विद्युत Electricity संबंधी महत्वपूर्ण प्रश्न
विज्ञान के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों को आप नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से पढ़ सकते हैं -
सामान्य विज्ञान महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर
- वह
ऊर्जा जिसके कारण किसी पदार्थ में हल्की वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण
उत्पन्न हो जाता है क्या कहलाता है-
विद्युत
- काँच
और रेशम को आपस में रगड़े जाने पर उनमें छोटे-छोटे पदार्थों को आकर्षित करने के गुण को
क्या कहा जाता है- घर्षण विद्युत या स्थिर विद्युत Static Elecricity
- घर्षण
से विद्युत् उत्पन्न होने पर दोनों वस्तुओं में किस प्रकार का विद्युत आवेश उत्पन्न
होता है- दोनों वस्तुओं
में समान मात्रा में लेकिन एक दूसरे के विपरित आवेश उत्पन्न होता है
- वह
गुण जिसके आधार पर दो प्रकार के आवेशों में भेद किया जा सकता है क्या कहलाता है- आवेश की ध्रुवता
- विद्युत
आवेशों के लिए ऋणात्मक एवं धनात्मक पदों का प्रयोग सर्वप्रथम किसके द्वारा किया गया- बेंजामिन फ्रेंकलिन द्वारा
- सजातीय
आवेशों (like
charges) के मध्य पाया जाता है- प्रतिकर्षण
- विजातीय
आवेशों (unlike
charges) के मध्य पाया जाता है- आकर्षण
(Attraction)
- पदार्थ
में विद्युत आवेश की उत्पत्ति किस कारण से होती है- इलेक्ट्रानों के आदान प्रदान से
- नोट- ठोस चालकों में विद्युत का प्रवाह इलेक्ट्रॉन
द्वारा और द्रव में आयनों तथा इलेक्ट्रानों दोनों से होता है
- घर्षण
के कारण उत्पन्न आवेशों की घटना को समझने हेतु वर्तमान में सर्वमान्य सिद्धांत कौन
सा है- आधुनिक इलेक्ट्रॉन
सिद्धान्त (Modern Electron Theory)
- किस
सिद्धान्त के अनुसार दो वस्तुएँ आपस में रगड़े जाने पर एक वस्तु के परमाणुओं की बाहरी
कक्षा से इलेक्ट्रॉन निकलकर दूसरी वस्तु के परमाणुओं में चले जाते हैं-आधुनिक इलेक्ट्रॉन सिद्धान्त
- नोट- पहली वस्तु धन आवेशित (positively
charged) एवं दूसरी वस्तु ऋण आवेशित (negatively charged) हो जाती है
- विद्युत्
आवेश के चारों तरफ का वह क्षेत्र जहां कोई अन्य आवेश आकर्षण या प्रतिकर्षण बल का
अनुभव करता है क्या कहलाता है-
विद्युत् क्षेत्र Electric Field
- वह
पथ जिस पर एक स्वतंत्र धन आवेश चलता है या चलने की प्रवृति रखता है क्या कहलाता है- विद्युत् बल रेखा Electric Lines of Force
- नोट- विद्युत् बल रेखाएं कभी एक दूसरे को नहीं
काटती है
- धातुएँ
अम्ल, क्षार,
लवणों के जलीय विलयन आदि जिनसे होकर आवेश का प्रवाह आसानी से होता है
कहलाते है- चालक Conductor
- विद्युत
का सबसे अच्छा चालाक किसे माना जाता है-
चाँदी
- लकड़ी, अभ्रक, शुद्ध आसुत जल आदि जैसे पदार्थ जिनसे होकर आवेश का प्रवाह नहीं होता है क्या
कहलाते हैं- अचालक Non-Conductor
- सिलिकन, जर्मेनियम,
कार्बन, सेलेनियम आदि जिनकी विद्युत् चालकता का
गुण चालक एवं अचालक पदार्थों के बीच होती है क्या कहा जाता है- अर्द्धचालक Semi-Conductor
- अर्द्धचालक
किस ताप पर अचालक की भांति व्यवहार करते हैं-
परमशून्य ताप यानी -273 डिग्री सेल्सियस
- अर्द्धचालक
का प्रयोग सामान्यतः होता है-
ट्रांजिस्टर, अर्द्धचालक डायोड, IC इत्यादि निर्माण
में
