बिहार
में औद्योगिक विकास
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा)
- बिहार में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने हेतु 1974 में बियाडा की
स्थापना की गई थी जिसने बिहार में औद्योगिकरण के लिए जमीन अधिगृहित करने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई है।
- ऐसी भूमि उत्पादन इकाइयों के शेड बनाने, प्रशासनिक भवन, सड़क आदि अवसंरचना का निर्माण करने के उद्देश्य से अधिग्रहित की जाती है।
- मार्च 2021
तक सभी क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा लगभग 75% अधिग्रहित जमीन विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित कर दी गई है
- उल्लेखनीय है कि बिहार विशेष भूमि आवंटन निमुर्क्ति नीति 2020 के तहत औद्योगिक
क्षेत्रों में 1 जनवरी 2020 को या उसके
बाद विकसित या अधिगृहित 10% जमीन को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/अति पिछड़ी जातियों के उद्यमी या महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित रखा जाता
है।
बिहार-अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक
गलियारा परियोजना
- वर्ष 2020-21
में बिहार सरकार द्वारा बिहार-अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा परियोजना हेतु बियाडा को नोडल अभिकरण नामित किया
है। यह परियोजना बिहार सहित सात राज्यों से गुजरेगी जिसके सफल क्रियान्वयन से न
केवल संबंधित राज्यों के समग्र औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगी बल्कि रोजगार के
अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक उत्पादन हेतु ढुलाई का खर्च भी कम होगा।
उद्योग मित्र
- बिहार में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के दृष्टिकोण से संभावित
निवेशकों को आकर्षित करने, निवेश संबंधी संगोष्ठीयों,
सम्मेलन का नियमित रूप से आयोजन करने में उद्योग मित्र की
महत्वपूर्ण भूमिका है ।
बिहार स्टार्टअप नीति 2017
- बिहार सरकार द्वारा उद्यमियों के अनुकूल परितंत्र उपलब्ध कराने तथा
नवचार को बढ़ावा देने के लिए बिहार स्टार्टअप नीति 2017 तैयार की गई।
- वर्तमान में बिहार में 16 इनक्यूबेशन केंद्र है और अन्य केंद्र
प्रक्रियाधीन है। इस नीति के तहत इनक्यूबेशन के लिए अटल लैब,
टिंकरिंग लैब, सामान्य अधिसंरचना,
जीरो लैब जैसी पहल प्रक्रियाधीन है ।
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री
युवा उद्यमी योजना
- बिहार में उद्यमिता एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु सात
निश्चय 2 के अंग के
बतौर महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना एवं युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का क्रियान्वयन किया जा
रहा है ।
- उपरोक्त दोनों योजनाओं के तहत चयनित लाभार्थी को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाता है ।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत बिहार
नवांकुर कोष न्यास से अधिकतम ₹ 5 लाख का ब्याज मुक्त
ऋण प्राप्त होता है जबकि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना
के लिए यह ऋण 1% ब्याज दर के साथ होती है ।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अति
पिछड़ी जाति उद्यमी योजना
- अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अति पिछड़ी जाति के युवाओं में
उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु इस योजना के तहत उद्योग की स्थापना के लिए
लाभार्थियों के लिए 10
लाख रू तक की परियोजना व्यय राशि स्वीकृत की जाती है ।
- इस योजना के तहत बिहार में जहां 2886 उद्यमी लाभान्वित हुए हैं वही 14,430 श्रमिकों के लिए रोजगार का सृजन हुआ है ।
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