बिहार में सिंचाई व्यवस्था
वर्षा आश्रित कृषि होने के कारण अनियमित
और अनिश्चित वर्षा पैटर्न का राज्य की फसलों पर व्यापक प्रभाव होता है। राज्य के उत्तरी
और दक्षिण मैदानी भागों में वर्षा का वितरण समान नहीं है। अतः राज्य में सघन खेती को
बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार पानी की उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास कर रही है ।
बिहार में पानी की उपलब्धता के आधार पर अनुमान किया गया है । राज्य में वृहद और मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से 53.53 लाख हे. की सिंचाई क्षमता सृजित की जा सकती है लेकिन कुछ ऐसे कारण है जिससे राज्य में उपलब्ध सिंचाई क्षमता का पूर्ण दोहन नहीं हो पाता। इसी क्रम में बिहार में मौजूदा सिंचाई व्यवस्था का भी कम उपयोग होता है।
बिहार में सिंचाई व्यवस्था में कमियां
- नहरों में बड़ी मात्रा में गाद जमना और नहरों में दरार आने की समस्या।
- वाटरशेड मैनेजमेंट, जल संरक्षण नीतियों में कमी।
- बाढ़ एवं सूखा प्रबंधन योजनाओं में प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो पाना।
- अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर्राज्ययीय नदी प्रणाली होने के कारण सहयोग एवं समन्वय का अभाव।
बिहार में सिंचाई क्षमता के विकास हेतु उठाए गए कदम
बिहार में क्षेत्रगत विकास कार्यक्रम और कमांड क्षेत्र
विकास की योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है।
डीजल अनुदान
जुलाई 2022 में कैबिनेट की बैठक में बिहार सरकार द्वारा किसानों को डीजल अनुदान देने का फैसला लिया गया जिसके तहत सरकार प्रति लीटर 60 रुपये का अनुदान देगी। अनुदान की यह राशि अधिकतम पांच एकड़ तक सीमित होगी।
सात निश्चय-2
हर खेत को पानी
इसके तहत प्रत्येक कृष्य खेत को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने
हेतु असिंचित भूमि की पहचान हेतु सर्वेक्षण आरंभ कर दिया गया है ताकि सिंचाई योजनाओं
हेतु सुझाव लिया जा सके ।
जल जीवन हरियाली अभियान
लघु जल संसाधन विभाग ने कृषि रोडमैप-3 के तहत वर्णित सिंचाई योजनाओं के विस्तार हेतु अनेक कार्यक्रम बनाए है। जिनमें
प्रमुख है जल जीवन हरियाली अभियान।
जल संरक्षण और सिंचाई हेतु इस अभियान का आरंभ किया गया है जिसके तहत सार्वजनिक पईन आहरों एवं तालाबों का जीर्णोंद्वार और वर्षा पानी को इकट्ठा करके सिंचाई के मकसद से बाद में उसका उपयोग करने हेतु छोटी नदियों, नालों पर चेक डैम आदि का निर्माण किया जाना है। इन योजनाओं का क्रियान्वयन ग्रामीण अधिसंरचना विकास कोष एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बजट शीर्ष के तहत किया जा रहा है।
भूतल सिंचाई योजना
इस योजना द्वारा बिहार में वर्ष पर कृषि कार्यों को बढ़ावा
देने हेतु तीनों मौसम में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना
इस योजना के तहत किसानों द्वारा लगभग 35000 निजी नलकूप लगाए गए हैं। इस योजना में किसानों को अनुदान एवं सहायता राशि का
भुगतान प्रत्यक्ष लाभांतरण के माध्यम से किया जा रहा है।
टेलीमीटरी योजना (स्वचालित डिजिटल जल स्तर रिकार्डर)
इस योजना के तहत राज्य के 562 स्थानों पर जल स्तर रिकार्ड करने हेतु टेलीमीटरी उपकरण लगाए गए हैं ।
राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना
इसके तहत प्रत्येक जिले में एक नलकूप को स्काडा प्रणाली
से लैश किया गया है जो नलकूप को स्वचालित ढंग से चालू करने के साथ-साथ
पानी और भूजल स्तर की जानकारी भी देता है।
नदी जोड़ो परियोजना
कोसी मेची नदी लिंक परियोजना।
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