बिहार बजट 2025-26 औद्योगिक विकास
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बिहार बजट 2025-26 का संपूर्ण PDF
औद्योगिक विकास नई नीतियों की घोषणा
बिहार
सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पांच
प्रमुख क्षेत्रों में नई नीतियों की घोषणा की है। इससे
राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
बिहार फार्मास्युटिकल प्रमोशन नीति 2025
- बिहार में दवा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नीति लाई गई।
- राज्य
में अभी दवा उत्पादन शून्य है, इसे बढ़ाने के लिए सरकार औद्योगिक
प्रोत्साहन देगी।
- पर्यावरण अनुकूल फार्मास्युटिकल उद्योगों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
- अनुसंधान
एवं विकास (R&D)
को बल देने के लिए अनुदान एवं सुविधाएँ दी जाएंगी।
- इससे राज्य निर्मित दवाइयाँ बाजार में उपलब्ध होंगी और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025
- बिहार एक
कृषि प्रधान राज्य है,
लेकिन खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की कमी के कारण किसानों को नुकसान
होता है।
- नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- इससे
फसलें और फल-सब्जियाँ बर्बाद होने से बचेंगी, जिससे किसानों की आय में
वृद्धि होगी।
- स्थानीय
उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, खाद्य
प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा, जिससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति 2025
- वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
- निजी कंपनियों को प्रोत्साहन और सब्सिडी दी जाएगी ताकि वे बायोगैस संयंत्र स्थापित करें।
- कृषि अपशिष्ट और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- राज्य की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति संभव हो सकेगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025
- यह 2016 की निवेश नीति का स्थान लेगी और इसे नए औद्योगिक परिवेश के अनुरूप बनाया
गया है।
- निवेश
प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, जिससे निवेशकों को अनुकूल वातावरण
मिलेगा।
- नई
औद्योगिक इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे राज्य की
औद्योगिक प्रगति तेज होगी।
- निवेशकों को आकर्षित करने के लिए टैक्स छूट और सब्सिडी का प्रावधान ।
बिहार प्लास्टिक विनिर्माण प्रोत्साहन नीति
- प्लास्टिक निर्माण इकाइयों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- इस नीति के तहत नई विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
नई नीतियों का प्रभाव
- राज्य में
दवा निर्माण की शुरुआत,
जिससे बिहार फार्मा हब बन सकेगा।
- पर्यावरण-अनुकूल विनिर्माण प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
- खाद्य
प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- उद्यमिता विकास संस्थान का जीर्णोद्धार कर इसे 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' बनाया जाएगा।
- गुड़ उत्पादन के लिए "सेंटर ऑफ एक्सीलेंस" की स्थापना पूसा (समस्तीपुर) में होगी।
- निवेश प्रोत्साहन से राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ तेज होंगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- प्लास्टिक और बायोफ्यूल उत्पादन को प्रोत्साहन से औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।
- अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाएंगे।
- प्रवासी श्रमिकों के लिए देश के प्रमुख शहरों में "प्रवासी परामर्श सह निबंधन केंद्र" स्थापित किए जाएंगे।
बिहार
सरकार की यह पहल राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे
रोजगार, निवेश और औद्योगिक उत्पादन को व्यापक रूप से बढ़ावा
मिलेगा।
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-II
उद्योग विभाग - बिहार में औद्योगिक विकास की दिशा में कदम
बिहार
सरकार औद्योगिक और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर
रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य संतुलित आर्थिक, हरित और समावेशी
विकास सुनिश्चित करना है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी भी
बढ़ाई जाएगी।
औद्योगिक रोडमैप – समावेशी और हरित विकास
- सरकार
"औद्योगिक रोडमैप" तैयार कर रही है, जिसका उद्देश्य बिहार में
सतत और हरित औद्योगिक विकास को सुनिश्चित करना है। इसमें महिलाओं को उद्योग
क्षेत्र में अधिक अवसर देने का भी लक्ष्य रखा गया है।
खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा
- खादी और
ग्रामोद्योग उत्पादों को अधिक बाजार उपलब्ध कराने के लिए पटना, मुजफ्फरपुर
और पूर्णिया में पहले से बने खादी मॉल की तर्ज पर, दरभंगा,
मुंगेर, गया, सारण,
भागलपुर और सहरसा में भी खादी मॉल बनाए जाएंगे।
- इससे स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार मिलेगा और हजारों कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024
- विभिन्न क्षेत्रों की 423 कंपनियों के साथ कुल ₹1,80,000 करोड़ से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस निवेश से बिहार में हजारों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना
- इस योजना के तहत 39,000 से अधिक लाभार्थियों को ₹2,900 करोड़ से अधिक की सहायता राशि दी गई है।
- इससे नए
उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिला है, जिससे राज्य में रोजगार
और आर्थिक विकास को गति मिली है।
बिहार लघु उद्यमी योजना
- इस योजना के अंतर्गत अब तक 40,099 लाभुकों को ₹214.22 करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई है।
- इसका उद्देश्य छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को स्थापित कर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है।
बिहार स्टार्ट-अप पॉलिसी
- नवाचार और नए उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए अब तक 186 स्टार्ट-अप्स को ₹51.27 करोड़ की वित्तीय सहायता दी गई है।
- यह नीति युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के साथ नए व्यापार शुरू करने के लिए वित्तीय और संरचनात्मक सहायता दी रही है।
औद्योगिक पार्क और लॉजिस्टिक हब
- औद्योगिक आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए गया के डोभी में ₹1,344 करोड़ की लागत से 1,670 एकड़ में औद्योगिक पार्क बनाया जा रहा है। यह अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा होगा।
- फतुहा
(जैतिया) में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण किया जा रहा है, जिससे
1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
श्रम संसाधन विभाग की योजनाएं एवं उपलब्धियां
बिहार
सरकार कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा द्वारा युवाओं को कौशल आधारित रोजगार और उद्यमिता
के लिए तैयार कर रही हैं। इन पहलों से बिहार में औद्योगिक विकास, रोजगार
सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण को नई गति मिलेगी।
"सेंटर ऑफ एक्सीलेंस"
- राज्य के
149 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को "सेंटर ऑफ
एक्सीलेंस" के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे युवाओं को
अत्याधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा सके।
- यह पहल उद्योगों की मांग के अनुसार कुशल मानव संसाधन तैयार करने में मदद करेगी और युवाओं को अधिक रोजगार के अवसर मिलेंगे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत बिहार के 151 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को पंजीकृत किया गया है।
- इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प और कारीगरों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें आधुनिक उपकरणों के उपयोग में दक्ष बनाना है। इससे कारीगरों की आय बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे।
बिहार कौशल विकास मिशन
- बिहार
सरकार बिहार कौशल विकास मिशन (BSDM) के माध्यम से युवाओं को तकनीकी और
व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर बढ़ा रही है।
- यह मिशन
युवाओं को तकनीकी,
डिजिटल, उद्यमिता और व्यावसायिक कौशल प्रदान
कर आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित कर उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार दिलाने
में सहायक होगा।
- वर्ष 2024-25 में दिसम्बर 2024 तक कुल 36,423 युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराया गया है तथा 74,757 अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन किया गया है।
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