Bihar economy Bihar budget 2025-26 financial management
बिहार बजट 2025-26- वित्तीय प्रबंधन
बिहार बजट 2025-26
में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी
ढांचे, महिला सशक्तिकरण, परिवहन,
खेल, पर्यावरण और डिजिटल संरचना को मजबूत करने
के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की गई है जो बिहार के समग्र विकास को गति
प्रदान करेगा और आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तन का आधार बनेगा।  
बिहार सरकार ने 2025-26 के लिए 3.17 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया है जिसमें वित्तीय प्रबंधन की
बेहतर उपलब्धियों को बनाए रखने का प्रयास किया गया है। 
लोक ऋण और वित्तीय संतुलन
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 55,737.79 करोड़ रुपये का लोक ऋण लेने का अनुमान है जिसका उपयोग राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को गति देने में किया जाएगा। बिहार सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखते हुए आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
ऋण-जीएसडीपी अनुपात में सुधार
वित्तीय अनुशासन और कुशल प्रबंधन के माध्यम से बिहार सरकार के बकाया ऋण की सीमा लगातार तीन वित्तीय वर्ष से 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित ऋण सीमा के अंदर बनी हुई है।
*     2023-24 में बकाया ऋण 38.94% था, जो
अनुशंसित 40.40% से कम था।
*     2024-25 में बकाया ऋण 37.07% रहने का अनुमान है, जो 39.90% की निर्धारित सीमा से बेहतर है।
*     2025-26 में बकाया ऋण 37.04% रहने का अनुमान है, जबकि 15वें वित्त आयोग ने इसे 39.30% तक रखने की अनुशंसा की थी।
*     यह
आंकड़े दर्शाते हैं कि बिहार सरकार वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने में सफल हो रही
है।
राजकोषीय घाटा नियंत्रण 
*     2025-26 के बजट में राजकोषीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी)  का 2.98% होगा, जो कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम द्वारा निर्धारित 3% की निर्धारित सीमा के अंदर है।
राजस्व बचत में वृद्धि
*     वित्तीय
वर्ष 2025-26 में राजस्व बचत जीएसडीपी का 0.80% रहने का अनुमान
है जो वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है। इससे सरकार के पास नए विकास कार्यों और
कल्याणकारी योजनाओं में निवेश करने के अधिक अवसर होंगे।
इस प्रकार बिहार सरकार वित्तीय
अनुशासन बनाए रखने के लिए लोक ऋण को अनुशंसित सीमा के अंदर रखने, राजकोषीय
बचत को बनाए रखने तथा राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने की नीति पर कार्य कर रही है
जो बिहार की आर्थिक स्थिरता और वित्तीय नियोजन की दक्षता को दर्शाता है । इसके
संभावित प्रभाव निम्न प्रकार समझा जा सकता है 
*     आर्थिक
स्थिरता बनी रहेगी,
जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
*     राज्य की
क्रेडिट रेटिंग में सुधार होगा, जिससे भविष्य में और अधिक वित्तीय
संसाधन प्राप्त करना आसान होगा।
*     विकास
परियोजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे, जिससे बुनियादी ढांचा,
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
*     राजकोषीय
घाटे पर नियंत्रण से मुद्रास्फीति और सरकारी खर्च संतुलित रहेगा।
निष्कर्षत: बिहार सरकार ने बेहतर
वित्तीय प्रबंधन के तहत ऋण नियंत्रण, राजकोषीय घाटे की सीमा और
राजस्व बचत में सुधार लाकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में
महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह न केवल सरकारी वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करेगा
बल्कि राज्य के समग्र विकास को भी गति देगा।
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केन्द्र सरकार से प्राप्ति 
वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य को
केन्द्र सरकार से सहायक अनुदान के रूप में 54,575.02 करोड़
रुपये प्राप्त होने का अनुमान है,  मदवार राशि निम्न है
| 
   केन्द्र सरकार से प्राप्त सहायक अनुदान  | 
 |||
| 
   क्र.   | 
  
   मदें   | 
  
   राशि (करोड़ रुपये में)   | 
 |
| 
   1  | 
  
   केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम   | 
  
   45,360.46   | 
 |
| 
   2   | 
  
   केन्द्रीय क्षेत्र स्कीम   | 
  
   9.60   | 
 |
| 
   3   | 
  
   15वें वित्त आयोग का प्रस्तावित आवंटन जिसमें     | 
  
   9,204.96   | 
 |
| 
   a  | 
  
   राज्य आपदा राहत कोष में  | 
  
   1,721.00   | 
 |
| 
   b  | 
  
   ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान में  | 
  
   4,012.00   | 
 |
| 
   c  | 
  
   शहरी स्थानीय निकायों को अनुदान में  | 
  
   2,160.00   | 
 |
| 
   d
    | 
  
   स्वास्थ्य प्रक्षेत्र को अनुदान में  | 
  
   1,311.96   | 
 |
| 
   | 
  
   | 
  
   कुल   | 
  
   54,575.02   | 
 
15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु निर्धारित 9,204.96 करोड़ रुपये के अन्तर्गत
राज्य आपदा रिस्पोंस कोष (SDRF) मद में 1,721 करोड़ रुपये, पंचायती राज स्थानीय निकायों के लिए 4,012 करोड़ रुपये एवं नगर निकायों के लिए 2,160 करोड़
रुपये तथा स्वास्थ्य प्रक्षेत्रों के लिए 1,311.96 करोड़
रुपये प्रस्तावित है। 
| 
   वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विभिन्न मदों पर व्यय  | 
 ||
| 
   क्र.   | 
  
   मदें   | 
  
   राशि (करोड़ रुपये में)   | 
 
| 
   1  | 
  
   अनुसूचित जातियों के लिए कर्णाकित राशि   | 
  
   19,648.86  | 
 
| 
   | 
  
   अनुसूचित जनजातियों के लिए कर्णाकित राशि   | 
  
   1,735.04  | 
 
| 
   2   | 
  
   शिक्षा पर व्यय  | 
  
   60,964.87  | 
 
| 
   3  | 
  
   स्वास्थ्य पर  | 
  
   20,035.80  | 
 
| 
   4  | 
  
   शहरी एवं ग्रामीण सड़कों पर ग्रामीण कार्य विभाग तथा
  पथ निर्माण विभाग  | 
  
   17,908.18  | 
 
| 
   5  | 
  
   गृह विभाग  | 
  
   17,831.21  | 
 
| 
   6  | 
  
   ग्रामीण विकास पर  | 
  
   16,093.46  | 
 
| 
   7  | 
  
   ऊर्जा विभाग  | 
  
   13,484.35  | 
 
| 
   8  | 
  
   समाज कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति
  एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण
  विभाग तथा पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से संबंधित कल्याण
  विभागों का समेकित बजट अनुमान  | 
  
   13,368.47  | 
 




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