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Jul 20, 2022

मध्‍यकालीन भक्ति आंदोलन

 

मध्यकालीन भक्ति आंदोलन


भक्ति आंदोलन

हिन्दू धर्म के अनुसार मोक्ष प्राप्त करने के 3 मार्ग कौन से है- कर्म, ज्ञान और भक्ति

उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन की त्रिमूर्ति किन संतो को कहा जाता है- गुरू नानक, रैदास तथा कबीर

भक्ति का सर्वप्रथम उल्लेख किस उपनिषद में मिलता है- श्वेताश्वतर उपनिषद

उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन को प्रसारित का श्रेय जाता है- रामानंद

दक्षिण भारत में भक्ति आंदोलन की शुरुआत करने का श्रेय किसको जाता है- रामानुज

भक्ति आंदोलन के विकास में कितने अलवार (विष्णु भक्त) संतो ने योगदान दिया- 12

अलवार संतों में एकमात्र महिला संत कौन थी- अंडाल 

अलवार संतों में वह कौन संत थे जो पूर्व में त्रावणकोर के राजा थे- कुलशेखर

भक्ति आंदोलन के प्रचार-प्रसार एवं विकास में कितने नयनार (शिव भक्त) संतों ने योगदान दिया -63


शंकराचार्य

जन्म स्थान- केरल,कलादी ग्राम 788 .

गुरु-   गोविंद योगी

उपाधिपरमहंस

दार्शनिक मत- अद्वैतवाद

हिन्दू धर्म को सुव्यवस्थित करने हेतु शंकराचार्य ने किस संप्रदाय की स्थापना की- स्मृति संप्रदाय

शंकराचार्य द्वारा स्थापित 4 मठ

    1. श्रृंगेरी मठ(शिव) – मैसूर,  कर्नाटक
    2. गोवर्धनपीठ (बलभद्र एवं शुभद्रा)- पुरी, उड़ीसा
    3. शारदापीठ (कृष्ण)- द्वरिका, गुजरात
    4. ज्योर्तिषपीठ (विष्णु)- बद्रीनाथ, उत्तराखंड

शंकराचार्य ने 5वें मठ की स्थापना कहां पर कीकांचीपुरम, तमिलनाडू

बौद्ध धर्म के महायान शाखा से प्रभावित होने के कारण शंकराचार्य को क्या कहा गया- प्रच्छन्न बौद्ध

शंकराचार्य के प्रमुख रचनाएं- गीताभाष्य, ब्रह्मसूत्रभाष्य

शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन के विरोध में दक्षिण में वैष्णव संतो द्वारा कितने  मतों की स्थापना की गई- 4

    1. श्रीसंप्रदाय रामानुजाचार्य- विशिष्टाद्वैतवाद
    2. ब्रह्म संप्रदाय माधवाचार्य- द्वैतवाद
    3. रुद्र संप्रदाय - विष्णु स्वामी- शुद्धाद्वैतवाद
    4. सनक संप्रदाय निंबार्काचार्य- द्वैतद्वैतवाद


 

रामानुजाचार्य

दार्शनिक मत- विशिष्टाद्वैतवाद

स्थापित संप्रदाय -वैष्णव संप्रदाय

किस चोल राजा से मतभेद होने के कारण रामानुजाचार्य को श्रृंगेरी छोड़ना पड़ा- कुलोतुंग-I

दक्षिण भारत में विष्णु का अवतार माना जाता है- रामानुजाचार्य


 

निम्बकाचार्य

दार्शनिक मत- द्वैताद्वैतवाद

स्थापित संप्रदायसनक/सनकादी संप्रदाय

निम्बकाचार्य कृष्ण को किसका अवतार मानते थे- शंकर का अवतार

द्वैतवाद तथा अद्वैतवाद दोनों सिद्धातों  को अपने मत में अपनाने के कारण निम्बकाचार्य के दर्शन को क्या कहा गया- द्वैताद्वैतवाद

निम्बकाचार्य को किसका अवतार माना जाता है- सुदर्शन चक्र का अवतार

 

