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Oct 13, 2022

बिहार में नीति निदेशक तत्व का क्रियान्वयन

 

बिहार में नीति निदेशक तत्व का क्रियान्वयन


स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में नीति निदेशक सिद्धांतों को लागू करने की दिशा में अनेक कार्यक्रम एवं कानून को लाया गया। भारत सरकार द्वारा योजना आयोग तथा पंचवर्षीय योजना के माध्यम से देश के विकास को प्रगति देने का प्रयास किया गया। इस दिशा में बिहार में भी अनेक प्रकार की  सामाजिक आर्थिक योजनाएं तथा कानूनों को बिहार में लागू किया गया।

अनुच्छेद 38 एवं 39

औद्योगिक  विकास को बढ़ावा देने हेतु योजनाकाल में अनेक उद्योग धंधे जैसे चीनी मिल, इस्पात संयंत्रसीमेंट कारखाने की स्थापना बिहार सरकार द्वारा की गई।

राज्य के संसाधनों का समान वितरण तथा बिहार में भूमि संबंधी असमानता को दूर करने हेतु कानून लाए गए जिनमें प्रमुख है

  1. 1950 में भूमि सुधार को लागू करते हुए भूदान अधिनियम 1954
  2. बिहार राज्य चकबंदी अधिनियम 1956
  3. भूमि हदबंदी कानून 1966
  4. महादलित परिवारों को आवास हेतु  3 डेसिमल भूमि वितरण योजना लायी गयी।

आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करने हेतु बिहार में केन्‍द्रीय कानूनों को बिहार में लागू किया गया तथा इसके  परिप्रेक्ष्‍य में बिहार सरकार द्वारा नीतियां लायी गयी

  1. औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947
  2. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948
  3. कारखाना अधिनियम 1948
  4. बंधुआ मजदूरी  व्यवस्था निवारण अधिनियम 1976
  5. बाल श्रम प्रतिषेध सुधार अधिनियम 1986
  6. मातृत्व  हितलाभ अधिनियम 1961 

कृषि क्षेत्र में बिहार में हरित क्रांति के संबंध में व्यापक प्रयास किए गए और  गहन कृषि जिला कार्यक्रम 1960 को शाहाबाद जिले में आरंभ किया गया हालांकि भूमि सुधार में कमी, गरीबी प्राकृतिक आपदाओं आदि के कारण यह सफल नहीं हो पाया। सरकार के हलिया प्रयासों में जल जीवन हरियाली मिशन, कृषि रोड मैप इत्यादि प्रयास महत्वपूर्ण हैं।

केन्द्र सरकार के स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण कार्य

कृषि भूमि सुधार, जमीदारी प्रथा का अंत, बिचौलियों का अंत, कृषि जोत की सीमा का निर्धारण।

1969  में 14 बैंकों का तथा 1980 में छह बैंकों का राष्ट्रीयकरण।

26वें संविधान संशोधन द्वारा देशी रियासतों के प्रीविपर्स की समाप्ति।

अनुच्छेद 40

1959 में पंचायती राज्य का भारत में शुभारंभ हुआ तथा 1992-93 में 73वें तथा 74वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज तथा नगरीय स्वशासन को संवैधानिक आधार दिया गया।

ग्राम पंचायतों के गठन के संदर्भ में बिहार सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था अपनाई गई और बिहार राज्य पंचायती अधिनियम 2006 लाया गया जिसके माध्यम से लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण हेतु महिलाओं को 50% आरक्षण की व्यवस्था की गयी।

अनुच्छेद 41

बिहार में मनरेगा, राष्ट्रीय आजीविका मिशनजवाहर रोजगार मिशन, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजनाजीविका के माध्यम से  रोजगार हेतु  विभिन्न प्रकार के आर्थिक एवं तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण  की व्यवस्था की गयी।

सात निश्चय-1 के संकल्प आर्थिक हल, युवाओं को बल के तहत 5 महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की गयी थी जो शिक्षा, कौशल और रोजगार पर केन्द्रित थे। इसी तरह की योजना 7 निश्चय भाग में युवा शक्ति बिहार की प्रगति में रोजगार एवं कौशल प्रशिक्षण पर संचलित की जा रही है।

सात निश्चय भाग 1 “आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकारके तहत महिला रोजगार को बढ़ावा दिया गया। इसी प्रकार की योजना सात निश्चय-के तहत सशक्त महिला, सक्षम महिलासंचालित की जा रही है।

