कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र
बिहार बजट 2025-26 के अनुसार गेहूं की उत्पादकता लगभग दोगुनी, मक्का उत्पादन ढाई गुना तक बढ़ा। इसी क्रम में मशरूम उत्पादन में देश में पहले स्थान पर जबकि शहद उत्पादन में चौथे स्थान पर है। फलों और सब्जियों की उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी ।
बिहार सरकार ने कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को
सुधारने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। बाजार
समितियों के पुनर्जीवन,
कृषि उत्पादकता में वृद्धि और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना से राज्य के
किसानों तथा कृषि अर्थव्यवस्था को आने वाले वर्षों में बड़ा लाभ मिलेगा। इससे
संबंधित घोषणाओं को निम्न प्रकार देखा जा सकता है।
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बिहार बजट 2025-26 का संपूर्ण PDF
कृषि योजनाएँ
- बिहार मिलेट मिशन गठन (2025-26) – पोषक अनाजों को बढ़ावा।
- मखाना भंडारण गृह की स्थापना।
- राज्य के सभी अनुमंडलों और प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए जाएंगे।
- किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य हेुतु अरहर, मूंग, उड़द आदि फसलों की खरीद एमएसपी पर।
- कृषि उत्पादन बाजार प्रांगणों, अन्य बाजार समितियों का आधुनिकीकरण ।
- वैज्ञानिक और तकनीकी सहायता से उत्पादन बढ़ाने हेतु आम, मशरूम,
टमाटर, आलू, प्याज के
लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे।
- सब्जी उत्पादकों को उचित मूल्य एवं विपणन सुविधा हेतु 'तरकारी
सुधा' आउटलेट्स की स्थापना। VEGFED के
अंतर्गत अब तक 302 प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियाँ गठित, शेष सभी प्रखंडों में विस्तार की योजना।
सिंचाई सुविधा का विस्तार
लघु जल संसाधन विभाग
- जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 250 योजनाएँ पूर्ण, सतही
सिंचाई/जल संचयन की 2,182 योजनाएँ पूरी हुई।
- हर खेत तक सिंचाई का पानी के तहत 412 आहर-पईन, चेक
डैम योजनाएँ पूरी।
- मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत 35,000 निजी नलकूपों की स्थापना का कार्य जारी।
जल संसाधन विभाग
- हर खेत तक सिंचाई का पानी के तहत 1.18 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई पुनर्स्थापित।
- वर्ष 2025-26 में प्रमुख योजनाओं से 1.25 लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित होगी।
- पश्चिमी कोशी नहर परियोजना की नहरों में गाद सफाई एवं बांध से मधुबनी और दरभंगा के किसानों को लाभ होगा।
- पूर्वी गंडक नहर (फेज-2) के तहत मुजफ्फरपुर, वैशाली,
समस्तीपुर में 1.22 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ाने का कार्य
प्रगति पर।
- जमुई में सिंचाई सुविधा हेतु कुण्डघाट जलाशय योजना ।
- उत्तर कोयल जलाशय योजना का कार्य औरंगाबाद और गया में जारी।
- गंगा जल आपूर्ति योजना (द्वितीय चरण) के तहत बिहारशरीफ को गंगा जल उपलब्ध कराने हेतु योजना।
- नदी जोड़ो योजना के तहत कोशी-मेची लिंक योजना
प्रस्तावित है तथा तथा मृत नदियों का पुनर्जीवन के तहत बागमती-बूढ़ी गंडक, शांतिधार,
गंडक अकाली नाला जैसी योजनाएँ का कार्य प्रगति पर चल रहा है।
जलवायु-अनुकूल कृषि मॉडल
जलवायु-अनुकूल कृषि मॉडल के तहत 38 जिलों के 190 गांव
जलवायु-अनुकूल कृषि मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जा रहा है।
टनकुप्पा (गया) में पोषक अनाज अनुसंधान केंद्र तथा
बिदुपुर (वैशाली) में पान अनुसंधान केंद्र की स्थापना।
संभावित प्रभाव
- किसानों की आय में वृद्धि और कृषि बाजारों में पारदर्शिता।
- बाजार समितियों के आधुनिकीकरण से उपज बेचने की बेहतर सुविधा।
- कोल्ड स्टोरेज के कारण कृषि उत्पादों का बेहतर संरक्षण और न्यूनतम नुकसान।
- मिलेट्स और अन्य फसलों के लिए विशेष योजनाओं से कृषि विविधीकरण को बढ़ावा।
- राज्य की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी और किसानों को बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा मिलेगी।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
- डोर स्टेप पशु चिकित्सा सेवा-सभी
प्रखंडों में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई स्थापित, जिससे पशुपालकों
को घर पर ही चिकित्सा सुविधा मिल रही है।
- समग्र गव्य विकास योजना-किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशी व डेयरी इकाइयों की स्थापना।
- दूध विपणन का विस्तार-"सुधा" दूध के बिक्री केंद्रों
की संख्या बढ़ रही है,
सभी प्रखंडों में कॉम्फेड द्वारा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
सहकारिता विभाग
- भंडारण क्षमता का विस्तार: कृषि रोडमैप के तहत 7,915 गोदामों का निर्माण होने से भंडारण क्षमता विकसित।
- मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना- इसके तहत 2,927 पैक्सों में कृषि उपकरण बैंक स्थापित करने हेतु आवंटन किया गया।
- स्वावलंबी सहकारी समितियाँ: 500+ जीविका स्वावलंबी सहकारी समितियों का निबंधन किया गया जो ग्रामीण रोजगार और आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देने में सहायक है।
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