GK BUCKET is best for BPSC and other competitive Exam preparation.

May 15, 2023

भारत के संविधान की उद्देश्किा में प्रतिष्ठित दर्शन के औचित्‍य एवं महत्‍व

 

प्रश्‍न - भारत के संविधान की उद्देश्किा में प्रतिष्ठित दर्शन के औचित्‍य एवं महत्‍व का परीक्षण कीजिए ।

संविधान की उद्देशिका किसी भी देश की शासन व्‍यवस्‍था को संचालित करनेवाले सिद्धांतों का दर्शन होता है जिसका अपना औचित्‍य एवं महत्‍व होता है । भारतीय संविधान के संबंध में भी यह स्थित लागू होती है ।



उल्‍लेखनीय है कि संविधान की उद्देशिका पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा प्रारूपित और संविधान सभा द्वारा स्वीकृत उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है जिसमें संविधान-निर्माताओं की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब नज़र आता है। भारतीय संविधान की उद्देशिका में उल्‍लेखित दर्शन को निम्‍न प्रकार समझा जा सकता है।


  • प्रस्तावना में शामिल शब्द जैसे- संप्रभुता, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतंत्र आदि इसके दार्शनिक पक्ष को समेटे हुए है जो भारतीय शासन के स्‍वरूप और प्रकृति को स्‍पष्‍ट करते हैं ।
  • संविधान लागू होने के बाद उद्देशिका को भारतीय संविधान का भाग नहीं माना गया लेकिन संविधान की व्‍याखया संबंधी इसके महत्‍व तथा न्‍यायपालिका के निर्णय से इसे एक भाग माना गया जो निश्चित ही इसमें उल्‍लेखित दर्शन के औचित्‍य एवं इसके महत्‍व को बताता है।  
  • भारत जैसे विशाल तथा विविधतापूर्ण देश को एकजुट रखने के लिए आवश्‍यक सूत्रों को इसमें समेटा गया है ।
  • किसी विषय पर संविधान के मौन होने की स्थिति पर उद्देशिका में उल्‍लेखित दर्शन के आधार पर ही न्‍यायपालिका संबंधित विषय की व्‍याखया करती है । इस प्रकार यह मार्गदर्शन की भूमिका में कार्य करता है ।
  • उद्देशिका में प्रतिष्ठित दर्शन एवं महत्‍व की पुष्टि विभिन्‍न विद्वानों द्वारा उद्देशिका के संबंध में कही गयी बातों से भी होती है। ठाकुर प्रसाद भार्गव ने जहां "उद्देशिका को संविधान की आत्‍मा माना" वहीं उद्देशिका को 'संविधान की कुंजी' भी कहा जाता है जो संविधान के अस्‍पष्‍ट प्रावधानों की व्‍याख्‍या कर शासन को मार्गदशन प्रदान करता है ।

हांलाकि कुछ विद्वानों द्वारा उद्देशिका के अस्‍पष्‍ट होने, मौलिकता की कमी , अप्रवर्तनीय होने आदि के कारण आलोचना की जाती है फिर भी इसमें संदेह नहीं कि यह संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता तथा स्‍वाधीनता आंदोलन के आदर्शों की झलक देता है तथा इसके दर्शन में संपूर्ण संविधान का सार है तभी तो उद्देश्किा को 'संविधान की आत्मा' कहा गया है।   

BPSC Mains special Group and Notes- Call/Whatsapp- 74704-95829

No comments:

Post a Comment