बिहार में औद्योगिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां
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बिहार औद्योगिक निवेश
प्रोत्साहन नीति-2016
- इस
नीति के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष में फरवरी 2022 तक प्राप्त कुल 544 ऑनलाईन आवेदनों में से 474 आवेदनों को स्टेज-1 क्लियरेंस प्रदान की गई जिसमें प्रस्तावित निवेश राशि ₹39363.77 करोड़ है।
- इसके
तहत कुल 75 इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन हेतु क्लियरेंस दिया गया जिसमें कुल 67 इकाइयां कार्यरत है जिसमें 3294 लोगों को रोजगार का
अवसर प्राप्त हुआ ।
- इस
नीति के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में ₹124.51 करोड़ अनुदान की राशि विमुक्त की गयी है।
इथेनॉल उत्पादन
प्रोत्साहन नीति- 2021
- स्थायी
और वैकल्पिक ईंधन को प्रोत्साहित करने तथा जीवाश्म ईंधन तेल के आयात को कम करने के
उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 लागू किया गया।
- इस
नीति का उद्देश्य राज्य में उद्योगों की स्थापना कर राज्य के प्राकृतिक संसाधनों
का अधिकतम मूल्यवर्धन करना,
राजस्व उत्पन्न करना एवं रोजगार सृजित करना है।
- इस
नीति के तहत 151 आवेदनों को स्टेज-1 क्लियरेंस दिया गया है जिसमें
प्रस्तावित निवेश की राशि ₹30427.15 करोड़ है । कुल 17 इकाइयों का तेल उत्पादक कम्पनियों से एकरारनामा हुआ है।
ऑक्सीजन उत्पादन
प्रोत्साहन नीति, 2021
- कोविड-19
संकट द्वारा वर्ष 2021 में स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे पर भारी
दबाव पड़ा जिसके कारण राज्य में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। इससे निपटने हेतु राज्य
सरकार द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2021 लाया गया
जिसका उद्देश्य राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन में वृद्धि
- करना, आयात
पर निर्भरता कम करना तथा स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना है।
- इस
नीति के तहत योग्य इकाई को 30% पूंजीगत अनुदान तथा बिहार औद्योगिक
निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत उच्च प्राथमिकता वाले
प्रक्षेत्र को मिलने वाले सभी लाभ प्रदान किया जाता है।
- इस
नीति के लागू होने के पश्चात नवम्बर 2021 तक प्राप्त 38 आवेदनों को स्टेज-1 क्लियरेंस दिया गया है जिसमें
प्रस्तावित निवेश की राशि ₹330.72 करोड़ है।
बिहार स्टार्ट-अप नीति, 2017
- राज्य
सरकार द्वारा राज्य में युवाओं को उद्यम क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए बिहार
स्टार्ट-अप नीति,
2017 लागू है।
- इसके
तहत अबतक ऑनलाईन प्राप्त कुल 24292 आवेदनों में से प्रमाणीकृत 185 स्टार्टअप को कुल ₹950.60 लाखा का भुगतान किया जा
चुका है। इसके अलावा चन्द्रगुप्त इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना
में इन्क्यूवेशन लैब की स्थापना हेतु ₹33.00 लाख की राशि दी
गयी है।
- जूलाई 2022 में बिहार स्टार्टअप नीति 2022 को मंजूरी दी गयी जिसमें
आवेदन की चयन प्रक्रिया को आसान बनाने हेतु पुरानी स्टार्ट अप पालिसी 2017 के चयन कमेटी में बदलाव किया गया ।
मुख्यमंत्री अनुसूचित
जाति/अनुसूचित जनजाति / अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना
- राज्य
में वर्ष 2018 से लागू, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी
योजना अन्तर्गत गत वित्तीय वर्ष तक कुल 5100 लाभुकों का चयन
किया गया, जिसमें से 4051 लाभुकों को
कुल ₹332.95 करोड़ राशि विमुक्त की गई है।
- अति
पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजनान्तर्गत कुल 1978 लाभुकों का चयन किया
गया है, जिसमें से 1500 लाभुकों को कुल
₹122.15 करोड़ राशि विमुक्त की गई है।
सात निश्चय पार्ट -02
- पूर्व
से संचालित मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2021-22 में दो नई योजनायें मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री महिला
उद्यमी योजना जून 2021 से लागू की गई।
- इस
वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री उद्यमी संबंधी सभी योजनान्तर्गत विभाग द्वारा ऑनलाईन
प्राप्त कुल आवेदनों की समीक्षा के बाद 42477 आवेदन चयन के योग्य
पाये गये। चयनित लाभुकों के प्रशिक्षण वित्तीय प्रोत्साहन एवं ऋण विमुक्ति हेतु
अग्रेत्तर कार्रवाई प्रारंभ की गयी है।
जिला औद्योगिक नव
प्रवर्तन योजना
- इस
योजनान्तर्गत कुल 206 समूहों को चिन्हित कर विकसित किया जा रहा है। जिसमें कुल 168 समूहों में उत्पादन कार्य प्रारम्भ हो चुका है और 2493 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया गया