ताप बढ़ाने पर |
चालक |
अर्द्धचालक |
विद्युत् प्रतिरोध (electrical resistance) |
बढ़ता है |
कम होता है |
विद्युत् चालकता (electrical conductivity) |
कम होती है |
बढ़ती है |
- किस
ताप पर अर्द्धचालक पदार्थ एक आदर्श अचालक की भाँति व्यवहार करता है- परम शून्य ताप
- अर्द्धचालक
पदार्थों में अशुद्धियाँ मिलाने पर भी उसकी विद्युत् चालकता पर क्या प्रभाव पड़ता
है- विद्युत् चालकता
बढ़ जाती है
- ऐसे
चालक जिनका प्रतिरोध शून्य हो उन्हे क्या कहा जाता है- अतिचालक Super Conductor
- जिस
ताप पर चालक पदार्थ अतिचालकों में बदल जाते हैं उस ताप को क्या कहा जाता है- क्रांतिक तापमान
- किस
सिद्धान्त के अनुसार चालक,
अचालक एवं अर्द्धचालक पदार्थों की व्याख्या की जा सकती है- इलेक्ट्रॉनिक
सिद्धान्त के अनुसार
- इलेक्ट्रॉनिक
सिद्धान्त के अनुसार चालक पदार्थों में किसके माध्यम से विद्युत् चालन की क्रिया होती है-
कुछ
मुक्त इलेक्ट्रॉनों के माध्यम से
- अचालक
पदार्थों में विद्युत का चालन नहीं होने का प्रमुख कारण क्या है- मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति
- अर्द्धचालकों
को चालक पदार्थ कैसे बनाया जा सकता है-
ताप
बढ़ाकर या अशुद्धियाँ मिला कर मुक्त इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर
- एक
इलेक्ट्रॉन पर आवेश होता है- 1.6x10-19 कूलॉम ऋणात्मक आवेश
- किसी
चालक का पृष्ठ घनत्व सबसे अधिक किस भाग में होता है- उसके नुकीले भाग पर
- किसी
खोखले चालक को आवेशित किया जाय तो उसका सम्पूर्ण आवेश कहां होता है- उसके बाहरी पृष्ठ पर
- नोट- खोखले चालक के भीतर विद्युत् क्षेत्र का मान
शून्य होता है
- गुरुत्वाकर्षण
बल तथा विद्युत बल में क्या प्रमुख अंतर है-
गुरुत्वाकर्षण
केवल आकर्षण बल है जबकि विद्युत् बल आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण दोनों प्रकार के होते हैं
- एकांक
धन आवेश को अनन्त से विद्युत् क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य कहलाता
है- विद्युत् विभव Electric
Potential
- विद्युतीय
विभव को नापने के लिए निर्देश बिन्दु के रूप में पृथ्वी के विभव को क्या माना जाता
है- शून्य
- नोट- पृथ्वी एक विशाल चालक है और इसमें थोड़ा आवेश
देने से या थोड़ा आवेश निकाल लेने से इसके विभव में कोई अन्तर नहीं होता है यानी पृथ्वी
का विभव हमेशा शून्य रहता है।
- यदि 1 कूलम्ब धनात्मक आवेश
को अनन्त से विद्युत् क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में 1 जूल
कार्य करना पड़े तो बिन्दु का विद्युत् विभव क्या कहलाता है- 1 वोल्ट
- विद्युत
आवेश के प्रवाह की दर को क्या कहा जाता है-
विद्युत
धारा
- विद्युत
धारा में दिशा और परिमाण दोनों होने के बावजूद अदिश राशि क्यों माना जाता है- यह सदिश योग के त्रिभुज नियम
का पालन नहीं करती है
- विद्युत
धारा के सतत एवं बंद पथ को क्या कहा जाता है-
विद्युत
परिपथ Electrict Circuit
- किसी
विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की दिशा होती है- इलेक्ट्रान यानी ऋण आवेश के प्रवाह की दिशा के विपरित
- नोट- विद्युत धारा में
आवेशों का प्रवाह हमेशा धनात्मक से ऋणात्मक की ओर होती है
- विद्युत्
धारा का मात्रक क्या होता है- एम्पीयर (Ampere)
