आपदा प्रबंधन विभाग
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राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) राज्य मुख्यालय, बिहटा (पटना) के परिसर में स्थायी भवन व अन्य सुविधाओं का निर्माण कार्य किया जा रहा है। राज्य में 38 स्थानों पर District Emergency Response Facility-cum-Training Centre के अधिष्ठापन का कार्य चल रहा है।
आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा
मौसम संबंधित आपदाओं के जोखिम को कम करने के उद्देश्य
से एक सुदृढ़ एवं सक्षम Multi
Hazard Early Warning System के तहत Hybrid Doppler Weather
Radar की स्थापना पश्चिम चंपारण और भागलपुर में।
डिजिटल और साइबर सुरक्षा
- स्टेट डाटा सेंटर 2.0 की क्षमता बढ़ाने हेतु Phase-II की योजना।
- साईबर अटैक एवं प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्य
सरकार की महत्वपूर्ण गतिविधियाँ अवरूद्ध नहीं हों, इसके लिए डिजास्टर
रिकवरी एवं बिजनेस कंटिन्यूटी प्रोजेक्ट लागू होगा।
- सभी निबंधन कार्यालयों में "पेपरलेस
रजिस्ट्रेशन" प्रणाली लागू होगी। अब देश या विदेश में रहने वाले व्यक्ति
ऑनलाइन निबंधन कर सकेंगे। पेपरलेस निबंधन से दस्तावेजों की भौतिक तैयारी की
आवश्यकता समाप्त होगी,
जिससे Go Green योजना को बढ़ावा मिलेगा।
बाढ़ नियंत्रण और जल प्रबंधन
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को राहत देने के लिए जलाशयों का निर्माण किया जाएगा।
- नदियों को जोड़ने की परियोजनाएँ सूखाग्रस्त इलाकों तक पानी पहुंचाने में मददगार होंगी।
- कोसी-मेची नदी जोड़ योजना प्रस्तावित, जिससे
बाढ़ और सूखे की समस्याओं में सुधार होगा।
- बागमती-बूढ़ी गंडक (बेलवाधार) नदी जोड़ योजना पर काम प्रगति पर।
- गंडकी-माही-गंगा नदी जोड़ योजना पर भी कार्य जारी।
बिहार क्लीन एयर ट्रांसफॉर्मेशन परियोजना
बिहार सरकार ने राज्य में वायु गुणवत्ता सुधार और वायु
प्रदूषण नियंत्रण के लिए 100 करोड़ की लागत से "बिहार क्लीन एयर
ट्रांसफॉर्मेशन परियोजना" शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत वातावरण को
स्वच्छ और जलवायु-अनुकूल बनाने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- 100 करोड़ का निवेश वाली परियोजना जिसका उद्देश्य राज्य में वायु प्रदूषण को कम करना और वायु गुणवत्ता में सुधार करना है।
- यह पहल जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकटों से निपटने में मदद करेगी।
वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए
रणनीतिक प्रयास के तहत
- धूल नियंत्रण के उपायों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- हरित क्षेत्र (ग्रीन बेल्ट) बढ़ाने के लिए सघन वृक्षारोपण अभियान चलाए जाएंगे।
- पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जा सके।
जल संचय और हरियाली पर जोर
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए जल संरक्षण योजनाओं को और प्रभावी बनाया जाएगा।
- ग्रीन कॉरिडोर और अर्बन फॉरेस्ट (शहरी वन) विकसित किए जाएंगे।
बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड
- सरकार ने 25 करोड़ रुपये की सीड फंडिंग के साथ "बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड" की स्थापना की घोषणा की है। इससे नवाचार और जलवायु-अनुकूलन परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
निवेश आकर्षित करने और रोजगार
बढ़ाने पर फोकस
- यह फंडिंग बड़ी पर्यावरणीय परियोजनाओं में निवेश को आकर्षित करने में सहायक होगी।
- इससे कृषि को जलवायु अनुकूल बनाने, स्वच्छ
ऊर्जा की ओर बढ़ने और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी।
"बिहार क्लीन एयर ट्रांसफॉर्मेशन परियोजना"
और "बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड" राज्य को जलवायु-अनुकूल और
कार्बन-न्यूट्रल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके सफल क्रियान्वयन से
वायु गुणवत्ता में सुधार,
हरियाली क्षेत्र में वृद्धि और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
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