्था में किसके समय
वजीर का पद रिक्त रहा- जहांगीर
(शाहजहां के समय यह पद समाप्त)
1586 ई में अकबर ने
सूबों के प्रशासन में परिवर्तन करते हुए कौन सा नया पद सृजित किया जो सूबेदारों पर नियंत्रण रखता था
-दीवान
किसके शासनकाल में सरकार एवं परगना
के मध्य चकला नाम की नई इकाई का गठन किया गया- शाहजहां
अकबर ने मुगल शासन व्यवस्था में किस व्यवस्था
का प्रचलन किया जो इक्ता व्यवस्था का सुधरा हुआ रूप माना जाता है-
मनसबदारी प्रथा
मुगल प्रशासनिक व्यवस्था में
मनसबदारी क्या था- एक
सैनिक नौकरशाही तंत्र जिस पर राज्य के सैनिक एवं नागरिक मामलों की जिम्मेदारी थी
।
मुगल प्रशासन में राजकीय पदानुक्रम में
व्यक्ति का स्थान किससे पता चलता था- मनसब द्वारा
मनसब किस प्रकार के कार्य करते थे-
सैनिक और असैनिक दोनों
मुगलकालीन उच्चाधिकारी |
|
दरोगा-ए-डाक चौकी |
गुप्तचर
विभाग का प्रधान तथा सूचना/डाक विभाग का प्रभारी |
मुहतसिब |
प्रजा
के नैतिक चरित्र की देखभाल करने के लिए नियुक्त अधिकारी |
मीर
आतिश |
शाही
तोपखाने का प्रधान |
काजी
उल कुज्जात |
न्यायिक
मामलोँ का अधिकारी |
मीर समान |
सम्राट के घरेलू विभागों का प्रधान |
मीर
बहर |
नौसेना
प्रधान |
मुगल प्रशासन की सबसे बड़ी सूबा या प्रांत
होता था जबकि छोटी इकाई क्या थी-ग्राम (मावदादीह)
मावदा के अंतर्गत आने वाली छोटी-छोटी बस्तियों कहलाती थी- नागला
मीर बक्शी द्वारा किस पत्र पर
हस्ताक्षर के बाद सेना को वेतन दिया जाता था- सरखत
मनसबदारों को वेतन प्राप्त होता था-
नकद एवं जागीर के रूप में
मुगलकाल में सेना कितने भागों में बंटी
थी- 4, पैदल
सेना, घुड़सवार
सेना, हाथी सेना, तोपखाना
मनसबदारी व्यवस्था
मुगलकालीन सैन्य
व्यवस्था का आधार क्या था -मनसबदारी प्रथा (मंगोलोँ की दशमलव
प्रणाली पर आधारित)
मनसबदारी प्रथा किसके
द्वारा प्रारंभ की गयी-अकबर
मुगलकालीन सैनिक
नौकरशाही का आधार था –मनसबदारी प्रथा
मनसबदारी व्यवस्था |
|
मनसबदार |
10-500 तक का
मनसब प्राप्त करनेवाले |
उमरा |
500-2500 तक
मनसब प्राप्त करनेवाले |
अमीर-ए-आजम |
2500 से ज्यादा
का मनसब प्राप्त करनेवाले |
5000 के ऊपर के मनसब किसे
प्रदान किया जाता था- शहजादों तथा
राजवंश के लोगोँ
मनसबदार राज्य का
वेतनभोगी पदाधिकारी होता था जो आवश्यकतानुसार निश्चित संख्या में राज्य को क्या उपलब्ध कराता
था- फ़ौज
मनसबदारी व्यवस्था में जात एवं सवार पद का अर्थ |
|
जात पद |
व्यक्ति के पद, वेतन तथा प्रतिष्ठा का ज्ञान होता
था |
सवार पद |
घुड़सवार दस्तों की संख्या का ज्ञान
होता था |
किसके शासनकाल में मनसबदारो की संख्या सर्वाधिक थी- औरंगजेब
मुगल दरबार में पदवियों को किस
प्रकार प्राप्त किया जा सकता था- योग्य व्यक्तियों द्वारा
अपने कार्य के माध्यम से अर्जित करना या फिर पैसे देकर अर्जित की जा सकती थी।
मीर खान ने अपनी नाम में अ अक्षर
लगाकर उसे अमीर खान करने के लिए किस शासक को एक लाख रुपए देने का प्रस्ताव किया- औरंगजेब
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मुगलकालीन अर्थव्यवस्था
मुग़ल साम्राज्य की