- किसी
चालक से एक एम्पियर की धारा प्रवाहित होने का अर्थ है- चालक के अनुप्रस्थ परिच्छेद से
प्रति सेकण्ड 6.25×1018 इलेक्ट्रॉन का
प्रवाह
- वह धारा जिसका परिमाण एवं दिशा समय के
साथ बदलती है क्या कहलाती है- प्रत्यावर्ती
धारा Alternating Current
- बिजली
उत्पादन संयंत्रों में उत्पादन होता है-
प्रत्यावर्ती
धारा
- प्रत्यावर्ती
धारा का एक महत्वपूर्ण गुण क्या है-
ज्यादा
ऊर्जा क्षय किए बिना सुदूर स्थानों पर भेजा जा सकता है
- जब प्रत्यावर्ती धारा अपने परिपथ में बिना
ऊर्जा व्यय किए प्रवाहित होती है तो ऐसी धारा को क्या कहा जाता है- वाटहीन धारा
- विद्युत शक्ति संयंत्रों में किसकी सहायता
से विद्युत उत्पन्न की जाती है- टरबाइन
- विद्युत शक्ति संयंत्रों यानी बिजली
घरों में विद्युत का उत्पादन होता है- 11000 वोल्ट पर
- भारत में घरेलू आपूर्ति में सप्लाई की
जानेवाली प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति कितनी होती है- 50 Hz (एक चक्र में ध्रुवता में प्रति सेकेंड
100 बार बदलाव आता है)
- घरेलू वायरिंग में प्रयुक्त तारों में
उदासीन तार तथा भूसंपर्क तार का रंग सामान्यतः होता है- उदासीन काले रंग का तथा भूसंपर्क तार हरे रंग का
- घरेलू उपकरणों में प्रयुक्त स्विच किस
क्रम में जुड़ा होता है- श्रेणीक्रम
- घरों में किए जाने वाले विद्युत वितरण
का मापन किया जाता है-किलोवाट घंटा में
- उच्च शक्ति वाले विद्युत उपकरणों जैसे
गीजर, हीटर, एसी, फ्रिज में कितने एम्पीयर की धारा का उपयोग होता
है- 15 एम्पीयर
- छोटे घरेलू उपकरणों जैसे पंखा, बल्ब आदि में कितने एम्पीयर की धारा का उपयोग
होता है- 5 एम्पीयर
- पंखों या मोटर की चाल को कम करने हेतु
उपयोग होता है- रेगूलेटर
- घर के सभी विद्युत उपकरण चलाने में मुख्य
रूप से किसका प्रयोग किया जाता है-
प्रत्यावर्ती
धारा
- विद्युत परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा की
प्रबलता को कम करने वाली चोक कुंडली को क्या कहा जाता है- चोक कुंडली
- विद्युत परिपथ में चोक कुंडली का उपयोग
क्यों किया जाता है- धारा का मान कम करने हेतु
- नोट- प्रतिरोध की अपेक्षा चोक कुंडली का उपयोग करने पर विद्युत ऊर्जा का अपव्यय बहुत कम होता है।
- ऐसी धारा जिसका परिमाण एवं दिशा समय के
साथ नियत रहता है क्या कहलाती है- दिष्ट धारा (direct
current)
- बैटरी
से प्रवहित होने वाली धारा कौन सी धारा होती है- दिष्ट धारा
- प्रत्यावर्ती
धारा से दिष्ट धारा (AC
से DC) प्राप्त करने हेतु किसका प्रयोग किया
जाता है- दिष्टकारी Rectifier
- दिष्ट
धारा से प्रत्यावर्ती धारा
(DC से AC) प्राप्त करने हेतु किसका प्रयोग किया
जाता है- इनवर्टर
- विद्युत अपघटन, संचायक सेलों को आवेशित करने, विद्युत चुम्बक बनाने में किस धारा का उपयोग होता है- दिष्ट धारा
- नोट- विद्युत अपघटन Electrolysis के रूप में या विद्युत चुंबक बनाने में प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग नहीं किया जा सकता। इसके अलावा संचायक सेल में प्रत्यावर्ती धारा को संचित नहीं किया जा सकता है
- प्रत्यावर्ती धारा तथा दिष्ट धारा में कौन ज्यादा खतरनाक है- प्रत्यावर्ती धारा
प्रत्यावर्ती धारा | दिष्ट धारा |
दिशा ओर परिमाण दोनों
