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Mar 31, 2023

बिहार में कृषि आधारित उद्योग

 

बिहार में कृषि आधारित उद्योग 

पिछले कुछ वर्षों में सकल राजकीय मूल्यवर्धन में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान बिहार और भारत दोनों में कम हुआ है। हालांकि बिहार में आई गिरावट भारत की अपेक्षा कम है

औद्योगिक विकास में क्षेत्रीय असमानता

  • सभी मापदंडों के लिहाज से बिहार में औद्योगिक क्षेत्र बहुत छोटा था 
  • वर्ष 2018-19 में देश के सकल मूल्यवर्धन में बिहार का केवल 0.8% योगदान था ।

कृषि आधारित उद्योग

चीनी और दूध  उद्योग बिहार के औद्योगिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण घटक रहे हैं । चीनी और दूध के अलावा दोनों उद्योगों से अनेक प्रकार के उप उत्पाद बड़ी मात्रा में उत्पादित होते हैं जैसे इथेनॉल और बिजली चीनी मिलों के उप उत्पाद है।

बिहार में काफी बड़े क्षेत्रफल में ईख की खेती होती है चीनी और अन्य उत्पादों के उत्पादन के लिए बिहार में 11 चीनी मिले हैं तथा वर्ष 2020-21 में 10 चीनी मिलें चालू थी 

 

ईथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021

  • बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के तहत दिए जाने वाले प्रोत्साहन के अलावा ईथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत निम्नलिखित विशेष प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जाते हैं।
  • राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 और राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति के द्वारा स्वीकृत सारे फीडस्टॉक से ईथेनॉल उत्पादन की अनुमति देना ।
  • सक्षमकारी वातावरण का निर्माण और वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश करके बिहार में सिर्फ ईंधन स्तर के ईथेनॉल का उत्पादन करने वाली नई अथवा ग्रीन फील्ड इथेनॉल विनिर्माण इकाइयों में निवेश को बढ़ाना सहायता करना और वित्तीय प्रोत्साहन देना।
  • ईथेनॉल के विनिर्माण हेतु उपयोग में आने वाले फीडस्टॉक/कच्चे माल का उत्पादन करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ाना ।
  • नए ईथेनॉल उद्योगों को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना।
  • विशेष श्रेणी के निवेशकों के लिए पूंजीगत सब्सिडी उपलब्ध कराना।

 

गव्य उद्योग

बिहार में कॉम्फेड (बिहार राज्य दुग्ध उत्पादक महासंघ लिमिटेड ) दुग्ध उत्पादन विकास के लिए प्रभावी संस्था है जिस की सदस्यता वर्ष 2016-17 के 10.86 लाख से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 12.57 लाख दर्ज की गयी।

कॉम्फेड बिहार के साथ साथ राज्य के बाहर भी दुग्ध परियोजनाओं का संचालन करता है और इस क्रम में दुग्ध उत्पादों की बिक्री हेतु दिल्ली और गुवाहाटी में कार्यालय स्थापित किए हैं। हांलाकि कोविड-19 महामारी और बाढ़ के कारण विगत 2 वर्षों में बिहार में कार्यशील दुग्धशालाओं की क्षमता घटी है फिर भी कॉम्फेड द्वारा इस दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं

 

कॉम्फेड एवं दुग्ध उत्पादन

  • कॉम्फेड बिहार में अपनी शीत श्रृंखला प्रणाली द्वारा बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों  से अतिरिक्त दूध खरीद कर प्रसंस्करण करने के बाद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित करने के लिए अधिकाधिक प्रयास करता है।
  • कॉम्फेड द्वारा बेचा जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण उत्पादक दूध है जिसकी बिक्री वर्ष 2016-17 के 13.45 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 2020-21 में 15.22 लाख लीटर प्रतिदिन हो गई 
  • कॉम्फेड पशु चिकित्सा संबंधी सेवाएं भी उपलब्ध कराता है जिससे बिहार में दूध उत्पादन बढ़ा और ग्रामीणों  की आमदनी बढ़ी है।
  • दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कृत्रिम गर्भाधान संबंधी सेवाएं देने हेतु कॉम्फेड ने 8 परियोजनाएं शुरू की है।
  • कृत्रिम गर्भाधान हेतु श्रमिकों को प्रशिक्षित करने के लिए  कॉम्फेड द्वारा कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है।
  • कॉम्फेड द्वारा बिहार के कुछ जिलों में दुग्ध संयंत्रों की स्थापना की जा रही है।

 

बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020

बिहार सरकार के कृषि विभाग की बिहार बागवानी विकास समिति को नीति के क्रियान्वयन और अनुश्रवण हेतु नोडल अभिकरण बनाया गया है। बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 के तहत मखानाफल सब्जीशहदऔषधि,  सुगंधित पौधेमक्का, चाय और बीज जैसे उद्योगों को प्रोत्साहन राशि दी गई । बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 का लक्ष्य निम्नलिखित उद्देश्यों की प्राप्ति है ।

  • वित्तीय सहायता और सक्षमकारी वातावरण के माध्यम से बिहार में कृषि व्यवसाय क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित और सुगम करना ।
  • प्रसंस्करण का स्तर बढ़ाना, बर्बादी  में कमी लाना तथा मूल्यवर्धन और निर्यात को बढ़ावा देना जिससे कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में समग्र विकास ।
  • राज्य में कृषि के चिन्हित क्षेत्रों में नई कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना ।
  • बिहार में विद्यमान कृषि प्रसंस्करण इकाइयों का तकनीकी उन्नयन और विस्तार हेतु वित्तीय सहायता ।
  • उत्पादों के बेहतर प्रसंस्करण के जरिए बेहतर प्रतिफल के द्वारा किसानों की आय बढ़ाना ।
  • कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा करना ।

 

कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 के घटक

बिहार सरकार द्वारा पात्र औद्योगिक निवेशकों/उद्यमियों या निबंधित कृषि आधारित कंपनियों को बिहार में कृषि के चिन्हित क्षेत्रों में कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना या आधुनिकीकरण या विविधीकरण या विस्तार हेतु पूंजीगत सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी ।

बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के अनुसार कृषि के  चिन्हित क्षेत्रों में विद्यमान परियोजनाओं के विस्तार अथवा आधुनिकीकरण के लिए भी पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी ।

न्यूनतम 0.25 करोड़ और अधिकतम 5.00  करोड़  रुपए  की  स्वीकृत परियोजना  वह वाली परियोजनाओं को ही इस नीति के तहत लाभ दिया जाएगा ।

 

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