आय का प्रमुख स्रोत क्या था- भूराजस्व
भूमिकर के आधार पर भूमियों का विभाजन |
|
खालसा |
प्रत्यक्ष
रूप से सम्राट या शासन के नियंत्रण वाली भूमि |
जागीर |
प्रमुख
अधिकारियों को वेतन के बदले दी जाने वाली भूमि (अधिकांश भूमि ) |
मिल्क /मदद-ए-मास/ सयूरगल |
अनुदान
में दी गयी लगानमुक्त भूमि । इससे कोई आय प्राप्त नहीं होती थी । |
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मुगल प्रशासन में
दहसाला पद्धति के तहत भूमि का विभाजन |
|
पोलज |
नियमित रूप से खेती की जाने वाली भूमि |
परती |
1 या 2 वर्ष के अंतराल पर खेती होती थी |
चाचर |
3-4 वर्ष के अंतराल पर
खेती |
बंजर |
खेती के अयोग्य भूमि |
कृषि विस्तार एवं बेहतरी के लिए राज्य
की ओर से कौन सा ऋण दिया जाता था-
तकावी
मुगलकाल में कृषक के वर्ग |
|
खुदकाश्त |
किसान उसी
गांव की भूमि पर खेती करते थे जहां के वे निवासी थे । |
पाहीकाश्त |
दूसरे गांव
में जाकर कृषि का कार्य करनेवाले । |
मूजरियन |
खुदकाश्त
कृषकों से भूमि किराए पर लेकर कषि कार्य
करनेवाले । |
1570-71 में टोडरमल ने
खालसा भूमि पर भूराजस्व की नवीन प्रणाली प्रारंभ की – जब्ती प्रणाली
अकबर ने नवीन कर पद्धति दहसाला
पद्धति (टोडरमल
बंदोबस्त) कब अपनाई-1580
दहसाला पद्धति के वास्तविक प्रणेता कौन
थे-
टोडरमल
मुगलकाल में लगान/राजस्व निर्धारण प्रणालियां |
|
जब्ती |
बोयी गयी फसल के आधार पर लगान का निर्धारण
कर नकद लिया जानेवाला |
दहसाला व्यवस्था |
इसके अनुसार अलग-अलग फसलों के पिछले 10 वर्षों के उत्पादन और उसी समय
के प्रचलित मूल्यों का औसत निकाल कर प्राप्त औसत का 1/3 राजस्व
के रूप में वसूल किया जाता था । |
गल्ला बख्शी |
फसल का कुछ भाग सरकार द्वारा ले लिया जाता
था |
कानकूत |
भूमि की उपज के अनुमान के आधार पर लगान का निर्धारण |
नस्क |
खड़ी फसल के आधार पर लगान का निर्धारण |
किसके शासन काल
में पंजाब में शाह नहर का निर्माण करवाया गया- शाहजहां
मुगलकाल में
प्रांतों में राजकीय नियम कानूनों के पालन की जिम्मेवारी किस पर थी – अमीन
शेरशाह द्वारा अपनाई गई वह भू राजस्व
पद्धति जिसका उपयोग अकबर ने भी किया- राई
लगानमुक्त भूमि का निरीक्षण किसके
द्वारा किया जाता था- सद्र
किसने अपने शासनकाल में नस्क प्रणाली
को अपनाया और राजस्व को उपज का आधा कर दिया -औरंगजेब ने
मुगल काल में कौन सा उद्योग उन्नत
अवस्था मेँ था -सूती वस्त्र उद्योग
भारत मेँ निर्मित कपड़ों को क्या कहा जाता था- केलिफो
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मुगलकालीन मुद्रा व्यवस्था
अकबर ने दिल्ली में शाही टकसाल का निर्माण
कर किसे टकसाल का प्रधान नियुक्त किया- अब्दुसमद
मुगलकाल में टकसाल का अधिकारी क्या कहलाता
था-
दरोगा
मुगलकालीन सिक्के |
|
सोने का सबसे बड़ा सिक्का |
शंसब (अकबर द्वारा
चलाया गया) |
सोने का सबसे प्रचलित सिक्का |
इलाही (अकबर द्वारा
चलाया गया गोलाकार सिक्का) |
लेने-देन में
प्रयुक्त होनेवाला सिक्का |
तांबे का दाम (अकबर द्वारा चलाया गया) |
निसार |