समय के साथ आवर्ती रूप से निरंतर परिवर्तित होते रहते हैं | परिमाण में बदलाव हो या
नहीं हो इसकी दिशा नियत होती है। |
केवल उष्मीय प्रभाव
प्रदर्शित करती है | उष्मीय, रासायनिक तथा
चुंबकीय तीनों प्रभाव को प्रदर्शित करती है |
अपेक्षाकृत ज्यादा
खतरनाक | अपेक्षाकृत कम खतरनाक |
स्थिर
ताप पर किसी चालक में प्रवाहित होने वाली धारा चालक के सिरों के बीच विभवांतर के
समानुपाती होता है- ओम
का नियम
- किसी चालक का वह गुण जो उसमें प्रवाहित धारा का विरोध करता है क्या कहलाता है- प्रतिरोध
- प्रतिरोध का SI इकाई क्या है- ओम, संकेत Ω
- प्रतिरोध के व्युत्क्रम को क्या कहा जाता है- चालकत्व
- चालकत्व का SI मात्रक क्या है- सीमेंज
- विशिष्ट प्रतिरोध का SI इकाई क्या है- ओम मीटर (Ω m)
- किस धातु का विशिष्ट प्रतिरोध सबसे कम होने के कारण विद्युत् का सबसे अच्छा चालक माना जाता है- चाँदी
- मानव शरीर (शुष्क) के विद्युत प्रतिरोध के परिमाण की कोटि होती है- 106 ओम
चालक का प्रतिरोध | |
ताप बढ़ने पर | धातु चालक का प्रतिरोध
बढ़ता है |
चालक की लम्बाई | लम्बाई बढ़ने पर चालक का
प्रतिरोध बढ़ता है |
चालक के अनुप्रस्थ काट
के क्षेत्रफल | अनुप्रस्थ काट के
क्षेत्रफल का व्युत्क्रमानुपाती अर्थात् मोटाई बढ़ने पर चालक का प्रतिरोध घटता
है। |
- नोट- ताप बढ़ने पर अर्द्धचालकों के प्रतिरोध में
कमी आती है
- जो
चालक ओम के नियम का पालन करते हैं उन्हें क्या कहा जाता है-ओमीय प्रतिरोधक (Ohmic resistor)
- डायोड
एवं ट्रायोड वाल्व में प्लेट धारा आोम के नियम का पालन न करके किस नियम का पालन
करती है- चाइल्ड
लैंगसूर नियम
- चालक
के प्रतिरोध के व्युत्क्रम (reciprocal)
को क्या कहा जाता है- चालक की चालकता
- सामान्यतः विद्युत् परिपथ में प्रतिरोधों का संयोजन होता है- श्रेणीक्रम तथा समानांतर क्रम में
- प्रतिरोधों
को इस प्रकार जोड़ा जाए कि प्रतिरोधों में समान धारा प्रवाहित हो तथा भिन्न भिन्न
प्रतिरोधों के बीच भिन्न भिन्न विभवान्तर हो,
तो यह कहलाता है- श्रेणीक्रम संयोजन Series
Combination
- श्रेणीक्रम
संयोजन में जोड़ गए प्रतिरोधों का कुल प्रतिरोध होता है- सभी प्रतिरोधों के योग के बराबर
- प्रतिरोधों
को ऐसे जोड़ा जाए कि हर प्रतिरोध पर विभवान्तर समान रहे तो यह होता है- समांनांतरक्रम संयोजन Parallel
Combination
- समांनांतरक्रम
संयोजन में सभी प्रतिरोधों के सिरों के बीच का विभवांतर होता है- एकसमान
- विद्युत् परिपथ में ऊर्जा के क्षय होने की दर को क्या कहा जाता है- विद्युत् शक्ति
- विद्युत् शक्ति का SI मात्रक क्या होता है- वाट (Watt)
- किसी बेलनाकार वस्तु के चारों ओर विद्युत रोधी तार
को लपेट दिया जाए तो इसे क्या कहलाता है- परिनालिका
Solenoid
- नरम लोहे के क्रोड वाली परिनालिका क्या कहलाती है- विद्युत चुंबक
- नरम लोहे से किस प्रकार का चुंबक बनता है- अस्थाई चुंबक
विद्युत
चुंबक द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता |
|
परिनालिका
के फेरे |
फेरों
की संख्या ज्यादा होने पर चुंबकीय क्षेत्र तीव्र होगा। |
क्रोध
पदार्थ की प्रकृति |
क्रोड
नरम लोहे का होने पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता अधिक होगी। |
धारा का
परिमाण |
धारा का
परिमाण जितना ज्यादा होगा,