वल्लभाचार्य

दार्शनिक मत- शुद्ध अद्वैतवाद

स्थापित संप्रदायरुद्र संप्रदाय

वल्लभाचार्य का भक्तिवाद क्या कहलाता है- पुष्टिमार्ग

 

रामानंद

गुरु- राघवानंद

दार्शनिक मत- द्वैताद्वैतवाद

स्थापित संप्रदायरामवत संप्रदाय

रामानंद के 12 शिष्यों में प्रमुख कौन थे- धन्ना, रैदास, कबीर, पीपा, अनंत आदि

प्रथम भक्ति संत कौन थे जिन्होंने ईश्वर की अराधना की अनुमति महिलाओं को भी दी- रामानंद 

प्रथम भक्ति संत जिन्होंने ईश्वर की अराधना हेतु हिन्दी भाषा को माध्यम बनाया- रामानंद 

दक्षिण भारत एवं उत्तर भारत के भक्ति आंदोलन के मध्य सेतु का कार्य किस संत द्वारा किया गया- रामानंद

भक्ति आंदोलन को दक्षिण भारत से उत्तर भारत की ओर लाने का श्रेय किसे दिया जाता है- रामानंद

रामानंद की मृत्यु के बाद उनके अनुयायी कितने वर्गों में बंट गए- 2

    1. तुलसीदास के नेतृत्व में रूढीवादी वर्ग
    2. कबीरदास के नेतृत्व में सुधारवादी वर्ग

 

सूरदास

समकालीन शासक- अकबर

प्रमुख रचनाएं- सूरसागर, सुरसरावली, सहित्य लहरी

गुरु- वल्लभाचार्य

किस भक्ति संत कोपुष्टिमार्ग का जहाजकहा जाता है- सूरदास

  

चैतन्य महाप्रभु

मूल नाम- विश्वम्भर

बचपन का नामनिमाई

दार्शनिक मत- अचिंत्य  भेदाभेद

स्थापित संप्रदायगौड़ीय वैष्णव संप्रदाय

वृन्दावन को तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है- चैतन्य महाप्रभु

कीर्तन प्रणाली की शुरुआत तथा गोसाई संघ की स्थापना किसके द्वारा की गयी- चैतन्य महाप्रभु

  

माधवाचार्य

दार्शनिक मत- द्वैतवाद

स्थापित संप्रदायब्रह्म संप्रदाय

माधवाचार्य ने अपने उपदेश किस भाषा में दिए- कन्नड़

कबीर

जन्म स्थल- बनारस

गुरु- रामानंद

अली एवं नीरू नामक निःसंतान जुलाहे को कबीर किस तालाब में मिले- लहरतारा

समकालीन शासक- सिकन्दर लोदी

निर्गुण भक्ति धारा के संत जिन्होंने संत होते हुए भी पूर्णता गृहस्थ जीवन का निर्वाह किया- कबीर

कबीर की वाणी का संग्रह किस नाम से प्रसिद्ध है- बीजक

बीजक का संकलन किसके द्वारा किया गया- कबीर के शिष्य धर्मदास द्वारा

कबीर का बीजक कितने भागों में बंटा है-3 (साखी, सबद तथा रमैनी)

कबीर की भाषा को क्या संज्ञा दी गई- साधुक्कडी (ब्रजभाषा अवधी तथा राजस्थानी भाषा के शब्दों का मेल)

कबीर की मृत्यु कहां हुई- मगहर


मीराबाई

जन्म- मेडता, राजस्थान

गुरु- रैदास

पतिभोजराज (राणा सांगा के पुत्र)

मीरा की तुलना किस प्रसिद्ध सूफी महिला संत से की जाती है- रबिया (रबिया ने भी ईश्वर को पति के रूप में माना)

मीराबाई की रचनाएं मुख्यतः किस भाषा में है-ब्रज भाषा (कुछ राजस्थानी, गुजराती भाषा में भी है)

मीराबाई की भक्ति गीत को क्या कहा गया- पदावली

 

तुलसीदास

जन्म- बांदा, उत्तर प्रदेश

समकालीन शासक- अकबर

शैव एवं वैष्णव धर्म के बीच एकता स्थपित करने का श्रेय किस संत को जाता है- तुलसीदास

