चौथा कृषि रोडमैप
कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए बिहार में वर्ष 2008 से लगातार कृषि रोडमैप बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में अगले पांच सालों के लिए चौथा कृषि रोडमैप लागू किया जा रहा है जिसकी अवधि 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2028 तक की होगी।
उल्लेखनीय है कि चौथे कृषि रोडमैप के अंतर्गत पांच वर्षों में 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे तथा इस कृषि रोडमैप में पूरे पांच सालों के लिए एक साथ राशि की स्वीकृति की गयी है । इस रोडमैप में आनेवाले दिनों में कृषि के विभिन्न क्षेत्र में विस्तार से योजना बना कर निम्न कार्य किए जाने की योजना है।
- दलहन एवं तेलहन तथा पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाये जायेंगे।
- पौधा संरक्षण सेवाओं को किसानों तक सहजता से पहुँचाने के लिए विशेष पहल करते हुए अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का प्रयोग किया जायेगा।
- जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत फसल पद्धति में बदलाव के साथ-साथ फसल अवशेष के प्रबंधन एवं पुआल का उपयोग पशु चारा के रूप में करने के संबंध में कार्य को महत्व।
- बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन।
- गैर कृषि योग्य बंजर भूमि में निम्बू घास (Lemon
Grass) की खेती के लिए किसानों को आर्थिक सहायता ।
- गंगा नदी के किनारे अवस्थित जिलों में ऑरगेनिक कॉरिडोर का विस्तार ।
चौथे कृषि रोडमैप की विशेषता
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चौथे कृषि रोडमैप के अंतर्गत पांच वर्षों में 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे तथा इस कृषि रोडमैप में पूरे पांच सालों के लिए एक साथ राशि की स्वीकृति की गयी है । इस रोडमैप में आनेवाले दिनों में कृषि के विभिन्न क्षेत्र में विस्तार से योजना बना कर लागू किया जाएगा।
कृषि
रोडमैप में पशुपालन हेतु विशेष व्यवस्था
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चौथे कृषि रोडमैप संबंधी विशेष प्रावधान
- बिहार के चौथे कृषि रोडमैप में किसानों की आमदनी बढ़ाने, बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर मुख्य ध्यान होगा ।
- बीज, सिचाई तकनीकी परामर्श आदि भी किसानों को सुलभता से उपलब्ध कराया जाएगा।
- बीज उत्पादन से लेकर बाजार तक के लिए नेटवर्क तैयार किया जाएगा तथा दलहन, तिलहन, मोटे अनाज के बीज उत्पादन पर फोकस रहेगा ।
- बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हेतु बिहार में 100 सीड हब बनाने की योजना है तथा हर जिले को वहां उत्पादित होने वाली फसल के लिए सीड हब बनाने के रूप में चयनित किया जाएगा।
- मोटे अनाज का क्लस्टर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है जहां पर किसानों को बीज मिलेंगे तथा उपने उत्पाद भी व्यापारियों को यहां पर बेच सकेंगे।
- जैविक और जलवायु अनुकूल खेती के विस्तार के साथ साथ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न परिस्थितियों से मुकाबला करने में किसान को सक्षम बनाने का प्रयास ।
- वर्मी कंपोस्ट और हरी खाद योजना फिर से शुरू करने के साथ साथ पर्यवारण संरक्षण के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
- ड्रोन के माध्यम से से फसल व पौधा संरक्षण दिया जाएगा ।
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन एवं मत्सय पालन को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
चौथे कृषि रोडमैप की विशेषता
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चौथे कृषि रोडमैप से लाभ
इस रोडमैप में अगले पांच साल के
लिए योजना को मंजूरी दी गई है । इस कारण चौथा रोडमैप लागू होने के दिन से ही काम आरंभ
कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पहले प्रति वर्ष बजट की मंजूरी लेनी पड़ती थी
जिससे समय पर योजना को लागू करने में कठिनाई आती थी।
बाजार नेटवर्क
फसल उत्पादन को बाजार तक पहुंचाने हेतु
बाजार का नेटवर्क तैयार किया जाएगा जो किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगा।
कृषि क्षमता विस्तार
कृषि रोडमैप के कार्यान्वयन से
कृषि उत्पादों में वृद्धि एवं उपज भंडारण और प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार होगा।
कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता
धान, गेहूं के अलावा दलहन, तिलहन और मोटे अनाज के बीज उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर बनेगा।
कलस्टर निर्माण
बिहार में क्लस्टर बनने से खदीर
बिक्री जैसे कार्य आसान होगे जिससे किसान, व्यापारी, ग्राहक आदि को लाभ होगा।
कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा
फसल आधारित उद्योग को बढ़ावा दिया
जाएगा और मखाना, आलू, फल आदि की प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी जिससे कृषकों की आय, रोजगार बढेगा ।
सिंचाई सुविधा का विस्तार
हर खेत तक सिंचाई को कृषि फीडर का
विस्तार की भी योजना है जिससे उत्पाद में बेहतर वृद्धि होगी ।
जैविक कृषि
वर्मी कंपोस्ट और हरी खाद योजना
फिर से शुरू किए जाने से जैविक एवं टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा ।
फसल सुरक्षा
खेती में ड्रोन को बढ़ावा दिए जाने
से टाल क्षेत्र को विशेष लाभ होगा और इससे फसल सुरक्षा और पौधा संरक्षण में इससे
मदद मिलेगी।
बहुआयामी लाभ
कृषि रोडमैप के बेहतर कार्यान्वयन
से किसानों की आय बढ़ाने, बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी ।
Question- बिहार कृषि रोडमैप-4 की विशेषताओं को बताए। चर्चा करें कि यह कृषि रोडमैप बिहार
के किसानों एवं पशुपालकों की आय बेहतर करने में किस प्रकार सहायक साबित हो सकती है?
69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-
कार्यक्रम की रूपरेखा
- BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित Telegram based online Test
- हमारा लक्ष्य मुख्य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्नों का अभ्यास करना है ।
- सामान्य अध्ययन के पारम्परिक प्रश्नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्टूबर 2023 तक के सभी महत्वपूर्ण घटनाओं, आर्थिक समीक्षा, बजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्तर लेखन का अभ्यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्न नहीं होगें ।
- उत्तर लेखन टेलीग्राम के माध्यम से हिन्दी माध्यम में होगा ।
कार्यक्रम की विशेषता
- GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
- हमारी टीम के अनुसार प्रत्येक प्रश्न का मॉडल उत्तर, मूल्यांकन, आवश्यक सलाह, आदि ।
- संसाधन, कोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक ।
- बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्य आपको सर्वोत्तम प्रदान करना है ।
- उपरोक्त नियम में समय एवं आवश्यकता के अनुसार आवश्यक बदलाव किए जा सकते है।
कार्यक्रम के लाभ
- मुख्य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
- बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्नों का अभ्यास कराया जाएगा ।
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- प्रश्नों की प्रकृति समझने, उसे हल करने, समय प्रबंधन का अभ्यास होगा ।
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