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Dec 6, 2022

नवीकरणीय ऊर्जा - ऊर्जा का बेहतर विकल्प

 नवीकरणीय ऊर्जा - ऊर्जा का बेहतर विकल्प

प्रश्‍न- " नवीकरणीय ऊर्जा अपनी सामान्‍य चुनौतियों के बावजूद ऊर्जा का बेहतर विकल्प प्रस्‍तुत करने के साथ-साथ भारत के शुद्ध शून्‍य उत्‍सर्जन की प्रतिबद्धता को भी मजबूती प्रदान करता है विवेचना करें।

 

पिछले कुछ दशकों में विश्व की निरंतर बढ़ रही औसत जनसंख्या, आधुनिक तकनीकी विकास और विद्युतीकरण की बढ़ती दर के कारण वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ी है । हाल के वर्षों में तकनीकी विकास के फलस्‍वरूप ऊर्जा की मांग को पूरी करने में नवीकरणीय ऊर्जा बेहतर विकल्‍प माना जा रहा है और इस दिशा में प्रयास भी हो रहे है लेकिन इसमें कई चुनौतियां भी है।

 

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की चुनौतियां 

  • विद्युत् वितरण कम्पनियों (डिस्कॉम) की खराब वित्तीय ।
  • अक्षय ऊर्जा उत्पादन में मौसम की स्थिति के फलस्वरूप परिवर्तनशीलता ।
  • भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन केन्द्र एवं उपभोग केन्द्र में दूरी तथा कमजोर ट्रांसमिशन ग्रिड की समस्या।
  • उल्लेखनीय है कि लेह में बड़ी सौर परियोजनाओं को कमजोर ट्रांसमिशन ग्रिड के बुनियादी ढांचे के कारण निरस्त कर दिया गया।
  • प्राकृतिक स्रोतों पर बिजली उत्पादन के कारण हरसमय उपलब्धता की समस्या ।
  • बिजली की गुणवत्ता संबंधी मुद्दे आवृत्ति विकार, वोल्टेज हार्मोनिक्स, वोल्टेज भिन्नता, ट्रांसमिशन लाइन ट्रांजिट इत्यादि ।
  • अक्षय ऊर्जा संयंत्र की स्थापना तथा ऊर्जा भंडारण में लगने वाली उच्च लागत संबंधी मुद्दे।
  • भारत के राज्यों में अक्षय ऊर्जा स्रोत की उपलब्धता संबंधी क्षेत्रीय समस्या।
 

भारत विश्‍व की पांचवी तथा सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था बन चुका है तथा इस स्थिति को बनाए रखते हेतु निरंतर ऊर्जा की आपूर्ति के साथ साथ शुद्ध शून्‍य उत्‍सर्जन के प्रति प्रतिबद्धता को भी बनाए रखना आवश्‍यक है ।  अत: भारत जैसे ऊर्जा आयातक देश के लिए जो प्रति वर्ष करोड़ों रु. ऊर्जा आयात पर खर्च करता है तमाम चुनौतियों के बावजूद नवीकरणीय ऊर्जा एक बेहतर विकल्‍प साबित हो सकता है ।  

 

नवीकरणीय ऊर्जा- ऊर्जा का बेहतर विकल्प

  • नवीकरणीय ऊर्जा की विस्तृत भू-भाग में उपलब्‍धता ।  
  • नवीकरणीय ऊर्जा की कभी न समाप्त होनेवाली तथा नवीनीकरण का गुण ।
  • ग्रीन हाउस गैसें तथा अन्‍य हानिकारक उत्‍सर्जन न होने के कारण पर्यावरण अनुकूल ।
  • नवीकरणीय ऊर्जा पर किसी देश विशेष का अधिकार नहीं होने से निर्बाध आपूर्ति ।
  • नवीकरणीय ऊर्जा की सर्वव्यापकता के कारण दूर-दराज, ग्रामीण और सुदूर क्षेत्र में सुलभ पहुंच।

 

विद्युत मंत्रालय के 31.01.2022 की स्थिति के अनुसार भारत की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता में जीवाश्म ईंधन 59.7%, नाभिकीय ऊर्जा  1.7%, पनबिजली 11.8 % और पवन, सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा की 26.7% हिस्सेदारी रही। हांलाकि भारी निवेश एवं उच्‍च तकनीक की कमी, जीवाश्‍म ईधनों पर निर्भरता, व्‍यवहारिक समस्‍याओं के कारण आनेवाले कुछ वर्षों तक भारत की जीवाश्‍म ईंधन पर निर्भरता बनी रहेगी  फिर भी भारत जीवाश्‍म ईंधन की भागीदारी को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा की भागीदारी बढ़ाने हेतु सतत रूप से प्रयासरत है ।

 

इस दिशा में केन्‍द्र द्वारा जहां हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन, जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहल आरंभ की गयी है वहीं बिहार सरकार द्वारा  बिहार नवीकरणीय ऊर्जा  विकास अभिकरण के गठन के साथ साथ  जल जीवन हरियाली योजना एवं अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्‍यम से नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्‍साहन दिया जा रहा है।  

 

इस प्रकार नवीकरणीय ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करने पारंपरिक ईंधन के बढ़ते खर्च पर नियंत्रण, विश्वव्यापी ऊष्णता, अम्लीय वर्षा, ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण की सुरक्षा एवं टिकाऊ विकास हेतु नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य में ऊर्जा का बेहतर विकल्प है। अतः इस स्थिति में भारत को ऐसी रणनीति बनानी होगी जो ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति एवं बेहतर पर्यावरण प्रबंधन के संतुलन के साथ साथ दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मददगार हो सके।

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