है।
- चम्पारण के चनपटिया में नवप्रवर्तन स्टार्ट-अप जोन की स्थापना हेतु इकाइयों को शेड उपलब्ध कराया गया तथा इस मॉडल का अनुकरण करने हेतु अन्य जिलों को भी निदेश दिया गया है, जिसकी सतत मानिटरिंग की जा रही है।
राज्य के लोक उपक्रम (PSUs) द्वारा औद्योगिक
कलस्टर विकास
- राज्य
के बाहर से आये कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से PSU क्लस्टर योजना अन्तर्गत कुल 70 समूहों की स्थापना के
माध्यम से 2258 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना प्रस्तावित
हैजिसके विरुद्ध 20 क्लस्टरों की स्थापना की जा चुकी है।
जिसमें अबतक 348 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से
रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
कौशल विकास मिशन
कार्यक्रम
- कौशल विकास कार्यक्रम के द्वारा बिहार के युवक / युवतियों को रोजगार हेतु विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित किया जाता है।
- उद्योग
विभाग द्वारा कौशल विकास के तहत प्रमुख रूप से CIPET हाजीपुर TRTC-पटना ATDC-पटना. CFTI-आगरा तथा
NIELIT - पटना द्वारा प्रशिक्षण कराया जा रहा है।
हस्तकरघा प्रक्षेत्र
- हस्तकरघा
बुनकरों को कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की योजना के तहत ₹10 हजार प्रति बुनकर कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक करोड़ दस लाख रुपए की
स्वीकृति प्रदान की गई है । इस योजना के तहत राज्य में प्रारंभ से अबतक 6096 बुनकरों को लाभान्वित किया गया है।
- विद्युत
करघा बुनकरों को 3
रु. प्रति यूनिट की दर से अनुदान पर सस्ते दर से
विद्युत उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके तहत 17,222 बुनकरों को
लाभ मिला है।
बिहार औद्योगिक क्षेत्र
विकास प्राधिकार (बियाडा )
- बियाडा
अंतर्गत के अधीन कुल 68 औद्योगिक क्षेत्र/ प्रांगण विकास केन्द्र एवं मेगा औद्योगिक पार्क
अवस्थित है। वर्ष 2021-2022 में उद्योग की स्थापना हेतु अबतक कुल
60 इकाइयों के बीच 356.52 एकड़ भूमि का
आवंटन किया गयाजिससे निवेश के साथ साथ कुल 6483 लोगों को
रोजगार की प्राप्ति होगी।
- वर्तमान
समय में बियाना के भूक्षेत्र में कुल 2762 औद्योगिक इकाइयों है,
जिनमें से 1784 इकाइयाँ कार्यरत है।
अन्य उपलब्धियां
- सीपेट, हाजीपुर
के 200 छात्रों के लिए छात्रावास निर्माण कार्य हेतु वित्तीय
वर्ष 2021-22 तक कुल 28.33 करोड़ व्यय की स्वीकृति ।
- सीपेट, हाजीपुर
के व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में ₹10.00 करोड़ की स्वीकृति ।
- मुख्यमंत्री
सूक्ष्म एवं लघु उद्योग कलस्टर विकास योजना के तहत कुल 10
कलस्टरों में सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना की योजना को स्वीकृति प्रदान की
गयी ।
- रेशम
पालन क्षेत्र में अनेक जिलों में मलवरी वृक्षारोपण, कीटपालकों को आवश्यक उपस्कर, सिंचाई
पम्पसेट की आपूर्ति की गयी है ।
- खादी
पुररुद्धान योजना के तहत बिहार की खादी संस्थाओं को 90% अनुदान पर राशि
उपलब्ध करायी गयी। इसके अलावा पटना की तर्ज पर पूर्णिया एवं मुजफ्फरपुर में खादी मॉल के निर्माण कार्य आरंभ हो गया है।
- उद्योग
मित्र द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह फरवरी 2022 तक कुल 673 आगन्तुक / उद्यमियों को उद्योग स्थापना
हेतु सलाह, आवश्यकतानुसार प्रोजेक्ट प्रोफाइल की छायाप्रति
उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया गया।
- निवेश
आयुक्त,
मुंबई कार्यालय के प्रयास से जनवरी, 2021 तक
कुल 131 निवेश निश्चय प्राप्त हुए, जिसमें 68,085 करोड़ का निवेश तथा 61,302 प्रत्यक्ष रोजगार का प्रस्ताव
सन्निहित है।
- देश
एवं विदेशों में प्रवासी बिहारी समुदाय के सहयोग एवं फाउन्डेशन के उद्देश्यों के
प्रति एकजुटता की वजह से अब तक कुल 21 (इक्कीस) चैप्टर्स खुल
चुके हैं जिनमें विदेशों में 12 (बारह) चैप्टर्स एवं भारत
में (नो) चैप्टर्स हैं।
- सूक्ष्म, लघु
एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 के फैसिलिटेशन कॉन्सिल
के समक्ष प्राप्त कुल 62 मामले में से 40 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है शेष 22 मामलों
पर सुनवाई की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है
- भारतीय
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का आयोजन प्रत्येक वर्ष प्रगति मैदान, नई दिल्ली में
होता है जिसमें उद्योग विभाग द्वारा भाग लिया जाता है। वर्ष 2021 में भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में उद्योग विभाग, बिहार सरकार को स्वर्ण पदक से नवाजा गया।
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