प्रश्न- "भारत में वर्तमान में जाति एक सामाजिक घटना नहीं रह गई है, बल्कि यह
एक राजनीतिक घटना है"। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? विश्लेषण करें और अपने उत्तर के समर्थन में कारण
बताएँ ।8
71Th BPSC Mains Answer writing batch start from 20 September 2025
उत्तर- भारत में पारंपरिक रूप से जाति व्यवस्था समाज में जन्म, पेशा और सामाजिक स्थिति निर्धारित
करती थी लेकिन आजादी के बाद विशेष रूप से पिछली कुछ दशकों में जाति की भूमिका
राजनीति में मुख्य रूप से उभर कर सामने आई है जिसे निम्न प्रकार समझ सकते हैं
वोट बैंक- राजनीतिक दलों ने जाति के आधार पर वोट बैंक तैयार किए हैं और चुनावी टिकट, उम्मीदवार चयन, महत्वपूर्ण पदों का आवंटन आदि रणनीति
जाति को लक्षित कर बनाते हैं।
आरक्षण- आरक्षण जो सामाजिक न्याय का साधन थी वह अब राजनीतिक हथियार बन गया है। मंडल
आयोग के सिफारिशों से OBC आरक्षण लागू होने के बाद जाट, मराठा, जैसे
समुदायों द्वारा आरक्षण की मांग ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया है।
जाति
आधारित संगठन- कई राज्यों में जातीय समीकरण चुनावी जीत का बड़ा कारक है तथा जातियाँ सामाजिक से अधिक राजनीतिक रूप ले चुकी हैं जैसे
खाप पंचायत, जाति
आधारित संगठन दबाव समूह के रूप में कार्य करते हुए राजनीतिक दलों की ताकत/कमजोरी
तय करने लगी हैं।
इस प्रकार यह कथन सत्य है कि वर्तमान में जाति एक सामाजिक घटना नहीं रही
बल्कि यह एक राजनीतिक घटना है जो राजनीति से जुड़कर, सत्ता, प्रतिनिधित्व
और संसाधन बँटवारे को प्रभावित कर रही है । हालांकि जाति का सामाजिक पक्ष अभी भी बना
हुआ है और विवाह, सामाजिक
संबंध आदि में अब भी भूमिका है।
शब्द संख्या-221
71Th BPSC Mains Answer writing batch start from 20 September 2025
No comments:
Post a Comment