"इंडियाज़ पाथ टू पावर: स्ट्रैटेजी इन ए वर्ल्ड एड्रिफ्ट"
भारत की विदेश नीति के संदर्भ में "इंडियाज़ पाथ टू पावर: स्ट्रैटेजी इन ए वर्ल्ड एड्रिफ्ट" शीर्षक वाली एक रिपोर्ट प्रमुख नीति निर्माताओं, विश्लेषकों और विचारकों के स्वतंत्र समूह द्वारा तैयार किया गया दस्तावेज है
जिसके माध्यम से यह रेखांकित किया है कि रणनीतिक स्वायत्तता, खुलापन और समावेशी आर्थिक विकास भारत के प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
विश्व अर्थव्यवस्था में बदलाव
यूरोपीय संघ
एवं अमेरिका के आधिपत्य में गिरावट एवं चीन और भारत के उदय के साथ विश्व संतुलन
एशिया की ओर बढ़ रहा है जिसका संकेत पश्चिमी देशों के बीच इंडो पैसिफिक क्षेत्र की
बढ़ती रूचि तथा लोकप्रियता में परिलक्षित होता है।
बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को सुदृढ़ करना
एशिया और
विश्व में बहुध्रुवीयता की ओर रुझान बढ़ रहा है और इस प्रवृत्ति को सुदृढ़ करना भारत के हित में
है। इस संदर्भ में भारत को अपनी विदेश नीति में उन विकासशील देशों और उभरती
अर्थव्यवस्थाओं को पुनः प्राथमिकता देनी चाहिए जिसके साथ भारत के हित संलग्न है।
सामरिक स्वायत्तता बनाए रखना
रिपोर्ट के अनुसार
भारत को अमेरिका, जापान और यूरोप के
साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करना चाहिए क्योंकि वे भारत की सुरक्षा चिंताओं को
साझा करने के साथ साथ पूंजी, व्यापार और प्रौद्योगिकी के प्रमुख स्रोत हैं जो भारत की विकास संभावनाओं
को बढ़ाएंगे। इसके अलावा इस क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने हेतु भारत को रूस के साथ
संबंध को भी प्रासंगिक बनाए रखना चाहिए।
वैश्वीकरण का समर्थन
कुछ मामलों
में भारत वैश्वीकरण से प्रभावित हुआ है लेकिन अतीत और आने वाले भविष्य में यह तेज़ी
से तकनीकी प्रगति से प्रेरित होगा। अतः भारत को आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने और
लोगों के कल्याण में सुधार हेतु अपनी अर्थव्यवस्था का एक बाहरी अभिविन्यास बनाए
रखना चाहिये।
जलवायु परिवर्तन
जलवायु
परिवर्तन के संभावित खतरे का सामना करने हेतु जलवायु परिवर्तन पर भारत को उन्नत
प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर स्थिरता को प्राथमिकता देने हेतु के लिए विकास
रणनीतियों को पुनर्निर्देशित करने की आवश्यकता है।
साइबरस्पेस की भावी चुनौती
साइबरस्पेस
में आने वाली चुनौतियों से पार पाने के लिए कहा गया है कि भारत को आक्रामक साइबर
क्षमताओं को तत्काल विकसित करने के लिए सरकार के भीतर और बाहर प्रतिभा को आकर्षित
करना चाहिए।
पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध
यदि भारत एक
विस्तारित क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता बनना चाहता है तो उसे पड़ोसी देशों से उत्पन्न
होने वाले खतरों और अवसरों का बेहतर प्रबंधन करना होगा। इस स्थिति में भारत के लिए
सबसे महत्वपूर्ण चीन की चुनौती से निपटना होगा तथा चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ से निपटने
हेतु भारत को रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
विदेश नीति को प्रभावित करने वाली घरेलू राजनीति को रोकना
भारत के संदर्भ
में तमिल मुद्दे, नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, नदी जल बंटवारा आदि अनेक घरेलू मुद्दे है जिसके कारण भारत की विदेश नीति प्रभावित
होती है। इस संदर्भ में भारत को घरेलू नीतियों में समावेशिता, असमानताओं को कम करना और अपने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सार्वजनिक
सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारियाँ प्रदान करने पर ध्यान देना होगा।
इस रिपोर्ट का मानना है कि तेजी से भू-राजनीतिक परिवर्तन और
आर्थिक परिवर्तन की वर्तमान अवधि में जोखिम है लेकिन यह भारत जैसे उभरते देशों के
लिए अपनी रणनीतिक स्वायत्तता का विस्तार करने के लिए अवसर भी बनाता है। हालांकि अवसरों
का लाभ उठाने और जोखिमों को कम करने के लिए, महत्वपूर्ण निर्णय अभी लिए जाने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आने
वाला दशक एशिया और उसके बाहर भारत के उभरने के लिए एक अग्रणी शक्ति के रूप में मंच
तैयार करे।
BPSC
मुख्य परीक्षा के हमारे Telegram Practice Group में जुड़े और निरंतर अभ्यास द्वारा लेखन शैली का विकास करें।
आवश्यक सूचना ¶ BPSC मुख्य परीक्षा के
लिए सामान्य अध्ययन के संभावित प्रश्नों को तैयार कर मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास
टेलीग्राम ग्रुप में PDF मॉडल उत्तर के रूप कराया जा रहा है। इसमें आप आवश्यकतानुसार सुधार
कर और बेहतर उत्तर लिखने का प्रयास कर सकते हैं।
¶ टेलीग्राम में जुड़ कर निरंतरता
बनाए रखे और नोट्स आने के बाद केवल रिवीजन करना रहेगा जिससे आपकी तैयारी में समय
की कमी, संसाधन का अभाव इत्यादि जैसे अनावश्यक
दबाव नहीं होगा और बेहतर तैयारी होगी।
¶ अत: जो भी संपूर्ण लाभ लेना चाहते
हैं, टेलीग्राम ग्रुप अवश्यक ज्वान करें तथा संपूर्ण नोट्स का
इंतजार न करें । BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 सभी मॉडल उत्तर के लिए वेवसाइट www.gkbucket.com पर जा सकते हैं ।
|
No comments:
Post a Comment