क्षेत्र उतना तीव्र होगा |
- चुंबकीय क्षेत्र में रखी हुई किसी सतह के लंबवत गुजरने वाली कुल चुंबकीय रेखाओं की संख्या को क्या कहा जाता है- चुंबकीय फ्लक्स
- चुंबकीय फ्लक्स का SI मात्रक क्या है- बेवर
- चुंबकीय क्षेत्र का SI मात्रक
क्या है- टेस्ला
- विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति बताने वाला यंत्र क्या कहलाता है- गैल्वेनोमीटर
- शंट Shunt क्या है- अत्यंत ही कम प्रतिरोध वाला तार जो
उच्च धाराओं से गैल्वेनोमीटर की रक्षा करता है
- अमीटर किस प्रकार बनाया जा सकता है-गैल्वेनोमीटर के समानांतर क्रम में शंट लगाकर
- आमीटर की सहायता से ज्ञात किया जा सकता है- विद्युत धारा का मान
- एक आदर्श आमीटर का प्रतिरोध कितना होना चाहिए – शून्य
- अमीटर को विद्युत परिपथ में किस क्रम में लगाया जाता है- श्रेणीक्रम
- वोल्टामीटर किस प्रकार बनाया जाता है-
गैल्वेनोमीटर के श्रेणीक्रम में एक
उच्च प्रतिरोध लगाकर
- दो बिंदुओं के बीच विभवांतर का मापन किया जाता है- वोल्टामीटर द्वारा
- विभवांतर को ज्ञात करने हेतु वोल्टामीटर जोड़ा जाता है- समानांतर क्रम में
- एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध कितना होना चाहिए- अनंत
- किसी चालक या परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित
करने पर उसका ताप बढ़ने की घटना कहलाती है-
विद्युत
धारा का उष्मीय प्रभाव
- विद्युत धारा का उष्मीय प्रभाव को किस
अन्य नाम से जाना जाता है- जूल उष्मा, प्रतिरोध उष्मा या ओम उष्मा
- विद्युत प्रेस, विद्युत हीटर आदि किस सिद्धांत पर कार्य करते हैं-
विद्युत
धारा के उष्मीय प्रभाव पर
- विद्युत हीटर में प्रयुक्त नाइक्रोम किस
धातु का मिश्रधातु होता है- निकेल एवं क्रोमियम
- विद्यत बल्ब में लगा फिलामेंट किस धातु
का होता है- टंगस्टन
- टंगस्टन धातु का गलनांक कितना होता है- 3500 डिग्री सेल्सियस
- टयूबलाईट में अक्रिय गैस के साथ क्या प्रयुक्त
किया जाता है- पारा
- CFL या टयूबलाईट में विद्युत धारा के प्रभाव से उत्पन्न होता है- अल्ट्रावायलेट प्रकाश
- एक विशेष प्रकार का डायोड जो विद्युत
धारा प्रवाहित होने पर प्रकाश उत्सर्जित करता है-
LED यानी Light Emitting Diode
- LED में मुख्य प्रकाशोत्पादक घटक होता है- गैलियम आर्सेनाइड
- LED को CFL (Compact Fluorescent
Lamp/Light) से भी ज्यादा दक्ष क्यों माना जाता है- LED विद्युत ऊर्जा को सीधे प्रकाश ऊर्जा में बदल देता है
- विद्युत परिपथों में प्रयुक्त फ्यूज का
क्या कार्य है- विद्युत परिपथ की सुरक्षा
- फ्यूज तार सदैव किस तार में जोड़ा जाता
है- विद्युन्मय Live तार में
- फ्यूज में कैसा गुण होना चाहिए- उच्च प्रतिरोध तथा निम्न गलनांक
- फ्यूज तार किससे बनाए जाते हैं- सीसा तथा टिन का मिश्रधातु
- दो भिन्न पदार्थों के तारों को जंक्शन
बनाकर उनमें ताप का अंतर रहता है तो तारों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित होने लगता
है, इस घटना को क्या कहा जाता
है- सीबेक प्रभाव
- सीबेक प्रभाव का व्युत्क्रम क्या है- पेल्टियर प्रभाव
- धातु की चालक छड़ जिसे भवनों के ऊपर
आकाशीय विद्युत या तड़ित से सुरक्षा हेतु लगाया जाता है क्या कहलाता है- तड़ित चालक यानी Lightning Conductor
