बिहार तथा सभी एकदिवसीय परीक्षाओं की तैयारी हेतु बेहतरीन मंच ।

Apr 17, 2023

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के प्रमुख उद्देश्‍य एवं प्रासंगिकता

 

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के प्रमुख उद्देश्‍य एवं प्रासंगिकता 

प्रश्‍न- गुटनिरपेक्ष आंदोलन के प्रमुख उद्देश्‍यों को स्‍पष्‍ट करें तथा वर्तमान संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार व्‍यक्त करें।

वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक समन्वय और परामर्श का मंच गुटनिरपेक्ष आंदोलन है जिसमें भारत समेत सदस्‍य देशों की संख्‍या जहां 120 है वहीं इसमें 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों व 17 देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।

 


स्‍वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने तत्‍कालीन विश्‍व की स्थितियों को समझते हुए स्‍वतंत्र विदेश नीति को अपनाया और वैश्विक शांति को प्राथमिकता दी । इसी क्रम में जब विश्‍व दो गुटों में बंटा तो भारत ने महाशक्तियों के गुट से दूर रहकर अपनी विदेश नीति में गुटनिरपेक्षता के तत्त्व को अपनाकर न केवल भारत के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया बल्कि अपनी विदेश नीति में काफी हद तक स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया।

 

गुटनिरपेक्ष आंदोलन का उद्देश्य

  • वैश्विक सैन्य गठबंधनों से पर्याप्त दूरी बनाना तथा सैन्य संघर्षों को हतोत्साहित करना।
  • शीतयुद्ध काल की राजनीति से दूरी बनाना तथा स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का अनुसरण ।
  • सार्वभौमिक परमाणु निरस्त्रीकरण को प्रोत्साहन।
  • विकासशील देशों के मध्य [दक्षिण दक्षिण सहयोग] बढ़ाना।
  • समानता, न्याय तथा आपसी लाभ पर आधारित नई विश्व आर्थिक व्यवस्था की स्थापना।
  • साम्राज्यवादी और उपनिवेशवादी नीतियों का विरोध।
  • वैश्विक स्तर पर रंगभेद की नीति का विरोध। 
  • वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के संरक्षण हेतु प्रयास।

 

गुटनिरपेक्षता आंदोलन की प्रासंगिकता

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के उद्देश्य तथा इसके गठन की पृष्‍ठभूमि को देखा जाए तो स्‍पष्‍ट होता है कि यह समकालीन संदर्भ में प्रासंगिक था लेकिन अनेक ऐसे कारण है जिससे इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाए जाते हैं

  • शीत युद्ध समाप्त होने के कारण गुटनिरपेक्ष आंदोलन के उद्देश्य अप्रासंगिक हो गया अत: इसे समाप्त कर देना चाहिए।
  • वर्तमान में अमेरिका और चीन शक्तिशाली देश है जिसके साथ शेष विश्व के देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़ते नजर आ रहे हैं।  
  • सोवियत संघ का विघटन एवं शीत युद्ध की समाप्ति के बाद गुटनिरपेक्ष आंदोलन के किसी भी गुट में शामिल न होने का उद्देश्य अप्रासंगिक हो गया।  
  • 1990 के दशक तक विश्व के लगभग सभी देश स्वतंत्र हो चुके थे। अतः इसका उपनिवेशवाद के विरोध का लक्ष्य अप्रासंगिक हो गया।
  • परमाणु सम्पन्न देशों ने जहां परमाणु निरस्त्रीकरण के बजाय अपने परमाणु हथियारों की मात्रा को बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया वही गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देश भी परमाणु परीक्षणों को अंजाम दे रहे थे। अतः सार्वभौमिक परमाणु निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देने का उद्देश्य अप्रासंगिक हो गया।
 

