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Jun 7, 2023

बिहार में जल संरक्षण की दिशा में प्रयास

 बिहार में जल संरक्षण की दिशा में प्रयास 

प्रश्‍न – एक तरफ प्रत्‍यके परिवार को पीने योग्‍य जल की उपलब्‍धता का उद्देश्‍य एवं दूसरी तरफ बढ़ती आबादी  के कारण जल की कमी को ध्‍यान में रखते हुए जल संरक्षण में भारत सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालिए । साथ ही केन्‍द्रीय सरकार के उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु बिहार राज्‍य द्वारा अपनाए गए वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास की विवेचना कीजिए ।

 



2019 में आरंभ केन्‍द्र सरकार की योजना जल जीवन मिशन का उद्देश्‍य वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर में पाइप के जरिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना रहा है । फरवरी 2023 के अनुसार योजना के आरंभ में जहां 3.23 करोड़ घरों में ही नल से जल उपलब्‍ध हो रहा था वहीं 2023 में यह 11 करोड़ पहुंच गयी है । इसी क्रम में भारत के पांच राज्‍य हरियाणा, गोवा, तेलंगाना, गुजरात और पंजाब और तीन केन्‍द्र शासित प्रदेशों अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह, दमन दीव और दादर नागर हवेली और पुडुचेरी ने 100% हर घर नल से जल पहुंचाने वाले राज्‍य का दर्जा प्राप्‍त कर चुके हैं । इस प्रकार केन्‍द्र सरकार राज्‍यों की सरकारों के साथ प्रत्‍येक परिवार को पीने योग्‍य जल उपलबध कराने की दिशा में प्रयासरत है ।


 

संयुक्त राष्ट्र के हालिया आंकड़ों के अनुसार 142.86 करोड़ की आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। इस प्रकार भारत के लिए विश्‍व की मीठे जल की लगभग 4% उपलब्‍धता के साथ लगभग 18% आबादी की जल संबंधी आवश्‍यकताओं को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है । इसी क्रम में जलवायु परिवर्तन, सूखा, प्रदूषण आदि के कारण स्थिति और विकट होती जा रही है ।  उल्‍लेखनीय है कि भारत में भारत में रहने वाले लगभग 54% लोग पहले से ही जल की कमी का सामना कर रहे हैं तथा बढ़ती आबादी के साथ लोगों को पेयजल उपलब्‍ध कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगी ।


 

अत: उपरोक्‍त स्थितियों को यह आवश्‍यक है कि जल संरक्षण की दिशा में व्‍यापक स्‍तर पर कार्य किए जाए  जिसे समझते हुए पिछले कुछ वर्षों से केन्‍द्र सरकार जल संरक्षण की दिशा में काफी सक्रिय रही है जिसे निम्‍न प्रकार से समझा जा सकता है ।


जल संरक्षण में भारत सरकार की भूमिका

भारत में जल संकट की भयावह होती स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए राष्‍ट्रीय जल नीति 1987 को 2002 एवं 2012 में संशोधित किया गया ताकि जल प्रबंधन को और प्रभावी बनाया जा सके । उल्‍लेखनीय है कि जल के प्रभावी उपयोग के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने हेतु नीति आयोग द्वारा समग्र जल प्रबंधन सूचकांक लाया गया तथा जल संबंधी सभी कार्यों में समन्‍वय हेतु जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया।

 

कृषि प्रधान राज्‍य होने तथा जल का सर्वाधिक उपयोग सिंचाई में होने के कारण  वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को आरंभ किया गया  जिसमें त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, हर खेत को पानी और वाटरशेड डेवलपमेंट जैसे घटक को रखा गया ।

 

केन्‍द्र सरकार द्वारा जहां वर्षा जल के संरक्षण एवं जागरुकता हेतु कैच द रेन अभियान, जलक्रांति अभियान, अटल भूजल योजना आदि को आरंभ किया गया वहीं जल संरक्षण की दिशा में अच्‍छे कार्यों एवं प्रयासों हेतु राष्‍ट्रीय जल पुरस्‍कार भी आरंभ किया गया।  