- विद्युत अपघट्य में विद्युत धारा प्रवाहित
करने पर विलयन का घनात्मक एवं ऋणात्मक आयनों में अपघटन होना क्या कहलाता है- विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव
- विद्युत का कुचालक शुद्ध जल सुचालक किस
प्रकार बनाया जा सकता है-अम्ल क्षार या धातु के लवण मिश्रित कर
- ऐसा घोल जिससे विद्युत धारा का प्रवाह
हो सकता है क्या कहलाता है- विद्युत अपघट्य Electrolyte
- जिस पात्र अथवा उपकरण में विद्युत अपघटन
की क्रिया सम्पन्न करायी जाती है उसे क्या कहा जाता है- वोल्टामीटर
- जिस इलेक्ट्रोड से होकर विद्युत धारा वोल्टामीटर
में प्रविष्ट करती है उसे क्या कहते हैं-
एनोड (+)
- जिस इलेक्ट्रोड से होकर विद्युत धारा बाहर
निकलती है उसे क्या कहते हैं- कैथोड (-)
- एल्यूमिनियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि
धातु के निष्कर्षण के क्रम में विद्युत अपघटन में विद्युत धारा प्रवाहित किए जाने पर
शुद्ध धातु कहां पर एकत्र होती है- कैथोड पर
- विद्युत लेपन में जिस धातु पर परत चढ़ानी
होती है उसे क्या बनाया जाता है- कैथोड
- नोट- जिस धातु की परत चढ़ानी होती है उसका एनोड बनाया
जाता है।
- धातुओं के शुद्धीकरण प्रक्रिया में अशुद्ध
धातु को किस इलेक्ट्रोड के रूप में प्रयोग किया जाता है-एनोड (शुद्ध धातु का कैथोड)
- किसने प्रयोग द्वारा पता लगाया कि यदि किसी धारावाही तार के समीप चुंबकीय सुई रखी जाए तो यह विचलित हो जाती है- ऑर्स्टेड
- किसी चुंबकीय क्षेत्र में कोई आवेशित कण गति करता है तो उस पर लगने वाला बल क्या कहलाता है- लॉरेंज बल
- चुंबकीय क्षेत्र में किसी धारावाही चालक पर लगने वाले बल की
दिशा किस नियम से जाना जाता है- फ्लेमिंग के वामहस्त नियम Fleming’s Left Hand Rule
- चुंबकीय क्षेत्र में किसी धारावाही चालक पर लगने वाले बल की दिशा किस नियम से जाना जाता है- फ्लेमिंग के वामहस्त नियम Fleming’s Left Hand Rule
- किसी परिवर्तित होते चुंबकीय क्षेत्र में विद्युत चालक को रखे जाने पर उसमें विद्युत वाहक बल या विभवांतर उत्पन्न होता है जिसे क्या कहा जाता है- विद्युत चुंबकीय प्रेरण Electromagnetic Induction
- विद्युत चुंबकीय प्रेरण का मात्रक क्या है- टेस्ला
- विद्युत चुंबकीय प्रेरण की खोज किसके द्वारा की गयी- माइकल फैराडे
- ट्रांसफार्मर, डायनेमो, जेनरेटर, पेसमेकर इत्यादि में किस सिद्धांत का प्रयोग किया जाता है- विद्युत चुंबकीय प्रेरण सिद्धांत
- विद्युत मोटर के सिद्धांत को किसके द्वारा
दिया गया- माइकल फैराडे द्वारा
- नोट- विद्युत मोटर विद्युत चुंबकीय प्रेरण सिद्धांत
पर कार्य नहीं करता
- एक विद्युत धारावाही कुंडली में धारा
परिवर्तित कर दूसरी कुंडली में प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न करने की प्रक्रिया
क्या कहलाती है- अन्योन्य प्रेरण Mutual
Induction
- नोट-
ट्रांसफार्मर अन्योन्य प्रेरण सिद्धांत पर कार्य करता है
- किसकी सहायता से बिना विद्युत शक्ति नष्ट
किए प्रत्यावर्ती धारा के विद्युत वाहक बल का मान बढ़ाया जा सकता है- ट्रांसफार्मर
- ट्रांसफर्मर में प्रत्यावर्ती धारा AC स्रोत से जुड़नेवाली कुंडली को क्या कहा जाता
है- प्राथमिक कुंडली (Primary Coil)
- ट्रांसफार्मर में किस धारा का उपयोग होता
