बिहार ग्रामीण अर्थव्यवस्था -पशुपालन एवं मत्स्यन
प्रश्न- बिहार के ग्रामीण अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग के रूप में पशुपालन एवं मत्स्यन जैसी सहवर्ती क्रियाओं में हालिया प्रगति पर टिप्पणी करते हुए इस दिशा में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को बताएं ।
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कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के बावजूद बिहार की अर्थव्यवस्था में दर्ज ऊंची वृद्धि
में प्राथमिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिसमें पशुपालन एवं मत्स्यन
का योगदान महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में हाल के वर्षो में हुई प्रगति को देखा
जाए तो यह स्पष्ट होता है कि बिहार में इस क्षेत्र में व्यापक संभावना है जो
बिहार की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा प्रदान कर सकती है ।
पशुपालन एवं मत्स्यन क्रियाओं में
हालिया प्रगति
प्राथमिक
क्षेत्र में पशुधन और मत्स्य पालन बिहार की कृषि की वृद्धि दर को तेज करने वाले दो
सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और गत 5 वर्षों में दोनों क्षेत्रों में क्रमशः 10% और 7% की दर से वृद्धि हुई है ।
वर्ष
2020-21 में
बिहार के कृषि संबंधी सकल राज्य घरेलू उत्पाद में फसल क्षेत्र के 48.7% के बाद सबसे ज्यादा हिस्सा पशुधन का 34.7% रहा जो
बिहार में पशुधन के महत्व को इंगित करता है।
वर्ष
2016-17 से
2020-21 की अवधि के दौरान बिहार में पशुधन एवं मत्स्य
उत्पादन के क्षेत्र को देखा जाए तो निम्न प्रकार
से वार्षिक वृद्धि देखने को मिलती है
क्षेत्र |
वार्षिक वृद्धि |
दूध उत्पादन |
7.1% |
मत्स्य उत्पादन |
7% |
मांस उत्पादन |
4.5% |
अंडा उत्पादन |
32.4% |
इस प्रकार उपरोक्त आंकड़े इस क्षेत्र में होनेवाली वार्षिक वृद्धि तथा इस क्षेत्र की व्यापक संभावनाओं को दर्शाती है और इसी को समझते हुए बिहार सरकार द्वारा इस क्षेत्र के प्रोत्साहन हेतु अनेक योजनाएं चलायी जा रही है जिनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं
पशु स्वास्थ्य एवं देखभाल
- पशुओं
की मृत्यु में कमी लाने हेतु बिहार सरकार द्वारा पशु चिकित्सा सेवाओं, टीकाकरण पर निवेश करते हुए वर्ष 2020-21
में लगभग 40.24 लाख पशुओं का इलाज
और लगभग 49.96 लाख पशुओं का
टीकाकरण किया गया ।
- पशुपालन
में प्रौद्योगिकी को महिलाओं तथा सीमांत किसानों की पहुंच में लाने हेतु के “पशु सखी”
द्वारा पशु स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है ।
- बिहार
में पहली बार मवेशियों के नस्ल संवर्धन एवं संरक्षण के लिए एम्ब्रियो ट्रांसफर इन विट्रो
फर्टिलाइजेशन तकनीक की शुरुआत
2020 को बेगूसराय जिले किया गया।
- राष्ट्रीय
गोकुल मिशन’ के तहत
बिहार की स्वदेशी नस्लों के विकास एवं संरक्षण को नया आयाम देने हेतु
- पूर्णिया में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त वीर्य केंद्र तथा पटना स्थित पशु विज्ञान
विश्वविद्यालय में आईवीएफ लैब का उद्घाटन किया गया।
- सात निश्चय भाग 2 के तहत बेहतर पशु स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए आधारभूत व्यवस्था का विकास ।
बिहार
पशुधन मास्टर प्लान
- पशुपालन
में लागत, आपूर्ति,
प्रौद्योगिकी, मूल्यवर्धन और विपणन में निवेश
बढ़ाकर उच्च गुणवत्ता वाले पशु और पशु उत्पाद की प्राप्ति हेतु बिहार पशुधन मास्टर
प्लान 2018-19 से 2022-23 के लिए
विकसित किया गया है जिसके माध्यम से ग्रामीण परिवारों में रोजगार और आय में वृद्धि
होगी ।
नदी
मत्स्य पालन कार्यक्रम
- चिन्हित नदियों से प्रजनक मछलियां इकट्ठा कर आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इकट्ठा की गई मछलियों का कृत्रिम प्रजनन कराना ।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
- मछली पालन की संभावना का टिकाऊ, जवाबदेह, समावेशी और न्यायपूर्ण तरीके से उपयोग करना तथा मछुआरा और मछली पालकों की आय और रोजगार को दुगना करने हेतु
मछली
फसल बीमा योजना लाया
गया
- मत्स्य
पालन के विभिन्न चरणों में प्राकृतिक आपदाओं, पर्यावरण संबंधी असंतुलन, प्रदूषण इत्यादि से होने वाले नुकसान के प्रति वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने
हेतु
अन्य
महत्वूपर्ण पहल
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में मछली उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र, सीतामढ़ी
में मछली ब्रूड बैंक किशनगंज में एक्वाटिक डिजीज रेफरल प्रयोगशाला जैसी पहल को
आरंभ किया गया
बिहार में भूमि पर
जनसंख्या का बढ़ता दबाव, जलवायु
परिवर्तन इत्यादि कारणों से जहां ग्रामीण परिवारों विशेषकर लघु एवं सीमांत किसानों
के लिए यह जीविका का स्रोत है वही अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर बनाए रखने, रोजगार बढ़ाने, गरीबी
घटाने, कुपोषण जैसी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है
। अत: इस क्षेत्र को विशेष प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है ।
नोट-इस प्रकार प्रश्न की मांग तथा शब्द सीमा को ध्यान में रखते
हुए आप आवश्यकतानुसार मॉडल उत्तर लिख सकते हैं। उपरोक्त सभी तथ्य आपको उपलब्ध
कराए गए नोटस में उपलब्ध है। यदि आप अच्छे से नोटस को पढ़ लेते हैं तो ऐसे प्रश्नों
को आसानी से बेहतर तरीके से हल कर सकते हैं ।
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