मध्यकालीन भक्ति आंदोलन
भक्ति आंदोलन
हिन्दू
धर्म के अनुसार मोक्ष प्राप्त करने के 3 मार्ग कौन से है-
कर्म, ज्ञान और भक्ति
उत्तर
भारत में भक्ति आंदोलन की त्रिमूर्ति किन संतो को कहा जाता है- गुरू नानक, रैदास तथा कबीर
भक्ति
का सर्वप्रथम उल्लेख किस उपनिषद में मिलता है- श्वेताश्वतर
उपनिषद
उत्तर
भारत में भक्ति आंदोलन को प्रसारित का श्रेय जाता है- रामानंद
दक्षिण
भारत में भक्ति आंदोलन की शुरुआत करने का श्रेय किसको जाता है- रामानुज
भक्ति
आंदोलन के विकास में कितने अलवार (विष्णु भक्त)
संतो ने योगदान दिया- 12
अलवार
संतों में एकमात्र महिला संत कौन थी- अंडाल
अलवार
संतों में वह कौन संत थे जो पूर्व में त्रावणकोर के राजा थे- कुलशेखर
भक्ति
आंदोलन के प्रचार-प्रसार एवं विकास में कितने नयनार (शिव भक्त)
संतों ने योगदान दिया -63
शंकराचार्य
जन्म
स्थान-
केरल,कलादी ग्राम 788 ई.
गुरु- गोविंद योगी
उपाधि – परमहंस
दार्शनिक
मत-
अद्वैतवाद
हिन्दू
धर्म को सुव्यवस्थित करने हेतु शंकराचार्य ने किस संप्रदाय की स्थापना की- स्मृति संप्रदाय
शंकराचार्य
द्वारा स्थापित 4 मठ
- श्रृंगेरी
मठ(शिव) – मैसूर, कर्नाटक
- गोवर्धनपीठ (बलभद्र एवं शुभद्रा)- पुरी, उड़ीसा
- शारदापीठ (कृष्ण)- द्वरिका, गुजरात
- ज्योर्तिषपीठ (विष्णु)-
बद्रीनाथ, उत्तराखंड
शंकराचार्य ने 5वें मठ की स्थापना कहां पर की – कांचीपुरम, तमिलनाडू
बौद्ध
धर्म के महायान शाखा से प्रभावित होने के कारण शंकराचार्य को क्या कहा गया-
प्रच्छन्न बौद्ध
शंकराचार्य
के प्रमुख रचनाएं-
गीताभाष्य,
ब्रह्मसूत्रभाष्य
शंकराचार्य
के अद्वैत दर्शन के विरोध में दक्षिण में वैष्णव संतो द्वारा कितने मतों की स्थापना की गई- 4
- श्रीसंप्रदाय – रामानुजाचार्य- विशिष्टाद्वैतवाद
- ब्रह्म संप्रदाय – माधवाचार्य- द्वैतवाद
- रुद्र संप्रदाय - विष्णु स्वामी- शुद्धाद्वैतवाद
- सनक संप्रदाय
–निंबार्काचार्य-
द्वैतद्वैतवाद
रामानुजाचार्य
दार्शनिक
मत-
विशिष्टाद्वैतवाद
स्थापित
संप्रदाय
-वैष्णव संप्रदाय
किस
चोल राजा से मतभेद होने के कारण रामानुजाचार्य को श्रृंगेरी छोड़ना पड़ा- कुलोतुंग-I
दक्षिण
भारत में विष्णु का अवतार माना जाता है- रामानुजाचार्य
निम्बकाचार्य
दार्शनिक
मत-
द्वैताद्वैतवाद
स्थापित
संप्रदाय
–सनक/सनकादी संप्रदाय
निम्बकाचार्य
कृष्ण को किसका अवतार मानते थे- शंकर का अवतार
द्वैतवाद
तथा अद्वैतवाद दोनों सिद्धातों को अपने मत में अपनाने के कारण निम्बकाचार्य के दर्शन को क्या कहा गया-
द्वैताद्वैतवाद
निम्बकाचार्य
को किसका अवतार माना जाता है- सुदर्शन चक्र का
अवतार
वल्लभाचार्य
दार्शनिक
मत-
शुद्ध अद्वैतवाद
स्थापित
संप्रदाय
–रुद्र संप्रदाय
वल्लभाचार्य