है- केवल प्रत्यावर्ती धारा
- ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसके
द्वारा किया गया- फैराडे द्वारा
- निम्न विभव की विद्युत धारा को उच्च
विभव की विद्युत धारा में बदलने हेतु किया का प्रयोग होता है- स्टेप अप ट्रांसफार्मर
- उच्च विभव की विद्युत धारा को निम्न
विभव की विद्युत धारा में बदलने हेतु किया का प्रयोग होता है- स्टेप डाउन
ट्रांसफार्मर
- माइक्रोफोन द्वारा प्रेषित विद्युत तरंगों
को किस यंत्र द्वारा पुनः ध्वनि तरंगों में परिवर्तित किया जाता है- लाउडस्पीकर
- विद्युत्
परिपथ में धारा का लगातार प्रवाह प्राप्त करने के लिए किसकी आवश्यकता होती है- विद्युत् वाहक बल (electro
motive force)
- सेल
या Generator द्वारा प्राप्त किया जाता है- विद्युत् वाहक बल
- विद्युत्
सेल मुख्यतः कितने प्रकार के होते हैं-
प्राथमिक
सेल एवं द्वितीयक सेल
- किस
सेल में रासायनिक ऊर्जा को सीधे विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है- प्राथमिक सेल Primary Cell
- नोट- वोल्टीय सेल, लेक्लांशे
सेल, डेनियल सेल, शुष्क सेल आदि प्राथमिक
सेलों के उदाहरण हैं जो एक बार प्रयोग कर लेने के बाद अनुपयोगी हो जाता है।
- किस
सेल में पहले विद्युत् ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में, फिर रासायनिक ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा
में परिवर्तित किया जाता है- द्वितीयक सेल Secondary Cell
- किस
सेल को रिचार्ज कर बार बार उपयोग किए जाने के कारण रिचार्जेबल सेल भी कहा जाता है- द्वितीयक सेल
- वोल्टीय
सेल का आविष्कार किसके द्वारा किया गया-एलसेन्ड्रो
वोल्टा द्वारा
- वोल्टीय
सेल में सल्फ्यूरिक अम्ल में डुबी तांबे की छड़ किस ध्रुव का कार्य करती है- एनोड (जस्ते की छड़- कैथोड)
- वोल्टीय
सेल का विद्युत् वाहक बल का मान होता है-1.08 वोल्ट
- लेक्लांशे
सेल में विलयन के रूप में किसका प्रयोग किया जाता है- अमोनियम क्लोराइड (नौसादर) का संतृप्त विलयन
- लेक्लांशे
सेल में एनोड का कार्य करती है- मैगनीज डाइऑक्साइड व कार्बन के मिश्रण
के बीच रखी कार्बन की छड़
- लेक्लांशे
सेल का विद्युत् वाहक बल कितना होता है-
1.5 वोल्ट
- किस
सेल में शुष्क विद्युत् अपघट्य का प्रयोग किया जाता है- शुष्क सेल Dry Cell
- शुष्क
सेल में जस्ते के बर्तन में विद्युत् अपघट्य के रूप में किसका प्रयोग होता है- मैगनीज डाइऑक्साइड, अमोनियम क्लोराइड, कार्बन आदि का मिश्रण
- शुष्क
सेल का विद्युत् वाहक बल कितना होता है-
1.5 वोल्ट
- किस
सेल का प्रयोग टार्च,
ट्रांजिस्टर, रेडियो आदि उपकरणों में किया जाता
है- शुष्क सेल
- सीसा
संचायक सेल का विद्युत वाहक बल कितना होता है- 2.00 वोल्ट
- सेल
द्वारा 1 कूलम्ब आवेश को पूरे विद्युत् परिपथ में एक पूर्ण चक्र लगाने हेतु सेल द्वारा
प्रदत्त ऊर्जा को क्या कहा जाता है- सेल का विद्युत् वाहक बल
- सेल
के विद्युत् अपघट्य द्वारा विद्युत् धारा के मार्ग में उत्पन्न प्रतिरोध को क्या
कहा जाता है- सेल का आन्तरिक
प्रतिरोध
- सीसा
संचायक सेल के अनावेशन की स्थिति को क्या कहा जाता है- सल्फेटिंग
- किस सेल को एडीसन या निफे सेल कहा जाता है- क्षारीय संचायक सेल
No comments:
Post a Comment