अनुच्छेद 42

मानवोचित कार्य दशाएं सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न श्रम कानूनों जैसे कारखाना को बाल श्रम प्रतिषेध एवं सुधार अधिनियम 1986,  मातृत्व  हितलाभ अधिनियम 1961 को लाया गया। 2018 में केन्द्र द्वारा लाए गए संशोधन के अनुपालन में महिलाओं की अवकाश अवधि को बढ़ाया गया।

केन्द्र सरकार द्वारा 1970 के  दशक में सरकार द्वारा उद्योगों का प्रबंध अपने हाथों में लिया गया।

अनुच्छेद 43

कृषि से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योग, गौपालन, मधुमक्खी पालन, रेशम पालनमधुबनी चित्रकला  इत्यादि स्थानीय उत्पादों द्वारा स्थानीय श्रम को रोजगार एवं आजीविका के अवसर को बिहार सरकार द्वारा बढ़ावा दिया गया है।

इसके अलावा इन उत्पादों के व्यवसायिक उपयोग को बढ़ाने हेतु  विभिन्न योजनाओं जैसे जीविका, स्टार्टअप, मुद्रा योजना के माध्यम से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाती रही है।

अनुच्छेद 44

समान सिविल संहिता  को लागू करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनेक बार सरकार को निर्देश दिए गए किंतु राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से इस दिशा में विशेष प्रयास नहीं हुए हैं। भारत के एकमात्र राज्य गोवा में समान सिविल संहिता लागू है।

अनुच्छेद 45

बच्चों एवं महिलाओं के सर्वांगीण विकास एवं कल्याण हेतु ICDS, आंगनबाडी, शिक्षा का अधिकार, टीकाकरण, मध्याह्न भोजन, स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी योजनाओं, आवश्यकताओं इत्यादि को बिहार में लागू किया गया तथा इस हेतु अनेक योजनाएं बिहार सरकार में संचालित की जा रही है।

  1. प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उत्क्रमित किया गया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) समग्र शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है।
  2. वर्ष 2002 में 86वां संविधान संशोधन कर 21(क) शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया गया एवं राज्य को 6 से 14 वर्ष के बच्चों के निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई । इसके अलावा इसे मौलिक कर्तव्य में भी जोड़ा गया।
  3. विशेष विद्यालय सह छात्रावास योजना के तहत महादलित विद्यार्थियों को औपचारिक और अनौपचारिक दोनों प्रकार की शिक्षा दी जा रही है।
  4. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना, वन स्टॉप सेंटर, राजीव गांधी किशोरी सबीकरण योजना (सबला) प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना इत्यादि महिला कल्याण हेतु चलायी जा रही है।
  5. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के सहायता हेतु बाल सहायता योजना के तहत 18 वर्ष की आयु तक प्रतिवर्ष 1500 रु. की सहायता ।

अनुच्छेद 46

बिहार में अस्पृश्यता अपराध अधिनियम 1955 को लागू किया गया।

महिलाओं पिछड़ों अल्पसंख्यक को हेतु  शिक्षा, रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि  के क्षेत्र में अनेक योजनाएं सरकार द्वारा संचालित की जा रही है।

अनुसचित जाति, जनजति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग, मुसलमानों और BPL समुदाय की लड़कियों के लिए आवासीय उच्च प्राथमिक विद्यालय। अल्पसंख्यको के कल्याण हेतु  हुनर योजनातालीम योजना, मरकज योजना इत्यादि।

दशरथ मांझी कौशल विकास योजना के तहत महादलित समुदाय को रोजगार प्राप्ति की क्षमता बढ़ा कर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है।

अनुच्छेद 47

सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषाहार एवं जीवन स्तर को  ऊंचा बनाए रखने हेतु ICDS, आंगनबाड़ी, टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत योजना, सात निश्चय योजना, मध्याह्न भोजनखाद्य सुरक्षा कानूनशराबबंदी  इत्यादि के माध्यम से प्रयास बिहार सरकार द्वारा किया जा रहा है 

मलेरिया, टीवी, इंसेफेलाइटिस, जापानी बुखार जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने हेतु विभिन्न प्रकार के कदम उठाए जा रहे है तथा अनेक योजनाएं, जागरुकता कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। 

कोविड-19 के दौर में लोक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने हेतु  सोशल डिस्टेंसिंगमास्क सेनीटाइजर इत्यादि का वितरण, आइसोलेशन वार्ड, टीकाकरण, आईसीयू बेडएंबुलेंस ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा बीपीआवश्यक दवाओं की आपूर्ति, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था तथा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।