का भक्तिवाद क्या कहलाता है- पुष्टिमार्ग
रामानंद
गुरु- राघवानंद
दार्शनिक
मत-
द्वैताद्वैतवाद
स्थापित
संप्रदाय
–रामवत संप्रदाय
रामानंद
के
12 शिष्यों में प्रमुख कौन थे- धन्ना, रैदास,
कबीर, पीपा, अनंत आदि
प्रथम
भक्ति संत कौन थे जिन्होंने ईश्वर की अराधना की अनुमति महिलाओं को भी दी- रामानंद
प्रथम
भक्ति संत जिन्होंने ईश्वर की अराधना हेतु हिन्दी भाषा को माध्यम बनाया- रामानंद
दक्षिण
भारत एवं उत्तर भारत के भक्ति आंदोलन के मध्य सेतु का कार्य किस संत द्वारा किया गया- रामानंद
भक्ति
आंदोलन को दक्षिण भारत से उत्तर भारत की ओर लाने का श्रेय किसे दिया जाता है- रामानंद
रामानंद
की मृत्यु के बाद उनके अनुयायी कितने वर्गों में बंट गए- 2
- तुलसीदास के नेतृत्व में रूढीवादी वर्ग
- कबीरदास के नेतृत्व में सुधारवादी वर्ग
सूरदास
समकालीन
शासक-
अकबर
प्रमुख
रचनाएं-
सूरसागर,
सुरसरावली, सहित्य लहरी
गुरु- वल्लभाचार्य
किस
भक्ति संत को
“पुष्टिमार्ग का जहाज” कहा जाता है- सूरदास
चैतन्य महाप्रभु
मूल
नाम-
विश्वम्भर
बचपन
का नाम
–निमाई
दार्शनिक
मत-
अचिंत्य भेदाभेद
स्थापित
संप्रदाय
–गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय
वृन्दावन
को तीर्थस्थल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है- चैतन्य महाप्रभु
कीर्तन
प्रणाली की शुरुआत तथा गोसाई संघ की स्थापना किसके द्वारा की गयी- चैतन्य महाप्रभु
माधवाचार्य
दार्शनिक
मत-
द्वैतवाद
स्थापित
संप्रदाय
–ब्रह्म संप्रदाय
माधवाचार्य ने अपने उपदेश किस भाषा में दिए- कन्नड़
कबीर
जन्म
स्थल-
बनारस
गुरु- रामानंद
अली
एवं नीरू नामक निःसंतान जुलाहे को कबीर किस तालाब में मिले- लहरतारा
समकालीन
शासक-
सिकन्दर लोदी
निर्गुण
भक्ति धारा के संत जिन्होंने संत होते हुए भी पूर्णता गृहस्थ जीवन का निर्वाह
किया- कबीर
कबीर
की वाणी का संग्रह किस नाम से प्रसिद्ध है- बीजक
बीजक
का संकलन किसके द्वारा किया गया- कबीर के शिष्य
धर्मदास द्वारा
कबीर
का बीजक कितने भागों में बंटा है-3 (साखी,
सबद तथा रमैनी)
कबीर
की भाषा को क्या संज्ञा दी गई- साधुक्कडी (ब्रजभाषा अवधी तथा राजस्थानी भाषा के शब्दों का मेल)
कबीर
की मृत्यु कहां हुई- मगहर
मीराबाई
जन्म- मेडता, राजस्थान
गुरु- रैदास
पति – भोजराज (राणा सांगा के पुत्र)
मीरा
की तुलना किस प्रसिद्ध सूफी महिला संत से की जाती है- रबिया (रबिया
ने भी ईश्वर को पति के रूप में माना)
मीराबाई
की रचनाएं मुख्यतः किस भाषा में है-ब्रज
भाषा (कुछ राजस्थानी, गुजराती भाषा में भी है)
मीराबाई
की भक्ति गीत को क्या कहा गया- पदावली
तुलसीदास
जन्म- बांदा, उत्तर
प्रदेश
समकालीन
शासक-
अकबर
शैव
एवं वैष्णव धर्म के बीच एकता स्थपित करने का श्रेय किस संत को जाता है- तुलसीदास
