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Mar 14, 2023

संसदीय समितियां

 

संसदीय समितियां

भारत की वित्तीय संसदीय समितियों में से एक लोक लेखा समिति ने हाल ही में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिये हैं। उल्लेखनीय है कि लोक लेखा समिति को वर्ष 1921 में भारत सरकार अधिनियम 1919’ के माध्यम से गठित किया गया था । संसदीय समितियाँ संविधान के अनुच्छेद 105 और अनुच्छेद 118 के माध्यम से अपनी शक्तियाँ प्राप्त करती हैं।

 

लोक लेखा समिति

  • लोक लेखा समिति की अवधि 1 वर्ष होती है जिसमें लोकसभा के 15 सदस्य और राज्यसभा 7 सदस्य शामिल होते हैं तथा केन्द्र सरकार का कोई मंत्री इस समिति में सदस्य के रूप में शामिल नहीं किया  जा सकता है।
  • इसके अध्यक्ष की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा की जाती है।
  • लोक लेखा समिति यह सुनिश्चित करने का कार्य करती है कि संसद द्वारा सरकार को दिया गया धन विशिष्ट और निश्चित मद पर ही खर्च हो।  

 

संसदीय समितियों का महत्व

  • संसद के समक्ष आए जटिल मामलों, विधेयकों हेतु विचार मंच  
  • आवश्यकतानुसार तकनीकी विशेषज्ञता, विषय विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों के की सलाह लेने हेतु।
  • विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बनाने में ।
  • संबंधित मंत्रालयों से संबंधित नीतिगत मुद्दों की जाँच तथा सरकार को सुझाव देने में मददगार ।

भारतीय व्यवस्था में विधेयकों को समितियों के पास भेजना अध्यक्ष  के विवेक पर निर्भर है तथा हाल के दिनों में अनेक महत्वपूर्ण विधेयक, मुद्दों को बिना संसदीय समिति के पास भेजे पारित कर दिया जा रहा है जिसके कारण विधेयक आदि पर पर्याप्त चर्चा, वाद विवाद नहीं हो पाता और संसद प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पाता। अतः लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में यह प्रयास किया जाना चाहिए कि कानून निर्माण की प्रक्रिया में संसदीय समितियों को भी पर्याप्त महत्व दिया जाए।


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