27 मार्च 2020 से आपदा राहत केंद्र तथा करैंटाइन शिविरों खोले गए जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग मानकों का सख्ती से पालन किया गया और लगभग 15 लाख लोगों को करैंटाइन रखा गया।

कोरोना वैक्सीनेशन दायरे को बढ़ाने को लेकर बिहार के लोगों के घरों के पास वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु जून 2021 में 121 टीका एक्सप्रेस गाड़ियों की शुरुआत की।

बिहार में संक्रामक रोग अधिनियम 1897 को लागू करते हुए बिहार स्वास्थ्य विभाग ने बिहार संक्रामक रोग कोविड-19  विनियमन 2020 जारी किया।

सात निश्चय-2 के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर सुविधा उपलब्धता पर ध्यान दिया गया है।

अनुच्छेद 48

  1. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, वन संरक्षण अधिनियम 1980  के संदर्भ में बिहार सरकार द्वारा कई आवश्यक कदम उठाए गए।
  2. हालिया प्रयासों में कृषि रोड मैप, हरियाली विस्तार योजना, गोकुल परियोजना, जल जीवन हरियाली मिशन।
  3. राज्य कृषि वानिकी नीति 2018 के तहत वृक्षारोपण को बढ़ावा।
  4. कृषि रोड मैप में जैविक कृषि पर जोर।
  5. हर परिसर हरा परिसर योजना द्वारा राज्य में हरियाली बढ़ाने का प्रयास।
  6. कृषि में सौर पम्पों का प्रयोग, कृषि वानिकी में लगे किसानों को प्रोत्साहन।
  7. नवीकरणीय ऊर्जा हेतु BREDA का गठन, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार, पटना मेट्रो।
  8. सरकारी कार्यालयों, थानों, जिला न्यायालयों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भवनों पर सौर ऊर्जा पैनल।
  9. मरनेगा, जीविका के माध्यम से वृक्षारोपण को बढ़ावा ।
  10. जल जीवन हरियाली मिशन द्वारा जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण को देखते हुए हरित आच्छादन बढ़ाना।

अनुच्छेद 49

बिहार में ऐतिहासिक महत्व के राष्ट्रीय स्मारक स्थानों के संरक्षण हेतु विभिन्न प्रकार के कानून बनाए गए हैं। इसी प्रयास में बोधगया के मंदिर को वैश्विक धरोहर घोषित किया गया।

अनुच्छेद 51

अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा  हेतु भारत ने गुटनिरपेक्षता एवं पंचशील नीति को अपनाया और इसके द्वारा केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों संधियों के संदर्भ में बिहार सरकार द्वारा अनेक प्रकार के कानून बनाए गए हैं । अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के प्रावधानों को बिहार में भी लागू किया गया।

विश्व स्वास्थ संगठन के प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण, पोषाहार स्वास्थ्य  संबंधी कई  मानक को बिहार में लागू किया गया।

निष्‍कर्ष 

यद्यपि बिहार सरकार द्वारा नीति निदेशक तत्व को प्रभावी तरीके से लागू करने हेतु अनेक योजनाए, उपाए अपनाए गए है फिर भी इस दिशा में और  काम किए जाने की आवश्यकता है।  हालांकि राज्य के पास पर्याप्त संसाधनों का अभाव है तथा बिहार जनसंख्या के अत्यधिक दबाव, प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी, उद्योगों की कमीकेंद्रीय सहायता में पक्षपात जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है।

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BPSC मुख्य परीक्षा संबंधी नोट्स की विशेषताएं

  1. To the Point  और Updated Notes
  2. सरलस्पष्ट  एवं बेहतर प्रस्तुतीकरण 
  3. प्रासंगिक एवं परीक्षा हेतु उपयोगी सामग्री का समावेश 
  4. सरकारी डाटासर्वेसूचकांकोंरिपोर्ट का आवश्यकतानुसार समावेश
  5. आवश्यकतानुसार टेलीग्राम चैनल के माध्यम से इस प्रकार के PDF द्वारा अपडेट एवं महत्वपूर्ण मुद्दों को आपको उपलब्ध कराया जाएगा 
  6. रेडिमेट नोट्स होने के कारण समय की बचत एवं रिवीजन हेत उपयोगी 
  7. अन्य की अपेक्षा अत्यंत कम मूल्य पर सामग्री उपलब्ध होना।
  8. मुख्‍य परीक्षा को समर्पित टेलीग्राम ग्रुप की निशुल्‍क सदस्‍यता ।


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