सभी प्रश्‍नों को आप वीडियो एवं नोट्स के माध्‍यम से भी पढ़ सकते है। इन सभी प्रश्‍नों का PDF एवं वीडियो आप नीचे दिए गए लिंक से प्राप्‍त कर सकते हैं । 


प्राचीन भारत का इतिहास वीडियो लिंक 


 संपूर्ण विश्‍व भूगोल का वीडियो लिंक 


प्राचीन भारत का इतिहास पीडीएफ लिंक  



केन्‍द्रीय सरकार के उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु बिहार सरकार के प्रयास

जल संरक्षण की दिशा में केन्‍द्र के प्रयासों के साथ साथ राज्‍य की सरकारें भी अपने स्‍तर से प्रयासरत है । इस संदर्भ में बिहार सरकार की भूमिका उल्‍लेखनीय है जो राज्‍य में जल संरक्षण की दिशा में नवचारी प्रयोगों के साथ बहुआयामी प्रयास कर रही है। जल संरक्षण की दिशा में केन्‍द्रीय सरकार के साथ बिहार में किए वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास को निम्‍न प्रकार समझा जा सकता है ।

 

भारत सरकार के सुझाव पर जल की गुणवत्‍ता बनाए रखने हेतु लोक स्‍वास्‍थ्‍य अभियंत्रण विभाग द्वारा पटना में राष्‍ट्रीय जांच एवं अंशांकन प्रयोगशाल प्रमाणन परिषद पर्षद की स्‍थापना की गयी । ऐसे प्रयोगशाला की स्‍थापना उन सभी जिला मुख्‍यालयों में की गयी है जहां जल की गुणवत्‍ता की पहचान केन्‍द्र सरकार के 16 मापदंडों के आधार पर की जा रही है ।

 

जल में आर्सेनिक, फलोराइड, आयरन, आदि प्रदूषकों के उपचार हेतु आयन एक्‍सचेंज रेजिन और मेंब्रेन आधारित प्रौद्योगिकी अपनाया जा रहा है ।

 

भूजल के अति दोहन पर रोक हेतु गंगाजल आपूर्ति योजना के तहत गंगा नदी के प्रचुर जल को पंप कर भूमिगत लाईन के माध्‍यम से लोगों को पीने और घरेलू कार्यों हेतु जल उपलब्‍ध कराया जाएगा ।

 

नदी जल को प्रदूषण मुक्‍त करने हेतु बिहार के विभिन्‍न शहरों में जल शोधन प्रणाली लगाया जा रहा है । इसी क्रम में जल के संतुलित हेतु कोशी-मेची, बागमती-गंगा, गंडक-नून जैसी नदीयों को आपस में जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।  

 

भूजल के अति दोहन एवं अति सिंचाई को रोकने हेतु इंटरनेट ऑफ थिंग्‍स एवं AI युक्‍त सिंचाई तकनीक का प्रयोग।

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप सिंचाई तकनीक और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक पर बिहार सरकार द्वारा सब्सिडी की व्‍यवस्‍था ।

 

भूजल स्‍तर में वृद्धि हेतु सार्वजनिक चापाकल के निकट सोख्ता बनाए जाने के साथ साथ सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार ।

 

बिहार रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर द्वारा राज्य भर में जल निकायों के भू-मानचित्रण की शुरुआत एवं जल संरक्षण की योजना ।  

 

बिहार में जल प्रबंधन हेतु जल जीवन हरियाली द्वारा जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण, जैविक कृषि, मरनेगा के तहत वाटरशेड आदि कार्यों प्रोत्‍साहन को किया जा रहा है।

 

 

