भारत एंव चीन सीमा विवाद
प्रश्न-
भारत एंव चीन के मध्य स्थित लंबी तथा अस्पष्ट सीमा रेखा होने के कारण चीन
द्वारा सीमाओं का अतिक्रमण किया जाता है जिससे विवाद की स्थिति बनती है।"
चर्चा करें
विशाल जनसंख्या एवं उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत
और चीन एशिया की 2 बड़ी शक्ति है । भारत एवं चीन संबंधों काफी उतार चढ़ाव वाले रहे
हैं जहां कुछ क्षेत्रों में सहयोग है तो कुछ मोर्चों पर विवाद की स्थिति भी रहीं है
जिसमें सीमा विवाद सबसे महत्वपूर्ण है ।
भारत तथा चीन के मध्य लगभग 3488 किमी लंबी सीमा है जो लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम,
अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। ये सीमाएं अभी तक स्पष्ट नहीं है जिसके
कारण चीन द्वारा सीमाओं का अतिक्रमण किया जाता है । भारत एवं चीन के मध्य सीमा को
3 भागों में बांटा जा सकता है।
पूर्वी
सीमा – सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मध्य
- चीन पूर्वी क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है। चीन अरुणाचल प्रदेश में मैकमोहन लाइन को नहीं मानता और विवाद करता रहता है ।
- हाल ही में
चीन द्वारा संसद द्वारा नवीन सीमा कानून पारित किया गया तथा भारत के अरुणाचल प्रदेश
राज्य के 15 स्थानों को नवीन नाम
को मानकीकृत किया है ।
मध्य
सीमा – उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश
- 625 किमी लम्बी यह सीमा रेखा लद्दाख से नेपाल तक फैली है जिस पर कोई विशेष विवाद नहीं है।
पश्चिमी
सीमा –लद्दाख
- इस क्षेत्र
में मुख्य रूप से अक्साई चीन को लेकर विवाद है।
1962 के युद्ध में चीन ने भारत के 37,000 वर्ग
किमी भूमि पर कब्जा कर लिया जिसे अक्साई चीन नाम से जाना जाता है।
- 2020 में गलवान घाटी में चीन द्वारा पुन: भारतीय क्षेत्र का अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया ।
चीन इस सीमाओं को नहीं मानता और जानबुझकर सीमा विवाद को सुलझाना नहीं चाहता और विवाद की स्थिति को बनाए रखकर वह इसका लाभ उठाना चाहता है । ऐसे अनेक अवसर आए है जब भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर अनेक विवाद हुए और चीन ने उसका अपने हित में प्रयोग किया ।
- 1962
में चीन द्वारा भारत पर हमला कर मैकमोहन रेखा को अस्वीकार कर दिया भारत
के अधिकार वाले अक्साई चीन क्षेत्र पर अधिकार कर लिया ।
- कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन कर 1965 तथा 1971 के युद्ध में पाकिस्तान का समर्थन कर भारतीय सीमा विवाद को बढ़ावा दिया।
- गलवान घाटी, डोकलाम गतिरोध, पैंगोंग
त्सोमोरी झील विवाद, 2019, अरुणाचल प्रदेश में आसफिला क्षेत्र
पर विवाद आदि भारत तथा चीन
का सीमा विवाद ।
- चीन द्वारा
सीमा सुरक्षा, सीमा निर्धारण,
सीमा प्रबंधन तथा व्यापार से संबंधित नवीन सीमा कानून लाया गया तथा अरुणाचल प्रदेश राज्य के 15 स्थानों को नवीन नाम से मानकीकृत किया गया।
- CPEC मामले में चीन
द्वारा भारत की संप्रभुता संबंधी चिंताओं को अस्वीकार किया गया ।
- चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को स्टेपल वीजा
जारी कर भारतीय सीमा में अस्पष्टता लाकर विवाद बढ़ाना।
इस प्रकार
स्पष्ट है कि चीन और भारत के मध्य सीमा पर अस्पष्टता एवं विवाद की स्थिति है
जिसके कारण दोनों देशों के बीच अभी तक सीमा निर्धारण नहीं हो सका और यदाकदा सीमा
पर तनाव एवं झड़प होती रहती है।
गलवान घाटी की घटना के बाद दोनों दोनों देशों के मध्य तनाव
बढ़ा है तथा चीन को समझना होगा कि नियमित
संवाद, तथा संवाद तंत्र से
सीमा विवाद का हल कर के ही मैत्रीपूर्ण सहयोग एवं संबंधों
को विकसित किया जा सकता है ।
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