बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020
प्रश्न- बिहार सरकार की कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 बिहार में कृषि आधिारित औद्योगिक विकास की व्यापक संभावनाओं को विस्तार देने में मददगार है। चर्चा करें।
विभाजन के बाद खनिज संसाधनों
के झारखंड में जाने के बाद बिहार एक कृषि प्रधान राज्य रह गया है जिसके कारण यहां
पर कृषि आधारित उद्योगों की विकास की ही संभावनाएं ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि बिहार
में औद्यौगिक अधिसंरचना की कमी, कृषि में निवेश का अभाव, आधुनिक तकनीक आदि की कमी के कारण औद्योगिक विकास को
पर्याप्त गति नहीं मिल पायी है।
बिहार आर्थिक समीक्षा 2021-22
के अनुसार बिहार में ईथेनॉल, खाद्य प्रसंस्करण और नवीकरणीय ऊर्जा में ज्यादा निवेश
आया है । इस प्रकार देखा जाए तो इथेनॉल तथा खाद्य प्रसंस्करण का औद्योगिक आधार
कृषि विकास से ही जुड़ा है। बिहार सरकार सतत रूप से राज्य में औद्योगिक विकास की
बाधाओं को दूर करने में प्रयासरत है और कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 इसी दिशा में एक
प्रयास है।
बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 का उद्देश्य
- मखाना, फल सब्जी,
शहद, औषधि, सुगंधित पौधे, मक्का,
चाय और बीज जैसे उद्योगों को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना ।
- वित्तीय सहायता और सक्षमकारी वातावरण के माध्यम से बिहार में कृषि व्यवसाय क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित और सुगम करना ।
- प्रसंस्करण का स्तर बढ़ाना, बर्बादी
में कमी लाना तथा मूल्यवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देना जिससे
कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में समग्र विकास ।
- राज्य में कृषि के चिन्हित क्षेत्रों में नई कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना ।
- बिहार में विद्यमान कृषि प्रसंस्करण इकाइयों का तकनीकी उन्नयन और विस्तार हेतु वित्तीय सहायता ।
- उत्पादों के बेहतर प्रसंस्करण के जरिए बेहतर प्रतिफल के द्वारा किसानों की आय बढ़ाना ।
- कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा करना ।
कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 के तहत बिहार
सरकार द्वारा पात्र औद्योगिक निवेशकों/उद्यमियों या निबंधित कृषि आधारित कंपनियों
को बिहार में कृषि के चिन्हित क्षेत्रों में कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना
या आधुनिकीकरण या विविधीकरण या विस्तार हेतु पूंजीगत सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी ।
इस प्रकार इसके माध्यम से कृषि में अवसंरचनाओं की स्थापना में मदद मिलेगी ।
उल्लेखनीय है कि बिहार
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के अनुसार कृषि के चिन्हित क्षेत्रों में विद्यमान परियोजनाओं के विस्तार
अथवा आधुनिकीकरण के लिए भी पूंजीगत सब्सिडी उपलब्ध करायी जा रही है जिसके तहत न्यूनतम
0.25 करोड़ और अधिकतम 5.00 करोड़ रुपए की स्वीकृत परियोजना को लाभ दिया जा
रहा है । इस प्रकार बिहार में कृषि आधारित औद्योगिक विकास में अवसंरचनाओं के स्तर
पर जो कमियां है उनको दूर करने में मदद मिलेगी ।
निष्कर्ष रूप में कहा जा
सकता है कि बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 द्वारा बिहार धीरे धीरे विनिर्माण और सेवा इकाइयों में
निवेश गंतव्य बनता जा रहा है तथा इस क्रम में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 एक महत्वपूर्ण
कदम है जो बिहार में कृषि आधिारित औद्योगिक विकास संभावनाओं को विस्तार देगा ।
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