तांबे का सिक्का जहांगीर द्वारा चलाया |
आना सिक्के |
शाहजहां |
जीतल |
तांबे का सबसे छोटा सिक्का |
चांदी
का रुपया |
मुगलकालीन अर्थव्यवस्था का आधार |
मुगलकाल में रुपए की सर्वधिक ढलाई किसके
शासनकाल में हुई- औरंगजेब
किस मुगल शासक ने ने अपने सिक्कों पर
अपनी आकृति बनवायी तथा उस पर अपना एवं नूरजहां का नाम अंकित करवाया-
जहांगीर
अकबर ने असीरगढ़ विजय
(अंतिम अभियान) की याद में सिक्कों पर किस पक्षी
की आकृति अंकित करवायी- बाज
किस मुगल शासक के सिक्कों पर राम-सीता की आकृति मिलती है- अकबर
मुगलकालीन साहित्य, कला
एवं संस्कृति
कला एवं स्थापत्य के क्षेत्र में हुई
सांस्कृतिक प्रगतियों के संदर्भ में मुगल काल को क्या कहा जाता है- भारतीय
इतिहास का ‘द्वितीय क्लासिक’
युग
मुमताज महल की मृत्यु कैसे हुई – 14वें बच्चे (गौहर आरा) की प्रसव
पीड़ा के दौरान
ताजमहल के मुख्य स्थापत्यकार उस्ताद
अहमद लाहौरी को कौन सी उपाधि दी गयी- नादिर-उल-असरार
दोहरे गुम्बद वाला मुगलकालीन प्रथम
इमारत कौन है- हुमायूँ का मकबरा
चारबाग पद्धति का सर्वप्रथम प्रयोग
किस मुगल शासक के मकबरे में हुआ- हुमायूँ
का मकबरा
मुगलकालीन एकमात्र इमारत जिसमें
मुगलवंश के 9 व्यक्तियों को दफनाया गया है- हुमायूँ
का मकबरा
शाहजहां द्वारा बनवाया गया दिल्ली के
लाल किला के निर्माण में किन शिल्पकारों का विशेष योगदान है- हमीद
एव अहमद
मुग़लकालीन स्थापत्य की विशेष शैली
जिसमें संगमरमर पर हीरे एवं जवाहरातोँ की जड़ावत की जाती थी क्या कहलाती थी- पित्रादुरा
फतेहपुर सीकरी में सीकरी नाम किसके
द्वारा जोड़ा गया-
बाबर द्वारा (फतेहपुर कालांतर में अकबर द्वारा जोड़ा गया)
किस कारण से मुगल साम्राज्य की
राजधानी फतेहपुर सीकरी से पुनः आगरा स्थानांतरित किया गया- जल
की कमी
मुगलों द्वारा बसाया गया प्रथम
नियोजित शहर किसे माना जाता है-फतेहपुर सीकरी
मुग़ल चित्रकला की महत्पूर्ण कलाकृति मानी
जाती है -हजमानामा
किस मुगल शासक के काल में कुरान का
पहली बार अनुवाद हुआ-
अकबर
किसके शासनकाल में पारसी प्रकाश नाम
प्रथम फारसी-संस्कृत शब्दकोश का संकलन हुआ – अकबर
मुगल दरबार में
औपचारिक अभिवादन के उस तरीको को क्या कहा जाता है जिसमें दरबारी दाएं हाथ की
तलहथी को ललाट पर रखकर आगे की ओर सिर झुकाते थे- कोर्निश
अकबर द्वारा आरंभ
की गयी झरोखा दर्शन की प्रथा का क्या उद्देश्य था- जन विश्वास
के रूप में शाही सत्ता की स्वीकृति को और विस्तार देना।
मुगलकाल में सरप्पा
क्या होता था- सर से पांव तक पहने जानेवाले उपहार जिसमें जामा, पगड़ी और पटका शामिल थे ।
भारतीय मुगल
शासकों का वर्णन करने के क्रम में किसने मुगल शासकों हेतु मुगल शब्द का प्रयोग
किया – यूरोपीयनों ने
मुगलों की
मातृभाषा तुर्की थी फिर भी किस शासक के द्वारा फारसी को दरबार की मुख्य भाषा
बनाया गया- अकबर
मध्यकाल में किस
भाषा के संयोग से उर्दू नाम की नयी भाषा निकलकर आयी – फारसी एवं
हिन्दवी
अकबरनामा मूल रूप
से किस भाषा में लिखी गयी - फारसी
मुगल बादशाहों के
आदेश पर महाभारत का किस भाषा में अनुवाद रज्मनामा (युद्धों की पुस्तक ) नाम से हुआ-