इस प्रकार उपरोक्‍त प्रयासों से बिहार सरकार केन्‍द्र सरकार के उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने की दिशा में प्रयासरत है । उल्‍लेखनीय है कि भारत में जल की कमी नहीं है केवल उचित प्रबंधन की कमी है जिसके कारण न केवल इसका दुरुपयोग होता है बल्कि प्रदूषित भी होता है।

 

शब्‍द संख्‍या –850 लगभग

68वी में पूछे गए इस प्रश्‍न को 69वी मुख्‍य परीक्षा को ध्‍यान में रखते हुए 20 मई 2023 से प्रतिदिन संचालित मुख्‍य परीक्षा सीरीज में दिया गया है। मॉडल उत्‍तर GK BUCKET टीम द्वारा उपलब्‍ध कराया जा रहा है ।

 

यह प्रश्‍न मॉडल उत्‍तर के रूप में दिया जा रहा है जिसे अपने शब्‍दों में लगभग 400 शब्‍द सीमा में लिखने का प्रयास करें ।  इस ग्रुप में हमारा प्रयास केवल आपको मार्गदर्शन करना है।

 

 

69वीं BPSC Mains को ध्‍यान में रखते हुए अपडेटेड नोट्स अगस्‍त में जा जाएगा । इसके आलवा जो भी अपडेट न्‍यूज/लेख/महत्‍वपूर्ण घटना आदि के बारे में होगी वह मुख्‍य परीक्षा ग्रुप में उपलब्‍ध कराया जाएगा ।

 

BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 


69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-

कार्यक्रम की रूपरेखा

  1. BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित  Telegram based online Test
  2. प्रथम चरण  - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
  3. द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्‍य परीक्षा के पूर्व  ।
  4. सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्‍न का अभ्‍यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्‍य मुख्‍य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्‍नों का अभ्‍यास करना है ।
  5. सामान्‍य अध्‍ययन के पारम्‍परिक प्रश्‍नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्‍टूबर 2023 तक के सभी महत्‍वपूर्ण घटनाओंआर्थिक समीक्षाबजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्‍तर लेखन का अभ्‍यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्‍न नहीं होगें ।
  6. उत्‍तर लेखन टेलीग्राम के माध्‍यम से हिन्‍दी माध्‍यम में होगा ।
  7. निबंध लेखन के तहत अभ्‍यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।


कार्यक्रम की विशेषता

  1. GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
  2. हमारी टीम के अनुसार प्रत्‍येक प्रश्‍न का मॉडल उत्‍तरमूल्‍यांकनआवश्‍यक सलाहआदि ।
  3. संसाधनकोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्‍याओं को दूर करने में सहायक ।
  4. बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्‍य आपको सर्वोत्‍तम प्रदान करना है ।
  5. उपरोक्‍त नियम में समय एवं आवश्‍यकता के अनुसार आवश्‍यक बदलाव किए जा सकते है।

कार्यक्रम के लाभ

  1. मुख्‍य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
  2. बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्‍नों का अभ्‍यास कराया जाएगा ।
  3. पीटी रिजल्‍ट के बाद अत्‍यंत कम समय में दोहराव से आत्‍मविश्‍वास आएगा।
  4. प्रश्‍नों की प्रकृति समझनेउसे हल करनेसमय प्रबंधन का अभ्‍यास होगा ।
  5. न्‍यूनतम शुल्‍क में बेहतर गुणवत्‍ता के साथ तैयारी का अवसर ।
  6. सितम्‍बर में GK BUCKET टीम द्वारा तैयार BPSC Mains Special Notes अपडेटेड नोट्स आ जाएगा तो इस कार्यक्रम में शामिल सदस्‍य उस समय विशेष छूट (लगभग 40% तक) के साथ नोटस को प्राप्‍त कर सकते हैं।
  7. ज्‍यादा जानकारी के लिए कॉल करें 74704-95829
  8. BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 

68th BPSC मुख्‍य परीक्षा के मॉडल उत्‍तर देखने के लिए नीचे क्लिक करें। 

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