तुलसीदास
द्वारा रामचरितमानस किस भाषा में लिखी गयी- अवधी
तुलसीदास
की अन्य रचनाएं-कवितावली, दोहावली, गीतावली,विनय पत्रिका
गुरु नानक
जन्म
स्थल-
अविभाजित पंजाब, तलवंडी (ननकाना साहिब)
दार्शनिक
मत-
एकेश्वरवाद
अपने
जीवन काल में गुरु नानक ने किसे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया- लहना (अंगद)
गुरु
नानक ने किस शासक के यहां नौकरी की थी- दौलत
खां लोदी
गुरु
नानक किस सूफी संत से प्रभावित थे- बाबा फरीद
रैदास
गुरु- रामानंद
स्थापित
सम्प्रदाय-
रैदासी
रैदास
को संतों का संत की संज्ञा किसने दी- कबीरदास
ने
दादू दयाल
स्थापित
सम्प्रदाय-
ब्रह्म संप्रदाय
दादू
दयाल ने अपना भक्ति आंदोलन किस क्षेत्र में चलाया- राजस्थान
सभी
धर्मों के प्रति प्रेम एवं बंधुत्व बढ़ाने हेतु दादू दयाल ने किस संप्रदाय की स्थापना
की-
ब्रह्म संप्रदाय
शंकरदेव
“असम का चैतन्य” कहा जाता है- शंकरदेव
वह
कृष्णमार्गी संत जो मूर्ति के रूप में कृष्ण की पूजा के विरोधी थे- शंकरदेव
(मूर्ति के स्थान पर भगवतपुराण की प्रति की पूजा का समर्थन
करते थे)
महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन
महाराष्ट्र
में भक्ति आंदोलन की किस परंपरा का विकास हुआ- वैष्णववादी
महाराष्ट्र
में लोकप्रिय हुए वैष्णव संत किसके भक्त थे- भगवान
विठोबा
भगवान
विठोबा किसके अवतार मान जाते हैं- कृष्ण
भगवान
विठोबा के अनुयाई क्या कहलाते थे- वरकारी या
तीर्थयात्री पंथ
वारकरी
सम्प्रदाय के भक्ति आंदोलन
(भगवान विठोवा) मुख्य केन्द्र कहां था-
पंढरपुर
वारकरी
संप्रदाय में किसकी पूजा की जाती थी- विठोवा (विष्णु) की
विठोवा
पंथ के
3 महान संत कौन है- तुकाराम, ज्ञानेश्वर एवं नामदेव
गीता
पर मराठी भाषा में “ज्ञानेश्वरी” (भावार्थ दीपिका)
नामक टीका लिखी -ज्ञानेश्वर
विठोवा
पंथ के वे संत कौन है जो आरंभ में डाकू थे- संत
नामदेव
विठोवा
पंथ के वे संत जिनके गीतात्मक पद गुरुग्रंथ साहिब में संकलित है- संत नामदेव
महाराष्ट्र
के रहस्यवादी संप्रदाय का संस्थापक किसे माना जाता है- संत ज्ञानेश्वर तथा निवृत्तिनाथ
अन्य महत्तवपूर्ण तथ्य
हिंदी
भाषी क्षेत्रों में प्रमुख रूप से किस
प्रकार के कवि संतो की प्रधानता थी- निर्गुण भक्ति
वाले संत
बंगाल
में कृष्ण भक्ति की प्रारंभिक प्रतिपादकों में प्रमुख कौन थे- विद्यापति ठाकुर और चंडीदास
सगुण
संप्रदाय के प्रसिद्ध संतों में कौन शामिल थे- तुलसीदास, चैतन्य, सूरदास, मीराबाई, वल्लभाचार्य, निंबार्क
निर्गुण
संप्रदाय में प्रसिद्ध प्रतिनिधि कौन थे- कबीर
उत्तर
भारतीय पंथो का आध्यात्मिक गुरु किसे माना गया है- कबीर
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