बिहार में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाले प्रमुख संस्थान, योजनाएं तथा नीतियां
प्रश्न: बिहार में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाले प्रमुख संस्थान, योजनाओं, नीतियों को संक्षिप्त रूप में बताएं ।
औद्योगिकरण की दृष्टि से बिहार अत्यंत पिछड़ा हुआ राज्य
है। बिहार का उद्यम देश के मात्र 1.5% है तथा राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद
में इस क्षेत्र का योगदान 20% से भी कम है । विभाजन के बाद लगभग
सारा खनिज उतपादक क्षेत्र झारखंड में चलने जाने के कारण वर्तमान बिहार में बहुत सीमित
मात्रा में बड़े, मंझोले एवं छोटे उद्यम रह गए हैं ।
बिहार के औद्योगीकरण के लिए राज्य
सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में अनेक कदम उठाए गए हैं उद्योगों, विशेषकर अतिलघु, लघु, मध्यम उद्यम क्षेत्र
तथा कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए रणनीतियां तैयार की जिनमें मुख्य रूप से
उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल और विभिन्न उद्योगों को आवश्यकतानुसार जमीन उपलब्ध कराने
के लिए भूमि बैंक की स्थापना के साथ साथ राज्य में औद्योगीकरण के लिए कई क्षेत्रों
की पहचान की गई है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के अलावे, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, अपारंपरिक ऊर्जा, कृषि आधारित उद्योग
और वस्त्र उद्योग जैसे क्षेत्र सम्मिलित है।
बिहार बजट
2022-23 बिहार बजट 2022-23 में बिहार के विकास
हेतु 6 सूत्रों को प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार तृतीय सूत्र में उद्योग एवं
उद्योग में निवेश को रखा गया है। राज्य
में निजी निवेश एवं उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत
है। यह राज्य के आर्थिक वृद्धि में अतिरिक्त गति प्रदान करेगी। साथ ही, इससे राज्य के युवाओं को अतिरिक्त रोजगार मिल रहा है। इन निवेशों के द्वारा राज्य में औद्योगीकरण का बेहतर
माहौल बन रहा है। उद्योग एवं उद्योग में निवेश मद में वर्ष 2022-23 में 1643.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। |
ईथेनॉल उत्पादन
प्रोत्साहन नीति 2021
- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहन के अलावा ईथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत विशेष प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जाते हैं।
कॉम्फेड एवं दुग्ध
उत्पादन
- कॉम्फेड
बिहार में अपनी शीत श्रृंखला प्रणाली द्वारा बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों से अतिरिक्त दूध खरीद कर
प्रसंस्करण करने के बाद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित करने के लिए
अधिकाधिक प्रयास करता है।
- कॉम्फेड पशु चिकित्सा संबंधी सेवाएं भी उपलब्ध कराता है जिससे बिहार में दूध उत्पादन बढ़ा और ग्रामीणों की आमदनी बढ़ी है।
बिहार औद्योगिक निवेश
प्रोत्साहन नीति (वस्त्र एवं चर्म नीति) 2022
- मई 2022 में बिहार औद्योगिक निवेश
प्रोत्साहन नीति (वस्त्र एवं चर्म नीति) 2022 को लाया गया जिसका
उद्देश्य वस्त्र, रेशम, विद्युत चरखा,
चमड़ा, सभी तरह के जूते तथा सम्बद्ध उद्योगों
के समग्र विकास को बढ़ावा देना तथा निवेश सुविधा को प्रोत्साहित करना है।
बिहार सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश
प्रोत्साहन नीति, 2016
- वर्ष 2020 में बिहार सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 में संशोधन करते हुए टेक्सटाईल अप्रैरल एवं चमड़ा सेक्टर में उच्च प्राथमिकता प्रक्षेत्र के अन्तर्गत यार्न उत्पादन एवं रंगाई छपाई को जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री कोसी मलबरी योजना
- बिहार भागलपुर को सिल्क सिटी कहा जाता है। मुख्यमंत्री कोसी मलबरी योजना के तहत कोसी 7जिलों का चयन किया गया है जिसके तहत उत्पादित रेशम का ब्रांड नाम कोशिकी रखा गया है।
- बिहार में मुख्य रूप से टसर,
मलबरी और अंडी रेशम प्रजाति का उत्पादन होता है। बिहार में रेशम धागा
उत्पादन हेतु भागलपुर में कोकून बैंक स्थापित की गयी है।
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा)
- बिहार में
औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने हेतु 1974
में बियाडा की स्थापना की गई थी जिसने बिहार में औद्योगिकरण के लिए
जमीन अधिगृहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- ऐसी भूमि
उत्पादन इकाइयों के शेड बनाने, प्रशासनिक भवन, सड़क आदि अवसंरचना का निर्माण करने
के उद्देश्य से अधिग्रहित की जाती है।
उद्योग मित्र
- बिहार में
उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के दृष्टिकोण से
संभावित निवेशकों को आकर्षित करने, निवेश
संबंधी संगोष्ठीयों, सम्मेलन का नियमित रूप से आयोजन करने में
उद्योग मित्र की महत्वपूर्ण भूमिका है ।
बिहार स्टार्टअप नीति 2017
- बिहार
सरकार द्वारा उद्यमियों के अनुकूल परितंत्र उपलब्ध कराने तथा नवचार को
बढ़ावा देने के लिए बिहार स्टार्टअप नीति 2017 तैयार की गई।
- वर्तमान
में बिहार में 16 इनक्यूबेशन केंद्र
है और अन्य केंद्र प्रक्रियाधीन है। इस नीति के तहत
इनक्यूबेशन के लिए अटल लैब, टिंकरिंग लैब,
सामान्य अधिसंरचना, जीरो लैब जैसी पहल
प्रक्रियाधीन है ।
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना
- बिहार में
उद्यमिता एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु सात निश्चय 2 के अंग के बतौर
महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना एवं
युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है ।
- उपरोक्त दोनों योजनाओं के तहत चयनित लाभार्थी को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाता है ।
- इसके अलावा
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत बिहार नवांकुर कोष न्यास से अधिकतम ₹ 5 लाख का ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त होता है जबकि
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के लिए यह ऋण 1% ब्याज दर के
साथ होती है ।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अति पिछड़ी जाति उद्यमी
योजना
- अनुसूचित
जाति अनुसूचित जनजाति अति पिछड़ी जाति के युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु
इस योजना के तहत उद्योग की स्थापना के लिए लाभार्थियों के लिए 10 लाख रू तक की परियोजना व्यय राशि स्वीकृत की जाती है ।
- इस योजना के तहत बिहार में जहां 2886 उद्यमी लाभान्वित हुए हैं वही 14,430 श्रमिकों के लिए रोजगार का सृजन हुआ है ।
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