बिहार बजट 2025-26- ऊर्जा क्षेत्र
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बिहार सरकार स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के
लिए नहरों के किनारे और बांधों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने जा रही है। यह
पहल जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत की जा रही है, जिससे बिजली उत्पादन
को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध होगी।
प्रमुख तथ्य
- जलवायु अनुकूलन एवं कार्बन-न्यूट्रल बनाने में मदद करने हेतु बिहार सरकार द्वारा प्रारंभिक निवेश 25 करोड़ रुपये के साथ बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड की स्थापना की घोषणा ।
- नहरों और बांधों के किनारे सोलर पावर प्लांट लगेगे, खाली
पड़ी भूमि का उपयोग कर सौर ऊर्जा उत्पादन।
- नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत आवासीय भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र हेतु अनुदान दिया जा रहा है।
- कृषि उपभोक्ताओं को अतिरिक्त अनुदान देकर अत्यंत सस्ती मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। कृषि उपभोक्ताओं की संख्या 5.42 लाख तक पहुँच गयी है।
- हर घर बिजली योजना को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया तथा बिहार में औसतन 23-24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही।
- बिजली चोरी लगभग समाप्त, तकनीकी नुकसान
घटकर 21.7%।
- ग्रिड उपकेंद्रों और संचरण लाइनों का विस्तार।
बिहार को जलवायु अनुकूलन एवं कार्बन-न्यूट्रल बनाने
में मदद करने हेतु बिहार सरकार द्वारा प्रारंभिक निवेश 25 करोड़ रुपये के साथ
बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड की स्थापना की जाएगी। बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड 'हरित बिहार, समृद्ध बिहार' की
दृष्टि को दर्शाता है, जहां आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक प्रगति एक साथ चलते हैं। यह पहल कृषि को
जलवायु-अनुकूल बनाने, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और हरित
रोजगार सृजन में सहायक होगी। |
योजना के लाभ
- नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा – सौर ऊर्जा से कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता कम होगी।
- पर्यावरण संरक्षण – हरित ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
- किसानों को लाभ – सस्ती बिजली से सिंचाई और कृषि उत्पादन में वृद्धि।
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता – बिहार को ऊर्जा संकट से मुक्त करने की दिशा में बड़ा कदम।
- रोजगार – सोलर पैनल निर्माण और स्थापना से स्थानीय स्तर पर नौकरियाँ बढ़ेंगी।
पर्यावरण, वन
एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण, हरित
आवरण वृद्धि और जैव-विविधता के संरक्षण के लिए अनेक योजनाएँ लागू की हैं।
जल-जीवन-हरियाली अभियान तथा शून्य कार्बन उत्सर्जन (Zero Carbon Emission) की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
- चतुर्थ कृषि रोडमैप के अंतर्गत वर्ष 2028 तक हरित आवरण को 17% तक बढ़ाने का लक्ष्य।
- 2024-25 में अब तक "एक पेड़ माँ के नाम" अभियान तथा जल जीवन हरियाली अभियान के तहत 3.89 करोड़ पौधे लगाए गए।
- Zero Carbon Emission तथा जल जीवन हरियाली लक्ष्य के तहत 8,053 पंचायती राज निकायों और 73 शहरी निकायों में जैव-विविधता प्रबंधन समिति का गठन किया गया।
- पर्यावरण संतुलन और प्रदूषण नियंत्रण के लिए पार्कों एवं उद्यानों का विस्तार और रखरखाव किया जा रहा है।
- वन्यजीव संरक्षण एवं ईको-टूरिज्म की दिशा में बेहतर
प्रबंधन से वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष, बेतिया में बाघों की
संख्या में 7 गुना वृद्धि हुई तथा इसे CATS (Conservation Assured Tiger
Standard) से पुरस्कृत किया गया।
- कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने
हेतु (National
Tiger Conservation Authority) NTCA की सैद्धांतिक मंजूरी मिली।
- अनुसंधान एवं शैक्षणिक पहल के तहत मुंगेर जिले में
"Bihar
Forestry College and Research Institute (BFCRI)" की स्थापना
की गयी।
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