71th BPSC Mains Test and Model answer
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प्रश्न: भारत में डिजिटल समावेशन और इंटरनेट कनेक्टिविटी के विस्तार के संदर्भ में उपग्रह इंटरनेट सेवाओं की भूमिका और विभिन्न सरकारी पहलों और निजी क्षेत्र की भागीदारी के प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए। 38 Marks
उत्तर- अप्रैल-जून
2025 तक लगभग 1,000 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ता के
साथ भारत तीव्र गति से डिजिटल विकास का प्रमाण प्रस्तुत कर रहा है । हांलाकि ग्रामीण
क्षेत्रों में प्रति 100 व्यक्तियों पर केवल 46 उपभोक्ताओं की पहुंच दर्शाती है कि डिजिटल विभाजन अब भी एक बड़ी चुनौती है।
इस अंतर को दूर करने के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अनेक पहले आरंभ की है जिसे
निम्न प्रकार देख सकते हैं :-
उपग्रह इंटरनेट
सेवाएं
- सीमावर्ती, पहाड़ी या द्वीपीय क्षेत्र
जहां स्थलीय नेटवर्क बिछाना महंगा या अव्यवहारिक है वहां कनेक्टिविटी पहुंचाने हेतु
LEO (निम्न पृथ्वी कक्षा) और MEO (मध्यम पृथ्वी कक्षा) आधारित उपग्रह इंटरनेट तकनीकें तेजी
से उभर रही हैं। यह “लास्ट माइल कनेक्टिविटी” को सुनिश्चित कर डिजिटल भारत के विज़न को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक
कदम साबित हो रहा है।
सरकारी पहलों
द्वारा समावेशन
- डिजिटल भारत निधि- 4G सैचुरेशन परियोजना के
तहत ग्रामीण टावरों की स्थापना
- द्वीपीय क्षेत्र- द्वीप क्षेत्रों में बीएसएनएल
द्वारा उपग्रह बैंडविड्थ वृद्धि से अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप
में इंटरनेट स्पीड की तक बढ़ाई गई।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र- पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 2,485 मोबाइल टावर चालू किए गए, जिससे 3,389 स्थानों को कनेक्टिविटी मिली और रणनीतिक-सामाजिक गैप
कम हुआ।
- नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0- इसके माध्यम से 1.7 लाख शेष गांवों तक ब्रॉडबैंड पहुँचाने का लक्ष्य ।
- भारतनेट परियोजना-
भारतनेट परियोजना के माध्यम से अब तक 2.14 लाख ग्राम पंचायतें हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ चुकी हैं।
- पीएम-वाणी- इसके तहत 3.73 लाख सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित कर डिजिटल भागीदारी और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा दिया।
- कनेक्टिविटी और सुरक्षा- GIS आधारित निर्णय सहायता प्रणाली चरम मौसम की घटनाओं में त्वरित सूचना और चेतावनी प्रदान करती है।
निजी क्षेत्र
की भागीदारी
- इस दिशा में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है।
लाइसेंस प्राप्त स्टारलिंक सहित 10 से अधिक उपग्रह ऑपरेटर भारत में सक्रिय
हैं, जिसमें 100% तक FDI की अनुमति दी गई है। यह कदम प्रतिस्पर्धा बढ़ाकर सेवा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता
को मजबूत करता है।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि सरकारी योजनाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी ने ग्रामीण, दूरस्थ और द्वीप क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाकर समावेशी डिजिटल पहुँच और एकीकृत डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रही है जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक अवसरों में सुधार हुआ है। हालांकि, ग्रामीण इंटरनेट उपयोग में साक्षरता, उपकरणों की उपलब्धता और डिजिटल कौशल की कमी जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
निष्कर्षत: भारत में डिजिटल समावेशन को मजबूत करने में उपग्रह इंटरनेट एक प्रभावी साधन है लेकिन लागत और संचालन में स्थिरता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
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प्रश्न: बिहार में ग्रामीण विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रभाव विश्लेषण कीजिए। यह बताइए कि ये पहलें ग्रामीण आजीविका, बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में किस प्रकार बहुपक्षीय प्रभाव डाल रही हैं और समग्र विकास में उनकी भूमिका क्या है। 38 Marks
उत्तर: ग्रामीण भारत का विकास देश की समग्र प्रगति के लिए केंद्रीय महत्व रखता है। बिहार, जहां अधिकांश आबादी गांवों में रहती है, केंद्र सरकार की ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में एक प्रमुख केंद्र रहा है। पिछले दशक में कार्यान्वित राष्ट्रीय योजनाओं ने ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता, सामाजिक-सांस्कृतिक सशक्तिकरण और आर्थिक अवसरों में सुधार लाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
आजीविका क्षेत्र
- बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने गरीब परिवारों और महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया।
- 2025 तक लगभग 20 लाख महिलाओं ने लखपति दीदी बनने का लक्ष्य प्राप्त किया। यह पहल ग्रामीण महिला सशक्तिकरण और समुदाय-आधारित उद्यमिता को मजबूत करती है।
बुनियादी ढांचे
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 53,419 किलोमीटर सड़कें और 1,153 पुल तैयार किए गए, राष्ट्रीय राजमार्गों ने यात्रा समय कम कर आर्थिक अवसर बढ़ाए हैं।
- सौभाग्य योजना और भारतनेट परियोजना ने 100% विद्युतीकरण और 8,340 ग्राम पंचायतों में डिजिटल कनेक्टिविटी सुनिश्चित की।
- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण ने लाखों परिवारों को पक्के मकान, व्यक्तिगत शौचालय और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की सुविधा दी।
कृषि
क्षेत्र
- कृषि और मत्स्य पालन में पीएम-किसान, पीएम-मत्स्य संपदा योजना और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और बाजार लिंकेज से 70 लाख से अधिक किसानों और 28,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों को लाभ मिला। विशेष रूप से मखाना उत्पादन, मछली पालन और बायोफ्लोक परियोजनाओं ने ग्रामीण रोजगार और आय में वृद्धि की।
स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र
- आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 100% पात्र परिवारों का कवरेज और जल जीवन मिशन ने 1.57 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक नल के पानी पहुंचाए।
- पीएम-उज्ज्वला योजना के तहत 1.16 करोड़ एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए जिससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ ईंधन का दायरा बढ़ा।
उपरोक्त
पहलों के माध्यम से किसानों और उद्यमियों की आय बढ़ने और रोजगार अवसर सृजित होने से ग्रामीण आर्थिक
को गति मिली वहीं महिला सशक्तिकरण और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से सामाजिक प्रगति आयी। बुनियादी ढांचा जैसे सड़क, डिजिटल और आवास परियोजनाओं से ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार आया वहीं पर्यावरणीय दृष्टिकोण
से स्वच्छ ऊर्जा और जल-सुरक्षा के माध्यम से टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिला। हालांकि, योजना क्रियान्वयन में भौगोलिक चुनौतियाँ, वित्तीय और प्रशासनिक बाधाएं अभी भी मौजूद हैं, जिन्हें डिजिटल निगरानी और सामुदायिक भागीदारी से संबोधित किया जा रहा है।
निष्कर्षत: केंद्र सरकार की बहुपक्षीय योजनाओं ने बिहार के ग्रामीण विकास को नई दिशा दी है और इन पहलों ने बिहार को विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामीण समावेशन और समृद्धि की राह पर मजबूती से खड़ा किया है।
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