उपरोक्त तथ्यों से प्रतीत होता है कि वर्तमान में गुटनिरपेक्ष आंदोलन की प्रासंगिकता समाप्त हो गई है लेकिन वास्‍तव में ऐसा नहीं है आज भी अनेक ऐसे वैश्विक कारण है जिस पर सभी देशों को मिलकर कार्य करने की आवश्‍यकता है। चीन की विस्‍तारवादी नीति, व्‍यापार युद्ध, रूस –यूक्रेन संकट, खाद्य सुरक्षा, रंगभेद, मानवाधिकारों का हनन, साम्राज्‍यवादी शक्तियों का कमजोर देशों पर नैतिक एवं वित्‍तीय दबाव बनाना इत्‍यादि ऐसे अनेक क्षेत्र है जहां गुटनिरपेक्ष आंदोलन पुन: प्रासंगिक बन जाता है ।

 

  • विश्व शांति एवं सहयोग हेतु
  • अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के निराकरण हेतु
  • आपसी मतभेदों को दूर करने हेतु
  • क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता
  • परमाणु एवं जैविक हथियारों पर नियंत्रण
  • रंगभेद एवं मानवाधिकार उन्मूलन
  • स्वतंत्र विदेश नीति

 

वर्तमान वैश्विक हालात में गुटनिरपेक्ष आंदोलन की महत्‍ता को भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा मई 2020 को दिए गए भाषण में समझा जा सकता है जब उन्‍होंने कहा था कि कोविड-19 के रूप में मानवता पिछले कई दशकों के सबसे भयंकर संकट का सामना कर रही है तथा वैश्विक एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन की ज़रूरत है।

 

निसंदेह कोरोना महामारी ने हमारी परस्परता और निर्भरता को और अधिक स्पष्ट कर दिया है। हालांकि महामारी के प्रभाव कम होने के बाद आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अशांति, साइबर सुरक्षा जैसी अनेक चुनौतियां है जिनका सामना कोई देश अकेले नहीं कर सकता है तथा आपसी सहयोगी तथा स्पष्ट नीति द्वारा ही इनका हल निकाला जा सकता है तथा इस दिशा में गुटनिरपेक्ष आंदोलन एक बेहतर विकल्‍प है ।

69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-

कार्यक्रम की रूपरेखा

  1. BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित  Telegram based online Test
  2. प्रथम चरण  - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
  3. द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्‍य परीक्षा के पूर्व  ।
  4. सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्‍न का अभ्‍यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्‍य मुख्‍य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्‍नों का अभ्‍यास करना है ।
  5. सामान्‍य अध्‍ययन के पारम्‍परिक प्रश्‍नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्‍टूबर 2023 तक के सभी महत्‍वपूर्ण घटनाओंआर्थिक समीक्षाबजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्‍तर लेखन का अभ्‍यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्‍न नहीं होगें ।
  6. उत्‍तर लेखन टेलीग्राम के माध्‍यम से हिन्‍दी माध्‍यम में होगा ।
  7. निबंध लेखन के तहत अभ्‍यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।


कार्यक्रम की विशेषता

  1. GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
  2. हमारी टीम के अनुसार प्रत्‍येक प्रश्‍न का मॉडल उत्‍तरमूल्‍यांकनआवश्‍यक सलाहआदि ।
  3. संसाधनकोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्‍याओं को दूर करने में सहायक ।
  4. बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्‍य आपको सर्वोत्‍तम प्रदान करना है ।
  5. उपरोक्‍त नियम में समय एवं आवश्‍यकता के अनुसार आवश्‍यक बदलाव किए जा सकते है।

कार्यक्रम के लाभ

  1. मुख्‍य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
  2. बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्‍नों का अभ्‍यास कराया जाएगा ।
  3. पीटी रिजल्‍ट के बाद अत्‍यंत कम समय में दोहराव से आत्‍मविश्‍वास आएगा।
  4. प्रश्‍नों की प्रकृति समझनेउसे हल करनेसमय प्रबंधन का अभ्‍यास होगा ।
  5. न्‍यूनतम शुलक्‍ में बेहतर गुणवत्‍ता के साथ तैयारी का अवसर ।
  6. सितम्‍बर में GK BUCKET टीम द्वारा तैयार BPSC Mains Special Notes अपडेटेड नोट्स आ जाएगा तो इस कार्यक्रम में शामिल सदस्‍य उस समय विशेष छूट (लगभग 40% तक) के साथ नोटस को प्राप्‍त कर सकते हैं।
  7. ज्‍यादा जानकारी के लिए कॉल करें 74704-95829
  8. BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 

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