तुलसीदास द्वारा रामचरितमानस किस भाषा में लिखी गयी- अवधी

तुलसीदास की अन्य रचनाएं-कवितावली, दोहावली, गीतावली,विनय पत्रिका

 

गुरु नानक

जन्म स्थल- अविभाजित पंजाब, तलवंडी (ननकाना साहिब)

दार्शनिक मत- एकेश्वरवाद

अपने जीवन काल में गुरु नानक ने किसे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया- लहना (अंगद)

गुरु नानक ने किस शासक के यहां नौकरी की थी- दौलत खां लोदी

गुरु नानक किस सूफी संत से प्रभावित थे-  बाबा फरीद

  

रैदास

गुरु- रामानंद

स्थापित सम्प्रदाय- रैदासी

रैदास को संतों का संत की संज्ञा किसने दी- कबीरदास ने

  

दादू दयाल

स्थापित सम्प्रदाय- ब्रह्म संप्रदाय

दादू दयाल ने अपना भक्ति आंदोलन किस क्षेत्र में चलाया- राजस्थान 

सभी धर्मों के प्रति प्रेम एवं बंधुत्व बढ़ाने हेतु दादू दयाल ने किस संप्रदाय की स्थापना की- ब्रह्म संप्रदाय

 

शंकरदेव

असम का चैतन्यकहा जाता है- शंकरदेव

वह कृष्णमार्गी संत जो मूर्ति के रूप में कृष्ण की पूजा के विरोधी थे- शंकरदेव

(मूर्ति के स्थान पर भगवतपुराण की प्रति की पूजा का समर्थन करते थे)

 

महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन

महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की किस परंपरा का विकास हुआ- वैष्णववादी

महाराष्ट्र में लोकप्रिय हुए वैष्णव संत किसके भक्त थे- भगवान विठोबा

भगवान विठोबा किसके अवतार मान जाते हैं- कृष्ण

भगवान विठोबा के अनुयाई क्या कहलाते थे- वरकारी या तीर्थयात्री पंथ

वारकरी सम्प्रदाय के भक्ति आंदोलन (भगवान विठोवा) मुख्य केन्द्र कहां था- पंढरपुर

वारकरी संप्रदाय में किसकी पूजा की जाती थी- विठोवा (विष्णु) की

विठोवा पंथ के 3 महान संत कौन है- तुकाराम, ज्ञानेश्वर एवं नामदेव

गीता पर मराठी भाषा में ज्ञानेश्वरी (भावार्थ दीपिका) नामक टीका लिखी -ज्ञानेश्वर

विठोवा पंथ के वे संत कौन है जो आरंभ में डाकू थे- संत नामदेव

विठोवा पंथ के वे संत जिनके गीतात्मक पद गुरुग्रंथ साहिब में संकलित है- संत नामदेव

महाराष्ट्र के रहस्यवादी संप्रदाय का संस्थापक किसे माना जाता है- संत ज्ञानेश्वर तथा निवृत्तिनाथ


अन्य महत्तवपूर्ण तथ्य

हिंदी भाषी क्षेत्रों में  प्रमुख रूप से किस प्रकार के कवि संतो की प्रधानता थी- निर्गुण भक्ति वाले संत

बंगाल में कृष्ण भक्ति की प्रारंभिक प्रतिपादकों में प्रमुख कौन थे- विद्यापति ठाकुर और चंडीदास

सगुण संप्रदाय के प्रसिद्ध संतों में कौन शामिल थे- तुलसीदास, चैतन्य, सूरदास, मीराबाई, वल्लभाचार्य, निंबार्क

निर्गुण संप्रदाय में प्रसिद्ध प्रतिनिधि कौन थे- कबीर

उत्तर भारतीय पंथो का आध्यात्मिक गुरु किसे माना गया है- कबीर


इस पोस्ट के माध्यम से मध्यकालीन भक्ति आंदोलन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों को आपने देखा । इस पोस्ट से संबंधित वीडियो भी Youtube Channel link पर उपलब्ध है । 

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