ग्रामीण विकास एवं नगर विकास
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जीविका-महिला सशक्तीकरण और गरीबी
उन्मूलन
बिहार सरकार के इस कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब महिलाओं
को संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। IIM कोलकाता के सहयोग से 150 जीविका दीदियों को उद्यमिता प्रशिक्षण देकर
व्यवसाय शुरू करने में मदद की गई है। इसके अलावा –
- 10.63 लाख स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से 131 लाख परिवारों को जोड़ा गया है।
- बैंकिंग सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिए 5,986 बैंक सखियाँ (बैंकर दीदी) कार्यरत हैं।
- 78.40 लाख महिलाओं को बीमा कवर से जोड़ा गया है ताकि उन्हें सुरक्षा मिल सके।
- 29 प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से सामुदायिक पेशेवरों
को प्रशिक्षित किया जाता है, जो SHGs की
सहायता करते हैं।
महिला उद्यमिता और कृषि क्षेत्र में
भागीदारी
- बिहार सरकार महिलाओं को कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है।
- 35.89 लाख महिला किसानों ने कृषि की नई तकनीकों को अपनाया
है,
जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ी है।
- 70 किसान उत्पादक कंपनियाँ (Farmer Producer
Companies) महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जो
कृषि उत्पादों के बाजार तक पहुँच में सहायता करती हैं।
- पंचायत स्तर पर जीविका भवन का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ
महिलाएँ बैठक कर अपने मुद्दों पर चर्चा कर सकेंगी और फैसले ले सकेंगी।
- फिलहाल, सरस मेला केवल पटना में
आयोजित किया जाता है, जहाँ महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद
बेचने का अवसर मिलता है। सरकार ने इसे सभी जिला मुख्यालयों में विस्तार देने की
योजना बनाई है, ताकि अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।
जल-जीवन-हरियाली अभियान
बिहार सरकार ने जल संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए
इस अभियान को चलाया। इसके अंतर्गत –केवल 5 वर्षों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
हासिल हुईं।
- COP-28 (दुबई) सम्मेलन में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत किये गये प्रयासों की बिहार सरकार के प्रयासों की सराहना की गई।
- राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 में बिहार को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
- 20वें सी.एस. आई-ई गवर्नेस पुरस्कार में बिहार को परियोजना श्रेणी में अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस प्राप्त हुआ
- 1.99 करोड़ पौधारोपण महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन और अपशिष्ट प्रबंधन
राज्य सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण और
शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण और कचरा प्रबंधन पर ध्यान दिया है जिसे निम्न
प्रकार देख सकते हैं
- पिछले दस वर्षों में 1.43 करोड़ से अधिक परिवारों को शौचालय की सुविधा मिली।
- वर्तमान में राज्य के 95 प्रतिशत वार्ड
में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन किया जा रहा है।
- 168 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयाँ स्थापित की गईं।
- बिहार के 38 जिले, 534 प्रखंड को खुले में
शौच से मुक्त (ODF) घोषित किया गया। शहरी क्षेत्रों में 3,398 शहरी वार्ड एवं 142 नगर निकाय Open
Defecation-Free घोषित किए जा चुके हैं।
- कृषि एवं पशु अपशिष्ट के निपटान हेतु जिला स्तर पर 31 जिलों में गोबर-धन योजना के तहत बायोगैस उत्पादन शुरू किया गया।
- प्लास्टिक अपशिष्ट के समुचित निपटान हेतु
प्रखंड/अनुमंडल स्तर पर 168 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण किया गया है।
ग्रामीण पथ
- बिहार सरकार 100 या उससे अधिक आबादी वाले सभी गांवों, टोलों
और बसावटों को संपर्कता प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है जिसके फलस्वरूप वर्तमान
में ग्रामीण सड़कों की लंबाई 1.17 लाख किलोमीटर है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री
ग्राम संपर्क योजना,मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण
कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का विकास किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के एक नए अवयव के रूप में नवम्बर 2024 को एक "ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम" को स्वीकृति मिली।
नगर विकास एवं आवास विभाग
बिहार सरकार का नगर विकास एवं आवास विभाग शहरी
क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास और नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने की
दिशा में कार्यरत है। इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू
की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
– शहरी गरीबों के लिए आवास
यह योजना गरीबों को सस्ते और टिकाऊ आवास देने की दिशा
में एक महत्वपूर्ण कदम है। शहरी क्षेत्रों में गरीबों को पक्के मकान उपलब्ध कराने
के लिए इस योजना के तहत –
- अब तक 2,65,295 आवासों को स्वीकृति मिली है।
- इनमें से 1,42,450 आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
स्मार्ट सिटी मिशन – शहरी
बुनियादी ढाँचे का विकास
इस योजना का उद्देश्य यातायात, सीवरेज,
जलापूर्ति, हरित क्षेत्र और डिजिटल सुविधाओं
में सुधार करना है। बिहार के चार प्रमुख शहरों – भागलपुर, पटना,
मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया
है।
- भागलपुर के लिए ₹980 करोड़,
- पटना के लिए ₹836.27 करोड़,
- मुजफ्फरपुर के लिए ₹886.48 करोड़,
- बिहारशरीफ के लिए ₹755.25 करोड़ की राशि मंजूर की गई है।
स्वच्छ भारत मिशन – शहरी
स्वच्छता में सुधार
शहरी स्वच्छता और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सरकार
ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं –
- सभी नगर निकायों को खुले में शौच मुक्त (ODF) घोषित किया जा चुका है।
- 56 नगर निकाय ODF+ घोषित किए गए हैं,
जिसका अर्थ है कि इन क्षेत्रों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को
बेहतर किया गया है।
- पटना नगर निगम को "Water+" घोषित किया गया है, जो दर्शाता है कि यहाँ स्वच्छ जल
निकासी और जल पुनर्चक्रण (Water Recycling) की व्यवस्था को
मजबूती दी गई है।
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