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Feb 27, 2023

भारत में बिजली संबंधी अवसंरचनाएं

 

भारत में बिजली संबंधी अवसंरचनाएं

भारत ने हर घर बिजली की सभी के लिए पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है अक्षय ऊर्जा में 2.9 गुना और सौर ऊर्जा में 18 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है नवीकरणीय ऊर्जा देश की स्थापित बिजली क्षमता का 24.71% है ।

नवीकरणीय ऊर्जा निकासी की सुविधा के लिए और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए ग्रिड को फिर से आकार देने के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर परियोजना शुरू की गई है।

भारत में विद्युत क्षेत्र

  • भारत का विद्युत् क्षेत्र दुनिया के सबसे विविध क्षेत्रों में से एक है। विद्युत उत्पादन के स्रोत पारंपरिक स्रोतों जैसे- कोयला, लिग्नाइट, प्राकृतिक गैस, तेल, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा से लेकर पवन, सौर एवं कृषि तथा घरेलू कचरे जैसे व्यवहार्य गैर पारंपरिक स्रोतों तक हैं।
  • भारत दुनिया में विद्युत का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।

भविष्य के लिये रोडमैप

  • सरकार ने वर्ष 2022 तक नवीकरणीय उर्जा में 175 गीगावाट क्षमता हासिल करने के लिये रोडमैप जारी किया है, जिसमें 100 गीगावाट सौर  ऊर्जा और 60 गीगावाट पवन उर्जा शामिल है।
  • वर्ष 2022 तक रूफटॉप सौर परियोजनाओं द्वारा  40 गीगावाट  विद्युत पैदा करने के अपने लक्ष्य का समर्थन करने हेतु  नीति तैयार कर रही है।

विद्युती क्षेत्र हेतु सरकार की पहल

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)

देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी इच्छुक घरों का विद्युतीकरण सुनिश्चित करना।

 

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

कृषि और गैर कृषि फीडरों को अलग करना,

वितरण ट्रांसफार्मर, फीडर और उपभोक्ताओं के स्तर पर मीटरिंग सहित ग्रामीण क्षेत्रों में उप-पारेषण तथा वितरण बुनियादी ढाँचे को मज़बूती प्रदान करना।

उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (UDAY)

डिस्कॉम के परिचालन और वित्तीय बदलाव हेतु लायी गयी योजना।

 

गर्व (ग्रामीण विद्युतीकरण) एप

विद्युतीकरण योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता की निगरानी हेतु।

संशोधित टैरिफ नीति 4-E

सभी के लिये विद्युत, किफायती टैरिफ सुनिश्चित करना

स्थायी भविष्य के लिये पर्यावरण, निवेश को आकर्षित करना

ज़िला स्तरीय समितियां

देश में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार हेतु विद्युत मंत्रालय द्वारा  जिला स्तरीय समितियों के गठन का आदेश

 

ग्रामीण विद्युतीकरण के समक्ष चुनौतियां

  • ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु आधारभूत संरचनाओं का अभाव।
  • ग्रामीण क्षेत्र में  अस्थाई एवं कम आय के कारण बिल चुकाने में असमर्थता।
  • बिजली चोरी, तार चोरी एवं रखरखाव संबंधी समस्या।
  • पूंजी निवेश की आवश्यकता।
  • ग्रामीण विद्युतीकरण को व्यावसायिक के बजाय कल्याणकारी गतिविधि के रूप में मानना।
  • आपूर्ति अवधिगुणवत्ता एवं विश्वसनीयता संबंधी समस्या।
  • विद्युतीकरण के प्रति ग्रामीणों की उदासीनता।
  • भौगोलिक  एवं पर्यावरणीय बाधाएं जैसे  पहाड़ी, नदी, जंगल इत्यादि।

ग्रामीण विद्युतीकरण के सकारात्मक प्रभाव

  • ग्रामीण भारत में शिक्षा स्वास्थ्य संचार सुविधाओं में वृद्धि।
  • रोजगार वृद्धि से ग्रामीणों के आय स्तर में सुधार।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के विकास से शहरों की ओर पलायन  रोकने में सहायक।
  • ई गवर्नेंसडिजिटल लेनदेन को बढ़ावा।
  • लघु उद्योग कुटीर उद्योगविज्ञापनविपणन इत्यादि आर्थिक क्रियाओं में वृद्धि।
  • स्वच्छ उर्जा से पर्यावरण संरक्षण तथा कार्बन उत्सर्जन में कमी।

 

बिहार एवं बिजली क्षेत्र में आए सकारात्मक बदलाव

हाल के वर्षों में हासिल विकास की गति को बनाए रखने हेतु तथा उसके कारण बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिहार सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए जिसके फलस्वरूप बिहार में विद्युत क्षेत्र में अनेक सकारात्मक बदलाव आए है।

  • बिहार विद्युत वितरण कंपनियां के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार आया और वर्ष 2019-20 में वित्तीय घाटा 2017-18 के 21.4% से घट कर 15.4% रह गया।
  • हाल के वर्षों में राज्य सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनासमेकित विद्युत विकास योजना और सौभाग्य जैसे कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सभी परिवारों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु गंभीर प्रयास किए गए हैं।
  • 7 निश्चय के हर घर बिजली योजना के तहत बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार बिजली पहुंचाने में सफल रही। बिहार सरकार ने अक्टूबर 2018 में राज्य के 1.40 करोड़ इच्छुक परिवारों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
  • अगले चरण के तहत नए कृषि पम्पसेटों, डीजल वाले पुराने पम्पसेटों, सभी को बिजली कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य है।
  • सभी उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाने के साथ बिल निर्माण और संग्रहण व्यवस्था में सुधार ।
  • उत्पादन क्षमता में वृद्धि, विद्युत व्यवस्था में सुधार, ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को जोड़ने के अलावा बिहार की विद्युत वितरण कंपनियां के प्रदर्शन में सुधार जैसे सकारात्मक बदलावों को देखा जा सकता है।

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