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May 10, 2023

भारत और पाकिस्‍तान संबंध सामान्‍य बनाने हेतु उपाए

भारत और पाकिस्‍तान संबंध

प्रश्‍न – आपस में पड़ोसी देश होने के नाते भारत और पाकिस्‍तान दोनों की जिम्‍म्वारी है कि संबंधों को शांति पूर्ण बनाए रखे लेकिन भारत के तमाम प्रयासों के बावजूद भारत और पाकिस्‍तान के संबंध सामान्‍य नहीं हो पाए हैं। चर्चा करें

 


भारत एवं पाकिेस्‍तान आपस में पड़ोसी देश है तथा आरंभ से ही दोनों के संबंध काफी उतार चढ़ाव की स्थिति में रहे है जिसका मुख्य कारण भारत का विभाजन तथा उससे उत्पन्न परिस्थितियां हैं। एक ओर जहां भारत का निर्माण लोकतांत्रिक, पंथनिरपेक्ष एवं बहुलवादी राष्ट्र के रूप में हुआ तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान का निर्माण धार्मिक आधार पर हुआ तथा इसने भारत विरोधी नीति को मूल आधार बनाया।

 

दोनों देशों के मध्य जहां 3 युद्ध हो चुके है वहीं तथा सीमा पर अशांति, सैनिक कार्यवाही, सीजफायर तोड़ने संबंधी घटनाओं के साथ पकिस्तान समर्थित आतंकवादी घटनाएं भी भारतीय सीमा में घटित होती रहती है जिसके कारण अभी तक संबंध सामान्‍य नहीं हो पाए हैं ।

 

भारतीय विदेश नीति का सबसे अप्रिय और अस्थिर हिस्सा पाकिस्तान नीति रहा है और आजादी के बाद भारत ने पाकिस्‍तान के साथ संबंध सुधारने की दिशा में अनेक बार प्रयास किए है जिसे निम्‍न प्रकार से समझा जा सकता है ।

  • वर्ष 1947 में पाकिस्तानी कबायलियों के हमले के समय उदार नीति अपनाई गई।
  • 1966 के ताशकंद समझौते द्वारा शांति बहाली का प्रयास किया गया।
  • 1971 के समझौते में भारत ने बड़प्पन तथा उदारता दिखाई।
  • 1999 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री की लाहौर यात्रा, लाहौर घोषणा पत्र, सदा--सरहद बस सेवा का आरंभ।
  • भारत की गुजराल नीतिपड़ोसी प्रथम की नीति में सभी देशों के साथ पकिस्तान को भी महत्व दिया गया।
  • सीमा पर तनाव कम करने हेतु युद्ध विराम समझौता, DGMO स्तरीय वार्ता, फ्लैग मीटिंग की व्यवस्था।
  • वर्ष 2004 में संबंध सामान्य बनाने हेतु समग्र वार्ता का आयोजन।
  • आर्थिक संबंध को बेहतर बनाने हेतु भारत सरकार द्वारा द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्‍साहन तथा पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा ।
  • आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, भूकंप के समय सहयोग की नीति के तहत भारत ने भरपूर साथ दिया।
  • सांस्कृतिक संबंध सुधार की दिशा में करतारपुर साहिब गलियारा पर सहमति दी गयी। 

 

इस प्रकार भारत द्वारा पिछले 75 वर्षों में संबंध सुधारने हेतु अनेक सकारात्मक प्रयास किए गए लेकिन लेकिन आपसी विश्वास तथा सहयोगी की कमी से वे असफल रहे। पकिस्तान द्वारा कारगिल युद्ध, भारतीय संसद पर हमला, मुंबई अटैक, पठान एयरपोर्ट पर हमला उरीपुलवामा पर हमला जैसी निंदनीय घटनाओं को अंजाम दिया जिसके कारण भारत पकिस्तान के संबंध सामान्य नहीं हैं। इसके अलावा कई प्रमुख क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं में मुश्किलें पैदा करके पाकिस्तान ने सार्क को भी निष्क्रिय बना दिया जिसके कारण भारत पाकिस्तान के बीच की खाई  बढ़ रहीं है।

विगत कुछ वर्षो में भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव शीर्ष पर है तथा इनके पीछे कई ऐसे कारण है जिसका प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष रूप से मुख्‍य कारण पाकिस्‍तान को माना जा सकता है।  


भारत और पाकिस्तान संबंधों के सामान्य नहीं बनने के कारण

  • सीमा पार से भारतीय सुरक्षा बलों पर होने वाले आतंकवादी हमले ।
  • भारत के अभिन्‍न भाग कश्‍मीर का अनावश्‍यक रूप में अंतर्राष्‍ट्रीयकरण।
  • पाकिस्तान में डीप स्टेट की स्थिति यानी शासन में सेना का हस्तक्षेप
  • पाकिस्तान की भारत विरोध मानसिकता ।
  • पाकिस्तान की सेना की नकारात्मक मानसिकता।
  • नीति निर्माण एवं नीतिगत मामलों में सरकार की बजाए सेना की प्रमुख भागीदारी।
  • पकिस्तान में वास्तविक लोकतंत्र का अभाव।
  • अमेरिका, चीन जैसे देशों के निहित स्वार्थ 
  • जम्मू कश्मीर पर अधिकार हेतु आतंकी कार्यवाहियों को अंजाम देना।
  • पाकिस्तान द्वारा विरोधियों के दमन हेतु रणनीतिक साधन के रूप में कट्टरपंथी समूहों का प्रयोग।


इसी क्रम में मार्च 2023 में भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी आर्थिक नाकामी से बचने के लिए भारत को बदनाम कर रहा है ।

उपरोक्‍त सभी तथ्‍यों को ध्‍यान में रखकर कहा जा सकता है कि भारत सदा ही पाकिस्तान के साथ एक सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध रखने हेतु प्रयासरत रहा है लेकिन पाकिस्तान घरेलू राजनीतिक और आर्थिक विफलता से अपने लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण और मनगढ़ंत प्रोपेगेंडा बनाता रहता है ।

भारत का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मुद्दा आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए और ऐसा अनुकूल माहौल बनाने की जिम्‍मेवारी पाकिस्‍तान की है । 

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