फारसी
नस्तलिक शैली
में लिखने में माहिर अकबर के दरबार से सुलेखक कश्मीर के मुहम्मद हुसैन को कौन
सी उपाधि दी गयी थी- जरीन कलम ( सोने की कलम )
तीन जिल्दों में
विभाजित अकबरनामा के किस भाग को आइन-ए-अकबरी कहा जाता है- तीसरे
भाग को
अकबरनामा का
अंग्रजी अनुवाद किसके द्वारा किया गया- हेनरी बेवरिज
अबुल फजल के किस
शिष्य ने बादशाहनामा की रचना की- अब्दुल हमीद लाहौरी
शाहजहां के
शासनकाल में लिखी गयी पुस्तक चार चमन के लेखक कौन है- चंद्रभान
ब्राह्मण
शहंशाह का तात्पर्य
- राजाओं का राजा
जहांगीर का अर्थ- विश्व पर कब्जा करनेवाला
शाहजहां का तात्पर्य
– विश्व का राजा
69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-
कार्यक्रम की रूपरेखा
- BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित Telegram based online Test
- प्रथम चरण - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
- द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्य परीक्षा के पूर्व ।
- सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्न का अभ्यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्य मुख्य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्नों का अभ्यास करना है ।
- सामान्य अध्ययन के पारम्परिक प्रश्नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्टूबर 2023 तक के सभी महत्वपूर्ण घटनाओं, आर्थिक समीक्षा, बजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्तर लेखन का अभ्यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्न नहीं होगें ।
- उत्तर लेखन टेलीग्राम के माध्यम से हिन्दी माध्यम में होगा ।
- निबंध लेखन के तहत अभ्यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।
कार्यक्रम की विशेषता
- GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
- हमारी टीम के अनुसार प्रत्येक प्रश्न का मॉडल उत्तर, मूल्यांकन, आवश्यक सलाह, आदि ।
- संसाधन, कोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक ।
- बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्य आपको सर्वोत्तम प्रदान करना है ।
- उपरोक्त नियम में समय एवं आवश्यकता के अनुसार आवश्यक बदलाव किए जा सकते है।
कार्यक्रम के लाभ
- मुख्य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
- बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्नों का अभ्यास कराया जाएगा ।
- पीटी रिजल्ट के बाद अत्यंत कम समय में दोहराव से आत्मविश्वास आएगा।
- प्रश्नों की प्रकृति समझने, उसे हल करने, समय प्रबंधन का अभ्यास होगा ।
- न्यूनतम शुल्क में बेहतर गुणवत्ता के साथ तैयारी का अवसर ।
- सितम्बर में GK BUCKET टीम द्वारा तैयार BPSC Mains Special Notes अपडेटेड नोट्स आ जाएगा तो इस कार्यक्रम में शामिल सदस्य उस समय विशेष छूट (लगभग 40% तक) के साथ नोटस को प्राप्त कर सकते हैं।
- ज्यादा जानकारी के लिए कॉल करें 74704-95829
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