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Dec 5, 2022

भारत में जल संकट की स्थिति तथा कारण

 

प्रश्‍न- भारत में जल संकट की स्थिति तथा कारणों पर चर्चा करते हुए सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बताएं ।

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"हमें पानी की कीमत तभी पता चलती है जब कुआं सूख जाता है।" बेंजामिन फ्रैंकलिन

किसी एक क्षेत्र के अंतर्गत जल उपयोग की मांगों को पूरा करने हेतु उपलब्ध जल संसाधनों की कमीजल संकटकहलाती है। पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते औद्योगीकरण, नगरीकरण और आधनिक जीवनशैली, गिरते भू-जल स्तर तथा जलस्रोत का प्रदूषित होने के कारण जल संकट गहराता जा रहा है।  

 

भारत में जल संकट की स्थिति

  • भारत में मानसून द्वारा पर्याप्त वर्षा होने के बावजूद होती है लेकिन जल का पुनर्भंडारण नहीं पाता जिससे जल संकट और गहरा हो जाता है। भारत में वर्षा का केवल 8% ही संरक्षित हो पाता हैं करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं।
  • देश का भू-जल स्तर 0.3 मीटर सालाना की दर से गिरता जा रहा वहीं देश की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या विशेषकर पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में गंभीर सूखे से प्रभावित है ।  
  • नीति आयोग द्वारा जारी समग्र जल प्रबंधन सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक भारत में जल की मांग उसकी पूर्ति से दोगुनी हो जाएगी।
  • भारत की पर्यावरण रिपोर्ट 2019 के अनुसार 2011-2018 के बीच सकल प्रदूषणकारी उद्योगों की संख्या में 136% की वृद्धि हुई है।
  • भारत के कई जिलों में भूजल मुख्य रूप से फ्लोराइड और आर्सेनिक के माध्यम से दूषित है।
 

विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार  यदि  भारत अपने जल संसाधनों का उपयोग प्रभावी ढंग से नहीं कर पाता है तो यह खाद्य प्रसंस्करण, पेय पदार्थ, वस्त्र, आदि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है तथा 2050 तक देश की GDP विकास दर 6% से भी कम रह सकती है। उल्‍लेखनीय है कि वर्तमान में उत्‍पन्‍न जल संकट प्राकृतिक नहीं मानवीय है जिसे निम्‍न प्रकार से  समझा जा सकता है ।

  • हाल के वर्षों में भूमंडलीय तापन, एल-नीनो आदि के प्रभाव के कारण मानसून में अनियमितता
  • बढ़ती जनसंख्या तथा आर्थिक विकास के कारण घरेलू एवं औद्योगिक मांग
  • सिंचाई,उद्योग जैसे कार्यों में भूजल का अत्यधिक दोहन
  • जल आपूर्ति हेतु मुख्य रूप से भूजल पर निर्भरता तथा वर्षा जल संचय का अभाव ।
  • कृषि गहनता- अवैज्ञानिक कृषि तथा जलसघन फसलों की खेती की मात्रा में वृद्धि से भूजल संकट
  • शहरी क्षेत्रों में जल के पुर्नप्रयोग न होने के कारण जल संकट की समस्या ।   
  • औद्योगिक विकास, रासायनिक कृषि आदि के कारण भू-जल में बढ़ते प्रदूषण के कारण पीने के अयोगय होना ।
  • संरक्षण एवं जनजागरुकता का अभाव के कारण जल का बढ़ता दुरुपयोग।
  • आधुनिक जीवनशैली जैसे- गाड़ी की धुलाई, गार्डन, RO वाटर आदि के कारण जल की बर्बादी ।
  • जल संरक्षण हेतु बनायी गयी नीतियों, कानूनों का अनुपालन उचित ढंग से नहीं होना।

उपरोक्‍त अनेक कारण है जिनके कारण भारत में जल संकट की स्थिति भयावह होती जा रही है। हांलाकि इस दिशा में सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं लेकिन ठोस रणनीति तथा क्रियान्‍वयन में कमी के कारण कोई विशेष सफलता नहीं मिल पायी है । उल्‍लेखनीय है कि बढ़ते जल संकट के कारण आजीविका संकट, प्रवासन, खादय असुरक्षा, आर्थिक अस्थिता, गरीबी की संख्‍या में वृद्धि जैसी समस्‍याएं बढ़ सकती है। अत: जल संकट से निपटने की दिशा में सरकार के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं   

 

जल संकट से निपटने हेतु सरकार के प्रयास

भारत के जल संकट से निपटने हेतु एक ओर जहां केन्‍द्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन, राष्ट्रीय जल मिशन, नमामि गंगे, राष्ट्रीय जल विज्ञान कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना , राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण और प्रबंधन कार्यक्रम , अटल भूजल योजना  जैसी अनेक योजनाएं चलायी जा रही है वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार द्वारा भी हर घर नल का जल योजना, जल जीवन हरियाली योजना जैसी योजनाएं चलायी जा रही है। ।

  • केन्‍द्र सरकार द्वारा जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया तथा जल शक्ति अभियान देश के 255 जिलों में प्रारम्भ किया गया।
  • सतत् विकास लक्ष्य 6 के तहत वर्ष 2030 तक सभी लोगों के लिये जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जल संरक्षण की दिशा में सूखा प्रतिरोधी, कम पानी वाली फसलों के प्रयोग को बढ़ावा देने के साथ साथ रेनवाटर हार्वेस्टिंग द्वारा जल का संचयन के प्रयास प्रयास किये जा रहे हैं
  • प्राकृतिक जल निकायों जैसे झीलों, नदियों और सागरों के संरक्षण हेतु प्रयास ।
  • जल प्रबंधन में सुधार,प्रतिस्पर्द्धा हेतु नीति आयोग द्वारा संयुक्‍त जल प्रबंधन सूचकांक जारी किया गया।  
  • बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2019 में आरंभ जल जीवन हरियाली मिशन का एक उद्देश्य तालाब, नहर, आहर, पइन जैसी सार्वजनिक जल भंडारण संरचनाओं की पहचान करना और उनका जीर्णोंद्वार करना है।
  • पाइप से जलापूर्ति हेतु आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय 2 के तहत  मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना ( गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों के लिए)  तथा  मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना ( गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों के लिए) योजना को शामिल किया है । बिहार में ग्रामीण क्षेत्र में दो योजनाएं हैं 
  • वर्ष 2021-22  तक  शहरी क्षेत्र के सभी घरों में साफ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बिहार सरकार द्वारा हर घर नल का जल योजना की शुरुआत की गई  
  • मनरेगा के तहत भी जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे है जिनमें बिहार के पारंपरिक जल निकायों तालाब, नहर, आहर, पाइन आदि को पुनर्जीवित करने, वृक्षारोपण जैसी कार्य किए जा रहे हैं । 


 

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