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Mar 28, 2023

बिहार में पशुपालन, मत्‍स्‍यन एवं सहवर्ती आर्थिक क्रियाएं

 

बिहार में पशुपालन,  मत्‍स्‍यन एवं सहवर्ती आर्थिक क्रियाएं 


पशु धन संपदा

  • वर्ष 2019 में हुई पशुगणना से स्पष्ट है कि बिहार में पशुओं की  कुल संख्या  वर्ष 2007 के 301.7  लाख से  21% बढ़कर  वर्ष 2019 में 365.4  लाख हो गई ।
  • पशुपालन और मत्स्य पालन बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग है वास्तव में प्राथमिक क्षेत्र के उपक्षेत्र में पशुपालन 10% और मत्स्य पालन 7%  सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाले क्षेत्र है ।
  • भूमि पर जनसंख्या का बढ़ता दबावजलवायु परिवर्तन इत्यादि कारणों से ग्रामीण परिवारों विशेषकर लघु एवं सीमांत किसानों के लिए यह जोखिम घटाने की रणनीति उपलब्ध कराते हैं । हाल के वर्षों में लोगों के भोजन और उपभोग संबंधी आदतों में बदलाव के कारण मछली और मांस उत्पादों का उत्पादन बढ़ा है ।

वर्ष 2016-17 से 2020-21 की अवधि के दौरान बिहार में पशुधन एवं मत्स्य उत्पादन  के क्षेत्र में निम्न प्रकार से वार्षिक वृद्धि दर्ज की गयी ।

  1. दूध उत्पादन में 7.1% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई ।
  2. मत्स्य उत्पादन में  7% की  वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई ।
  3. मांस उत्पादन  मैं 4.5% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई ।
  4. अंडा उत्पादन में 32.4% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई ।

पशुधन सेवाएं

  • पशुओं की मृत्यु में कमी लाने हेतु बिहार सरकार द्वारा पशु चिकित्सा सेवाओं,  टीकाकरण पर निवेश किया जा रहा है । वर्ष 2020-21 में लगभग  40.24  लाख पशुओं का इलाज और लगभग 49.96 लाख  पशुओं का टीकाकरण किया गया ।
  • पशुपालन में प्रौद्योगिकी को महिलाओं तथा सीमांत किसानों की पहुंच में लाने हेतु के पशु सखी द्वारा पशु स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है ।
  • पशुपालन में लागत, आपूर्ति, प्रौद्योगिकी, मूल्यवर्धन और विपणन में निवेश बढ़ाकर उच्च गुणवत्ता वाले पशु और पशु उत्पाद की प्राप्ति हेतु बिहार पशुधन मास्टर प्लान 2018-19 से 2022-23 के लिए विकसित किया गया है जिसके माध्यम से ग्रामीण परिवारों में रोजगार और आय में वृद्धि होगी 

डेयरी क्षेत्र

  • डेयरी क्षेत्र छोटे और सीमांत किसानों के लिए जीविका का मुख्य क्षेत्र है । वर्ष 2016-17 से वर्ष 2020-21 के बीच बिहार में दूध का उत्पादन 7.1% की वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए 2020-21 में दूध का उत्पादन 115.01 लाख टन हो गया

 मुर्गी पालन

  • बिहार में मुर्गी पालन क्षेत्र में अंडा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है  जिसमें वर्ष 2016-17 से 2020-21 के मध्य 32.4% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई ।

मत्स्य पालन

  • ग्रामीण गरीबों के लिए रोजगार एवं आमदनी के अवसर  बढ़ाने में मछली पालन की मुख्य भूमिका है बिहार में मछली का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है तथा मछली उत्पादन बढ़ाने हेतु किसानों को सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है

बिहार में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रोत्साहन योजनाएं

मुख्यमंत्री समेकित चोर विकास योजना

  • वर्ष 2021 22 और 2022 23 के लिए प्रस्तावित इस योजना का मुख्य उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी का समावेश करते हुए राज्य के सभी उपलब्ध चौर क्षेत्रों को मछली आधारित समेकित जलकृषि प्रणाली में विकसित करना है।

नदी मत्स्य पालन कार्यक्रम 

  • इसके तहत चिन्हित नदियों से प्रजनक मछलियां इकट्ठा कर आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इकट्ठा की गई मछलियों का कृत्रिम प्रजनन कराना ।

प्रधानमंत्री  मत्स्य संपदा योजना

  • मछली पालन की संभावना का टिकाऊ, जवाबदेह, समावेशी और न्यायपूर्ण तरीके से उपयोग करना ।
  • जल संसाधनों के विस्तार द्वारा मछली का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने तथा विविधीकरण करना ।
  • पकड़ी गई मछलियों के प्रबंधन और गुणवत्ता सुधार में निवेश के माध्यम से मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण करना ।
  • मछुआरा और मछली पालकों की आय और रोजगार को दुगना करना ।

मछली फसल बीमा योजना 

  • मत्स्य पालन के विभिन्न चरणों में प्राकृतिक आपदाओंपर्यावरण संबंधी असंतुलनप्रदूषण इत्यादि से होने वाले नुकसान के प्रति वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना ।

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